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    साधारण निर्वाचन – 2019 में वीवीपीएटी पर्चियों की गणना के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में 22 राजनैतिक दलों द्वारा प्रस्‍तुत ज्ञापन
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    No. ECI/PN/57/2019 Dated: 21st May, 2019 Press Note Control room at ECI A 24 hour EVM Control Room has been made functional at Nirvachan Sadan to monitor complaints relating to polled EVMs. The complaints related to storage issues at strongrooms, security of strongrooms, permissions to candidates to post their agents at strongrooms, cctv monitoring, movement of any EVMs, and any complaints during counting related to EVMs can be informed at control room number is 011-23052123 (with 5 hunting lines)
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    No. ECI/PN/58/2019 Dated: 22nd May, 2019 Press Note General Election to the House of the People – 2019 Real-Time Dissemination of Counting Day Trends and Results The Counting of Votes for General Election to the House of the People – 2019 shall be held on 23rd May, 2019. In this regard, the Commission has come up with a new IT based initiative, which will enable the system in providing real-time trends and results of the vote counting across the States/UTs. The counting trends and results will be available on the ECI Website at the URL https://results.eci.gov.in as well as on the Voter Helpline App, both iOS and Android Mobile Apps. The dissemination will start functioning from 8.00 a.m. on the Counting Day and would be continuously updated. The Voter Helpline App can be downloaded from the Google Play Store or Apple Play Store. For the first time, the citizens can use a smart phone to know the results. They can use the available filter to find out the winning/leading or trailing candidate details, along with the Constituency-wise or State-wise results from the Voter Helpline App. The citizens can bookmark their favourite candidate and watch the real-time results, as per their convenience on the Voter Helpline App or make a wish list to track the real-time status. The local display of the trends and results by the CEOs/ROs/DEOs will also be done through the Digital Display Panels provided by Election Commission of India.
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    सुगम निर्वाचन; लोक सभा निर्वाचन 2019 के दौरान भारत निर्वाचन आयोग का एक सफल प्रयास
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    सं.ईसीआई/प्रेस नोट/53/2019 दिनांक: 12 मई, 2019 प्रेस नोट 17वीं लोकसभा के निर्वाचनों को निर्वाचन आयोग के निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम के भाग के रूप में विश्‍व के 20 निर्वाचन प्रबंधन निकायों के 65 से अधिक प्रतिनिधियों ने देखा। विश्‍व के 20 निर्वाचन प्रबंधन निकायों, अर्थात्: आस्‍ट्रेलिया, बंग्‍लादेश, भूटान, बो‍सनिया एवं हरजेगोवीना, फिज़ी, जार्जिया, केन्‍या, कोरिया गणराज्‍य, किर्गिस्‍तान, मलेशिया, मेक्सिको, म्‍यंमार, रोमानिया, रूस, श्रीलंका, सूरीनाम, संयुक्‍त अरब अमीरात, उज़बेकिस्‍तान और जिम्‍बाब्‍वे और अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचकीय सहयोग संस्‍थान (आइडिया) के प्रमुख और प्रतिनिधि 17वीं लोक सभा के चल रहे साधारण निर्वाचनों को देखने के लिए नई दिल्‍ली पहुंच चुके हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 65 से अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। प्रतिभागियों को सम्‍बोधित करते हुए, मुख्‍य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने लोकतंत्र की घोषणा करने से एक दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग की स्‍थापना करने में भारतीय संविधान के निर्माताओं की दूरदर्शिता एवं दृष्टिकोण की सराहना की। भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 को उद्धृत करते हुए, श्री अरोड़ा ने दोहराया कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और मजबूत निर्वाचन सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। उन्‍होंने आगे कहा कि भारत निर्वाचन आयोग किसी भी तरह की संशयवादिता और आलोचना से कभी भी विचलित नहीं हुआ है और सदैव की भांति यह हमारे दूरदर्शी पूर्वजों द्वारा भारत के संविधान में प्रतिष्‍ठापित सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री अरोड़ा ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि ‘’आयोग का उद्देश्‍य और इच्‍छा यह है कि अतीत के अनुभवों से सदैव कुछ न कुछ सीखा जाता रहे जिससे भविष्‍य में आवश्‍यक सुधारात्‍मक कदम उठाए जा सकें।‘’ निर्वाचन कवरेज के दौरान हाल ही के चरणों में सामने आई बातों का उल्‍लेख करते हुए, श्री अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़, नैतिक, समावेशी, सुगम और सहभागी बनाने के लिए और प्रयास किए जाएंगे। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने घोषणा की कि राज्‍यों की उत्‍तम पद्धतियों, दस्‍तावेज संबंधी मुद्दों और सामने आई चुनौतियों, इन निर्वाचनों से मिली सीख के माध्‍यम से प्रक्रियात्‍मक उपायों में और सुधार लाने की प‍द्धतियों का अध्‍ययन करने के लिए तथा महत्‍वपूर्ण कमियों की पहचान करने के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। श्री अरोड़ा ने हाल ही में की गई सूचना प्रौद्योगिकी पहल का भी, विशेषकर, भारत निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप्लिकेशन की प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला जिसके द्वारा नागरिकों को आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघनों की घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षमता व सुगमता प्रदान की गई है और इसने संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र में निर्वाचनों के सुचारू संचालन में सामने आई विभिन्‍न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की संपूर्ण टीम की भूमिका को स्‍वीकार करते हुए, श्री अरोड़ा ने दलीय भावना के प्रदर्शन स्‍वरूप भारत निर्वाचन आयोग मुख्‍यालय के विभिन्‍न प्रभागों के टीम प्रमुखों का प्रतिनिधियों से परिचय कराया। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अशोक लवासा ने कहा कि भारत ने वर्ष 1950 से बहुत लम्‍बी यात्रा तय की है, जब पूरे विश्‍व को भारत के स्‍वतंत्र होने के पश्‍चात इसके द्वारा लोकतंत्र को संभालने पर संशय था। ‘’यह भारतीय संविधान के निर्माताओं के प्रति श्रद्धांजलि है कि उन्‍होंने पहले दिन से ही मत देने का सार्वभौमिक अधिकार प्रदान किया था।‘’ ‘’हम इस तथ्‍य से संतुष्‍ट है कि वर्ष 1952 के प्रथम निर्वाचन से जब मात्र 17 करोड़ निर्वाचक थे जो दो लाख मतदान केंद्रों में फैले हुए थे, अब भारतीय निर्वाचनों में इनकी सहभागिता बढ़कर 91 करोड़ से अधिक हो चुकी है जिनके लिए भारत निर्वाचन आयोग मशीनरी ने दस लाख से अधिक मतदान केंद्रों की स्‍थापना की है।‘’ श्री लवासा ने उल्‍लेख किया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तकनीक के अपनाने और इसके अनुकूल अपने आप को ढालने से इतने बड़े पैमाने पर निर्वाचन प्रक्रिया की व्‍यवस्‍था करने में सहायता मिली है जिससे यह विश्‍व के सबसे बड़े प्रबंधन कार्यों में से एक बनी है। श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को सम्‍बोधित करते हुए देश के 543 संसदीय निर्वाचन-क्षेत्रों पर 17वीं लोक सभा के निर्वाचनों और इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम राज्‍यों की राज्‍य विधान सभाओं के स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से साधारण निर्वाचनों के संचालन की व्‍यापक तैयारियों पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने यह भी इंगित किया कि ‘’निर्वाचनों में धनबल का दुरूपयोग संपूर्ण विश्‍व के स्‍थापित और उभरते हुए, दोनों प्रकार के लोकतंत्रों के लिए सबसे बड़ी चुनौ‍ती है।‘’ तदनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन व्‍यय अनुवीक्षण तंत्र के प्रभावी क्रियान्‍वयन की व्‍यापक व्‍यवस्‍था की है। उन्‍होंने प्रतिनिधियों को सूचित किया कि इस विशाल निर्वाचन प्रक्रिया पर सतर्क निगाह रखने के लिए सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों एवं साथ ही माइक्रो प्रेक्षकों की तैनाती निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता एवं शुद्धता सुनिश्चित करती है। निर्वाचन आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका और दायित्‍वों, और विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचनों के आयोजन और संचालन में आने वाली विभिन्‍न चुनौतियों से अवगत कराने के लिए व्‍यापक प्रस्‍तुतिकरण दिया। राजनीतिक दलों के रजिस्‍ट्रीकरण, भारत निर्वाचन आयोग के उन्‍नत प्रशिक्षण और अनुसंधान विंग-भारत अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम), निर्वाचक नामावलियां तैयार करने और सूचना प्रौद्योगिकी पहल, इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वीवीपीएटी, मीडिया को ब्रीफिंग करने और सोशल मीडिया से वार्तालाप, निर्वाचन विधियों और सबद्ध मामलों के संबंध में प्रस्‍तुतियां दी गई। इस अवसर पर आयोग द्वारा भारत निर्वाचन आयोग की तिमाही पत्रिका ‘’महत्‍वपूर्ण है मत मेरा’’ के द्वितीय अंक का विमोचन किया गया। इस पत्रिका में चल रहे निर्वाचनों के लिए विभिन्‍न राज्‍यों में की जा रही तैयारी संबंधी पहल की झलक प्रस्‍तुत की गई है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा द्वारा इस पत्रिका के प्रथम अंक को 25 जनवरी, 2019 को राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस पर भारत के माननीय राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को भेंट किया गया था। प्रतिनिधियों का स्‍वागत करते हुए, श्री उमेश सिन्‍हा, वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि ये भ्रमण निर्वाचन प्रबंधन निकायों के बीच अनुभवों को साझा करने और उत्‍तम पद्धतियों के आदान-प्रदान के लिए अच्‍छे अवसर उपलब्‍ध कराते हैं। उन्‍होंने निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और आयोग द्वारा मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिए इसके अग्रगामी कार्यक्रम स्‍वीप के अंतर्गत की गई पहल का विवरण भी प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व के सभी निर्वाचन प्रबंधन निकायों के लिए यह आवश्‍यक है कि नई-नई चुनौतियों का सामना करने के लिए वे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखें। भारत में निर्वाचनों का संचालन करना एक अति व्‍यापक और जटिलताओं से भरा चुनौतीपूर्ण कार्य है। 11 मई, 2019 को छठे चरण के निर्वाचनों की पूर्व संध्‍या पर प्रतिनिधियों ने स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और उत्‍साहपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए मतदान की तैयारियों संबंधी कार्यों, मतदान दलों की रवानगी और की गई व्‍यापक संभार व्‍यवस्‍थाओं की झलक पाने के लिए दक्षिण दिल्‍ली, पूर्वी दिल्‍ली, चांदनी चौक, पश्चिमी दिल्‍ली और गुडगांव (गुरूग्राम) संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया। उन्‍होंने जिला स्‍तर की निर्वाचन मशीनरी से वार्तालाप किया जिनके प्रमुख जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी थे। इसके पश्‍चात, प्रतिनिधियों ने आईआईआईडीईएम, द्वारका में स्थित भारत निर्वाचन आयोग के नए प्रशिक्षित और अनुसंधान कैम्‍पस का भ्रमण किया जिसमें लगभग 900 कार्मिकों को एक साथ प्रशिक्षित करने की क्षमता हैं। इस अत्‍याधुनिक कैम्‍पस में भारत निर्वाचन आयोग के कई अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि भारत में निर्वाचन संबंधी आयोजनों के संपूर्ण परिदृश्‍य से अवगत होने के लिए अत्‍यंत उत्‍सुक थे। 12 मई, 2019 को उन्‍होंने द्वारका के विभिन्‍न मतदान केंद्रों में सुबह सवेरे छद्म मतदान के संचालन को देखा। उन्‍होंने मतदान अधिकारियों से बातचीत की और मतदान की उन पद्धतियों और प्रक्रियाओं को समझा जो हमारे निर्वाचनों को इतना विश्‍वसनीय और पारदर्शी बनाती हैं। प्रतिनिधियों ने चल रहे मतदान और मतदान केंद्रों के आसपास उत्‍सवमय माहौल देखने के लिए उत्‍तर-पश्चिम दिल्‍ली, पूर्वी दिल्‍ली, चांदनी चौक, दक्षिण दिल्‍ली और गुड़गांव के भिन्‍न-भिन्‍न मतदान केंद्रों का पूरे दिन दौरा किया। उन्‍होंने कुछ मतदान केंद्रों का, जिनकी पूरी व्‍यवस्‍था महिला मतदान स्‍टाफ द्वारा की जा रही थी और साथ ही कुछ मॉडल मतदान केंद्रों का भी दौरा किया जो मतदाताओं के लिए उत्‍तम सुविधाओं से सुसज्जित थे। प्रतिनिधियों ने निर्वाचनों का राज्‍य स्‍तरीय परिप्रेक्ष्‍य जानने के लिए दिल्‍ली के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी से भी वार्ता की। उन्‍होंने दिल्‍ली के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में स्थित निर्वाचन संग्राहलय का भी भ्रमण किया। मतदान की समाप्ति और मशीनों को सील करने का प्रोटोकॉल एक अन्‍य पहलू है जिसे दिन में प्रतिनिधियों को दिखाया जाएगा। प्रतिनिधियों में विदेश मंत्रालय की प्रायोजकता के अंतर्गत, आईआईआईडीएम द्वारा संचालित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के भाग के रूप में भारत के भ्रमण पर आए म्‍यंमार निर्वाचन आयोग के 6 सदस्‍यों और 9 वरिष्‍ठ निर्वाचन अधिकारियों का दल भी शामिल था।
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    सं.51/8/7/2019-ईएमपीएस दिनांक : 21 मई, 2019 सेवा में सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी। विषय-वीवीपीएटी पर्चियों की गणना संबंधी मुद्दे-कंट्रोल यूनिट से छद्म मतदान डाटा को नहीं हटाना या वीवीपीएटी से छद्म मतदान पर्चियों को नहीं हटाना- उनके मतों की गणना करना और अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया में बेमेलता-तत्‍संबंधी। महोदय, उपर्युक्त विषय पर विद्यमान अनुदेशों के अनुक्रम में, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि विगत एवं प्रगतिरत लोकसभा और एक साथ आयोजित किए जा रहे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान, कुछ मतदान केंद्रों पर कंट्रोल यूनिटों से छद्म मतदान के डाटा को समुचित रूप से हटाने और वीवीपीएटी से छद्म मतदान पर्चियों को हटाने में मानवीय त्रुटि की कुछ घटनाएं हुई हैं। कुछ मामलों में, पीठासीन अधिकारी या तो कंट्रोल यूनिट से छद्म मतदान के डाटा को हटाने में विफल रहे हैं या वीवीपीएटी के ड्रॉप बॉक्स से छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों को हटाने में विफल रहे हैं। 2. आयोग ने इस मामले पर विचार किया है और यह निदेश दिया है कि ऐसे सभी मामलों में मतगणना के दौरान निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:- (क) सभी पूर्व-अभिज्ञात मामलों में (मतदान दिवस को, पी + 1 दिवस आदि को दस्तावेजों की जांच के दौरान), जहां छद्म मतदान को कंट्रोल यूनिट से हटाया नहीं जाता है या छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों को हटाया नहीं जाता है (पूरी तरह या आंशिक रूप से), संबंधित कंट्रोल यूनिट(टों) को मतों की गणना के दौरान अलग रखा जाएगा अर्थात् इन मतदान केंद्रों को, कंट्रोल यूनिटों की नियमित चरण-वार गणना के दौरान मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा। ऐसे मतदान केंद्रों को आवंटित मेज को मतगणना के प्रासंगिक चरण के दौरान खाली रखा जाएगा। सभी पूर्व-अभिज्ञात मतदान केंद्रों की सूची मतगणना की प्रक्रिया शुरू होने से पहले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के साथ साझा की जाएगी। (ख) ईवीएम की चरण-वार गणना के दौरान, यदि कोई ऐसा मामला है जिसमें सीयू में मतदान किए गए कुल मत फॉर्म 17-ग में मतों के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते हैं, तो यह एक संकेत है कि वास्तविक मतदान के दौरान इस मतदान केंद्र के संबंध में छद्म मतदान के पश्चात क्लोज-रिजल्ट-क्लियर (सीआरसी) प्रोटोकॉल का सही तरीके से अनुसरण नहीं किया गया था। ऐसे सभी मामलों में, सीयू को अलग रखा जाएगा अर्थात् इन मतदान केंद्रों को, कंट्रोल यूनिटों को नियमित चरण-वार गणना के दौरान मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा। ऐसे मतदान केंद्रों को आवंटित मेजों को उस विशेष दौर के दौरान खाली रखा जाएगा। ऐसे परिदृश्य के सटीक विवरण और कारणों को आरओ/एआरओ द्वारा मतगणना हॉल में मौजूद निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों/निर्वाचन एजेंटों/मतगणना एजेंटों के समक्ष स्‍पष्‍ट किया जाएगा। (ग) ऊपर (क) और (ख) के अंतर्गत आने वाले सभी मामलों में, इन मतदान केंद्रों से संबंधित वीवीपीएटी की गणना सीयू के साथ सभी मतगणना चरणों को पूरा करने के बाद की जाएगी। 3. कंट्रोल यूनिट की गणना के सभी नियमित चरणों के पूरा होने के बाद, निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा: क. राज्य विधान सभा निर्वाचनों के लिए - (i) यदि जीत का अंतर ऐसे सभी मतदान केंद्रों में डाले गए कुल मतों से अधिक है, तो पैरा 2(क) और (ख) के अनुसार यथाचिह्नित इन मतदान केंद्रों को मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा और इन मतदान केंद्रों के बिना परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। (ii) यदि जीत का अंतर इन मतदान केंद्रों में डाले गए कुल मतों के बराबर या उससे कम है, ऐसे मामले में केवल संबंधित वीवीपीएटी की पेपर पर्चियों की गणना की जाएगी और कंट्रोल यूनिटों को मतगणना के उद्देश्य से छोड़ दिया जाएगा अर्थात् कंट्रोल यूनिटों को मतों का गणना के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा। (iii) उन मामलों में भी जहां, छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियां वीवीपीएटी के ड्रॉप बॉक्स से निकाले नहीं गए हैं, वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाएगी और अभ्यर्थी-वार डाले गए मतों की सही गणना पर आने के लिए छद्म मतदान प्रमाण-पत्र से अभ्यर्थी-वार मत काट लिए जाएंगे। (iv) इन सभी मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पर्ची गणना परिणाम को अभ्यर्थी-वार प्राप्‍त मत संख्‍या में जोड़ा जाएगा और अंतिम परिणाम संकलित किया जाएगा। ख. लोक सभा निर्वाचनों के लिए – (i) उन सभी मतदान केंद्रों के लिए जहां ईवीएम और वीवीपीएटी को उपर्युक्त 2(क) और (ख) के अनुसार अलग रखा गया है, केवल संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों की गणना की जाएगी और कंट्रोल यूनिटों को गणना के उद्देश्य से खारिज कर दिया जाएगा अर्थात् मतगणना के लिए कंट्रोल यूनिटों का उपयोग नहीं किया जाएगा। (ii) उन मामलों में भी जहां वीवीपीएटी ड्रॉप बाक्स से छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियां बाहर नहीं निकाली गई हैं, फिर भी वीवीपीएटी पर्चियों की गणना की जाएगी और अभ्यर्थी-वार डाले गए मतों की सही गणना पर आने के लिए छद्म मतदान प्रमाण-पत्र से अभ्यर्थी-वार मत काट लिए जाएंगे। (iii) इन सभी मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पर्ची गणना परिणाम को अभ्यर्थी-वार प्राप्‍त मत संख्‍या में जोड़ा जाएगा और अंतिम परिणाम संकलित किया जाएगा। 3. चूंकि, पूर्वोक्त मामलों में कंट्रोल यूनिटों को मतों की गणना के लिए छोड़ दिया जाएगा/उपयोग नहीं किया जाएगा, इसलिए इन मतदान केंद्रों को वीवीपीएटी पेपर पर्चियों की गणना के अनिवार्य सत्यापन के लिए 5 (पांच) मतदान केंद्रों के यादृच्छिक चयन से बाहर रखा जाएगा। 4. वीवीपीएटी पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन: (क) यादृच्छिकीकरण रूप से चुने गए 5 मतदान केंद्रों से वीवीपीएटी और सीयू के अनिवार्य गणना और परिणाम के मिलान का उद्देश्य यह ऑडिट और परीक्षण करना है कि कोई ईवीएम उसके साथ संलग्न वीवीपीएटी द्वारा मुद्रित पर्चियों से अलग मत तो नहीं रिकॉर्ड कर रहा है। हालांकि, वास्तविक मतदान के दौरान मानवीय त्रुटि या मतदान कर्मचारियों द्वारा निदेशों का पालन नहीं करने के कारण कई स्थितियां उत्‍पन्‍न हुई हैं, जिनमें कुल वीवीपीएटी पर्चियों की संख्या सीयू की गणना से भिन्न हो सकती है। कुछ उदाहरण ऐसे भी सामने आए हैं जहां छद्म मतदान के पश्चात वीवीपीएटी से वीवीपीएटी पर्चियां पूरी तरह से नहीं हटाई गई हैं, या छद्म मतदान के पश्चात सीयू में सीआरसी नहीं किया गया है या मानवीय त्रुटि के अन्य ऐसे मामले सामने आए हैं। (ख) यदि कंट्रोल यूनिट के इलेक्ट्रॉनिक अभ्यर्थी-वार परिणाम और वीवीपीएटी पर्चियों की अभ्यर्थी-वार मैनुअल गणना के बीच कोई बेमेल है, तो उस विशेष वीवीपीएटी की वीवीपीएटी पर्चियों की पुनर्गणना तब तक की जाएगी, जब तक कि पुनर्गणना ईवीएम गणना या पिछले वीवीपीएटी पर्ची की गणना में से किसी एक के साथ मेल न हो जाए। हालांकि, ऐसे सभी मामलों में, पुनर्गणना करने से पहले, उन अभ्यर्थियों से संबंधित वीवीपीएटी पर्चियां, जिनकी सीयू गणना और वीवीपीएटी गणना का परिणाम मेल नहीं हो रहा है, मतगणना पर्यवेक्षक प्रत्येक बंडल के प्रत्येक वीवीपीएटी के निर्वाचन प्रतीकों को एक-एक करके ध्यानपूर्वक जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी बंडलों में केवल संबंधित अभ्यर्थी की वीवीपीएटी पर्चियां ही शामिल हों। उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात ही पुनर्गणना की जाएगी। (ग) उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात भी, यदि कंट्रोल यूनिट और वीवीपीएटी की इलेक्ट्रॉनिक मैनुअल गणना अभी भी मेल नहीं खाती है, तो वीवीपीएटी पर्चियों की गणना निर्वाचन का संचालन नियम, 1961 के नियम 56घ(4)(ख) के अनुसार होगी और परिणाम शीट में संशोधन किया जाएगा और अंतिम परिणाम तद्नुसार घोषित किया जाएगा। (घ) अनिवार्य वीवीपीएटी पर्ची सत्यापन के सभी मामलों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट और साथ ही साथ नियम 56ग के तहत की गई वीवीपीएटी पर्ची की गणना निर्धारित प्रारूप में गिनती प्रक्रिया के पूरा होने के तुरंत बाद सीईओ के माध्यम से आयोग को प्रस्तुत की जाएगी। (ङ) ऐसे सभी मामलों में उचित तरीके से गहन विश्लेषण/जांच की जाएगी जहां वीवीपीएटी पर्ची गणना सीयू के इलेक्ट्रॉनिक परिणाम से मिलान करने में विफल रहती है और सटीक कारणों, तकनीकी, प्रक्रियात्मक, प्रणालीगत, मानवीय त्रुटि या अनुपालन में चूक का पता लगाया जाएगा और आयोग द्वारा उचित कार्रवाई(यां) की जाएगी। 5. इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मतगणना के लिए उपयोग किए जाने वाली सभी ईवीएम की क्रम संख्या की प्रति-जांच एजेंटों द्वारा की जाएगी और मतगणना के समय उनसे इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाएगा। 6. उपर्युक्त अनुदेशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा और गणना प्रेक्षकों सहित सभी संबंधितों के ध्यान में इनको लाया जाएगा। भवदीय, ह./- (मधुसुदन गुप्ता) अवर सचिव
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    सं.470/2019/एसडीआर/ दिनांक : 18 मई, 2019 सेवा में, सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी विषय :- मतगणना – तत्‍संबंधी। महोदय/महोदया, मुझे मतगणना से संबंधित आयोग के दिनांक 25 नवंबर, 2003 के पत्र सं. 470/2003/जेएस-II तथा दिनांक 21 जनवरी, 2009 के पत्र सं. 470/2009/ईपीएस का संदर्भ देने का निदेश हुआ है। इसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह निर्देश दिया गया था कि ईवीएम की मतगणना का अंतिम दौर से पहले का दौर तब तक शुरू न किया जाए जब तक कि सभी डाक मतपत्रों की गणना पूरी न हो जाए। यह भी अनुदेश दिया गया है कि यदि जीत का अंतर डाक मत पत्रों की संख्‍या से कम हो, तो रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सभी डाक मतपत्रों का पुन: सत्‍यापन किया जाना चाहिए। 2. ईटीपीबीएस की शुरूआत होने तथा निर्वाचन ड्यूटी स्‍टाफ द्वारा सुविधा केंद्र में डाक मत डाले जाने से, मतगणना के लिए डाक मतपत्रों की संख्‍या में अत्‍यधिक बढ़ोतरी हुई है। इसके अतिरिक्‍त, ईटीपीबीएस के लिए अनिवार्य क्‍यूआर कोड पठन की अपेक्षा होने से, डाक मतपत्र गणना के लिए अब अधिक समय की आवश्‍यकता होगी। इसके अलावा, वीवीपीएटी गणना के मामलों, जो अन्‍य कारणों जैसे कि छद्म मतदान (मॉक पोल) के बाद सीयू के क्लियर न होने, सीयू द्वारा मतगणना के समय परिणाम प्रदर्शित न किए जाने इत्‍य‍ादि की वजह से अपेक्षित हो सकते हैं, के अतिरिक्‍त प्रति विधानसभा सेग्‍मेंट पांच मतदान केन्‍द्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की अनिवार्य गणना की जाती है। 3. उपर्युक्‍त के दृष्टिगत आयोग ने उपर्युक्‍त संदर्भित अनुदेशों की समीक्षा की है और आशोधित अनुदेश निम्‍नलिखित हैं:- (i) इस अनुदेश कि ईवीएम की मतगणना के अंतिम दौर से पहले का दौर डाक मत गणना के पूरा होने के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए, को वापस ले लिया गया है। तद्नुसार, ईवीएम की मतगणना डाक मत गणना के चरण पर ध्‍यान दिए बगैर जारी रह सकती है। जैसे ही ईवीएम की मतगणना पूरी हो जाती है, वीवीपीएटी पर्चियों की गणना के लिए विहित प्रक्रिया के अनुसार वीवीपीएटी पर्चियों की गणना शुरू की जा सकती है। (ii) सभी डाक मत पत्रों की इस आधार पर पुनर्गणना कि जीत का अंतर डाक मतों की संख्‍या से कम है, के संबंध में आयोग के अनुदेश में इस आशय का संशोधन कर दिया गया है कि यदि जीत का अंतर मतगणना के समय अमान्‍य के रूप में रद्द किए गए डाक मत पत्रों की संख्‍या से कम हो, तो परिणाम की घोषणा से पूर्व सभी रद्द किए गए डाक मत पत्रों का रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अनिवार्य रूप से पुन: सत्‍यापन किया जाएगा। जब कभी, ऐसा पुन: सत्‍यापन किया जाता है तो ऊपर संदर्भित आयोग के दिनांक 21.01.2009 के पत्र सं.470/2009/ईपीएस के पैराग्राफ-7 के अनुदेशों के अनुसार समस्‍त कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। 4. ये अनुदेश आपके राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र में नियुक्‍त सभी निर्वाचन प्रेक्षकों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को तत्‍काल संप्रेषित किए जाने चाहिए। ये राजनैतिक दलों को भी संप्रेषित किए जाएं। 5 . कृपया पावती दें और की जा रही कार्रवाई की संपुष्टि करें। भवदीय, (के.एफ.विल्‍फ्रेड) वरिष्‍ठ प्रधान सचिव जोनल अनुभागों में मानक वितरण
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    सं. 51/8/वीवीपैट-अनुदेश/2019/ईएमपीएस दिनांक: 19 मई, 2019 सेवा में सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी विषय: वीवीपैट पेपर का अनिवार्य सत्‍यापन – तत्‍संबंधी। महोदय, मुझे उपर्युक्‍त विषय पर आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2019 के पत्र सं. 51/8/वीवीपैट-अनुदेश/2019-ईएमपीएस, के संदर्भ में यह कहने का निदेश हुआ है कि मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने, वीवीपैट पेपर पर्चियों के अनिवार्य सत्‍यापन के प्रयोजनार्थ यादृच्छिक रूप से चयन किए जाने हेतु मतदान केंद्रों की संख्‍या के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण मांगा है क्‍योंकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कोई विधान सभा सेग्‍मेंट नहीं है। इस संबंध में, मुझे यह स्‍पष्‍ट करने का निदेश हुआ है कि लोकसभा निर्वाचनों के लिए, यदि किसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में विधान सभा सेग्‍मेंट नहीं है तो, वीवीपैट पेपर पर्चियों के अनिवार्य सत्‍यापन के लिए उस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्रों से 05 (पांच) मतदान केंद्रों का यादृच्छिक रूप से चयन किया जाएगा। उक्‍त पत्र के अन्‍य सभी निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा। भवदीय, (मधुसूदन गुप्‍ता) अवर सचिव
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    सं.437/मध्यप्रदेश-लो.स./2019(शिकायत) दिनांक: 10 मई, 2019 नोटिस यत:, आयोग ने दिनांक 10-3-2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/2019 के त‍हत लोकसभा हेतु साधारण निर्वाचन, 2019 आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है और उक्‍त तारीख से राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और 2. यत:, आयोग में श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से दिनांक 30-4-2019 को एक शिकायत प्राप्‍त की गई है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू, इंडियन नेशनल काँग्रेस के स्‍टार प्रचारक ने दिनांक 29.04.2019 को भोपाल, मध्य प्रदेश में जन सभाओं को संबांधित करते हुए प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निम्‍नलिखित आपत्तिजनक कथन कहे हैं: "….हिन्दुस्तान के सब सरकारी बैंकों के पैसे चुरा कर मोदी साहब गरीबों को बोलते हैं, अमीरों को बोलते हैं, भागते रहो, भागते रहो....." "….तुमने जम कर खाया और तुमने अंबानी को ठोक के खिलाया, खिलाया की नहीं खिलाया, ये तुमने रू. 30,000/- करोड़ रूपये की घूस ली की नहीं राफेल में, और उड़ना था राफेल और उड़ा दी फाइल......." "….आए थे तुम 2014 में गंगा के लाल बन के जब जाओगे तुम 2019 में राफेल के दलाल बन के......." "….क्या बात करते हो नरेन्द्र मोदी तुम। तुमसे बड़ा राष्ट्र द्रोही कोई देखा नहीं......." "…. जवानों की लाशों पर राजनीति होती है। देश को बांटने का राजनीति होती है......."; और 3. यत:, शिकायत को आयोग के दिनांक 02.05.2019 के पत्र के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकरी, मध्य प्रदेश को उनकी रिपोर्ट के लिए भेजा गया था; और 4. यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश ने दिनांक 02-05-2019 एवं दिनांक 09-05-2019 के अपने पत्र के तहत श्री नवजोत सिंह सिद्धू, द्वारा दिनांक 29-05-2019 को भोपाल में आयोजित जनसभाओं में दिए गए उनके भाषण की ट्रांस्क्रिप्‍ट सहित अपनी टिप्पणी भेजी है; और 5. यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्ग-दर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'साधारण आचरण' के भाग 1 का पैरा (2), में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नानुसार उपबंध है:- "अन्‍य राजनैतिक दलों की जब आलोचना की जाए तो इसे उनकी नीतियों एवं कार्यक्रम, विगत रिकार्ड एवं कार्य तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। दल एवं अभ्‍यर्थी, अन्‍य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक कार्यकलापों से संबंध नहीं रखने वाले निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से परहेज करेगें। असत्‍यापित आरोपों या मिथ्‍या आरोपों के आधार पर अन्‍य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना नहीं की जाएगी।" 6. यत:, आयोग का दृष्टिकोण है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ऊपर यथा उल्लिखित आदर्श आचार के सामान्‍य आचरण के भाग (।) के भाग (2) के उपर्युक्त उपबंधों का प्रथम दष्‍टया उल्‍लंघन किया है; और 7. अब, इसीलिए, आयोग ने उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा उपबंधों एवं इस मामले से संबंधित अनुदेशों पर विचार करने के पश्‍चात श्री नवजोत सिंह सिद्धू, स्‍टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस को यह नोटिस मिलने के बाद 48 घण्टे के अन्दर इस बारे में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, उपलब्‍ध कराने के लिए एक अवसर देने का निर्णय लिया है जिसमें विफल रहने पर आयोग उन्‍हें आगे का संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा। आदेश से, (मलय मलिक) सचिव सेवा में, श्रीनवजोत सिंह सिद्धू, स्टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस (मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पंजाब के माध्यम से) 1. कोठी सं. 42, सैक्टर-02, चण्डीगढ़। 2. इंडियन नेशनल काँग्रेस 24–अकबर रोड नई दिल्‍ली-110001
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    सं. 464/पश्चिम बंगाल- लो.स./2019 दिनांक: 15.05.2019 सेवा में, मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता । विषय: लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019- अधिकारियों का स्थानांतरण एवं तैनाती-तत्संबंधी। महोदय, मुझे उद्धृत विषय को संदर्भित करने और यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्राप्त जानकारी पर विचार करने के पश्चात, निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं: श्री राजीव कुमार, आईपीएस, अपर महानिदेशक, सीआईडी को कार्यभार मुक्त कर दिया गया है और गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के साथ अटैच किया जाता है। वह 16 मई, 2019 को पूर्वाह्न 10 बजे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगे। श्री अत्री भट्टाचार्य, भा.प्र.से., प्रधान सचिव, गृह एवं पर्वतीय मामले, पश्चिम बंगाल सरकार को, उनके दिनांक 13.05.2019 के अर्ध शासकीय पत्र सं. 629/एच एस/पीए/19 के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश देकर निर्वाचन संचालन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के कारण उनके वर्तमान प्रभार से उन्हें तुरंत कार्यमुक्त किया जाता है। मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल गृह सचिव, पश्चिम बंगाल का प्रभार भी संभालेंगे। कृपया आयोग को अनुपालन रिपोर्ट आज अधिकतम अपराहन 10.00 बजे तक भेज दें। भवदीय, (राकेश कुमार) सचिव प्रतिलिपि: मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल, कोलकाता ।
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    नोटिस सं.437/मध्‍य प्रदेश-लोकसभा/2019(शिकायतें) दिनांक : 18 मई, 2019 यत:, आयोग ने दिनांक 10.03.2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/2019 के तहत लोकसभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और राजनैतिक दलों तथा अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उसी तारीख से प्रवृत्‍त हो गए हैं; तथा 2. यत:, श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से आयोग को दिनांक 03.05.2019 की एक शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इंडियन नेशनल काँग्रेस मध्‍य प्रदेश नामत: खंडवा, बुरहानपुर तथा खारगौन जिलों में ‘’न्‍याय’’ योजना संबंधी नामाकंन पैम्फलैट/प्ररूप के वितरण में अवैध रूप से संलिप्‍त थी। (पैम्‍फलेट प्रति संलग्‍न हैं); तथा 3. यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश से दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट मंगाई गई थी और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी; तथा 4. यत:, जांच में यह पाया गया है कि उक्‍त पैम्‍फलेट/प्ररूपों, जिन पर ‘हाथ’ के प्रतीक के साथ श्री राहुल गांधी और अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव की फोटो हैं, को खंडवा जिले में किसी श्री सुधान सिंह ठाकुर द्वारा भरा और वितरित किया जा रहा था और श्री सुधान सिंह ठाकुर के विरूद्ध दिनांक 05.05.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट पहले ही दर्ज की जा चुकी थी जिसमें यह उल्‍लेख किया गया था कि यह कृत्‍य दिनांक 02.05.2019 को किया गया था; तथा 5. यत:, राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘’सामान्‍य आचरण’’ के भाग I के पैरा (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नलिखित प्रावधान हैं:- ‘’सभी दल और अभ्‍यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से निष्‍ठापूर्वक परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्‍ट आचरण और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना..............’’; और 6. यत:, प्रथम दृष्‍टया, इसमें प्रदर्शित होता है कि उपर्युक्‍त कृत्‍य 28-खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड रहे इंडियन नेशनल कांग्रेस के, अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव द्वारा अथवा उनकी ओर से और उनकी जानकारी में किया गया है; तथा 7. यत:, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, द्वारा अथवा उनकी ओर से तथा उनकी जानकारी में किया गया उपर्युक्‍त कृत्‍य आदर्श आचार संहिता के समान आचरण के भाग (1) के पैरा(4) के उपबंधों का उल्‍लंघन है, जैसा कि ऊपर उद्धृत है। 8. अत:, अब आयोग ने इस मामले में उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधानों तथा इस विषय से संबधित अनुदेशों पर विचार करने के बाद खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से निर्वाचन लड़ रहे अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव को इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, प्रस्‍तुत करने का मौका देने का निर्णय लिया है, स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत न करने पर आयोग उन्‍हें और संदर्भ दिए बगैर निर्णय लेगा। आदेश से, (एस.बी.जोशी) सचिव प्रति:- श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस के निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश के माध्‍यम से)
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    सं. ई.सी.आई./प्रे.नो./60/2019 दिनांक : 25 मई, 2019 प्रेस नोट विषय : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 17वीं लोक सभा के नव-निर्वाचित सदस्यों की सूची भारत के माननीय राष्ट्रपति जी को प्रस्तुत करना। मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा और निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चन्द्रा के साथ आज (25 मई, 2019) को अपराह्न 12:30 बजे भारत के माननीय राष्ट्रपति जी से मुलाकात की। उनके द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 73 के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति माननीय राष्ट्रपति जी को प्रस्तुत की गई, जिसमें – 17वीं लोक सभा के साधारण निर्वाचनों के पश्चात लोक सभा के निर्वाचित सदस्यों के नाम थे। इसके पश्चात, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, दोनों निर्वाचन आयुक्त और भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी लोक सभा निर्वाचनों के समापन के उपरांत भारत के राष्ट्रपिता का आशीर्वाद लेने राजघाट गए।
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    17 वीं लोक सभा, 2019 के लिए साधारण निर्वाचन - निर्वाचित सदस्यों की सूची
  14. From the album: Chief Election Commissioner, Shri Sunil Arora along with Election Commissioners Shri Ashok Lavasa and Shri Sushil Chandra, called on the Hon’ble President of India

    A copy of the Notification issued by the Election Commission of India in terms of Section 73 of the Representation of People’s Act, 1951, containing the names of Members elected to the House of the People – following General Elections to the 17th Lok Sabha – was submitted by them to the Hon’ble President.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

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