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सं. 4/2020/एसडीआर/खंड-I
दिनांक: 21 अक्तूबर, 2020
सेवा में,
मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय/राज्यीय राजनीतिक दलों
के अध्यक्ष/महासचिव
विषय: वैश्विक महामारी कोविड-19 की अवधि के दौरान प्रचार-अभियान – तत्संबंधी।
महोदय/महोदया,
भारत निर्वाचन आयोग ने दिनांक 9 अक्तूबर, 2020 को अपने परामर्शी पत्र(प्रति संलग्न) के तहत सभी चरणों में, विशेषकर जहां व्यक्तिगत रूप में लोक संपर्क निहित हो, वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग देने को कहा था। लोक स्वास्थ्य के व्यापक हित में सभी स्टेकहोल्डरों का यह कर्तव्य बनता है कि वे मास्क पहनने, सैनिटाइजरों को इस्तेमाल करने तथा सामाजिक दूरी का पालन करने सहित निवारक उपायों का पालन करें। उपर्युक्त उल्लिखित परामर्शीपत्र के पैरा 4 में विशेष रूप से उल्लिखित किया गया था कि:
‘‘लोगों का प्रतिनिधि होने के नाते यह सुनिश्चित करने की व्यापक जिम्मेदारी राजनैतिक दलों की है कि वे न केवल यथा-विहित लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के नियत मानदंडों का पालन करने में जिला प्रशासन तंत्र के साथ सहयोग करें, बल्कि प्रचार के दौरान जमीनी व्यवस्था करते समय अपने कैडर में सभ्य व्यवहार के लिए अनुशासन की भावना भी पैदा करें। यह अनुरोध किया जाता है कि आप अपने सभी फील्ड प्रतिनिधियों को परामर्श दें कि वे लोक स्वास्थ्य के व्यापक हित में सभी मौजूदा अनुदेशों का पालन करने में अधिकतम सतर्कता और सावधानी बरतें तथा उपबंधों के उल्लंघन से संबंधित किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचें।’’
इससे पूर्व, अपने दिनांक 21 अगस्त, 2020 के विस्तृत दिशा-निर्देशों में, आयोग ने यह भी कहा था कि लोक संपर्क की अवधि के दौरान इन आदेशों का पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के उपबंधों के अनुसार, और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार तथा गृह मंत्रालय के दिनांक 29 जुलाई, 2020 के आदेश सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए) में यथाविनिर्दिष्ट प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
आयोग के नोटिस में ऐसी जनसभाओं के दृष्टातं सामने आए हैं जिनमें सामाजिक दूरी का घोर उल्लंघन करते हुए अपार जन समूह एकत्रित हुआ और राजनीतिक दल/प्रचारक, निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/अनुदेशों की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए मास्क लगाए बिना जनसमूह को संबोधित कर रहें हैं। ऐसा करके, राजनीतिक दल और अभ्यर्थी, न केवल आयोग के दंडमुक्त दिशा-निर्देशों की अवज्ञा कर रहें है बल्कि स्वयं को और रैलियों/बैठकों में शामिल होने वाले लोगों को भी वैश्विक महामारी के दौरान संक्रमण के जोखिम में डाल रहे हैं।
यह दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि निर्वाचनों के दौरान, राजनीतिक दल/संस्थाएं निर्वाचक प्रक्रिया में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर हैं और वे निर्वाचन अभियान के लिए आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने के प्रति कर्तव्यबद्ध हैं।
आयोग ने रैलियों/बैठकों में जन समूह को अनुशासित न रखें जाने के लिए राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों की अनदेखी को गंभीरता से लिया है और एतद्द्वारा दोहराता है और उन्हें परामर्श भी देता है कि निर्वाचन अभियान के दौरान अधिकतम सतर्कता एवं सावधानी बरतें। आयोग को मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला मशीनरी से यह अपेक्षा है कि वे इस प्रकार का उल्लंघन करने वाले संबंधित अभ्यर्थियों और आयोजकों के विरूद्ध यथोचित और संगत उपबंधों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करें। निर्वाचनरत राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और राज्य सरकारों को कड़े अनुपालन हेतु अलग से अनुदेश जारी किए जा रहें हैं।
आयोग आपसे संपूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि हमारी जिला निर्वाचन मशीनरी यह सुनिश्चित कर सके कि आयोजकों सहित सभी सहभागी समस्त निवारक उपायों का पालन करें।
भवदीय,
(नरेंन्द्र एन. बुटोलिया)
वरि. प्रधान सचिव