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    संख्या 437/दिल्ली-वि.स./4/2020/एनएस-।। दिनांक: 29 जनवरी, 2020 आदेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के मौजूदा साधारण निर्वाचन के संबंध में भारतीय जनता पार्टी, एक मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दल, ने दिनांक 21.01.2020 के अपने पत्र के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 1(क) के प्रावधानों के संदर्भ में उक्त पार्टी के नेताओं (स्टार प्रचारकों) के नाम प्रस्तुत किए थे। दल द्वारा प्रस्तुत चालीस नेताओं की सूची में श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह के नाम भी थे। आयोग के संज्ञान में आया है कि श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह ने ऐसे बयान/भाषण दिए हैं, जो राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरश: उल्लंघन थे। आयोग ने उक्त नेताओं को आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत उनके विरूद्ध कार्रवाई के संबंध में नोटिस जारी किए हैं। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सामान्य हिदायत (एडवाइजरी) भी जारी की है कि वे अपने पदाधिकारियों और अभ्यर्थियों को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के बारे में निर्देशित करें। श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह को जारी नोटिस के अनुसरण में आगे की कार्रवाई होने तक उल्लंघन की गंभीर प्रकृति और उनके विरूद्ध विचाराधीन मामलों की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश दिया है कि प्रचार अभियान को और बिगड़ने से रोकने के लिए यह आवश्यक है कि धारा 77 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण (1)(क) के उपर्युक्त प्रावधानों के प्रयोजनार्थ उक्त दोनों नेताओं को 'नेता' (स्टार प्रचारक) के रूप में नहीं माना जाए। तदनुसार, आयोग ने निदेश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधान सभा के मौजूदा साधारण निर्वाचन में निर्वाचन प्रचार अभियान के संबंध में उक्त दोनों नेताओं की यात्रा आदि पर होने वाले व्यय को दल के संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के खाते में शामिल किए जाने से छूट देने संबंधी प्रावधान लागू नहीं रहेंगे।
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    सं. 437/दिल्ली-वि.स./2020-एनएस-II दिनांकः 28 जनवरी, 2020 नोटिस यतः, निर्वाचन आयोग द्वारा अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/4/2020, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली विधान सभा साधारण निर्वाचन आयोजित करने की घोषणा की गई है और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए उक्त तारीख से आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 2. यतः, राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि: कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद को और अधिक बढ़ाए या जो परस्‍पर नफ़रत या तनाव पैदा करे। यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, विगत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा जिनका सरोकार उनके सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं हो। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा। मत हासिल करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। ...................... सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि‍ के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं; ………………………………. और 3. यत:, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्न प्रावधान किया गया है: "किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर संप्रवर्तन या संप्रवर्तन का प्रयत्न करना"; और 4. यत: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 में प्रावधान है कि जो कोई व्यक्ति निर्वाचन के संबंध में शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधारों पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय है। 5. यत: आयोग को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दिनांक 28 जनवरी, 2020 के अपने पत्र के तहत एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि आपने दिल्ली के 06-रिठाला विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले मदर डेयरी, श्मशान घाट रोड, बुध बिहार, दिल्ली में 27 जनवरी, 2020 को एक जनसभा को संबोधित करते समय अनेक बार ये नारा लगवाया कि 'देश के गद्दारों को' जिसका प्रत्युत्तर भीड़ ने 'गोली मारो सालों को' से दिया। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा यथा प्रदत्त ट्रांसक्रिप्ट की एक प्रति इसके साथ संलग्न है जो स्वत: स्पष्ट है; और 6. यत:, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मानना है कि उपर्युक्त वक्तव्य देकर, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने और सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान विभेदों के बढ़ने की संभावना है, आपने आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 7. अतएव, अब आयोग आपको 30 जनवरी, 2020 (वृहस्पतिवार) को दोपहर 12.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त वक्तव्य देने के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक अवसर देता है, ऐसा न करने पर आयोग आपको सूचना दिए बिना निर्णय लेगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अनुराग ठाकुर, स्टार प्रचारक, भारतीय जनता पार्टी, 14, जनपथ, नई दिल्ली
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    सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II दिनांकः 30 जनवरी, 2020 सूचना यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: (1) कोई भी दल अथवा अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्यकलाप करने का प्रयास नहीं करे जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच विद्यमान मतभेद और बढ़े या जिससे परस्पर घृणा या तनाव का महौल पैदा हो। (2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए। (3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावना के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। (4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­-------- के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं; और 3. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्नलिखित प्रावधान हैः "किसी अभ्यर्थी, या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एजेंट की सहमति से उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावनाओं को बढ़ाने अथवा अन्य अभ्यर्थी के निर्वाचन को हानिकारक रूप से प्रभावित करने के लिए धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाना या बढ़ाने का प्रयास करना "; और 4. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में यह प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित कोई भी व्यक्ति धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाता है या बढ़ाने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक कारावास या जुर्माने या दोनों का दंड दिया जाएगा; और 5. यतः, आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से 28 जनवरी, 2020 के एक पत्र के तहत रिपोर्ट प्राप्त की जिसमें, श्री अनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 27 जनवरी, 2020 को दिल्ली के 06-रिठाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले मदर डेयरी, श्मशान घाट रोड, बुद्ध विहार, दिल्ली में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कतिपय आपत्तिजनक बयान दिए और नारे लगाए; और 6. यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत था कि श्री अनुराग ठाकुर द्वारा लगाए गए नारों और दिए गए बयानों की वजह से आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन हुआ है; और 7. यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर को 28 जनवरी, 2020 को एक कारण बताओ नोटिस सं.437/डीएल वि.स./2020/-एनएस-II जारी किया, जिसमें उनसे आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करने के लिए 30 जनवरी, 2020 को दोपहर 12 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है; और 8. यतः, आयोग के उपर्युक्त नोटिस के जवाब में श्री अनुराग ठाकुर से 30 जनवरी, 2020 को एक उत्तर प्राप्त हुआ है; और 9. यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर के 30 जनवरी, 2020 के उपर्युक्त उत्तर में विषय-वस्तु और प्रमाणों की ध्यानपूर्वक जाँच की है। श्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि उन्होंने केवल "देश के गद्दारों को" ही बोला जिसका वास्तविक अर्थ देश के गद्दार होता है और वह भीड़ थी जिसने उन नारों का जवाब दिया था; और 10. यतः, उन्होंने यह भी कहा है कि उनके बयानों का उद्देश्य न तो विभिन्न धर्मों, वर्गों, जातियों और समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ाना या पैदा करना था और न ही उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए ऐसा कोई गोपनीय/निवारक कृत्य किया, अतः यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है; और 11. यतः, हालांकि श्री अनुराग ठाकुर ने यह अनुरोध किया है कि उनको व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका दिया जाए, परंतु आयोग इस मामले में किसी भी प्रकार की सुनवाई को जरूरी नहीं मानता है; और 12. यतः, आयोग ने इस मामले पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और उसका यह सुविचारित अभिमत है कि श्री अनुराग ठाकुर ने अवांछनीय और आपत्तिजनक बयान दिए हैं, जिसमें उनका लहजा और भाषा ऐसी थी जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद बढ़े और परस्पर घृणा पैदा हो, अतः उन्होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 13. अब, इसलिए आयोग श्री अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए विवादित बयानों की एतद्द्वारा कड़ी निंदा करता है। आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस निमित्त सभी अन्य समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत श्री अनुराग ठाकुर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा, 2020 के मौजूदा साधारण निर्वाचन के संबंध में 30 जनवरी, 2020 (गुरुवार) के अप. 5.00 बजे से शुरू होने वाली 72 घंटों की समयावधि के लिए किसी भी प्रकार की जनसभा, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो का आयोजन करने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में साक्षात्कार, सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है। 14. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचन के लिए स्टार प्रचारकों की सूची से श्री अनुराग ठाकुर को हटाने के लिए दिनांक 29 जनवरी, 2020 को पारित आदेश लागू रहेगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी, 14, जनपथ, नई दिल्ली-110001
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    No. ECI/PN/16/2020 Dated: 29th January, 2020 PRESS NOTE Election Commission has ordered the removal of Sh. Anurag Thakur and Sh. Parvesh Sahib Singh from the list of star campaigners of Bhartiya Janta Party for the general elections to the Legislative Assembly of the NCT of Delhi with immediate effect and until further orders.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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