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    सं. ईसीआई/पीएन/97/2021 दिनांकः 22 नवंबर, 2021 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन निर्वाचक नामावली, मतदान केंद्रों, प्रगतिरत विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, आईटी एप्लिकेशन्स, शिकायतों का समय पर निवारण, ईवीएम/वीवीपेट्स, मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, मीडिया और संचार एवं गहन मतदाता आउटरीच कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए किया गया था। अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की दक्षता और दूरदृष्टि के महत्व पर बल दिया क्योंकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से निर्वाचक नामावली की शुचिता, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं और समस्त मतदान केंद्रों पर सभी मतदाताओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे सभी लंबित आवेदन-पत्रों, विशेषकर मतदाता रजिस्ट्रीकरण के आवेदनों का शीघ्र निपटान करने के लिए भी कहा। उन्होंने दोहराया कि वास्तविक बेहतर मतदाता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने आगे कहा कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों की शिकायतों, यदि कोई हों, का निवारण करने के लिए नियमित रूप से वार्तालाप करते रहना चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कमियों और चुनौतियों का पता लगाना है ताकि देशभर के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आयोग के आदेशों का समान रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्वाचन संबंधी कार्यकलापों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा की गई नई पहल और सर्वोत्तम पद्धतियों का मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया ताकि आउटरीच बढ़ाई जा सके। निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से वार्तालाप करते हुए कहा कि निर्वाचनों का विधिक और विनियमित फ्रेमवर्क अत्यधिक मजबूत है, तथापि आयोग के विभिन्न अनुदेशों का वास्तविक कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रगतिशील, अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है और उन्हें एक दूसरे की सर्वोत्तम पद्धतियों से सीखना चाहिए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ समन्वय एवं निगरानी हेतु नियमित रूप से चर्चा करें तथा महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त करने हेतु फील्ड में जाएं, ताकि आवश्यक कार्यप्रणाली में सुधार किए जा सकें। निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पांडेय ने ब्लॉक लेवल अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर बल दिया क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग के कार्यों की प्रभावशीलता, फील्ड स्तरीय निर्वाचन कार्मिकों के प्रभावशाली कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने पूरे वर्ष गैर-निर्वाचन अवधि के दौरान भी आउटरीच के लिए फील्ड में विभिन्न स्टेकहोल्डरों और अधिकारियों की सहभागिता तथा जमीनी स्तर पर स्वीप के कार्यकलापों पर भी जोर दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अधिकाधिक आउटरीच हेतु स्थानीय मीडिया के साथ सही सूचनाएं और तथ्य नियमित रूप से साझा किए जाएं। महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन फील्ड स्तरीय कार्य पद्धति को समझने, स्टेकहोल्डरों के साथ समन्वय करने और आयोग के अनुदेशों का कार्यान्वयन करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पूरे वर्ष सक्रिय रहना चाहिए और मूल्यांकन एवं कार्यप्रणाली संबंधी आवश्यक सुधार करने के लिए निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क करते रहना चाहिए। \ इस सम्मेलन के दौरान आयोग ने आज "निर्वाचन विधि संबंधी मामलों का सार-संग्रह" (कंपेंडियम ऑफ केसिस ऑन इलेक्शन लॉ) जारी किया। आयोग द्वारा एक काफी टेबल बुक "कंडक्ट ऑफ जनरल इलेक्शन्स टू द असम लेजिस्लेटिव असेम्बली, 2021", और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम द्वारा तैयार "काल ऑफ ड्यूटी" नामक शार्षक से एक शोर्ट वीडियो भी जारी की गई। इस वीडियो में दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करने में निर्वाचन अधिकारियों के सामने आई विभिन्न चुनौतियों को उजागर किया गया है। इस सम्मेलन में नए मतदाताओं के लिए मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार "पावर ऑफ 18" नामक शीर्षक से एक मतदान गान भी जारी किया गया। सम्मेलन में फोटो निर्वाचक नामावली 2022 (एसएसआर 2022) के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा किए गए स्वीप संबंधी कार्यकलापों की एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इसमें विभिन्न दृश्य-श्रव्य रचनाएं, प्रिंट विज्ञापन और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त एसएसआर 2022 के लिए राज्य ऑइकनों से प्राप्त संदेशों को प्रदर्शित किया गया था। इस सम्मेलन में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त, महानिदेशक एवं आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। जिन राज्यों में निर्वाचन होने हैं, उनके साथ निर्वाचन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए कल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अलग से एक दिवसीय समीक्षा बैठक भी निर्धारित है।
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/62/2019 दिनांक: 03 जून, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्‍यों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के डीब्रीफिंग सम्‍मेलन का आयोजन; महत्‍वपूर्ण मामलों पर नौ कार्यकारी दलों का गठन भारत निर्वाचन आयोग ने आज नई दिल्‍ली में सभी राज्‍यों/संघ शासित क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक पूर्ण दिवसीय सम्‍मेलन आयोजित किया। हाल ही में सम्‍पन्‍न हुए लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के अनुभवों पर विचार विमर्श करने के लिए अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। सभी मुख्‍य निर्वाचन अधि‍कारियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने बताया कि हाल ही के निर्वाचनों में स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष निर्वाचनों के आयोजन के लिए अधिकारियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। विविध अप्रत्‍याशित परिस्थितियों यथा निज़ामाबाद में अभूतपर्व ईवीएम व्‍यवस्‍था, प्रतिकूल मौसम के बीच ओडीशा चुनौती इत्‍य‍ादि पर बात करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने इस विशाल प्रक्रिया के सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए अधिकारियों की प्रशंसा की। श्री अरोड़ा ने राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों को अब मतदाताओं के हिसाब से इस प्रक्रिया के सरलीकरण पर विशेष रूप से ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए कहा। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में निर्वाचन आयोजित करवाने में प्रत्‍येक राज्‍य की अपनी विशिष्‍ट चुनौतियां होती हैं। उन्‍होंने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से सीईओ और डीईओ कार्यालयों को सुदृढ़ करने के तरीकों का सुझाव देने की सलाह दी ताकि वे निरंतर उभरने वाली अपेक्षाओं को पूरा कर सकें। उन्‍होंने उनसे कार्यान्‍वयन योजना-विशेषकर विभिन्‍न स्‍तरों अर्थात् ईआरओ, आरओ, सीईओ और ईसीआई सचिवालय के स्‍तर पर की जाने वाली कार्रवाईयों पर ध्‍यान केन्द्रित करने को कहा। आयोग ने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और आयोग के अधिकारियों के नौ कार्यकारी समूहों का गठन किया है जो निर्वाचक नामावली मामलों, मतदान केन्‍द्र प्रबंधन, एमसीसी, मतदान प्रक्रिया और सामग्री वस्‍तु सूची, क्षमता संवर्द्धन, आईटी ऐप्‍लीकेशन, व्‍यय प्रबंधन, स्‍वीप और मीडिया सम्‍बन्‍धी विषयों के साथ-साथ निर्वाचकीय सुधारों सहित निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्‍न पक्षों को कवर करते हैं। सभी समूह संबंधित विषयों पर विचार विमर्श करेंगे और अगस्‍त, 2019 तक इस संबंध में व्‍यवहार्य संस्‍तुतियों का सुझाव देंगे। प्रत्‍येक मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी अपने संबंधित राज्‍य के बारे में अनुभवों सम्‍बन्‍धी रिपोर्ट भी प्रस्‍तुत करेंगे। समूह को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयुक्‍त, श्री लवासा ने कहा कि निर्वाचनों के आयोजन के लिए वैसे तो ईसीआई पद्धति को अच्‍छी तरह से प्रलेखित और संहितबद्ध किया गया है, फिर भी मतदाताओं के पंजीकरण को और आसान बनाने और विशेष रूप से उनकी सहभागिता को और सहज बनाने के लिए उनकी आशाओं के अनुरूप तकनीकी को अपनाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए वे करने योग्‍य लघु कालिक, मध्‍यम कालिक और दीर्घ कालिक प्रशासनिक एवं विधिक संस्‍तुतियां प्रस्‍तुत करें। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चन्‍द्रा ने 2019 निर्वाचनों की अनेक नवोन्‍मेषी एवं चुनौतिपूर्ण बातों को उजागर किया। श्री चन्‍द्रा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए मात्र सांकेतिक वृद्धि की नहीं बल्कि गुणात्‍मक अभिवृद्धि की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि तकनीकी में हुई प्रगति का लाभ हमें मतदान में भी उठाना चाहिए ताकि यह केवल एक समावेशी अनुभव न होकर आनन्‍ददायी अनुभव बन सके। आयोग ने साधारण निर्वाचन, 2019 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों, भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों, फील्‍ड निर्वाचन स्‍टाफ को धन्‍यवाद दिया और बधाई दी। यह उल्‍लेख किया गया कि भारत निर्वाचन आयोग आईआईआईडीईएम से कार्यकारी समूहों द्वारा की जाने वाली इस प्रक्रिया के लिए सभी संसाधन उपलब्‍ध करवाएगा।

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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