मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
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    सं. ईसीआई/प्रे.नो./08/2020 दिनांकः 17 जनवरी, 2020 प्रेस नोट विषयः सी-विजिल और मतदाता हेल्पलाइन एप के लिए भारत निर्वाचन आयोग 'उत्कृष्टता पुरस्कार' से सम्मानित भारत निर्वाचन आयोग की दो नवीन आईसीटी एप्लीकेशनों अर्थात 'सी-विजिल’ और 'मतदाता हेल्पलाइन एप’, जो आयोग में ही विकसित किए गए थे, ने वर्ष 2019 के लिए ई-गवर्नेंस का 'उत्कृष्टता पुरस्कार' जीता है। यह पुरस्कार केआईआईटी, भुवनेश्वर में दिया गया। डॉ. कुशल पाठक, निदेशक आईसीटी और सीआईएसओ, ईसीआई और श्री सुशील कुमार लोहानी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, ओडिशा ने भारत निर्वाचन आयोग की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया। ये पुरस्कार कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई), ई-गवर्नेंस पर विशेष रुचि समूह (सीएसआई एसआईजी ई-गव) द्वारा दिनांक 17, जनवरी 2020 को केआईआईटी, भुवनेश्वर में प्रदान किए गए। सी-विजिल निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसे, रिश्वतखोरी, मुफ्त उपहार, शराब वितरण, अनुमत्य समय के बाद लाउडस्पीकर बजाने वालों के खिलाफ नागरिकों को रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाता है। इस साधारण मोबाइल एप का उपयोग करके नागरिक लाइव फोटो या वीडियो कैप्चर करते हैं। निर्वाचन तंत्र उल्लंघन का साक्ष्यिक सबूत मिलते ही तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हो जाता है। हर सी-विजिल मामले पर कार्रवाई की जाती है और 100 मिनट की समयावधि के दौरान की गई कार्रवाई के साथ वापिस जवाब भेजा जाता है। अब दिल्ली निर्वाचनों में सी-विजिल का इस्तेमाल किया जा रहा है। अक्तूबर-दिसंबर 2018 के दौरान पांच राज्यों के विधानसभा साधारण निर्वाचनों में अपनी पहली प्रायोगिक शुरूआत से लेकर नवंबर-दिसंबर 2019 के दौरान झारखंड राज्य में विधानसभा के साधारण निर्वाचनों तक, सी-विजिल के माध्यम से कुल 1,71,745 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,27,567 (74%) मामलों को सही पाया गया है। मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर यहां: https://play.google.com/store/apps/details?id=in.nic.eci.cvigil&hl=en_IN और एप्पल स्टोर में यहां: https://apps.apple.com/in/app/cvigil/id145571954141 उपलब्ध हैं। गूगल और एप्पल के एप स्टोरों से 2.16 करोड़ डाउनलोड के साथ 'मतदाता हेल्पलाइन एप', राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एप्लीकेशन ने नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए एक प्रमुख साधन के रूप में जड़ें जमा ली हैं। यह एप्लीकेशन मतदाताओं को 90 करोड़ से अधिक मतदाता डेटाबेस में अपना नाम खोजने, नए मतदाता पंजीकरण के लिए फॉर्म भरने, माइग्रेशन और संशोधन करने, डिजिटल फोटो मतदाता पर्चियों को डाउनलोड करने, निर्वाचन में खड़े अभ्यर्थियों और उनके शपथपत्रों के बारे में पूरी जानकारी प्रदर्शित करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से मतदाताओं को वास्तविक समय में परिणाम देखने के लिए एक विकल्प प्रदान करती है। यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है। भारत निर्वाचन आयोग की आईसीटी पहल के लिए ये 'उत्कृष्टता पुरस्कार' भारत निर्वाचन आयोग के आईसीटी विजन और नागरिकों एवं स्टेकहोल्डरों के लाभार्थ उपयोग करने के लिए ई-गवर्नेंस संबंधी पहल लाने में सभी स्तरों पर ईसीआई के अधिकारियों के प्रयासों हेतु स्वीकारोक्ति है।
  2. सी-विजिल बनाम समाधान पोर्टल सी-विजिल आदर्श आचार संहिता/व्यय उल्लंघन कीसमय के साथवास्तविक स्थिति का प्रमाण प्रदान करताहैजिसमें ऑटो लोकेशन डेटा के साथ लाइव फोटो/वीडियो भीहोता हैं।समय के साथ,ऑटो लोकेशनऔर लाइव फोटो का यह अनूठा संयोजन निर्वाचन मशीनरी द्वारा सही स्थान पर पहुंचने और त्वरित कार्रवाई करने के लिए काफी भरोसेमंद हो सकता है। जीआईएस आधारित डैशबोर्ड कार्रवाई करने से पहले ही छोटे-मोटे और असंगत मामलों को छोड़ने और उनका निपटाने करने के लिए ठोस निर्णय लेने का एक टूल प्रदान करता है, जिससे निर्वाचन आयोग को प्राप्त होने वाली अनावश्यक शिकायतों की संख्या कम हो जाती है। क्र.सं. विशेषताएं सी-विजिल समाधान 1 लाइव ईमेजों को कैप्चर करना और कोई गैलरी अपलोड न करना हाँ नहीं 2 छेड़छाड़ के बिना लाइव लोकेशन कैप्चर करना हाँ नहीं 3 लाइव वीडियो कैप्चर करना हां नहीं 4 100 मिनट की समय-सीमा हां नहीं 5 नागरिक रिपोर्टिंग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन हां नहीं 6 वास्तविकताका पता लगाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन हां नहीं 7 रिपोर्ट करने में फील्ड यूनिटों (एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी) की प्रत्यक्ष भागीदारी हां नहीं 8 नागरिकों कोस्थिति की लाइव रिपोर्टिंग हां नहीं 9 जिला कलेक्टरों की प्रत्यक्ष भागीदारी हां नहीं 10 ओटीपी सत्यापन के माध्यम से शिकायत दर्ज करने वाले उपयोगकर्ता की पुष्टि करना हां नहीं 11 जिला से जीआईएस आधारित फील्ड यूनिट असाइनमेंट हां नहीं 12 फील्ड यूनिट के लिए नेविगेशन आधारित मोबाइल एप्लिकेशन हां नहीं 13 प्रेक्षकों के लिए मोबाइल एप्लिकेशन हां नहीं 14 महत्वपूर्ण मामलों कीनिगरानी करने और उन्हें उजागर करने के लिए ईसीआई/सीईओ/डीईओ के लिएमोबाइल एप्लिकेशन हां नहीं 15 फील्ड यूनिट तैनाती पर प्रत्येक मामले कारिटर्निंग ऑफिसर को ईमेलद्वाराप्रेषण हां नहीं 16 जीआईएस मैप पर सरल एंड्रॉइड आधारित वास्तविक समय ट्रैकिंग के साथ फील्ड यूनिट के वाहन जीपीएस सिस्टम को प्रतिस्थापित करना हां नहीं 17 फील्ड यूनिट, रिटर्निंग ऑफिसर और डीईओ के लिए तत्काल एंड्रॉइड सिस्टम अलर्ट, एसएमएस और इन-ऐप अलर्ट हां नहीं 18 उत्तर देतेसमय फील्ड यूनिट कीलोकेशन कैप्चर करना हां नहीं 19 फील्ड यूनिट स्वप्रेरणासे नए मामलों को शुरू कर सकती है हां नहीं 20 एकसे अधिक स्थानों-अर्थात् डीईओ, एफएसटी और आरओ पर मामलों को देने का विकल्प हां नहीं 21 लाइव मामलों की निगरानी के लिए सीईओ, डीईओ के लिए समर्पित डैशबॉर्ड हां नहीं 22 नागरिकों को व्यापक सुलभता हाँ नहीं 23 बड़े और प्रभावशाली लोगों के खिलाफअनाम शिकायतेंदायर करना हाँ नहीं
  3. जीपीएस की सटीकता कैसे सुधारें ? सी विजिल स्‍मार्ट जीपीएस प्रौद्योगिकी का नवोन्‍मेषी उपयोग आचार संहिता/व्‍यय उल्‍लंघन संबंधी प्रबंधन करने के लिए किया जाता है। आपका जीपीएस सेंसर आपके एन्‍ड्रॉयड फोन को सी विजिल सिटिजन, इन्‍वेस्‍टीगेटर, आब्‍जर्वर और मॉनिटर एप्‍स का उपयोग करता है और आपकी जियो लोकेशन को अच्‍छी तरह टैग करता है। सी विजिल का उपयोग करने के लिए अच्‍छे सिगनल का होना महत्‍वपूर्ण है। तथापि, जितनी अधिक सटीकता की आवश्‍यकता होगी, उतना अधिक समय सटीक जीपीएस माप प्राप्‍त करने के लिए लग सकता है। जीपीएस यंत्र को नियत करने में समय लगता है और तब यह आपके चलने के साथ ही इस पर अपनी पकड़ बनाने की पूरी कोशिश करेगा। जैसा कि जीपीएस डाटा में त्रुटि की संभावना होती है और यदि कोई सही लोकेशन मैनेजर प्रदाता को लगाता है तो लोकेशन में कभी-कभी यह स्थिति हो सकती है कि थोड़ा बहुत विचलन हो जाए। नोट करने वाली बात यह है कि जीपीएस सटीकता केवल एक अनुमान देती है कि प्राप्‍त जीपीएस सिग्‍नल की गणना कितनी अच्‍छी तरह की गई है। सिस्‍टमेटिक एरर अच्‍छी सटीकता संख्‍या (<10m) दे सकती है लेकिन फिर भी एक बड़ी पोजिशन एरर दिखा सकती है। ऐसा इ‍सलिए होता है कि बहुत अच्‍छी सटीकता होने के बावजूद भी कंपन हो सकता है। सटीकता उपाय बहुत बड़ी एरर (>100m) को दूर करने के लिए अच्‍छा है परंतु एक छोटे लेवल पर यह केवल एक संकेत देता है कि गणना उसी स्‍थान की हुई है। सी विजिल बहुत बड़ी त्रुटियों को दूर करने के लिए एलगोरिथम का प्रयोग करता है परंतु फिर भी इन साधारण युक्तियों से सटीकता को सुधारने और छोटी-मोटी त्रुटियों को कम करने की संभावना होती है। इसलिए यहां पर आपके उपकरण पर जीपीएस सिग्‍नल को सुधारने के उपाय दिए गए हैं। मैं 4 नि:शुल्‍क एन्‍ड्रायड एप को सूचीबद्ध करूंगा जो ऐसे उपकरण हैं जो बेहतर जीपीएस सटीकता में आपकी मदद करेंगे। जीपीएस क्‍या है ? यह जानने के लिए कि आप अपने जीपीएस में कैसे सुधार करें, यह समझना आवश्‍यक है कि यह कैसे कार्य करता है। जीपीएस का पूरा नाम ग्‍लोबल पोजिशनिंग सिस्‍टम है और इसे यूएस आर्मी द्वारा वर्ष 1973 में विकसित किया गया था, परंतु वर्ष 1980 में इसे नागरिक उदेश्‍यों के लिए जारी कर दिया गया था। आरंभ में इसे 24 सैटेलाइटों के साथ प्रयोग किया गया था परंतु अभी आर्बिट में 31 जीपीएस सैटलाइट हैं। आपका स्‍मार्टफोन इन सैटेलाइटों के द्वारा एक जीपीएस जो आज के अधिकांश र्स्‍माटफोन और टैबलेट में हार्डवेयर का एक भाग होता है, के माध्‍यम से संचारित होता है। यह हार्डवेयर साफ्टवेयर के साथ एक ड्राइवर के माध्‍यम से जुड़ा होता है। अत: स्‍मार्टफोन जीपीएस सिग्‍नल में एरर के तीन मूल स्रोत होते हैं:- वर्तमान लोकेशन पर जीपीएस सैटेलाइटों की संख्‍या स्‍मार्टफोन में जीपीएस एन्‍टीना की गुणवत्‍ता ऑपरेटिंग सिस्‍टम में ड्राइवर का कार्यान्‍वयन इसके अतिरिक्‍त, जीपीएस सिग्‍नल किसी भी उस चीज से प्रभावित होता है जो आपके स्‍मार्टफोन में हमारे ऊपर घूमने वाले जीपीएस सैटेलाइटों से कमजोर प्रसारण प्राप्‍त कर बाधा डालता है। आस-पास के वृक्ष, कार, भवन, बड़े मौसमी तूफान सटीकता को कम करते हैं, और इस प्रकार किसी भवन के भीतर या पेड़ के नीचे होने पर भी सटीकता कम हो सकती है। सटीकता का क्‍या अर्थ होता है ? पहले संक्षिप्‍त में यह देखें कि सटीकता का क्‍या अर्थ है। तकनीकी अर्थ में सटीकता आपको जीपीएस से अक्षांश, देशांतर और सटीकता संख्‍या प्राप्‍त होती है। तब आप सटीकता संख्‍या को रेडियस के रूप में उपयोग करते हुए अक्षांश/देशांतर बिंदु के चारों ओर एक सर्कल खींच सकते हैं। इसकी अत्‍यधिक संभावना है कि आपकी वास्‍तविक लोकेशन उस सर्कल के भीतर ही कहीं है। यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि साधारणतया, मोबाइल जीपीएस डिवाइसेज़ प्रोबेबिलिटी फैक्‍टर के साथ नहीं आते हैं जो यह संकेत देते हैं कि इस सटीकता संख्‍या पर कितना विश्‍वास किया जाए। इसी रूप में हमें इस पर कुछ भरोसा करना होगा कि हमारी वास्‍तविक लोकेशन वास्‍तव में कहीं न कहीं इसी सटीकता के भीतर है। जब सी विजिल खोला जाता है तो बिल्‍कुल सही परिस्थितियों में आपका खास स्‍मार्टफोन जीपीएस चिप एक बार में कई मिनटों के लिए लगभग 3 मीटर (~10 फीट) की सटीकता डिलीवर करेगा। आकाश में बिना बादल के हिमालय पर्वत की ऊंची चोटी पर खड़े होने पर सही स्थिति के करीब हो सकता है। किस परिस्थिति को मैं ‘’औसत’’ परिस्थितियां कहूंगा जो दिन-प्रतिदिन के इन-सिटी(शहर के भीतर) उपयोग पैटर्नों में परिलक्षित होती हैं, आप 3-150 मीटर (10फीट-500फीट) या और अधिक तक की सटीकता की उम्‍मीद कर सकते हैं और सटीकता संख्‍या में मिनटों या घंटों की कालावधि में विशेष रूप से थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसी स्थिति में हम सटीकता 100 मीटर से कम करने का प्रयास करते हैं। ‘हाई एकुरेसी’ मोड को ऑन रखें सबसे अच्‍छा सिग्‍नल प्राप्‍त करने के लिए आपको सामान्‍य से अधिक बैटरी का उपयोग करने के लिए तैयार रहना होगा। यह एक अनिवार्य त्‍याग है, और इसे आप बाद में हमेशा रिवर्स कर सकते हैं जब आपको जीपीएस के उपयोग की और अधिक आवश्‍यकता न हो। इसे सक्रिय करना आसान है; केवल कुछ चरणों का पालन करें और आप यह सही तरह से कर पाएंगे। अपनी ‘सैटिग्‍ंस’ पर जाएं और ‘लोकेशन’ पर टैप करें और सुनिश्चित करें आपकी ‘लोकेशन’ सेवाएं चालू हैं। आपको इसे अपनी स्‍क्रीन के शीर्ष पर दाएं हाथ की ओर खिसकाना चाहिए। यह हरा होना चाहिए और यह दाईं ओर होना चाहिए। अब, ‘लोकेशन’ के अंतर्गत पहली श्रेणी ‘मोड’ होनी चाहिए, उस पर ‘टैप’ करें और यह सुनिश्चित करें कि यह हाई एक्‍यूरेसी पर व्‍यवस्थित हो गया है। यह आपकी लोकेशन का पता लगाने के लिए आपके जीपीएस के साथ-साथ आपके वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क का भी प्रयोग करता है। इसमें ज्‍यादा बैटरी का प्रयोग होगा, परंतु आपको, जहां तक संभव हो, सबसे सही लोकेशन देने के लिये सभी उपलब्‍ध पद्धतियों का प्रयोग करेगा। सी-विजिल स्‍वत: ही हाई एक्‍यूरेसी मोड का प्रयोग करने का प्रयास करता है परंतु कभी-कभी यह असफल भी हो सकता है। अत:, उपर्युक्‍त पद्धतियां सी-विजिल के प्रभावी रूप से कार्य करने में मदद करेंगी। जीपीएस को पुन: अंशांकन करने हेतु कंपास ऐप का प्रयोग करना यदि आपको यह संदेह है कि आपकी कंपास सही ढंग से काम नहीं कर रही है, तो आप इस कंपास को पुन: अंशांकित कर सकते हैं। इसके लिए आपको कंपास ऐप की आवश्‍यकता होगी। कुछ फोनों में यह सुविधा पहले से ही विद्यमान होती है। यदि ऐसा हो तो, इसे चालू करें और पुन: अंशांकन की प्रक्रिया अपनाएं ताकि आपके जीपीएस सिग्‍नल को अति अपेक्षित रिफ्रेश मिल सके। यदि आपकी एंड्रायड डिवाइस में कंपास ऐप नहीं है तो आप इसे प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड कर सकते हैं और इसे इसी प्रकार करें। कंपास गैलेक्‍सी एक अच्‍छा और विश्‍वसनीय विकल्‍प है। जीपीएस सिग्‍नल को सक्रिय रखें एक ऐप्‍प से दूसरे ऐप्‍प में जाते समय हम जिस मुख्‍य समस्‍या का सामना करते हैं वह है बैटरी बचाने के लिए जीपीएस को बंद करना। उदाहरणार्थ, यदि आप सी-विजिल का प्रयोग कर रहे हैं और अपने हाल ही के संदेशों को देखना चाहते हैं, तो आपका जीपीएस बंद हो सकता है। तथापि, आप अपना जीपीएस सिग्‍नल सक्रिय रख सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको अवश्‍य ही जीपीएस ऐप्‍प इंसटाल करना चाहिए। हम क्‍नेक्टिड जीपीएस की सिफारिश करते हैं। यह एक सरल ऐप्‍प है और यह कमाल करता है। यह ध्‍यान में रखें कि ऐसा करने से बैटरी की लाइफ कम हो सकती है। जीपीएस कनेक्टिड पता लगाएं कि आपकी जीपीएस समस्‍याएं हार्डवेयर संबंधी हैं या सॉफ्टवेयर संबंधी: जीपीएस इसेंशियल निशुल्‍क एंड्राएड ऐप से आप यह पता लगा सकते हैं कि क्‍या जीपीएस का खराब सिग्‍नल हार्डवेयर की समस्‍या है या सॉफ्टवेयर की समस्‍या। जीपीएस इसेंशियल मुख्‍य मेन्‍यू में ‘सेटेलाइट’ को टैप करें, तत्‍पश्‍चात यह देखें (आपको आश्‍चर्य होगा) कि आपका फोन पृथ्‍वी के ‘सेटेलाइट’ से कनेक्‍ट हो रहा है। यदि कोई सेटेलाइट दिखाई नहीं देता है तो यह आपके पास धातु की वस्‍तुओं यथा एफएसटी जीप, आपके स्‍मार्टफोन केस से व्‍यवधान के कारण या आपका जीपीएस हार्डवेयर ठीक से काम नहीं करने के कारण हो सकता है। यदि सैटेलाइट तो दिखाई देता है परंतु आपका जीपीएस फिर भी काम नहीं कर रहा है, तो यह सॉफ्टवेयर की समस्‍या है। अपने जीपीएस डाटा को रीफ्रेश करें कभी-कभी आपकी डिवाइज़ कतिपय जीपीएस सैटेलाइट्स पर आकर ‘अटक’ जाएगी भले ही वे रेंज के अंतर्गत न हों, और इसकी वजह से यह ठीक से कार्य नहीं करेगी। इसे ठीक करने के लिए आप जीपीएस स्‍टेटस और टूलबॉक्‍स जैसे ऐप्‍प का प्रयोग कर सकते हैं ताकि आप अपने जीपीएस डाटा को क्लियर कर सकें और नए सिरे से सैटेलाइट से जुड़ना शुरू हो जाए। इस ऐप्‍प में, स्‍क्रीन पर कहीं भी टैप करें और फिर ‘मेन्‍यू ऑईकॉन’ पर टैप करें और ‘मैनेज ए-जीपीएस’ पर हिट करें। ‘रीसेट’ पर टैप करें और बाद में जब यह पूरा हो जाए तो मैनेज ए-जीपीएस स्‍टेट’ मेन्‍यू पर वापिस जाएं और डाउनलोड पर टैप करें। आपका जीपीएस डाटा अब ‘रिफ्रेश’ हो जाना चाहिए और यदि यह पुन: चालू हो जाता है तब इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं। जीपीएस स्‍टेटस और टूलबॉक्‍स बाहरी जीपीएस रिसीवर प्राप्‍त करें यदि आपका स्‍मार्टफोन जीपीएस पर्याप्‍त नहीं हो, तो आपके लिए यह उपयुक्‍त होगा कि आप एक बाहरी रिसीवर प्राप्त कर लें। इसे ब्‍लूटुथ के माध्‍यम से स्‍मार्टफोन से जोड़ा जा सकता है और उसी चार्जर से रीचार्ज किया जा सकता है। कार्मिकों के रूप में यह बहुत महत्‍वपूर्ण है कि सी-विजिल मामलों को रिपोर्ट करने के लिए आपकी सी-विजिल एप्‍लीकेशन, जीपीएस डाटा का भली प्रकार उपयोग करती है, रिपोर्ट दर्ज करती है और इनवेस्‍टीगेटर को जिला कलेक्‍टर डैशबोर्ड पर प्रदर्शित करती है। इन उपायों से आप आदर्श आचार संहिता/व्‍यय उल्‍लंघन संबंधी मामलों को समझदारी से हैंडल करने में भारत निर्वाचन आयोग की मदद कर सकते हैं।
  4. वर्तमान में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें करने और ट्रैक करने के लिए द्रुत सूचना चैनल की कमी है। आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन की रिपोर्ट में देरी के परिणामस्वरूप निर्वाचन आयुक्त के उड़न दस्ते, जिन्हें आदर्श आचार संहिता को लागू करने का कार्य सौंपा गया है, अक्सर अपराधियों का पता नहीं लगा पाते हैं। इसके अलावा, चित्र या वीडियो के रूप में किसी भी प्रलेखित छेड़छाड़ रहित साक्ष्य की कमी घटना घटने के उपरांत शिकायत की सत्यता स्थापित करने में एक बड़ी बाधा थी। आयोग के अनुभव ने यह भी दर्शाया है कि बहुत बड़ी संख्या में झूठी अथवा गलत सूचनाएं दी गई थी, जिसके कारण फील्ड इकाइयों का बहुमूल्य समय व्यर्थ हुआ। इसके अलावा, भौगोलिक स्थान के विवरणों की मदद से घटना की त्वरित और सटीक रूप से पहचान करने के लिए एक मजबूत प्रतिक्रिया प्रणाली नहीं होने से समय से मौके पर पहुंचकर उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ने के लिए निर्वाचन अधिकारियों की क्षमता बाधित हुई। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सीविजिल ऐप से इन सभी कमियों को दूर होने और फास्ट-ट्रैक कम्प्लेन रिसेप्शन और निवारण प्रणाली बनने की उम्मीद है। सीविजिल नागरिकों के लिए निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय संबंधी उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए एक नवोन्मेषी मोबाइल ऐप्लिकेशन है। ‘सीविजिल’ का अर्थ जागरूक नागरिक है और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन में नागरिकों द्वारा निभाई जा सकने वाली सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका पर जोर देती है। सीविजिल एक उपभोक्ता अनुकूल एंड्रॉइड एप्लिकेशन है जिसे संचालित करना आसान है, जिसका उपयोग उपचुनाव / विधानसभा / संसदीय निर्वाचनों की अधिसूचनाओं की तारीख से उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है। इस ऐप की विशिष्टता यह है कि यह केवल लाइव फोटो / वीडियो और ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन ही कैप्चर करता है ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य मिलना सुनिश्चित हो सके। इस ऐप को ऐसे किसी भी एंड्रॉइड (जेलीबीन और ऊपर) स्मार्टफोन कैमरा में इन्सटाल किया जा सकता है जिसमें कैमरा, अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और जीपीएस एक्सेस हो। इस एप्लिकेशन का उपयोग करके, नागरिक राजनीतिक कदाचार की घटनाओं को देखते ही तत्काल कुछ ही मिनट में इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी नहीं जाना पड़ेगा। सीविजिल जागरूक नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (फ्लाइंग स्क्वॉड) / स्थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली का निर्माण होता है। शिकायत दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की केवल एक तस्वीर या 2 मिनट का वीडियो बनाएं और संक्षिप्त में इसका वर्णन कर दें। शिकायत के साथ कैप्चर की गई जीआईएस जानकारी स्वतः इसे संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाती है, जिससे फ्लाइंग स्क्वॉड को कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर भेज दिया जाता है। सीविजिल ऑपरेटिंग मॉडल निम्नानुसार कार्य करेगा: चरण 1- नागरिक एक तस्वीर पर क्लिक करता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करता है। फोटो / वीडियो को भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा स्वचालित लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड किया जाता है। इसके सफलतापूर्वक सबमिशन के बाद, इसे ट्रैक करने और अपने मोबाइल पर अपडेट प्राप्त करने के लिए नागरिक को एक यूनिक आईडी मिलती है। नागरिक इस तरह से कई घटनाओं की रिपोर्ट कर सकता है और उसे अनुवर्ती अपडेट के लिए प्रत्येक रिपोर्ट के लिए एक विशिष्ट आईडी प्राप्त होगी। ऐप के प्रयोक्ता के पास सीविजिल ऐप के माध्यम से बेनामी रूप से शिकायतें दर्ज करने का विकल्प होता है। उस स्थिति में, सिस्टम को मोबाइल नंबर और अन्य प्रोफ़ाइल संबंधी विवरण नहीं भेजे जाते हैं। हालांकि, बेनामी शिकायतों के मामले में, प्रयोक्ता को आगे की स्थिति के संदेश नहीं मिलेंगे क्योंकि सिस्टम फोन के विवरण को कैप्चर नहीं करेगा। हालांकि, नागरिकों के पास संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से ऐसी शिकायतों पर अनुवर्ती कार्रवाई संबंधी सूचना का विकल्प है। चरण 2- नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में आ जाती है, जहाँ से उसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है। एक फील्ड यूनिट में उड़न दस्ता, स्थैतिक निगरानी टीम, रिजर्व टीम आदि होते हैं। प्रत्येक फील्ड यूनिट में एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल इंवेस्टीगेटर’ कहा जाता है, जिससे फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों और नेविगेशन तकनीक का अनुसरण करके सीधे लोकेशन पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है। चरण 3- फील्ड यूनिट में शिकायत पर कार्रवाई होने के बाद, उनके द्वारा निर्णय और निपटान के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्वेषक ऐप के माध्यम से फ़ील्ड रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाती है। यदि घटना सही पाई जाती है, तो सूचना को भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाता है और जागरुक नागरिक को 100 मिनट के भीतर स्थिति के बारे में सूचित किया जाता है। इस ऐप के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस ऐप में अंतर्निहित विशेषताएं हैं। कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे सूचीबद्ध हैं: सीविजिल ऐप्लीकेशन केवल उन राज्यों की भौगोलिक सीमा के भीतर उपयोग की जा सकेगी, जहां निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हैं। सीविजिल प्रयोक्ता को चित्र या वीडियो क्लिक करने के बाद किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए 5 मिनट का समय मिलेगा। ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई छवियों / वीडियो को अपलोड नहीं करने देगा, न ही यह प्रयोक्ताओं को सीधे फोन गैलरी में इस ऐप से क्लिक की गई तस्वीरों / वीडियो को सेव करने देगा। सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने और एक ही स्थान से शिकायतों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए, सिस्टम एक ही व्यक्ति द्वारा एक के बाद लगातार शिकायतों के बीच 5 मिनट का विलम्ब रखता है। जिला नियंत्रक के पास फील्ड यूनिट को केस सौंपे जाने से पहले ही डुप्लिकेट, मामूली और अप्रासंगिक मामलों को छोड़ने का विकल्प होता है। सीविजिल ऐप्लिकेशन का उपयोग केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। यदि सीविजिल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत शिकायतें दर्ज की जाती हैं या सीविजिल शिकायत का डिजिटल अनुलग्नक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से असंबंधित पाया जाता है, तो जिला नियंत्रक किसी भी आगे की कार्रवाई के बिना किसी सीविजिल शिकायत को छोड़ सकता है। इसलिए, नागरिकों को शिकायतों को दर्ज करने के लिए ईसीआई की मुख्य वेबसाइट का उपयोग करने या 1800111950 पर राष्ट्रीय संपर्क केंद्र में या 1950 में राज्य संपर्क केंद्र में कॉल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है प्रेस नोट डाउनलोड करें: PN46_03072018.pdf (अंग्रेजी) | PN46_hindi_03072018.pdf (हिंदी)
  5. Version 2

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    सी विजिल मैनुअल Every citizen can lodge a complaint through the Mobile App. Flying Squads investigate the matter and the Returning Officer takes the decision. The status of cVIGIL is shared with the cVIGIL complainant within 100 minutes. The manual is meant for citizens, Chief Electoral Officers, District Election Officers, Returning Officers, FLying Squads, Observer and Election Commission of India Officials. The latest updates are, however, available at ECI TECH SUPPORT.
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    भा.नि.आ./प्रे.नो./16/2019 दिनांक 08.02.2019 प्रेस नोट विषय : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी साधारण निर्वाचन 2019 के लिए मतदाता सत्‍यापन सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) का शुभारंभ भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी साधारण निर्वाचन 2019 के लिए नागरिकों हेतु उनके नामों, नए रजिस्ट्रीकरणों, मतदाता विवरणों में परिवर्तनों और मतदाता पहचान पत्रों में शुद्धि के लिए मतदाता सत्‍यापन एवं सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) का शुभारंभ किया है। भारत निर्वाचन आयोग ने इस वीवीआईपी कार्यक्रम के लिए अनेक चैनलों से मदद ली है। भारत निर्वाचन आयोग ने समस्त भारत में सभी जिलों में सम्पर्क केन्द्र भी स्थापित किए हैं। वोटर हेल्पलाइन नम्बर 1950 है। कॉल करने वालों की सहायता करने के लिए सम्पर्क केन्द्रों में नवीनतम सूचना एवं टेलीकॉम अवसंरचना उपलब्ध करवाई गई है । साधारण निर्वाचन 2019 के संचालन के लिए वीवीआईपी कार्यक्रम का शुभारंभ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग से संबंधित 2 दिवसीय गहन प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दौरान किया गया था । प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य अपर निर्वाचन अधिकारियों, आईटी प्रभारियों, नोडल अधिकारियों, राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों एवं तकनीकी रिसोर्स व्यक्तियों ने भाग लिया । इस अवसर पर बोलते हुए, निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अशोक लवासा ने कहा कि प्रौद्योगिकी की ताकत यह है कि इसे सभी लोगों के इस्‍तेमाल करने के लिए आसान बनाया जा सकता है। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे व्‍यक्तियों को इन विषयों को आत्मसात करने और आगे इन्‍हें सभी को व्यापक रूप से समझाने के लिए प्रोत्साहित किया । श्री लवासा ने प्रतिभागियों को स्मरण दिलाया कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों का केन्द्रीय थीम निर्वाचनों को अधिकाधिक समावेशी बनाना है। इन एप्‍लीकेशनों के प्रयोग से, उचित प्रतिक्रियाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए क्योंकि नागरिक अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाओं की मांग करते हैं । मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि प्रौद्योगिकी वास्तव में एक प्रमुख स्थिति परिवर्तक है । प्रशिक्षण कार्यशालाओं में मुख्य उद्देश्य सुनना, सीखना, आत्मसात करना और उसका उपयोग करना होना चाहिए । उन्होंने संकेत दिया कि अब निर्वाचनों में कुछ ही समय बचा है और जो कुछ भी सीखा हुआ है उसे पूरी तरह समेकित करके मतदाता को सुविधाएं प्रदान करने में उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए । सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों को जिन एप्लीकेशन के लिए प्रशिक्षण दिया गया था उनमें से एक महत्वपूर्ण एप्लीकेशन सी विजिल था । सी विजिल एप आदर्श आचार संहिता / व्यय उल्लंघन का समय अंकित करते हुए, साक्ष्य आधारित सबूत उपलब्ध करवाता है जिसमें अपने आप अवस्थिति सम्‍बन्‍धी आंकड़ों के साथ-साथ सजीव फोटो / वीडियो आ जाते हैं । कोई भी नागरिक मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है । उसके बाद उड़न दस्ते मामले की छानबीन करते हैं और रिटर्निंग अधिकारी निर्णय लेता है । निर्धारित समय सीमा के भीतर सी विजिल की वस्‍तुस्थिति को सी विजिल शिकायतकर्ता के साथ साझा किया जा सकता है । इस अवसर पर सी विजिल प्रयोक्ता मैनुअल एवं ईवीएम प्रबंधन प्रणाली प्रयोक्ता मैनुअल भी जारी किए गए । आज 'वोटर हेल्पलाइन' नामक एक नया एंड्राएड आधारित मोबाइल एप भी शुरू किया गया । यह एप सभी नागरिकों को निर्वाचक नामावली में अपने नामों को ढूंढने, ऑनलाइन फार्म भेजने, एप्लीकेशन की स्थिति की जांच करने, शिकायत दर्ज करने और अपने मोबाइल एप पर उत्तर प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है । इस मोबाइल एप के माध्यम से सभी फार्म, परिणाम, अभ्यर्थी शपथ पत्र, प्रेस नोट, मतदाता जागरूकता और महत्वपूर्ण अनुदेश उपलब्ध हैं । दिव्यांग व्यक्तियों को नए रजिस्ट्रीकरण, पते में परिवर्तन, विवरणों में परिवर्तन और मोबाइल एप्लीकेशन के प्रयोग से स्वयं को दिव्यांग व्यक्ति के रूप में चिन्हित करने के लिए आवेदन करने में सहायता करने हेतु एक 'दिव्यांग एप' भी शुरू किया गया था । दिव्यांग व्यक्तियों के केवल सम्पर्क विवरणों को प्रविष्ट करते ही, बूथ स्‍तरीय अधिकारी के पास उनकी दहलीज तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए संदेश पहुंच जाता है। दिव्यांग व्यक्ति मतदान के दौरान व्हीलचेयर की भी मांग कर सकते हैं । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी के प्रयोग से मौजूदा निर्वाचन प्रणाली का संवर्धन होने के अलावा नूतन निर्वाचन कार्यकलापों का भी प्रचार हुआ है । निर्वाचनों के प्रभावी संचालन के लिए, भारत निर्वाचन आयोग को निर्वाचनों की दिन-प्रतिदिन की प्रक्रियाओं में सुव्यवस्थित प्रौद्योगिकी के प्रयोग को समेकित करने का एक मार्ग प्राप्त हो गया है ।
  7. Participate in enforcing the Model Code of Conduct Violations.
  8. Webmaster

    सीविजिल रैली

    To promote the use of cVIGIL
  9. Webmaster

    cVIGIL for Android and iPhone

    The cVIGIL app is available for both android and iOS devices.
  10. Webmaster

    cVIGIL Mobile App

    cVIGIL is a mobile app for reporting model code of conduct violations.
  11. From the album: ICT workshop for General Elections 2019

    A CVigil User Manual and the EVM Management System User Manual was released on the occasion of ICT workshop for General Elections 2019

    © ECI

  12. Use cVIGIL from the date of announcement of elections to lodge Model Code of Conduct Violation and Expenditure Violations. Download from Goolge play store.
  13. New coverage of Chief Election Commissioner about cVIGIL
  14. 1,109 downloads

    cVIGIL is an Online application for citizens to report on model code of conduct violations during the election period. The application is called as cVIGIL, denoting Vigilant Citizen and the proactive and responsible role he can play in the conduct of free and fair elections. By using the cVIGIL app, citizens can promptly report unlawful campaign activities within minutes of having witnessed them and without having to rush to the office of the returning officer. cVIGIL is a simple, Android based- Mobile App which is user-friendly and easy to operate. All that one has to do is simply click a picture or a video, describe the activity and upload it through mobile application. This will enable the flying squads to reach the spot in a matter of few minutes. The application connects the vigilant citizen with District Control Room, Returning Officer and Field Verification Unit (Flying Squads / Static Surveillance Teams) thereby, creating a rapid and accurate reporting, action and monitoring system.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

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