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सं.3/4/2020/एसडीआर/खंड.।।।
दिनांक: 11 जनवरी, 2021
सेवा में,
मान्यताप्राप्त सभी राष्ट्रीय और राज्यीय
राजनैतिक दलों के अध्यक्ष, महासचिव
चेयरपर्सन/संयोजक
विषय: वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्या 2192 में माननीय उच्चतम न्यायालय का दिनांक 13 फरवरी, 2020 का आदेश-राज्य सभा और राज्य विधान परिषद के निर्वाचनों में लंबित आपराधिक मामलों वाले अभ्यर्थियों के संबंध में ब्यौरा प्रकाशित करने की अपेक्षा-तत्संबंधी
महोदय/महोदया,
मुझे वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्या 2192 में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 13 फरवरी, 2020 के आदेश के अनुसरण में जारी किए गए आयोग के पत्र सं. सं.3/4/2020/एसडीआर/खंड.।।।, दिनांक 16 सितंबर, 2020 की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने का निदेश हुआ है। आयोग के उपर्युक्त निदेशों के अनुसार, प्रचार अवधि के दौरान आपराधिक मामलों का ब्यौरा निम्नलिखित तीन अवसरों पर प्रकाशित करना होगा, ताकि निर्वाचकों के पास ऐसे अभ्यर्थियों की पृष्ठभूमि के बारे में जानने के लिए पर्याप्त समय हो:-
(i) नाम-निर्देशन वापस लेने के 4 दिन के भीतर।
(ii) अगले 5 वें और 8 वें दिन के बीच।
(iii) 9 वें दिन से प्रचार के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से पहले दूसरा दिन)।
2. इस संबंध में राज्य सभा और राज्य विधान परिषदों हेतु निर्वाचनों से संबंधित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 39 के खंड (घ) में निम्नलिखित व्याख्या है:-
(1) जैसे ही किसी राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों या किसी संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचकमंडल के सदस्यों से किसी सदस्य या सदस्यों का निर्वाचन करने की अपेक्षा करने वाली अधिसूचना निकाली जाए वैसे ही निर्वाचन आयोग शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा-
(घ) वह तारीख या वे तारीखें जिसकों या जिनको, यदि आवश्यक हो तो मतदान होगा और जो तारीख या जिन तारीखों में से पहली तारीख अभ्यर्थिताएं वापिस लेने के लिए नियत अंतिम तारीख के पश्चात सातवें दिन के पूर्वतर न होने वाली तारीख होगी; नियत करेगा
3. उपर्युक्त उपबंधों को ध्यान में रखते हुए, विधायकों द्वारा राज्य सभा और राज्य विधान परिषदों के निर्वाचनों के मामले में, मतदान, यदि आवश्यक हुआ, की तारीख अभ्यर्थिता वापिस लेने की तारीख के बाद के सातवें दिन से पहले की नहीं होगी। तदनुसार, उपर्युक्त दो निर्वाचनों अर्थात विधायकों द्वारा राज्य सभा और राज्य विधान परिषद के निर्वाचन के मामले में निम्नलिखित तीन अवसरों पर आपराधिक मामलों का ब्यौरा प्रकाशित करने की समय-सीमा निम्नलिखित होगी:-
(i) नाम-निर्देशन वापिस लेने के पहले 2 दिन के भीतर
(ii) अगले तीसरे-चौथे दिन के बीच; और
(iii) पांचवे दिन से छठे दिन तक अर्थात मतदान की तारीख से पहले
4. कृपया पावती दें।