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    विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप- निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित अनुदेश- तत्संबंधी।
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    ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थगन मतदान एवं आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन - आदर्श आचार सहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश।
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2022 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई- तत्संबंधी।
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।
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    आदर्श आचार संहिता लागू होना- गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022-तत्संबंधी।
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    सं. ईसीआई/पीएन/86/2021 दिनांकः 21 अक्तूबर, 2021 प्रेस नोट विषयः संपूर्ण जिले में उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होना-तत्संबंधी। आयोग के ध्यान में यह लाया गया है कि आयोग के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीएसएस दिनांक 29 जून, 2017, में निहित, अनुदेश के संदर्भ में जिसे पत्र सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु./प्रका-/एमसीसी/2017 दिनांक 18 जनवरी, 2018 में पुनः दोहराया गया था कि यदि निर्वाचन-क्षेत्र में राज्य की राजधानी/महानगर/नगर निगम शामिल हैं, तो आदर्श आचार संहिता अनुदेश केवल संबंधित निर्वाचन-क्षेत्र के इलाके में ही लागू होंगे। अन्य सभी मामलों में, उपर्युक्त अनुदेश ऐसे संपूर्ण जिले (लों) पर लागू होंगे, जिनमें उप निर्वाचन (नों) होने वाले निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इन अनुदेशों की भावना यह रही है कि विकासात्मक तथा प्रशासनिक कार्य आदर्श आचार संहिता के निहितार्थ के बिना जारी रहने चाहिए और उप-निर्वाचन के लिए चुनाव-प्रचार केवल संबंधित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र/विधान-सभा निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित होना चाहिए। तथापि, ऐसी स्थिति हो जाती है कि चल रहे उप-निर्वाचन जैसी राजनैतिक गतिविधियां संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र/विधान-सभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर लेकिन जिला के अन्दर संचालित की जा सकती हैं। ऐसी गतिविधियां उपर्युक्त अनुदेशों की भावना के विपरित होंगी। इस तरह यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि जिले के भीतर कही भी प्रगतिरत उप निर्वाचन से संबंधित चुनावी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, तो एमसीसी, कोविड तथा व्यय अनुवीक्षण के प्रवर्तन से संबंधित सभी अनुदेश वैसे ही लागू होंगे जैसे राजनैतिक गतिविधियों के मामले में लागू होते हैं। संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसे मामलों में सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे और कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
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    सं. 437/6/1/ईसीआई/आईएनएसटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2021 दिनांकः 28 सितम्बर, 2021 सेवा में, 1. मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 2. मुख्य सचिवः- क) आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी; ख) असम सरकार, दिसपुर; ग) बिहार सरकार, पटना; घ) हरियाणा सरकार, चंडीगढ़; ङ) हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला; च) कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू; छ) मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल; ज) महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई; झ) मेघालय सरकार, शिलांग; ञ) मिजोरम सरकार, एजवाल; ट) नागालैंड सरकार, कोहिमा; ठ) राजस्थान सरकार, जयपुर; ड) तेलंगाना सरकार, हैदराबाद; ढ) पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता; ण) दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार 3. मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- क) आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी; ख) असम सरकार, दिसपुर; ग) बिहार सरकार, पटना; घ) हरियाणा सरकार, चंडीगढ़; ङ) हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला; च) कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू; छ) मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल; ज) महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई; झ) मेघालय सरकार, शिलांग; ञ) मिजोरम सरकार, एजवाल; ट) नागालैंड सरकार, कोहिमा; ठ) राजस्थान सरकार, जयपुर; ड) तेलंगाना सरकार, हैदराबाद; ढ) पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता; ण) दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार विषय:- विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/83/2021, दिनांक 28 सितम्बर, 2021 के तहत निम्‍नलिखित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की है:- राज्‍य का नाम निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्‍या दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र दादरा और नागर हवेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आंध्र प्रदेश 124-बाडवेल (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र असम 28-गोस्साईगाँव विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 41-भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 58-तमुलपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 101-मरियानी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 107-थोवरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार 78-कुशेश्वर स्थान (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 164-तारापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा 46-ऐलनाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश 2-मण्डी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 08-फतेहपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 50-अर्की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 65-जुब्बल-कोटखाई विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र कर्नाटक 33-सिन्डगी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 82-हानगल विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश 28-खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 45-पृथ्वीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 62-रैगाँव (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 192-जोबट (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र 90-देगलुर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मेघालय 13-मावरेंगकेंग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 24-मावफलांग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 47-राजबाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मिजोरम 4-तुईरिअल (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र नागालैंड 58-शामटोर-चेस्सोरे (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान 155-वल्लभनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 157-धरियावद (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र तेलंगाना 31-हुजूराबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल 7-दिनहाटा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 86-सान्तिपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 109-खारडाह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 127-गोसाबा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 2. आदर्श आचार संहिता के प्रावधान आयोग द्वारा इसके पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017, पत्र सं. 437/6/एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2017, दिनांक 18 जनवरी, 2018 और पत्र सं. 437/6//एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2019, दिनांक 14 अक्तूबर, 2019 (प्रति संलग्‍न) के तहत यथा जारी आंशिक संशोधनों के अध्‍यधीन उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिनमें उप-निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का सम्‍पूर्ण या कोई भाग अवस्थित है। 3. इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए। भवदीय, ह./- (अश्वनी कुमार मोहाल) सचिव
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    सं. 437/6/1/ईसीआ/अनु./प्रका./एमसीसी/2021 दिनांकः 16 मार्च, 2021 सेवा में, 1. मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 2. मुख्य सचिवः- क) आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापूडी; ख) गुजरात, गांधीनगर; ग) झारखंड, रांची; घ) कर्नाटक, बेंगलूरू; ङ) मध्य प्रदेश, भोपाल; च) महाराष्ट्र, मुम्बई; छ) मिजोरम, एजवाल; ज) नागालैंड, कोहिमा; झ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ञ) राजस्थान, जयपुर; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; ठ) उत्तराखंड, देहरादून; 3. मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- क) आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापूडी; ख) गुजरात, गांधीनगर; ग) झारखंड, रांची; घ) कर्नाटक, बेंगलूरू; ङ) मध्य प्रदेश, भोपाल; च) महाराष्ट्र, मुम्बई; छ) मिजोरम, एजवाल; ज) नागालैंड, कोहिमा; झ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ञ) राजस्थान, जयपुर; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; ठ) उत्तराखंड, देहरादून; विषय:- विभिन्न राज्यों की संसदीय/राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने दिनांक 16 मार्च, 2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./28/2021 के तहत विभिन्न राज्‍यों में निम्‍नलिखित संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन की अनुसूची की घोषणा की है:- राज्‍य का नाम निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्‍या आन्ध्र प्रदेश 23-तिरुपति (अ. जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गुजरात 125-मोरवा हडफ (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र झारखंड 13-मधुपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र कर्नाटक 2-बेलगाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 47-बासवकल्याण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 59-मास्की (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश 55-दमोह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र 252-पंढरपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मिजोरम 26-सेरछिप (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र नागालैंड 51-नोकसेन (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र ओडिशा 110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान 24-सुजानगढ़ (अ. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 175- राजसमन्द विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 179-सहाड़ा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र तेलंगाना 87-नागार्जुन सागर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखंड 49-सल्ट विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 2. आदर्श आचार संहिता के प्रावधान आयोग द्वारा दिनांक 29 जून, 2017 के इसके पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस तथा दिनांक 18 जनवरी, 2018 के पत्र सं. 437/6/विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्या/एमसीसी/2017 और दिनांक 14 अक्तूबर, 2019 के पत्र सं. 437/6//विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्या/एमसीसी/2019 (प्रति संलग्‍न) के तहत यथा जारी आंशिक संशोधनों के अध्‍यधीन उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिनमें उप-निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का सम्‍पूर्ण या कोई भाग अवस्थित है। 3. इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।
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    Immediate action to be taken for enforcement of Model Code of Conduct after announcement of General Elections to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 and Bye elections to the Parliamentary Constituencies of Malappuram, Kerala State and Kanniyakumari, Tamil Nadu State - regarding.
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    सं.: 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या/एमसीसी/2020 दिनांक: 29 सितम्बर, 2020 सेवा में 1. मत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्‍ट्रपति भवन, नई दिल्‍ली। निम्‍नलिखित सरकारों के मुख्‍य सचिव:- क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ 3. मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी:- क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ विषयः बिहार के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और भिन्न राज्यों की राज्य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन - आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश - तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/67/2020, दिनांक 29 सितम्बर, 2020 के तहत विभिन्न राज्यों के निम्नलिखित संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्तियों को भरने हेतु उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की हैः- राज्य का नाम निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्या बिहार 1-वाल्मीकिनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र छत्तीसगढ़ 24-मरवाही (अ.ज.जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र गुजरात 01-अबडासा विधान निर्वाचन क्षेत्र 61-लींबडी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 65-मोरबी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 94-धारी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 106-गढडा (अ.जा.) विधान निर्वाचन क्षेत्र 147-करजण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 173-डांग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 181-कपराडा (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा 33-बरोदा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र झारखंड 10-दुमका (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 35-बेरमो विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र कर्नाटक 136-सिरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 154-राजाराजेश्वरीनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश 04-जौरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 05-सुमावली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 06-मुरैना विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 07-दिमनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 08-अम्बाह (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 12-मेहगांव विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 13-गोहद (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 15-ग्वालियर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 16-ग्वालियर (पूर्व) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 19-डबरा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 21-भाण्डेर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 23-करेरा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 24-पोहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 28-बामोरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 32-अशोकनगर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 34-मुंगावली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 37-सुरखी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 53-मलहरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 87-अनूपपुर (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 142-सांची (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 161-ब्यावरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 166-आगर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 172-हाटपिपल्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 175-मांधाता विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 179-नेपानगर (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 202-बदनावर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 211-सांवेर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 226-सुवासरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मणिपुर 30-लिलोंग विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 34-वाँग्जिंग टेन्‍था विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र नागालैंड 14-दक्षिणी अंगामी-I (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 60-पुंगरो-किफिरे (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र ओडिशा 38-बालासौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 102-तिरतोल (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र तेलंगाना 41-डुब्बक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश 40-नौगावां सादात विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 65-बुलंदशहर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 95-टूण्डला (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 162-बांगरमऊ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 218-घाटमपुर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 337-देवरिया विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 367-मल्हनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 2. आदर्श आचार सहिंता के उपबंध, आयोग द्वारा जारी पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस दिनांक 29 जून, 2017 और सं. 437/6/विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्य/एमसीसी/2017 दिनांक 18 जनवरी, 2018 (प्रतियां संलग्न) के आंशिक आशोधन के अध्यधीन, उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं जिनमें उप निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का संपूर्ण अथवा कोई भाग सम्मिलित है। 3. इसे कृपया सभी संबंधितों के ध्यान में लाएं।
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    सं.437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक: 25 सितम्बर, 2020 सेवा में मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार,राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली। मुख्य सचिव, बिहार सरकार,पटना, और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार,पटना। विषय : आदर्श आचार संहिता लागू होना-बिहार की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2020- तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग ने बिहार की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की उद्घोषणा की है। (प्रेस नोट सं.ईसीआई/प्रे.नो./64/2020, दिनांक 25 सितम्बर, 2020 जो आयोग की वेबसाइटwww.eci.gov.in पर उपलब्ध है)। 2. इस उद्घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और तब तक लागू रहेंगे जब तक बिहार की विधान सभा में साधारण निर्वाचन सम्पन्न न हो जाएं। इसे केन्द्र और राज्य सरकार, सभी मंत्रालयों/विभागों और केन्‍द्र सरकार / राज्‍य सरकार के सभी कार्यालयों के ध्‍यान में लाया जाए। आपके द्वारा जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति सूचना एवं रिकार्ड हेतु भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाए। 3. आपका ध्‍यान ‘सत्‍तासीन दल’ से संबंधित आदर्श आचार संहिता के उपबंधों की ओर आकृष्‍ट किया जाता है जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह कहा गया है कि सत्तासीन दल, चाहे केन्‍द्र में या संबंधित राज्‍य में यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी ऐसी शिकायत के लिए कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए शासकीय हैसियत का प्रयोग किया है और विशेष रूप से :- (i) (क) मंत्री अपने शासकीय दौरे को निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य से नहीं मिलाएंगे और निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य के दौरान शासकीय क्षेत्र या कार्मिकों का उपयोग भी नहीं करेंगे; (ख) सरकारी हवाई-जहाज, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, तंत्र एवं कार्मिकों का उपयोग सत्तासीन दल के हित को प्रोत्‍साहित करने के लिए नहीं किया जाएगा; (ii) निर्वाचन सभाओं को आयोजित करने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों जैसे मैदानों आदि का उपयोग और निर्वाचनों के संबंध में एयरक्राफ्ट के लिए हैलीपैड का प्रयोग अपने द्वारा एकाधिकार रूप से नहीं किया जाएगा। अन्‍य दलों और अभ्‍यर्थियों को उन्‍हीं शर्तों एवं निबंधनों के आधार पर ऐसे स्‍थानों एवं सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन शर्तों एवं निबंधनों पर सत्तासीन दल द्वारा उनका उपयोग किया जाता है; (iii) जहां के लिए निर्वाचनों की घोषणा हुई है या जहां निर्वाचन हो रहे हैं, वहां के विश्राम गृह, डाक बंगला या अन्‍य सरकारी आवास को उपयोग करने के लिए किसी राज्य द्वारा जैड स्केल सुरक्षा प्रदान किए गए राजनीतिक पदाधिकारियों को या जिन्हें विभिन्न राज्यों में या केन्द्र सरकार में इससे ऊपर या इसके समकक्ष स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है, को एक समान आधार पर उपयोग करने के लिए प्रदान किए जाएंगे।यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसा आवास पहले से ही निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारियों या प्रेक्षकों को आबंटित न हो या उनके द्वारा धारित न हो। सरकारी आवास गृह/विश्राम गृह या अन्य सरकारी आवास इत्यादि में ठहरने के समय ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं करेंगे। यर्थ (iv) समाचार पत्रों और अन्‍य मीडिया में सरकारी खजाने की लागत से विज्ञापन जारी करने और राजनैतिक समाचारों के दलगत कवरेज के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान शासकीय मास मीडिया के दुरुपयोग तथा सत्तासीन दल की प्रत्‍याशाओं को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उपलब्धियों के बारे में प्रचार से निष्‍ठापूर्वक बचा जाना चाहिए; (v) मंत्री और अन्य प्राधिकारी, आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा किए जाने के समय से विवेकाधीन निधियों में से अनुदानों/भुगतानों को स्‍वीकृति प्रदान नहीं करेंगे; और (vi) आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा के समय से, मंत्री और अन्‍य प्राधिकारी – (क) किसी रूप में कोई वित्तीय अनुदानों की उद्घोषणा नहीं करेंगे या उनके लिए वचन नहीं देंगे; या (ख) किसी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशीला नहीं रखेंगे (लोक सेवकों के सिवाय); या (ग) सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं की व्‍यवस्‍था आदि के बारे में कोई वचन नहीं देंगे; या (घ) सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्तियां नहीं करेंगे, जिनमें सत्तासीन दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रभाव हो। 4. जैसा कि उपर्युक्‍त पैरा 3 {खंड IV} से ज्ञातव्य है, सरकारी खजाने की लागत से सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए इलेक्‍ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई विज्ञापन, प्रसारण या प्रिंट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी हो चुका है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्‍ट्रानिक मीडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को तत्‍क्षण रोक दिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आज से ही ऐसा कोई विज्ञापन किन्‍हीं भी समाचारपत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिंट मीडिया में प्रकाशित न किया जाए और इसे शीघ्र वापस ले लिया जाए। 5. इस संबंध में आयोग के दिनांक 5 मार्च, 2009 के पत्र सं. 437/6/2009-सीसीबीई के तहत जारी अनुदेश, आयोग की वेबसाइट “http://eci.gov.in/” पर उपलब्‍ध हैं जो आपकी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु ‘महत्वपूर्ण अनुदेश’ नामक शीर्षक के अन्तर्गत है।आपके मार्गदर्शन के लिए इस लिंक पर आयोग के अन्‍य सभी अनुदेश भी उपलब्‍ध हैं। 6. आयोग इसके अतिरिक्‍त यह निदेश देता है कि निर्वाचन के संचालन से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण पर पूरी रोक होगी। इनमें निम्‍नलिखित सम्मिलित होंगे किंतु वहीं तक सीमित नहीं होंगे:- (i) मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी और अपर/संयुक्‍त/उप मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी; (ii) मंडल आयुक्‍त; (iii) जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर एवं निर्वाचनों के संचालन से संबंधित राजस्‍व अधिकारी; (iv) निर्वाचनों के प्रबंधन से जुड़े पुलिस विभाग के अधिकारी यथा, रेंज महानिरीक्षक एवं उप महानिरीक्षक, वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी यथा, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्‍य पुलिस अधिकारी, जो लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के अधीन आयोग में प्रतिनियुक्‍त हैं; 7. निर्वाचन की उद्घोषणा की तारीख से पूर्व उपर्युक्‍त श्रेणियों के अधिकारियों की बाबत जारी किंतु आज की तारीख तक कार्यान्वित नहीं किए गए स्‍थानान्‍तरण आदेशों को इस संबंध में आयोग से विशिष्‍ट अनुमति लिए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए; 8. यह रोक निर्वाचन के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी। आयोग आगे यह और निदेश देता है कि राज्‍य सरकार को राज्‍य में निर्वाचन के प्रबंधन में भूमिका वाले वरिष्‍ठ अधिकारियों का स्‍थानान्‍तरण करने से बचना चाहिए। 9. ऐसे मामलों में, जहां प्रशासनिक अत्‍यावश्‍यकताओं के कारण किसी अधिकारी का स्‍थानान्‍तरण आवश्‍यक है, वहां संबंध राज्‍य सरकार को पूर्व स्‍वीकृति के लिए पूर्ण औचित्‍य के साथ आयोग से संपर्क करना चाहिए। 10. कृपया इस पत्र की पावती भेजी जाए।
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    ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक : 25 सितम्बर, 2020 सेवा में, मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। मुख्‍य सचिव बिहार सरकार, पटना, और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार, पटना। विषय : बिहार राज्य की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने बिहार विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित कराने के लिए अनुसूची की घोषणा की है। अतः आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उपबंधों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं:- 1. सम्पत्ति का विरूपण- पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2015-सीसीएस, दिनांक 29 दिसम्बर, 2015; सं. 437/6/अनुदेश/2012-सीसीएण्डबीई दिनांक 18 जनवरी, 2012 तथा सं. 3/7/2008/जेएस-II दिनांक 7 अक्तूबर, 2008 में निहित ईसीआई अनुदेशों में सम्पत्ति के विरूपण के रोकथाम का प्रावधान है। आयोग ने अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध रूप से कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित यथानिर्धारित निदेश दिए हैं- (क) सरकारी सम्पत्ति का विरूपण- इस प्रयोजन के लिए सरकारी परिसर में ऐसा कोई भी सरकारी कार्यालय तथा कैम्पस शामिल होगा, जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी सम्पत्ति पर मौजूद सभी प्रकार के भित्ति लेखन (वॉल राइटिंग), पोस्टर्स/पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट/होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचनों की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे। (ख) सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण तथा सार्वजनिक स्थान का दुरूपयोग- सार्वजनिक सम्पत्ति में तथा सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, रेलवे पुलों, रोडवेजों, सरकारी बसों, बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम/ नगर पालिका/स्थानीय निकाय के भवनों आदि में भित्ति लेखन/पोस्टरों/ किसी अन्य रूप में विरूपण के पर्चे के रूप में सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन या, कट आउट/ होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिया जाएगा। (ग) सम्पत्ति का विरूपण- निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निदेशों, यदि कोई हो, के अध्यधीन सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 72 घंटो के भीतर हटा दिया जाएगा। 2. सरकारी वाहनों का दुरूपयोग- आयोग के दिनांक 10 अप्रैल, 2014 के पत्र सं. 464/अनुदेश/2014/ईपीएस में निहित समेकित अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंधित है कि किसी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या निर्वाचन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी ड्यूटी का निष्‍पादन करने वाले पदाधिकारियों को छोड़कर) निर्वाचन के दौरान प्रचार करने, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्य या निर्वाचन से संबंधित यात्रा करने के लिए सरकारी वाहन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा (उसमें उल्लिखित कुछ अपवादों के अध्‍यधीन)। ‘सरकारी वाहन’ शब्द का अर्थ ऐसे वाहनों से है और इसमें ऐसे वाहन शामिल होंगे जो परिवहन के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त हों या प्रयुक्त किए जाने योग्य हों, चाहे वे यांत्रिक शक्ति या अन्यथा द्वारा चालित हों, और इनमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केन्द्र/राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र/राज्य सरकार के संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर निगम, विपणन बोर्ड, सहकारी समितियां या ऐसे कोई अन्य निकाय शामिल होंगे जिसमें सार्वजनिक निधियां निवेशित की गई हों, भले ही कुल निधियों में से एक छोटा सा हिस्सा ही हों, । मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी उपर्युक्त अनुदेशों के अनुपालन के लिए निर्वाचनों की घोषणा के 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। 3. सार्वजनिक-राजकोष की लागत पर विज्ञापन- दिनांक 5 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/1/2014-सीसी एंड बीई में आयोग के अनुदेशों में यह प्रावधान है कि निर्वाचन अवधि के दौरान सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उपलब्धियों के बारे में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने और राजनीतिक समाचार एवं प्रचार-प्रसार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जनसंचार के दुरूपयोग से निरपवाद रूप से बचा जाना चाहिए। सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सार्वजनिक राजकोष की लागत पर इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिन्ट मीडिया में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि किसी विज्ञापन को दूरदर्शन प्रसारण या प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों का दूरदर्शन प्रसारण/प्रकाशन तत्काल रोक दिया जाए तथा घोषणा की तारीख से किन्हीं भी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिन्ट मीडिया में ऐसा कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न हो, तथा इसे तत्काल वापिस ले लिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के तुरन्त पश्चात् सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी विज्ञापन को हटाने/रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 4. आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी का फोटो- दिनांक 20 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2014- सीसी एंड बीई में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि केन्द्र/राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को हटा दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यीय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी के फोटो को हटाने/छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 5. विकास/निर्माण संबंधी कार्यकलाप-मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के 72 घंटे के भीतर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर किसी शिकायत को विधिमान्य बनाने की स्थिति में संदर्भ हेतु कार्य की निम्नलिखित सूची प्राप्त करेंगेः i. ऐसे कार्य, जिसे स्थल पर पहले ही आरंभ किया जा चुका है। ii. ऐसे नए कार्य, जिसे स्थल पर आरंभ नहीं किया गया है। 6. व्यय अनुवीक्षण तथा आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए कार्यकलाप-घोषणा के बाद उड़न दस्ता, एफ एस टी, वीडियो टीम, शराब/नकदी/निषिद्ध नशीले पदार्थों के लिए गहन जांच,ड्रग/स्वापक के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग के उड़न दस्तों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए। 7. शिकायत निगरानी प्रणाली- निर्वाचन कराए जाने वाले राज्य में वेबसाइट तथा कॉल सेन्टर पर आधारित एक शिकायत निवारण प्रणाली होगी। कॉल सेन्टर का टोल फ्री नंबर 1950 है। टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर शिकायतें दर्ज करके की जा सकती है। शिकायतकर्ताओं को एसएमएस द्वारा या कॉल सेन्टर द्वारा भी की गई कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के विवरण भी देख सकते हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर क्रियाशील होनी चाहिए। सभी शिकायतों को यथासमय एवं उचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष को अवश्य सक्रिय किया जाए तथा विशेष रूप से पर्याप्त कार्मिक शक्ति तैनात की जाए एवं अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए, नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे लोगों की तैनाती की जाए तथा किसी टाल-मटोल या शंका से बचने के लिए उनका ड्यूटी रोस्टर अवश्य बनाया जाए। 8. आईटी एप्लीकेशन-आधिकारिक वेबसाइट तथा सोशल मीडिया सहित सभी आई टी एप्लीकेशन घोषणा किए जाने के साथ ही चालू हो जाएंगी। 9. मतदाताओं तथा राजनीतिक दलों की जागरूकता के लिए सूचना का प्रचार-प्रसार करना- निर्वाचन संबंधी प्रमुख गतिविधियों का प्रचार मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, सभी आवश्यक सूचना का प्रचार-प्रसार रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा के माध्यम से किया जाएगा सरकारी चैनल में मतदाता शिक्षा संबंधी सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। 10. शैक्षणिक संस्थान तथा सिविल सोसाइटी से सक्रिय सहयोग- आम जनता तथा अन्य हितधारकों में निर्वाचन संबंधी सूचना का व्यापक प्रचार करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों तथा सिविल सोसाइटी से सहयोग लिया जा सकता है। 11. मीडिया सेन्टर- मीडिया के माध्यम से ईवीएम/वीवीपीएटी के प्रयोग सहित निर्वाचन प्रणाली के बारे में मतदाताओं, राजनीतिक दलों तथा अन्य स्टेकहोल्डरों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। 12. एमसीएमसी/डीईएमसी- दिनांक 24 मार्च, 2014 के पत्र सं. 491/एमसीएमसी/2014/संचार में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने वाले उनके प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन के लिए जिला तथा राज्य स्तर, जैसी भी स्थिति हो, पर मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से सम्पर्क करेंगे। आयोग ने उपर्युक्त पत्र में निहित अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निदेश दिए हैं। 13. नियंत्रण कक्ष- जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष तत्काल अवश्य चालू किया जाए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पर्याप्त कार्मिक शक्ति की तैनाती तथा अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईसीआई सचिवालय में शिकायत निवारण केन्द्र सहित एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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