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निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (ईवीपी) पूर्व-पुनरीक्षण कार्यकलापों और एसएसआर 2020 के संबंध में नोट
1. दिनांक 25 जुलाई, 2019 को ईवीपी और एसएसआर 2020 के संबंध में अनुदेश जारी किए गए।
2. ईवीपी की प्रचालनात्मकता के संबंध में विवरण देते हुए अनुपूरक पत्र 25 जुलाई, 2019 को जारी किया गया था।
3. मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और भोपाल और इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ चर्चा की गई और वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त संदीप सक्सेना द्वारा 26 और 27 जुलाई, 2019 को फीडबैक लिया गया।
4. वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, संदीप सक्सेना, प्रधान सचिव एन.एन.बुटोलिया और निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) द्वारा 30 जुलाई, 2019 को ईवीपी, पूर्व-पुनरीक्षण कार्यकलाप और एसएसआर 2020 के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेस संचालित की गई (कार्यवृत्त संलग्न)।
5. वीडियो कांफ्रेंस के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा यथाप्रस्तावित, दिनांक संशोधित ईवीपी अनुसूची आदि संबंधी पत्र 31 जुलाई, 2019 को जारी किया गया था।
6. वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त संदीप सक्सेना और निदेशक आईटी द्वारा दिनांक 01 अगस्त, 2019 को राजस्थान के सीएससी और ई-मित्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चाएं की गईं।
7. आंकड़ों की साझेदारी/अनुमार्गण (रूटिंग) किए बिना राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल/मतदाता हेल्पलाइन एप, जिसमें उमंग प्लेटफार्म शामिल है, हेतु गेटवे के प्रावधान के लिए निदेशक एनईजीडी के साथ वार्ता की गई।
8. प्रत्यक्ष अपलोडिंग से बचते हुए एकसमान स्रोत परिज्ञापक (यूआरआई) प्रणाली के माध्यम से डिजी लॉकर से सत्यापित दस्तावेज प्राप्त करने की संभावना।
तकनीकी कार्यविधियों को अंतिम रूप देने के पश्चात उपर्युक्त बिंदु 7 और 8 पर प्रथक प्रस्ताव आयोग के विचार एवं अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
क. ईवीपी और पुनरीक्षण पूर्व कार्यकलाप शुरू करने के लिए कार्य योजना
1. शुरू करने से पहले भा.नि.आ. स्तर पर स्वीप क्रियाकलापों की सूची बनाई जाएगी (कार्रवाई - निर्वाचक नामावली एवं आईटी/आईसीटी प्रभाग के साथ स्वीप प्रभाग, प्रशिक्षण प्रभाग):
निर्वाचक नामावलियों (ईआर), एनईआरपी, एनईआरपीएपी, एसएसआर आदि के लिए उपलब्ध स्वीप सामग्री एकत्र करना।
मौजूदा विज्ञापनों, बैनरों, जिंगलों आदि में परिवर्तन करके और नए बनाकर मानक विज्ञापन, बैनर, जिंगल तैयार करना।
रेडियो जिंगल, सोशल मीडिया और यू-ट्यूब के लिए श्रव्य दृश्य या ऑडियो एवं पाठ सामग्री तैयार करना।
16.08.2019 को जारी करने और संशोधन के साथ 31 अगस्त एवं 15 सितंबर, 2019 को जारी किए जाने के लिए सामान्य विज्ञापन तैयार करना।
आरडब्ल्यूए, कैंपस अंबेसेडर, निर्वाचक साक्षरता क्लब, बीएजी आदि के साथ संपर्क करने के लिए सामान्य रूप रेखा तैयार करना।
उपर्युक्त सभी का अनुवीक्षण करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए सीईओ के एक समूह को अभिज्ञात किया जा सकता है जिसमें दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के समीपस्थ मुख्य निर्वाचन आयुक्तों को शामिल किया जाएगा।
ईवीपी से जुड़े प्रत्येक अधिकारी के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सामग्री तैयार करना।
ईआर एवं आईटी प्रभाग द्वारा 7 अगस्त, 2019 को एसएलएमटी का प्रशिक्षण संचालित करने के लिए व्यवस्था करना।
2. निर्वाचक नामावली प्रभाग के साथ आईटी/आईसीटी प्रभाग द्वारा पोर्टल्स और ऐप में परिवर्तन किया जाना।
05 अगस्त, 2019 को या उससे पहले ईवीपी के लिए अपेक्षित सभी विशिष्टताओं और सुविधाओं को एनवीएसपी में शामिल करना।
05 अगस्त, 2019 को या इससे पहले हाइब्रिड बीएलओ ऐप में सभी विशिष्टताओं को शामिल करना।
ईवीपी को 12 अगस्त, 2019 से आरंभ करने के लिए ईआरओ नेट पर सभी आवश्यक प्रक्रियाएं और यूआई तैयार करना।
(प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए 05 अगस्त तक डेवलपमेंट सर्वर स्थापित किया जाना)।
05 अगस्त, 2019 को या इससे पहले मतदाता हेल्पलाइन ऐप तैयार करना।
एनजीएस के माध्यम से लॉगिन के लिए 1950 प्रोसेस प्रोटोकॉल और प्रोटोकॉल का डिजाइन तैयार करना।
सीएससी/वीएफएस लॉगिन करने के लिए प्रोसेस प्रोटोकॉल और प्रोटोकॉल डिजाइन तैयार करना।
क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (अधिकारियों के विवरण अद्यतन किएं जाएं)।
जीआईएस मॉड्यूल/प्रोटोकॉल तैयार करना-उन्नत मानचित्र, पता, अनुभाग और भाग मानकीकरण के लिए ।
निम्नलिखित के संबंध में अनुवीक्षण करने के लिए मानदंड
संग्रहण, सत्यापन और पता मानकीकरण इंगित करने वाला डेशबोर्ड
एलर्ट जनरेट करने के लिए प्रणाली
संग्रहण और सत्यापन के संबंध में बीएलओ निष्पादन
ईआरओ नेट में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर पंजीकृत मृत्यु संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने के लिए प्रावधान
3. 15 अगस्त, 2019 से पहले जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर किए जाने वाले क्रियाकलाप:-
आरडब्ल्यूए, कैंपस अम्बेसेडर, ईएलसी, बीएजी आदि जैसे नागरिकों और हितधारकों तथा स्वयंसेवियों का संवेदीकरण, प्रेरण और मॉबिलाइजेशन।
पारंपरिक और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया, दोनों के माध्यम से एक प्रभावकारी स्वीप प्लान तैयार करना और शुरू करना, नागरिकों को एनवीएसपी का प्रयोग करने या सुविधा केंद्रों में जाने हेतु प्रेरित करना, ताकि मतदाताओं/निर्वाचकों/नागरिकों की सूचना संग्रहण को अधिकतम किया जा सके।
ईवीपी कार्यक्रम चलाने के लिए पदाधिकारियों की पहचान करना।
ईवीपी में फ्रंट-ऐंड पर नागरिकों की सहज भागीदारी को सुकर बनाने के लिए सीएससी, अन्य मतदाता सुविधा केंद्रों और राज्य स्तरीय एजेंसियों की नियुक्ति की पहचान करना और उन्हें सक्रिय बनाना।
एमओयू, एनडीए पर हस्ताक्षर करना और आंकड़ों की हिफाजत और सुरक्षा के लिए अन्य औपचरिकताओं को पूरा करना।
भारत निर्वाचन आयोग के साथ एक संपर्क सूत्र के रूप में कार्य करने और अभिज्ञात सीएससी/एजेंसियों द्वारा एनवीएसपी, ईआरओ नेट और ईवीपी पोर्टल के साथ तकनीकी संबंध स्थापित करने के लिए सीएससी से जुडे व्यक्तियों में से राज्य नोडल व्यक्ति का अभिनिर्धारण।
तकनीकी प्रणालियों की कार्यप्रणाली का पूर्ण रूप से पूर्व-परीक्षण।
प्रत्येक प्राधिकृत केंद्र में भा.नि.आ. सत्यापित मतदाता सुविधा केंद्र बैनर का प्रदर्शन।
ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारियां निर्धारित करना, जो सूचना एकत्रीकरण और सत्यापन के लिए ईवीपी के संचालन हेतु पोर्टल का प्रयोग कर रहा है।
सीएससी/वीएफसीएस में कार्यरत कार्मिकों का प्रशिक्षण।
स्टेकहोल्डरों का क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण।
एसएलएमटी द्वारा डीएलएमटी और एसीएलएमटी का प्रशिक्षण और उसके पश्चात जिला स्तर से लेकर बीएलओ स्तर तक सोपानित प्रशिक्षण।
स्टेकहोल्डरों का बार-बार सुग्राहीकरण।
1950 मतदाता हेल्पलाइन केंद्रों का प्रशिक्षण।
ईवीपी, एसएसआर 2020 के संबंध में राज्य के मुख्य सचिवों को जानकारी देना और उनसे पूर्ण समर्थन का अनुरोध करना।
ईआरओ नेट में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर पंजीकृत मृत्यु संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने की प्रणाली को सक्रिय बनाना।
ईवीपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करना, ताकि 30-09-2019 तक पूर्ण सत्यापन किया जा सके।
4. जोनल अनुभागों के साथ ईआर प्रभाग और आईटी प्रभाग द्वारा किए जाने वाली कार्यकलापों की सूची
07 अगस्त, 2019 को दोपहर में चौथी मंजिल स्थित सम्मेलन कक्ष में प्रशिक्षण आयोजित करना, जिसमें सभी अवर सचिव/सचिव/निजी सचिव/वरिष्ठ निजी सचिव और वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त/उप निर्वाचन आयुक्त/ महानिदेशक को अनिवार्य रूप से भाग लेना चाहिए।
प्रत्येक सप्ताह क्षेत्रीय प्रभागों और खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों को अपेक्षित अनुवर्ती कार्रवाई के लिए प्रगति रिपोर्ट जारी करना।
ईवीपी की प्रगति के संबंध में वीसी द्वारा राज्यों की सावधिक समीक्षा।
क्षेत्रीय सचिव/प्रधान सचिव/वरिष्ठ प्रधान सचिव की निरीक्षण अनुसूची तैयार करना (अगस्त/सितंबर में प्रत्येक महीने में एक निरीक्षण)।
आयोग की सूचनार्थ और विचारार्थ प्रस्तुत।
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राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ किए गए वीडियो कांफ्रेंस का कार्यवृत्त
दिनांक: 30.07.2019
स्थान: 601, निर्वाचन सदन, नई दिल्ली
उपस्थिति:
श्री संदीप सक्सेना, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग
श्री वी.एन. शुक्ला, निदेशक (सू.प्रौ.) भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली
श्री एन.एन. बुटोलिया, प्रधान सचिव, भारत निर्वाचन आयोग
श्री ए.के. वर्मा, अवर सचिव, भारत निर्वाचन आयोग
श्रीमती वीना त्यागी, प्रोजेक्ट निदेशक, सी-डेक
सी-डेक टीम
जीआईएस टीम, सी-डेक पुणे
कार्यसूची:निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (ईवीपी) का शुभारंभ और इसके कार्यान्वयन, पूर्व पुनरीक्षण
कार्यकलाप, घर-घर जाकर 100% सत्यापन, साधारण सेवा केंद्रों की सहभागिता, मतदाता हेल्पलाइन 1950, हाईब्रिड बीएलओ मोबाइल एप और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) के प्रयोग, ईवीपी के कार्यान्वयन के लिए स्टॉफ जुटाने और प्रशिक्षण के सबंध में विचार विमर्श
वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त (एसएस), निदेशक (सू्.प्रौ) और प्रधान सचिव (एन.एन.बी.) ने उपर्युक्त विषय पर निम्नलिखित बिन्दुओं को शामिल करते हुए पीपीटी (दिन में पहले ही सीईओ को मेल भेज दिया गया था) की व्यापक प्रस्तुति दी:-
1 से 31 अगस्त तक निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम के शुभारंभ सहित 1 अगस्त, 2019 से पूर्व पुनरीक्षण कार्यकलाप प्रारंभ करने का प्रस्ताव है जिसके अंतर्गत प्रत्येक मतदाता के विवरण को अभिप्रमाणित करने के लिए साधारण सेवा केंद्र सहित एनवीएसपी, मतदाता हेल्पलाइन एप, बीएलओ एप, 1950 इत्यादि कई स्रोतों के माध्यम से मतदाताओं से सूचना प्राप्त की जाएगी।
मतदाताओं से सूचना प्राप्त करने के बाद, सितंबर माह के दौरान बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा।
नागरिकों से उनके संपर्क विवरण, अपंजीकृत, मृत, स्थानांतरित सदस्यों सहित उनके परिवार के सदस्यों और वर्ष 2020 और 2021 के पुनरीक्षण के दौरान पात्र होने वाले सदस्यों की सूचना एकत्रित की जाएगी।
सत्यापन कार्यक्रम में बहु प्रविष्टियां, तर्कसंगत त्रुटियां, डीएसई भी दूर की जाएंगी और दिव्यांगजनों को चिह्नित भी किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के दौरान धुंधली फोटो को भी बदला जाएगा और विनिर्देशनों के अनुसार नई एपिक संख्या आबंटित की जाएगी।
राज्यों को सभी कार्यकलापों के लिए समय-सीमा की सूचना भी दी गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया कि वे नागरिकों को जागरूक और प्रेरित करें तथा स्टाफ और सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों को प्रशिक्षित एवं संघटित करें।
वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त(एसएस) द्वारा उन बिन्दुओं पर सुझाव मांगें गए जिन्हें पीपीटी में लाल रंग से चिह्नित किया गया था।
निदेशक (सू.प्रौ.) ने राज्यों द्वारा अपलोड किए जाने वाले 6 उन्नत नजरी नक्शा के चित्रों के बारे में स्पष्टीकरण दिया।
मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की फोटोग्राफी भी की जाएगी।
पतों के मानकीकरण के लिए समस्त बिंदुओं की सूची सभी राज्यों को दिखाई गई।
राज्यों को नया एपिक फोर्मेट दिखाया गया।
निदेशक (सू.प्रौ.) ने कहा कि समेकित नामावली में विलोपन, आशोधन और परिवर्धन अनुपूरकों की सूची भी सम्मिलित होगी।
वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त (एसएस) ने यह भी स्पष्ट किया कि ईवीपी के लिए विकसित किए जा रहे मॉडयूल्स के लिए सभी आईटी एप्लिकेशनों पर एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन भी किया जाएगा।
प्रस्तुतीकरण के पश्चात बैठक में चर्चा किए गए विभिन्न बिंदुओं पर मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की टिप्पणियां, अभिमत और सुझाव आमंत्रित किए गए थे, जिनका राज्यवार विवरण नीचे दिया गया है:-
पंजाब
स्वीप कार्यकलापों के लिए 15 दिन का समय अपेक्षित है।
ईवीपी द्वारा सूचना एकत्रित करने के लिए स्वयंसेवकों और गैर-सरकारी संस्थाओं को सम्मिलित किया जाए, जिनके लिए मानदेय का प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा।
पुरानी श्रृंखला के एपिक (लगभग 33 लाख) एक बहुत बड़ा मुद्दा है, इन्हें इस वर्ष बदला जाएगा।
आईएसई/पीएसई पोपुलेटिड होने चाहिए और तत्काल शुद्धियों हेतु डैशबोर्ड पर प्रदर्शित किए जाने चाहिए।
जम्मू-कश्मीर
प्रवासी निर्वाचकों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
ईआरओ प्रवासी लॉग-इन सुविधा का अनुरोध किया गया।
ब्लॉक लेवल अधिकारी के कार्यों के निर्धारण (मूल्यांकन) हेतु बीएलओ निर्धारण मॉडयूल का अनुरोध किया गया।
दिल्ली
ईवीपी के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने के लिए बीएलओ एप में समुचित प्रबंध-व्यवस्था की जानी।
ईवीपी के दौरान बीएलओ को दैनिक कार्यों से छूट देने का अनुरोध।
निर्वाचन क्षेत्र के भाग का कोई भी निर्वाचक नए और अनुपस्थित/स्थानांतरित/मृत निर्वाचक के रूप में परिवर्धन/विलोपन/आशोधन कर सकता है।
कृपया विलोपन संबंधी मामलों के लिए समाचार पत्र में विज्ञापन देने की प्रथा को वैकल्पिक बनाया जाए, क्योंकि यह अत्यधिक महंगी है।
एसएसआर को केवाईसी जैसे सत्यापन तंत्र के साथ प्रतिस्थापित किया जा सकता है, जिसे प्रत्येक दूसरे वर्ष की समाप्ति पर कार्यान्वित किया जा सकेगा।
भावी निर्वाचकों के लिए अर्हक तिथि को हटाया जा सकता है।
पुनरावृत्ति (डुप्लीकेट) चित्र/फोटो हटाने के लिए एएसएपी में एक जैसी प्रविष्टियां की जानी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश
डीएसई/एलई गैर मानक फोटो को लगाया जाए और शीघ्र कार्रवाई के लिए डेशबोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए।
उत्तराखंड
आईएसई/पीएसई लगाया जाना चाहिए और डेशबोर्ड पर दिखाई देना चाहिए।
उत्तराखंड में राजस्व विभाग की सहायता से जीआईएस टूल पहले से ही प्रयोग किया जा रहा है।
तिमाही आधार पर निरंतर अद्यतन कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
राजस्थान
प्रशिक्षण और स्वीप कार्यकलापों के लिए अपेक्षित समय।
ईवीपी के लिए सीएससी के अतिरिक्त ई-मित्र के समावेशन का अनुरोध किया गया।
निदेशक (सू.प्रौ.) ने ई-मित्र के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया वे ई-मित्र कार्यान्वयन की कार्यविधियों के संबंध में आगे विस्तृत चर्चा करने के लिए वे भारत निर्वाचन आयोग का दौरा करें।
गोवा
गोवा में बीएलओ द्वारा पूर्व में प्रयुक्त बीएलओ एप में डाटा सिंचिंग संबंधी मुद्दे थे।
गुजरात
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, गुजरात ने कहा कि उन व्यक्तियों के नामों को समाचार-पत्र में प्रकाशित करवाने में बहुत व्यय होगा, जिन्हें विलोपन नोटिस जारी किए गए हैं।
ईवीपी के लिए दूरस्थ स्थानों पर प्रपत्रों में डाटा एकत्रण की ऑफ लाइन आवश्यकता भी होगी।
एसएसआर की संपूर्ण अवधि के लिए नामावली प्रेक्षकों को शामिल किया जाएगा।
मध्य प्रदेश
ऑफ लाइन अथवा प्ररूप 8 के माध्यम से गैर-मानक एपिक शुद्धि तंत्र। ब्लैक एंड व्हाइट फोटो और डुप्लिकेट एपिक बदलने के लिए अभियान चलाना।
ईआरओ नेट के माध्यम से मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी के वेब पोर्टल पर प्रदर्शित करने के लिए फार्मेट 9,10,11 डाटा उपलब्धता।
पीएसआई मॉडयूल लाइव बनाया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश
ऑनलाइन एप सहित ईवीपी प्रोग्राम के लिए ऑफलाइन मॉडयूल की भी आवश्यकता है।
संपूर्ण एसएसआर के लिए बीएलओ को शामिल करना अत्यंत कठिन होगा।
सभी सीएससी को एपिक प्रिंट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सभी सीएससी अंकीकरण संबंधी कार्य कर सकते हैं।
ओडिशा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने टिप्पणी की कि जिस दर पर सीएससी की प्रतिपूर्ति की जानी है वह बहुत कम है।
ईवीपी के लिए बीएलओ की लंबे समय तक उपलब्धता भी एक मुद्दा है।
तेलंगाना
ईवीपी को अब प्रारंभ किया जा सकता है और इसे सितंबर के अंत तक अथवा दिसंबर तक भी जारी रखा जा सकता है।
प्ररूप-7 और सर्विन्ग नोटिस के माध्यम से विलोपन किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश
ईवीपी अनुसूची सही है किंतु इसे 10 अगस्त के उपरांत आरंभ किया जा सकता है।
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
लो नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण बीएलओ एप का प्रयोग व्यावहारिक नहीं है।
कर्नाटक
विशेष सार पुनरीक्षण का कार्य प्रत्येक वर्ष जारी रखा जाना चाहिए।
समाचार-पत्रों में दैनिक आधार पर व्यक्तिगत विलोपन नोटिस देने के स्थान पर समूहों में साप्ताहिक आधार पर विलोपन नोटिस दिए जा सकते हैं।
ईवीपी अनुसूची सही है और इसका पालन किया जाएगा।
पुदुच्चेरी
राज्य में गैर-मानक एपिक बहुत बड़ी संख्या में है और इन्हें बदला जाएगा।
तमिलनाडु
ईवीपी अनुसूची सही है।
राज्य में गैर-मानक एपिक बहुत बड़ी संख्या में है और इन्हें बदला जाएगा।
केरल
विलोपनों के सभी मामलों में, निर्वाचकों के नामों के प्रस्तावित विलोपन का नोटिस किसी स्थानीय दैनिक समाचार-पत्र में दिया जाएगा। इस पर विचार किया जाना चाहिए और इसमें छूट दी जानी चाहिए क्योंकि समाचार-पत्र में नोटिस देना किफ़ायती नहीं है।
पश्चिम बंगाल
ऐसे गैर-मानक एपिक को कैसा बदला जाए जिसे पहले ही मतदाता को जारी किया जा चुका है।
इसे प्ररूप संख्या 8 के बगैर बदला जा सकता है और निर्वाचक को एक नया कार्ड दे दिया जाएगा। यदि एपिक कार्ड में कोई परिवर्तन हो, केवल तभी प्ररूप 8 भरे जाने की आवश्यकता होती है।
प्रारूप प्रकाशन से पहले ई-नामावली के एकीकरण के लिए पूर्वापेक्षा के रूप में ईआरओ-नेट से डाटा की आवश्यकता होगी, इसके लिए फेमिली टैगिंग में प्रयुक्त एपिक संख्या की आवश्यकता होगी। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग से और संपर्क करने की आवश्यकता है।
स्व: प्रेरित <