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    सं. ईसीआई/पीएन 82/2021 दिनांकः 21 सितम्बर, 2021 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया; नीतिगत ढांचे को और सुप्रवाही बनाने की दिशा में चर्चा की गई भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान सुगमता नीतियों का आकलन करने और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचक प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने के लिए कार्यनीतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आज राष्ट्रीय वर्चुअल सुगम निर्वाचनों पर सम्मेलन, 2021 का आयोजन किया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्यों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता का प्रतिनिधित्व करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों और सरकारी मंत्रालयों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दिव्यांगजनों के लिए निर्वाचनों को और अधिक समावेशी, सुगम और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता की पुनःपुष्टि करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि आयोग प्राथमिक स्टेकहोल्डरों अर्थात दिव्यांगजनों सहित ऐसे मतदाता के निर्णय लेने की भूमिका का सम्मान करता है, जो निर्वाचक प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें निभानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने यह भी कहा कि निर्वाचक प्रक्रिया के प्रत्येक कदम पर समावेशिता और सुगमता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश बनाते समय दिव्यांगजनों और उनके प्रतिनिधि संगठनों द्वारा सभी सार्थक जानकारियों और सुझाई गई सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाता है। श्री चंद्रा ने निर्वाचकीय प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के समावेशन पर जोर देने के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संकल्पों एवं अधिदेशों में भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने दिव्यांगजनों के सुखद और गरिमापूर्ण मतदान अनुभव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सभी मतदान केंद्र भूतल पर स्थित हैं और इन सभी में रैंप हैं तथा व्हीलचेयर और मतदान केंद्रों पर निर्बाध तथा बाधामुक्त निर्वाचन अनुभव के लिए पर्याप्त स्वयंसेवकों को तैनात किया जाता है। निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक कानूनी अधिदेश प्रदान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाया जाए और निर्वाचक प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री उनके द्वारा आसानी से समझी जा सके और उपयोग की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन अधिकारियों एवं सीएसओ स्टेकहोल्डरों के सामूहिक प्रयास ने विभिन्न जनसंख्या समूहों के लिए निर्वाचक प्रक्रिया को सुगम, सुरक्षित और सम्मानपूर्ण बनाने के अतिरिक्त, देश भर में बड़ी संख्या में दिव्यांग निर्वाचकों तक पहुचंने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने उन्नत डाटा प्रसंस्करण, सामुदायिक अभिनिर्देश बिंदुओं को पहचानने और दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट नागरिक समूहों के लिए सौहार्दपूर्ण इको प्रणालियों के सृजन के माध्यम से सामुदायिक सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पांडेय ने यह भी कहा कि सुगम निर्वाचन हमेशा से आयोग का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, जिसके द्वारा ईसीआई यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में सभी की समान पहुंच हो, विशेष रूप से सभी लक्षित समूहों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करता है। महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस सम्मेलन का आयोजन समयपूर्वक किया है, जब आयोग आगामी राज्य विधान सभा के निर्वाचनों की तैयारी में लगा हुआ है। विभिन्न सीईओ, सीएसओ और आयोग के आइकनों से प्राप्त इनपुटों को दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक सुगम, समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचनों की योजना एवं तैयारी में समाविष्ट किया जाएगा। यह सूचित किया गया था कि आज की तारीख तक लगभग 77.4 लाख दिव्यांजन पंजीकृत मतदाता हैं। यह मानते हुए कि एक मजबूत एवं जीवंत लोकतंत्र की स्थापना की आधारशिला समावेश और सहभागिता होती है, आज का विचार-विमर्श दिव्यांगजन की पहचान/मानचित्रण, सुगम पंजीकरण, मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, सुगम निर्वाचनों के लिए प्रौद्योगिकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, सुगम मतदाता शिक्षा तथा साझेदारी और सहयोग से लाभ उठाने और मीडिया आउटरीच के थीम पर केंद्रित था। निदेशक एएडीआई, कार्यपालक निदेशक, राष्ट्रीय बधिर संघ, निदेशक, एसपीएआरसी-इंडिया, कार्यपालक निदेशक, एनसीपीईडीपी, कार्यपालक निदेशक बीपीए, आईएसएलआरटीसी और पीडीयूएनआईपीपीडी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ईसीआई की राष्ट्रीय आइकन, डॉ. नीरू कुमार सहित विभिन्न सीएसओ के महत्वपूर्ण वक्ताओं ने निर्वाचन सुगम और समावेशी बनाने के लिए बहुमूल्य इनपुट साझा किए। विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सुझावों के आधार पर, भावी निर्वाचनों के लिए 'सुगम निर्वाचनों' पर नीतिगत ढांचे को सुप्रवाही बनाने के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने हेतु एक संकल्प अंगीकार किया गया। व्यापक अनुवीक्षण तंत्र और सभी मतदान केंद्रों की सुगमता का आकलन; दिव्यांगजनों के लिए सभी मुख्यधारा संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों का एकीकरण; निर्वाचन कर्मियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण; दिव्यांगता की समझ में सुधार के लिए अधिकाधिक जागरूकता; डाटा संग्रह के तात्कालिक तरीके; दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के बारे में जागरूकता; मजबूत आईवीआरएस हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र और निर्वाचन प्रक्रिया के सभी स्तरों पर सुगमता सुनिश्चित करने के लिए सुगमता प्रेक्षकों और सूक्ष्म प्रेक्षकों की तैनाती, कुक्ष ऐसे विचार थे जिसकी इस वर्चुअल सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई। सम्मेलन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार एवं श्री अनूप चंद्र पांडेय के साथ निम्नलिखित का विमोचन किया; बाधाओं को पार करना-सुगमता पहल, 2021: यह पुस्तिका दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा देने और सशक्त बनाने के लिए नवोन्मेषी प्रथाओं और सुगमता पहल का संकलन है। हाल ही में शुरू की गई पहल जैसे मतदाता गाइड, नए मतदाता को पत्र और मतदाता जागरूकता पर 50 प्रेरक गीतों की एक गीत पुस्तिका का ब्रेल भाषा संस्करण। मतदाता हेल्पलाइन एप और ईवीएम-वीवीपैट के दो जागरूकता वीडियो के सांकेतिक भाषा में संस्करण। साधारण विधान सभा निर्वाचन, 2018 और लोकसभा निर्वाचन, 2019 में दिव्यांगजनों को कर्नाटक में प्रदान की गई स्वीप गतिविधियों और सुविधाओं के परिणामों के मूल्यांकन अध्ययन का भी आयोग द्वारा विमोचन किया गया था। हाल ही में हुए मतदान संपन्न हुए राज्यों से सीख और अनुभवों सहित निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक की गई सुगम्यता संबंधी पहल पर एक प्रस्तुति भी प्रतिभागियों के साथ साझा की गई। इस सम्मेलन में दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन को सुलभ बनाने हेतु समर्पित सांकेतिक भाषा दुभाषिए थे।
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    ईसीआई/प्रे नो/118/2019 दिनांकः 19 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक (ई2ई) की पूरी प्रक्रिया को दिव्यांगजनों के लिए अधिकाधिक मैत्रीपूर्ण बनाने की आवश्यकता है : मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया भारत निर्वाचन आयोग ने आज सुगम निर्वाचनों पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। आयोग द्वारा दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्वाचनों को मैत्रीपूर्ण बनाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों और प्रक्रिया को अधिकाधिक समावेशी और अभिगम्य बनाने के लिए अभी भी अपेक्षित कदमों पर विचार-विमर्श करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि “हालांकि दिव्यांगता ऐसी समस्या है जिस पर लोगों और परिवार द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है, तथापि सुगम्यता ऐसी समस्या है जिसके लिए अधिकाधिक संस्थागत उपायों की जरूरत होती है। श्री अरोड़ा ने कहा कि, “यह हमारा उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर हम जागरूकता और कार्यकलापों का इष्टतम स्तर प्राप्त करें। बूथ लेवल अधिकारियों से लेकर आयोग तक, प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर काम करना चाहिए। जनवरी, 2018 में, “सुगम्य निर्वाचनों” को साधारण निर्वाचन, 2019 के लिए मार्गदर्शक थीम के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया था।“ यह आवश्यक है कि हम प्रयासों और कार्यकलापों को इस तरीके से बढ़ाएं कि सुगम्यता के मुद्दे पूरी तरह से खत्म हो जाएं तथा हमारे निर्वाचन सही अर्थों में समावेशी हो जाएं।“ उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 90% से अधिक दिव्यांगजनों ने हाल ही में झारखंड में संपन्न हुए मतदान में अपना मत दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, “निर्वाचन प्रक्रिया की पूरी श्रृंखला ई2ई, अर्थात नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक, को दिव्यांगजनों के लिए मैत्रीपूर्ण और सुगम्य होने की आवश्यकता है तथा इन मुद्दों के समाधान के लिए बीएलओ से लेकर आयोग मुख्यालय तक की पूरी प्रणाली को काम करने की आवश्यकता है।“ आयोग की प्रतिबद्धता को पुष्ट करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और डीईओ द्वारा किए गए प्रयासों की वजह से आयोग ने लंबा सफर तय किया है तथापि अभी और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, “हमें देश-दुनिया से सीखने की जरूरत है, हमें पता करना चाहिए कि आगे क्या है, और ऐसे ठोस कदमों को पहचानना चाहिए जो हमें आवश्यक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाए।“ एक त्रिआयामी कार्यनीति पर सुझाव देते हुए श्री लवासा जी ने कहा कि डाटा की बेंचमार्किंग करने, सुगम्यता इंडेक्स के पैमानों के समक्ष इसका निर्धारण करने, आयोग और सीईओ की वेबसाइट को विहित दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाने और निरंतर मूल्यांकन से हमें भावी क्षमता को पहचानने में मदद मिलेगी। निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने सिविल सोसाइटी संगठनों और निर्वाचन अधिकारियों द्वारा फील्ड में किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की। श्री चंद्रा ने दिव्यांगजनों के निर्वाचन अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि, “दिव्यांग मतदाताओं को लोकतंत्र का अभिन्न अंग बनाने के लिए, हमें सभी सिविल सोसाइटी संगठनों और संबंधित एनजीओ के सहयोग की जरूरत है। इस अवसर पर बोलते हुए, महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने गंभीर अंतरालों पर ध्यान देने के लिए वांछित ढांचागत बदलावों की आवश्यकता पर बल दिया और ज़मीनी स्तर पर निर्वाचन मशीनरी, सिविल सोसाइटी संगठनों और अन्य स्टेकहोल्डरों के प्रयासों को सराहा। श्री सिन्हा ने हाल ही में हुए झारखंड निर्वाचनों में अस्सी साल से नवासी साल के वृद्धों और दिव्यांगजनों के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई, घर से डाक मतपत्र के विकल्प की अतिरिक्त सुविधा पर प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त श्री चंद्र भूषण कुमार ने देश भर में स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिशों के महत्व को दोहराया, क्योंकि ये भावी निर्वाचनों को और अधिक समावेशी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने उन संगठनों को धन्यवाद दिया जिन्होंने आज की कार्यशाला में भाग लिया, खासतौर पर आयोग की सुगम्यता परामर्शदाता स्मिता सदासिवन को, जिन्होंने विचार-विमर्श को इतना उपयोगी बनाया। दिव्यांग मतदाताओं का संपूर्ण मानचित्रण, परिवहन की सुविधा प्रदान करना, विशेष स्वयंसेवकों, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं, जैसे रैम्प, व्हीलचेयर, संकेत भाषा, मतदान केंद्र पर ब्रेल युक्त ईवीएम और हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का प्रावधान कुछ ऐसी पहल हैं जो सुगमता और ‘कोई मतदाता न छूटे’ के सिद्धांत को सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों के अलावा, कार्यशाला में सिविल सोसाइटी संगठनों, सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न दिव्यांगता सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एनजीओ, जिसमें एएडीआई, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट, राष्ट्रीय बधिर संघ, एनसीपीईडीपी, राष्ट्रीय दिव्यांगता नेटवर्क, सक्षम, इकोतत्व, एनआईईपीवीडी, पीडीयूएनआईपीपीडी, बीपीए अहमदाबाद और आईएसएलआरटीसी शामिल हैं, ने भाग लिया। पूरे भारत से उपस्थित स्टेकहोल्डरों के साथ, तकनीकी सत्रों में समूह कार्य और चार समुनदेशित विषयों जैसे कि निर्वाचक पंजीकरण और निर्वाचक नामावली में मानचित्रण; विशेष तौर पर दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मतदान केंद्र पर सुविधाएं : सुगम मतदाता शिक्षा और संप्रेषण कार्य नीतियां और सुगम निर्वाचनों में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचार-विमर्श शामिल था। आयोग के लिए बनाए गए विषयगत प्रस्तुतीकरण के अंग के रूप में, प्रतिभागियों ने वर्तमान चुनौतियों के मूल्यांकन, विद्यमान पहल और समाधान ढूंढने पर काम किया। आयोग ने एक पुस्तिका भी जारी की, ‘बाधाओं को पार करते हुए- मैंने भी मत डाला’, जो उन अनुभवप्राप्त मतदाताओं के बारे में थी जिन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार में भाग लेने के लिए सभी बाधाओं को पार किया। अब तक किए गए कार्यों पर प्रकाश डालने, वर्तमान पहल और सभी राज्यों/केंद्र शासित राज्यों और विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिश युक्त “सुगम्यता रिपोर्ट 2019” नामक एक व्यापक दस्तावेज को कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध कराया गया था, जिसमें सुगम निर्वाचनों में नीतियों और मार्गदर्शी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया था। आज कार्यशाला में संकेत भाषा इंटरप्रेटर, स्क्रीन रीडर एक्सेस दिन की कार्यवाही की महत्वपूर्ण विशेषताएं थीं।
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    सुगम निर्वाचन; लोक सभा निर्वाचन 2019 के दौरान भारत निर्वाचन आयोग का एक सफल प्रयास
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    ECI/PN/11/2018 Dated 23rd January, 2019 PRESS NOTE Sub: Election Commission of India to host International Conference on ‘Making Our Elections Inclusive and Accessible’ In consonance with the 9th National Voters’ Day to be held on 25th January 2019, Election Commission of India (ECI) is going to host an International Conference on ‘Making Our Elections Inclusive and Accessible’ on 24th January 2019. Besides Chief Election Commissioner Sh. Sunil Arora and Election Commissioner Sh. Ashok Lavasa, Heads and dignitaries from six Election Management Bodies (EMBs) viz. Bangladesh, Bhutan, Kazakhstan, Maldives, Russia & Sri Lanka and three International Organisations viz. Malaysian Commonwealth Studies Centre, U.K and International Institute for Democracy and Electoral Assistance (IDEA) and International Centre for parliamentary Studies (ICPS) will participate in the event. There will be two sessions during the Conference where representatives from the EMBs and International Organisations will participate and share their experiences, best practices and initiatives aimed at electoral engagement, enrolment and active participation in inclusive and accessible voting exercise in various countries. During the Conference another issue of ECI’s quarterly magazine “Voice International” will be released which will carry the theme of “Making polling stations accessible and voter friendly”. On the sidelines of the Conference, ECI will also renew Memorandum of Understanding (MOU) for cooperation in the field of election management with the Election Commission of Bhutan. The MoUs provide for an institutional framework and aim for promotion of exchanges of knowledge and experience in the field of organizational and technical development, with a view to strengthen the administration of electoral processes; exchange of information, material, expertise and technical know-how relating to electoral processes and systems; training of personnel and organizational development and capacity building. Election Commission of India has, so far, signed MOUs with twenty-five Election Management Bodies and International Organizations (viz. Australia, Bosnia-Herzegovina, Brazil, Chile, Fiji, Georgia, Ivory Coast, Guinea, Republic of Korea, Kyrgyz Republic, Libya, Mauritius, Mexico, Moldova, Myanmar, Nepal, Russia, South Africa, Suriname, Yemen and United Nations, Intl. IDEA & IFES). The International Conference is being organised with the purpose of sharing the experience of different EMB’s, International Institutions and Experts with regard to analysis of barriers, policy interventions, strategies, programmes, good practices and technological innovation for inclusive and accessible election. The international delegates will also attend the National Voters’ Day Celebrations in New Delhi besides visiting the new campus of the India International Institute of Democracy and Election Management (IIIDEM) at Dwarka, New Delhi on 25th January 2019.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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