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    सं.:-437/यूपी-एलए/2022 दिनांक 27 फरवरी, 2022 आदेश यतः, आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 125; "राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता" के भाग-I 'सामान्य आचरण' के पैरा 1 और पैरा 4 के 'प्रथम दृष्ट्या' उल्लंघन करने के लिए 306-डोमरियागंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह को पेडारी गाँव, डोमरियागंज की जनसभा में दिनांक 19.02.2022 को उनके द्वारा दिए गए आपतिजनक बयान के लिए कारण-बताओ नोटिस सं. 437/यूपी-एलए/2022 दिनांक 26 फरवरी, 2022 को जारी किया है। उस ब्यान का वीडियो विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से परिचालित हो रहा है, जिसकी अनुलिपि नीचे दी गई हैं- "ई बताई दो कौनो मियां हमके वोट देई? तो ई जान लेयो यह गांव कै जउन हिन्दू अगर दूसरे तरफ जात बा, तो इ जान लेयो ओकरे अन्दर मियां के खून दउड़त बा। ठीक है, नहीं ठीक है? उ गद्दार है, जयचन्द के नाजायज औलाद है। अपने बाप के हरामखोर औलाद है। इतना अत्याचार होने के बाद भी हिन्दू अगर दूसरे तरफ जाता है, तो उसको सड़क पर मुंह दिखाने लायक नहीं रखना चाहिए।...(अस्पष्ट)... में कुछ नहीं बोलता था। मैनें कहां, पांच साल मैं भी विधायक होने के बाद देखूंगा, जरा परखूंगा, समझूंगा और एक बार अगर वार्निंग देने के साथ समझ में नहीं आयेगा तो, इस बार मैं बता दूंगा कि राघवेन्द्र सिंह कौन है। मेरे साथ गद्दारी करोगे तो चलेगा, मैं अपमान सह लूंगा। मुझे अपमानित करोगे तो भी मैं अपमानित सह लूंगा, अगर हमारे हिन्दू समाज को अपमानित करने का प्रयास करोगे तो बर्बाद कर के रख दूंगा"; और यतः, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह को उक्त नोटिस प्राप्त होने के उपरान्त 24 घंटे के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था; और यतः, पूर्वोक्त नोटिस के संबंध में निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की ओर से आयोग में जवाब प्राप्त हुआ है; और यतः, पूर्वकथित जवाब में, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने निवेदन किया है कि उक्त नोटिस के संबंध में उनको जवाब प्रस्तुत करने के लिए दिया गया समय पर्याप्त नहीं है और उन्होंने जवाब प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय की माँग की है। अन्य बातों के साथ- साथ यह बात भी बल देकर कही गई है कि यह अनुमान अधुरे वीडियो/अनुलिपि के आधार पर लगाया गया है और यह वक्तव्य उनके द्वारा सिर्फ कुछ खास स्थानीय लोगों द्वारा किए गए अत्याचारों की शिकायत के संबंध में सांत्वना के संकेत के रूप में दिया गया था; और यतः, निर्वाचन एक समयबद्ध प्रक्रिया होने के नाते कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को प्रभावशाली ढ़ंग से नियन्त्रित करने और इस तरह की आवांछनीय घटनाओं से होने वाली क्षति को यथासंभव कम करने के लिए निर्वाचन प्रधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है और इन सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए, श्री राघवेन्द्र को जवाब प्रस्तुत करने के लिए उनके द्वारा मांगे गए अतिरिक्त समय प्रदान करने के अनुरोध को आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है; और यत; आयोग ने उक्त बयान वाली विडियो रिकार्डिंग का पुनः देखा है और पाया है कि विवादित बयान में दिए गए संदर्भ एकदम गैरजिम्मेदाराना, भड़काऊ और धमकाने वाली प्रकृति का है और इसमें समाज के धार्मिक सौहार्द को भंग करने की छिपी हुई भावना और प्रवृत्ति विद्यमान है; और यतः भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 153क, 295क, 505 (2), 506 के अंतर्गत एवं लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के अंतर्गत डोमरियागंज थाना, जो सिद्धार्थनगर जिला के अन्तर्गत आता है, में विवादित बयान देने के लिए श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ पहले हीं प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है; और यतः, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिहं द्वारा दिए गए उनके पूर्व कथित जवाब के संबंध में उपलब्ध सभी महत्वपूर्ण तथ्यों और प्रमाणों पर विचार करते हुए, आयोग का मत है कि श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने विवादित बयान देकर "राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग I सामान्य आचरण" के पैरा 1, और 4 का उल्लंघन किया है। अतः, अब, आयोग इस मामले में जारी किए गए या जारी किए जानेवाले किसी भी आदेश/नोटिस बिना पक्षपात के, एतदद्वारा श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, 306-डोमरियागंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी, द्वारा दिए गए विवादित बयान की भर्त्सना करता है और उपरोक्त उल्लंघन के लिए उनकी निंदा करता है। आयोग एतदद्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत एवं इस संबंध में अन्य सभी प्रदत्त शक्तियों के आधार पर चल रहे निर्वाचनों के संबंध में आदेश देता है और उन्हें दिनांक 28.02.22 (सोमवार) को 6 बजे सुबह से 24 घंटे के लिए किसी भी जनसभा के आयोजन करने, सार्वजनिक जुलूसों, सार्वजनिक रैलियों, रोड शो करने और साक्षात्कार देने, मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) इत्यादि में सार्वाजनिक रूप से बोलने के संबंध में उन पर रोक लगाने का आदेश देता है। आदेश से अजय कुमार (सचिव) सेवा में श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह 306- डोमरियागंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मे भाजपा के अभ्यर्थी जिला-सिद्धार्थनगर, उत्र प्रदेश
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    श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, 178-तिलोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार, को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए, आयोग का कारण बताओ नोटिस।
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    सं. ईसीआई/पीएन/24/2022 25.02.2022 प्रेस नोट उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा राज्यों में चल रहे निर्वाचनों के दौरान जब्ती 1000 करोड़ रुपये के पार व्यापक और अग्रिम योजना, सावधानीपूर्वक अनुवर्ती कार्रवाइयां और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के कारण उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा राज्यों में चल रहे विधानसभा निर्वाचनों, 2022 में जब्ती के आँकड़ों में भारी वृद्धि हुई है और यह 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। जब्तियाँ आयोग द्वारा व्यय अनुवीक्षण प्रक्रिया पर उत्तरोत्तर ज्यादा ध्यान देने और निर्वाचनों में धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों का संकेतक है। अब तक (25.02.2022 की स्थिति के अनुसार) की जा चुकीं रिकार्ड जब्तियों का विवरण नीचे दिया गया हैः राज्य नकदी शराब मादक द्रव्य कीमती धातुएं मुफ्त उपहार/अन्य वस्तुएं कुल जब्ती 2017 में कुल जब्तियां (विधान सभा निर्वाचनों के अंत में) (रुपये करोड़) मात्रा (लीटर) मूल्य (रुपये करोड़) मूल्य (रुपये करोड़) मूल्य (रुपये करोड़) (रुपये करोड़) (रुपये करोड़) (रुपये करोड़) गोवा** 6.66 95446 3.57 1.28 0.02 1.2 12.73 3.64 मणिपुर 4.17 60881 0.65 143.47 12.17 7.37 167.83 6.42 पंजाब** 33.79 5965496 36.79 376.19 60.544 3.6 51091 89.64 उत्तराखण्ड** 4.37 96974 4.75 5.39 4 0.3 18.81 6.85 उत्तर प्रदेश 91.30 1988425 54.08 43.19 38.32 81.03 307.92 193.29 कुल 140.29 8207221 99.84 569.52 115.054 93.5 1018.20 299.84 **गोवा, उत्तराखण्ड और पंजाब के निर्वाचन (मतदान प्रक्रिया) समाप्त हो चुके हैं। व्यय के अनुवीक्षण को मजबूत करने की प्रक्रिया 2021 में 5 राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों के विधानसभा निर्वाचनों से तेजी से आगे बढ़ी, जिसमें आयोग की बहुआयामी रणनीति के प्रयासों के कारण उन्हीं राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों में 2016 के विधान सभा निर्वाचनों की तुलना में 4 गुना से अधिक बरामदगी हुई। इस रणनीति में व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति, अधिक समन्वित और व्यापक अनुवीक्षण के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के एक बड़े दायरे को अधिक जागरूक बनाना और उनकी समीक्षा करना, अनुवीक्षण प्रक्रिया में क्षेत्र स्तर की टीमों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल था। निर्वाचन आयोग ने सीबीडीटी, सीबीआईसी, एनसीबी, उत्पाद शुल्क और सीमावर्ती राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ निर्वाचन चल रहे राज्यों में 'प्रलोभन-मुक्त' निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण रूपरेखा तैयार करने के लिए कई बैठकें कीं। आयोग ने राज्यों में आयोजित बैठकों के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस नोडल अधिकारियों की व्यापक समीक्षा की ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने वाली वस्तुओं की गहन और प्रभावी अनुवीक्षण पर बल दिया जा सके। उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली में चल रहे यूपी विधानसभा निर्वाचनों में व्यय अनुवीक्षण-प्रक्रिया के दौरान अवैध शराब को नष्ट किया जाना। चल रहे विधान सभा निर्वाचनों में मणिपुर के विष्णुपुर जिले में वाहनों की जाँच। निर्वाचनों के दौरान नशीले पदार्थों के खतरे और इसके संभावित उपयोग को भांपते हुए आयोग ने महानिदेशक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ भी बैठक बुलाई। नियमित समीक्षा और सख्त प्रवर्तन के कारण ड्रग्स/नारकोटिक्स श्रेणी में अधिकतम जब्ती हुई है। उपर्युक्त उल्लिखित जब्ती आंकड़ों के अलावा, आयोग के दौरे ने प्रवर्तन अधिकारियों को उत्साहित किया क्योंकि एजेंसियों ने निर्वाचनों के दौरान पंजाब में 109 करोड़ रुपये की ड्रग्स और उत्तर प्रदेश में 8 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की थी। जब्ती (रुपये करोड़) 9% 14% - नगदी 11% 10% - शराब 56% - ड्रग्स - कीमती धातुएं - मुफ्त उपहार/अन्य वस्तुएं बढ़ते क्रम में जब्ती (रुपये करोड़) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा की विधानसभाओं के साधारण निर्वाचनों में धन शक्ति पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी अनुवीक्षण के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 228 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। आयोग ने विशेष व्यय पर्यवेक्षकों, अधिकारियों को भी नियुक्त किया है जिनके पास अपने कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञता का त्रुटिहीन और शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है। विशेष पर्यवेक्षक मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, जिला प्रशासन और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ विभिन्न बैठकें कर अपने समनुदेशित राज्यों में व्यापक रूप से यात्रा कर रहे हैं। उपयुक्त मूल्यांकन के बाद, इन राज्यों में 63 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को अधिक ध्यान-पूर्वक निगरानी करने के लिए व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। इस बार, भारत निर्वाचन आयोग ने कोविड की स्थिति में अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) अभियानों पर जोर दिया है और अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों दोनों के लिए अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) अभियानों पर इस तरह के खर्चों के लेखांकन के लिए एक पृथक और निर्दिष्ट प्रारूप पहले ही मतदान वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजा गया है। लागत मुद्रास्फीति सूचकांक और मतदाताओं की संख्या में वृद्धि की गंभीरता को देखते हुए अधिकतम सीमा को भी संशोधित किया गया था। चल रहे निर्वाचनों के पूर्ण होने तक गहन अनुवीक्षण के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/6/2022 दिनांकः 14 जनवरी, 2022 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश में विधान सभा निर्वाचनों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों हेतु ब्रीफिंग बैठक का आयोजन प्रेक्षकों को अपनी कार्यपद्धति में सहज उपलब्ध, तटस्थ एवं नीतिपरक होना चाहिए: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए आगामी साधारण निर्वाचनों के लिए तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों हेतु एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की। इन विधान सभा निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम की घोषणा 8 जनवरी, 2022 को की गई थी। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से 1400 से अधिक अधिकारियों ने सत्र में भाग लिया जिनमें से 140 अधिकारियों ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रत्यक्ष रूप से और शेष ने वर्चुअल रूप से सत्र में भाग लिया। देशभर के आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं के अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि प्रेक्षक भारत निर्वाचन आयोग के सजग प्रहरी हैं और इन्हें स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित निर्वाचनों के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मामलों पर सतर्क नजर रखते हुए पूरी तरह नियंत्रण में होना चाहिए। श्री चंद्रा ने प्रेक्षकों को सभी निर्वाचन प्रक्रियाओं से अवगत रहने, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा; आदर्श आचार संहिता और भारत निर्वाचन आयोग के अन्य दिशानिर्देशों में किसी भी चूक के प्रति सतर्क रहना; मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के साथ-साथ मतगणना प्रक्रियाओं को भी सख्ती से लागू करने का परामर्श दिया। धन बल के दुरुपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग के जीरो टॉलरेंस पर बल देते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने व्यय प्रेक्षकों से अपने कौशल को और बेहतर करने और प्रलोभन के नए-नए तरीकों के प्रति नवोन्मेषी होने का आग्रह किया। उन्होंने प्रेक्षकों से कहा कि वे नागरिकों को उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाने हेतु सी-विजिल ऐप का उपयुक्त प्रचार सुनिश्चित करें ताकि उड़ने दस्तों, निगरानी दलों द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपने संबोधन में निदेश दिया कि सभी तीनों प्रेक्षक (सामान्य, पुलिस एवं व्यय) को प्रवर्तन एजेन्सियों के समन्वय से कार्य करना चाहिए। उन्होंने प्रेक्षकों से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला मतदाताओं को सुविधा देने के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच करने के लिए अधिक से अधिक मतदान केन्द्रों का दौरा करने के लिए कहा। निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन के दौरान प्रकाश डाला कि प्रेक्षक प्रणाली अब अच्छी प्रकार से स्थापित हो गई है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफ़ेस बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक निर्वाचनों के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार, उन्हें मतदाताओं, अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों के लिए सहज उपलब्ध रहना चाहिए ताकि उनके सुझावों एवं शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई कर सकें। श्री कुमार ने उन्हें मतदान कार्मिक द्वारा मानवीय त्रुटियों के इक्का-दुक्का वाक्यों के प्रति आगाह किया, मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने से अपसामान्य परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है और निर्वाचनों का सुचारू संचालन अस्त-व्यस्त हो सकता है। उन्होंने प्रेक्षकों को सतर्क रहने और किसी भी गंभीर घटना की सूचना आयोग को तत्काल देने को कहा। उन्होंने प्रेक्षकों को आगाह किया कि उन पर हमेशा विभिन्न स्टेकहोल्डरों की सतर्क और सूक्ष्म नजर होती है और इस प्रकार, उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अपने स्वयं के व्यक्तिगत व्यवहार एवं आचरण के बारे में सचेत और संयत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक आयोग के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें सौंपे गए इस सम्मानित और महत्वपूर्ण ड्यूटी के बारे में पूरी तरह से जागरूक और परिचित होना चाहिए। निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डे ने यह मानते हुए कहा कि कोविड-19 के बीच निर्वाचनों का संचालन कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, उन्होंने नामोद्दिष्ट प्रेक्षकों से यह आह्वान किया कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए एकसमान अवसर बनाए रखे जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि मतदाताओं को मतदान केन्द्रों पर बाधा-मुक्त एवं मतदाता हितैषी उपाय उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुरक्षित निर्वाचनों को सुनिश्चित करने में समय की कसौटी पर खरा उतरा है और प्रेक्षकों के रूप में तैनात अनुभवी अधिकारियों को फील्ड अधिकारियों के मार्गदर्शक और मेंटर के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए प्रेक्षकों को केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने पिछले विधानसभा निर्वाचनों में कम मतदान वाले बूथों की पहचान के साथ-साथ मतदाता टर्नआउट में वृद्धि के लिए आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहल पर प्रकाश डाला। वर्तमान समय में वर्चुअल प्रचार अभियान की बढ़ी हुई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर झूठी सूचना और घृणास्पद प्रचार अभियानों को कम करने की आवश्यकता का उल्लेख किया। अर्ध दिवस के लंबे सत्रों के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप पहलुओं से अवगत कराया। अपने संबोधन में, उन्होंने लोकपाल के रूप में प्रेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला जिन्हें वास्तविक काल के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग को मामलों की रिपोर्ट अवश्य करनी चाहिए और साथ ही, अपने स्वयं के तटस्थ, नैतिक और सौहार्दपूर्ण आचरण को भी सुनिश्चित करना चाहिए। श्री सिन्हा, जो भारत निर्वाचन आयोग में गोवा राज्य में निर्वाचनों के प्रभारी भी हैं, ने अधिकारियों को राज्य से संबंधित विशिष्ट मुद्दों पर जानकारी दी। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, श्री चंद्र भूषण कुमार ने विधिक एवं आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) से संबंधित मुद्दों पर प्रेक्षकों को जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के लिए राज्य से संबंधित विशिष्ट विवरणों पर भी प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री नितेश व्यास ने प्रेक्षकों को ईवीएम-वीवीपैट प्रबंधन के बारे में महत्वपूर्ण जांच-बिन्दुओं और निर्वाचक नामावली संबंधी मुद्दों पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने पंजाब एवं मणिपुर के राज्य के विशिष्ट मुद्दों पर प्रेक्षकों को भी जानकारी दी। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री टी. श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी ऐप्लीकेशनों और पहल पर अधिकारियों को जानकारी दी। श्रीमती शेफाली शरण, महानिदेशक (मीडिया) ने मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों, पेड न्यूज और सोशल मीडिया सहित मीडिया संबंधी पहलुओं के संबंध में अधिकारियों को संक्षिप्त जानकारी दी। कार्मिक प्रशिक्षण एवं व्यय अनुवीक्षण पर ब्रीफिंग सत्र भी आयोजित किए गए।
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    सं. ईसीआई/पीएन/17/2022 दिनांक: 06 फरवरी, 2022 प्रेस नोट रोडशो, पदयात्रा, साइकिल/मोटर साइकिल/वाहन रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध जारी रहेगा भारत निर्वाचन आयोग ने इंडोर हॉल एवं आउटडोर बैठक में प्रत्‍यक्ष जनसभा के लिए और अधिक छूट प्रदान की कोविड उपयुक्‍त व्‍यवहार एवं सावधानियों का सख्‍ती के साथ पालन किया जाना चाहिए डोर टू डोर निर्वाचन प्रचार अभियान के लिए 20 व्‍यक्तियों तक की अधिकतम सीमा जारी रहेगी निर्वाचन आयोग ने दिनांक 08 जनवरी, 2022 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/3/2022 के तहत गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्‍तराखंड एवं उत्‍तर प्रदेश की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन 2022 की घोषणा की थी। उसी दिन आयोग ने कोविड की मौजूदा स्थिति के आंकलन के उपरांत एवं विस्‍तृत परामर्श के बाद कोविड के दौरान होने वाले साधारण निर्वाचनों/उप-निर्वाचनों के संचालन के लिए ‘‘संशोधित व्‍यापक दिशा निर्देश, 2022’’ भी जारी किए थे। आयोग ने संशोधित दिशा निर्देशों में निर्वाचन संचालन की प्रक्रिया के दौरान लगाए जाने वाले प्रतिबंधों और बरती जाने वाली सावधानियों को निेर्धारित किया था। आयोग ने यह भी बताया कि वह समय-समय पर वैश्विक महामारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और जमीनी आधार पर इन दिशा निर्देशों की सख्‍ती और ढील पर आगे विचार करेगा। वैश्विक महामारी की सुधरती हुई स्थितियों पर विचार करके आयोग ने समय-समय पर स्थिति की समीक्षा की है एवं 15 जनवरी, 22 जनवरी और 31 जनवरी 2022 को घर-घर जाकर निर्वाचन प्रचार एवं प्रत्‍यक्ष बैठकों पर प्रतिबंधों में कुछ ढील दी। 31 जनवरी को की गई विगत समीक्षा में आयोग ने और ज्‍यादा शिथि‍लता दी तथा सभी चरणों के निर्वाचनों के लिए 01 फरवरी, 2022 से राजनैतिक दलों अथवा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों को अधिकतम 1000 व्‍यक्तियों (मौजूदा 500 व्‍यक्तियों के स्‍थान पर) के साथ अथवा मैदान की क्षमता के 50% के साथ और निर्दिष्‍ट खुले स्‍थानों पर आउटडोर बैठक करने और इंडोर बैठक के लिए अधिकतम 500 व्‍यक्तियों (मौजूदा 300 व्‍यक्तियों के स्‍थान पर) अथवा हॉल की क्षमता के 50% अथवा एस.डी.एम.ए. द्वारा तय सीमा, जो भी संख्‍या कम हो, के साथ अनुमति प्रदान की। आयोग ने घर-घर निर्वाचन प्रचार करने वाले व्‍यक्तियों की सीमा को भी 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया है और इसमें सुरक्षा कार्मिक शामिल नहीं है। मतदान वाले राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों ने आयोग को लिखा है और अवगत करवाया है कि कोविड की वर्तमान स्थिति में महत्‍वपूर्ण सुधार हुआ है, कोविड के पाजिटिव मामलों की संख्‍या में काफी कमी आई है एवं अस्‍पताल में भर्ती होने के मामले में भी कमी आई है। उनमें से अधिकतर ने आयोग से सिफारिश की है कि वह ढील देने पर विचार करे एवं इंडोर/आउटडोर निर्वाचन प्रचार की बैठक में ज्‍यादा संख्‍या में व्‍यक्तियों को अनुमति प्रदान करे। आयोग ने मतदान होने वाले राज्‍यों में मतदान के स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष संचालन के लिए विशेष प्रेक्षकों को नियुक्‍त किया है। मुख्‍य सचिवों से संदर्भ प्राप्‍त होने के बाद, आयोग ने विशेष प्रेक्षकों से भी इनपुट और विचार लिए हैं। कई विशेष प्रेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट भेजी है और बताया है कि कोविड की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है और कोविड की पाजिटीविटि दर में अत्‍यधिक गिरावट आई है। उन्‍होंने यह भी बताया है कि राज्‍य में टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक की कवरेज एवं फ्रंटलाइन कार्मिकों और मतदान में तैनात अधिकारियों को ऐहतियाती खुराक, बहुत संतोषजनक है। इस आलोक में उन्‍होंने सिफारिश की है कि आयोग मौजूदा निर्वाचन प्रचार संबंधी दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार करें एवं प्रगतिरत मतदान प्रक्रिया में अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन संबंधी मानकों में और ढील दे। उनमें से अधिकतर ने यह सिफारिश की है कि ओपन या इंडोर स्‍थानों पर रैलियों में भाग लेने वाले व्‍यक्तियों की संख्‍या सीमा में करीब 50% तक वृद्धि की जाए न कि इसे संख्‍या तक सीमित किया जाए। इन सिफारिशों/निविष्टियों को ध्‍यान में रखते हुए आयोग ने मौजूदा जमीनी स्थितियों का जायजा लेने और इस संदर्भ में निविष्टियों और सुझाव लेने हेतु सचिव, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ 05 फरवरी, 2022 को बैठक का आयोजन किया। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कोविड की जमीनी स्थिति के बारे में आयोग को संक्षिप्‍त जानकारी दी। उन्‍होंने आयोग का ध्‍यान इस ओर आकर्षित किया कि देश में कोविड के मामले तेजी से घट रहे हैं और यहां तक कि सूचित मामलों में से सबसे अधिक मामले, मतदान नहीं होने वाले राज्‍यों से हैं। मतदान वाले राज्‍य में देश में कुल सूचित मामलों का कम अनुपात है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने आयोग को संक्षिप्‍त जानकारी दी कि दिनांक 21/22 जनवरी को कोविड अपने पीक पर पहुँच गया था इसके बाद पूरे भारत में कोविड के मामले करीब 2.93 लाख से तेजी से घटकर 1.72 लाख रह गए हैं। विशेष रूप से उत्‍तर-प्रदेश, उत्‍तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के मतदान वाले राज्‍यों में कुल मामले, जो 22 जनवरी, 2022 को पीक आने पर 32 हजार से अधिक थे, अब 05 फरवरी, 2022 को घटकर लगभग 7 हजार रह गए हैं। उन्‍होंने पात्र व्‍यक्तियों के लिए टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक, मतदान होने वाले राज्‍यों में फ्रंटलाइन कार्मिकों और मतदानकर्मी के लिए निवारक खुराकों की कवरेज की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि मतदान वाले राज्‍यों में 17 से 18 वर्ष के उम्र के लोगों के टीकाकरण की कवरेज भी काफी संतोषजनक है। आयोग ने गौर किया कि कोविड की घटती हुई प्रवृत्ति के आलोक में विभिन्‍न राज्‍यों द्वारा विद्यालयों/कॉलेजों/एवं अन्‍य संस्‍थानों को खोलने जैसे शिथिलता संबंधी निर्णय लिये जा रहे हैं। विशेष प्रेक्षकों, राज्‍य के मुख्‍य सचिवों और केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव से प्राप्‍त सभी निविष्टियों, तथ्‍यों और परिस्थितियों एवं जमीनी रिर्पोटों पर विचार करने के उपरांत तथा पाजिटिव मामलों की संख्‍या में अत्‍य‍धिक कमी, कोविड की वर्तमान स्थिति में सतत सुधार के मद्देनज़र और निर्वाचनों के प्रचार के लिए बहुत कम समय बचने और राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों की अधिकाधिक भागीदारी की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए आयोग ने अब से निम्‍नलिखित दिशा-निर्देशों को संशोधित करने का निर्णय लिया है- रोडशोज, पदयात्रा, साइकिल/मोटरसाइकिल/वाहन रैलियों और जूलुसों पर प्रतिबंध पूर्व की भांति यथावत रहेगा। घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अनुमत्‍य अधिकतम व्‍यक्तियों की संख्‍या पहले की तरह 20 ही रहेगी। रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक निर्वाचन प्रचार पर पहले की तरह ही प्रतिबंध जारी रहेगा। आउटडोर बैठकों/इंडोर बैठकों/रैलियों के संदर्भ में प्रतिबंधों को इस शर्त के अध्‍यधीन शिथिल किया जाएगा कि इंडोर/आउटडोर बैठकों/रैलियों में भाग लेने वाले व्‍यक्तियों की संख्‍या इंडोर हॉल की क्षमता के अधिकतम 50% तक और खुले मैदान की क्षमता के 30% तक अथवा सामाजिक दूरी के मानकों की अपेक्षानुसार उप-निर्वाचन अधिकारी द्वारा यथानिर्धारित क्षमता, जो भी कम हो, तक सीमित होगी। यदि एस.डी.एम.ए. ने इंडोर हॉल अथवा खुले मैदान में आने वाले व्‍यक्तियों की संख्‍या के लिए अधिकतम सीमा या क्षमता की प्रतिशतता निर्धारित की है और वे सख्‍त हैं, तो एसडीएम के दिशा-निर्देश प्रभावी होंगे। खुले मैदानों की रैलियाँ सिर्फ जिला प्राधिकारियों द्वारा विशेष रूप से निर्दिष्‍ट किए गए मैदानों में एवं एसडीएमए की सभी शर्तों के अनुपालन के अध्‍यधीन की जा सकती हैं। इन मैदानों का आवंटन जिला प्रशासन द्वारा ई-सुविधा पोर्टल के माध्‍यम से पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर समान रूप से किया जाएगा। इन मैदानों की क्षमता को जिला प्रशासन द्वारा अग्रिम में ही तय कर लिया जाएगा और सभी दलों को इस बारे में सूचना दे दी जाएगी। बहु-प्रवेश एवं निकास बिंदुओं की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए जिससे स्‍थल पर आने-जाने वाले लोगों की भीड़ इकट्ठी न हो। सभी प्रवेश द्वारों पर पर्याप्‍त रूप से हाथ की स्‍वच्‍छता एवं थर्मल स्क्रिनिंग की सुविधा होनी चाहिए। प्रवेश द्वार और रैली स्‍थलों पर पर्याप्‍त संख्‍या में हैन्‍ड सैनेटाइजर रखे जाने चाहिए। बैठने की व्‍यवस्‍था में उचित शारीरिक दूरी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए एवं पूरे समय मास्‍क का इस्‍तेमाल अनिवार्य होना चाहिए। आयोजकों द्वारा शारीरिक दूरी के मानकों, मास्‍क पहनने एवं पूरे समय अन्‍य निवारक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्मिकशक्ति की तैनाती/व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए। निर्दिष्‍ट खुले मैदान में, लोगों को उपयुक्‍त क्‍लसटर में बैठाया जाना चाहिए एवं ऐसे क्‍लसटर को पृथक्‍करण व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से पृथक करना चाहिए। आयोजक इस व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करेंगे एवं नोडल अधिकारी इसके अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे। आयोजक एवं संबंधित राजनैतिक दल उपर्युक्‍त निर्देशों एवं एस.डी.एम.ए. से संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करेंगे और बैठकों/रैलियों में भाग लेने वाले व्‍यक्तियों द्वारा कोविड उपयुक्‍त व्‍यवहार को सुनिश्चित करेंगे। कोविड संबंधी प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देश के किसी भी तरह के उल्‍लंघन के लिए आयोजक जिम्‍मेदार होंगे। जिला मजिस्‍ट्रेट आयोजकों द्वारा की गई व्‍यवस्‍था का निरीक्षण करने के लिए नोडल अधिकारियों को मनोनीत करेंगे और दिशा निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे। जिले के जिला अधिकारी (डीएम) तथा पुलिस अधीक्षक (एसपी) इन अनुदेशों के अनुपालन एवं कोविड उपयुक्‍त व्‍यवहार और दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। पूर्वोक्‍त प्रयोजन हेतु अग्रिम रूप से निर्दिष्‍ट स्‍थानों को चिनिह्त, अधिसूचित तथा आवंटित करने के लिए संबंधित उप निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) की समस्‍त जिम्‍मेदारी होगी। दिनांक 08 जनवरी, 2022 को जारी किए गए निर्वाचन के संचालन के लिए संशोधित व्‍यापक दिशा निर्देश बाकी सभी प्रतिबंध 2022 में यथानिहित लागू रहेंगे। आयोग समय-समय पर स्थिति का समीक्षा करेगा तथा जमीनी स्‍तर के किसी भी हालात के आधार पर अपने दिशा निर्देशों के संशोधन के लिए आवश्‍यक निर्णय लेगा।
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    सं. भा.नि.आ./प्रे.नो./15/2022 दिनांकः 1 फरवरी 2022 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान होने वाले राज्यों के लिए 15 विशेष प्रेक्षक नियुक्त किए, निर्वाचनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ ब्रीफ बैठक की भारत निर्वाचन आयोग ने आज गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर-प्रदेश की विधान सभाओं के वर्तमान साधारण निर्वाचन 2022 के लिए नियुक्त किए गए विशेष प्रेक्षकों के साथ एक वार्ता बैठक का आयोजन किया। मतदान होने वाले वर्तमान राज्यों के लिए पंद्रह ऐसे पूर्व सिविल सेवकों को विशेष प्रेक्षकों की एक टीम के रूप में शामिल किया गया है जिनका कार्य-क्षेत्र संबंधी विशेषज्ञता का स्वच्छ और शानदार ट्रैक रिकार्ड है एवं निर्वाचन प्रक्रिया का पूर्व अनुभव है। विशेष प्रेक्षक अपने नियत राज्यों में निर्वाचन तंत्र द्वारा किए जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगें एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि सी-वीजिल, मतदाता हेल्प लाइन इत्यादि से प्राप्त खुफिया जानकारी और शिकायतों के आधार पर सख्त, प्रभावशाली प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। ये अधिकारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और मतदाता अनुकूल निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर आयोग के आँख-कान के रूप में पूरी निर्वाचन प्रक्रिया पर निगरानी रखेंगे। विशेष प्रेक्षकों का स्वागत करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि विशेष अधिकारियों की तैनाती की मूल भावना का उद्देश्य निर्वाचन तैयारियों का निष्पक्षतापूर्वक मूल्यांकन करना, महत्वपूर्ण कमियों की पहचान करना एवं निष्पक्ष प्रलोभन रहित, शांतिपूर्ण एवं कोविड सुरक्षित निर्वाचन सुनिश्चित करने हेतु फील्ड में निर्वाचक तंत्र का मार्गदर्शन करना है। श्री सुशील चंद्रा ने बताया कि प्रत्येक निर्वाचन स्वयं में महत्वपूर्ण हैं, इसके अपने संभार तंत्र एवं चुनौतियाँ हैं फिर भी अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतः विशेष प्रेक्षकों को सतर्क रहने एवं पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान रियल टाइम के आधार पर आयोग के साथ संपर्क बनाये रखने की आवश्यकता है तथा उन्हें किसी भी प्रकार के अपेक्षित सुधारात्मक उपायों को आयोग के ध्यान में लाना चाहिए। सभी संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और विश्वास बनाने के पर्याप्त उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ऐसे हर एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं को परेशानी रहित अनुभव प्रदान करना चाहता है जिनमें विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए न्यूनतम आश्वस्त सुविधाएं प्रदान गईं हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र की अन्य सुविधा प्रदान की जाती है। मतदान केंद्रों को कोविड प्रोटोकॉल अनुकूल एवं मतदाता अनुकूल बनाया गया है। निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि विशेष प्रेक्षक अपने गहन प्रशासनिक अनुभव, कौशल एवं सूझबूझ के कारण फील्ड की स्थिति का आकलन करने और सभी हित धारकों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने तथा भारत निर्वाचन आयोग की मानक संचालन प्रक्रियाओं से किसी भी प्रकार से विचलन से बचने में आयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं। श्री कुमार ने निर्वाचन प्रक्रियाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के कहा कि विशेष प्रेक्षक जो जमीनी स्तर पर आयोग के चेहरे के रूप में फील्ड के लिए में केंद्रीय प्रेक्षकों और निर्वाचन तंत्र का मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। श्री कुमार ने बताया कि इन वरिष्ठ अधिकारियों की निष्पक्षता, तटस्थता, दृश्यता, सुगम्यता और सतर्कता आयोग के अनुदेशों का अक्षरशः क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है। विशेष प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयुक्त श्री अनुप चंद्र पाण्डेय ने अधिकारियों का ध्यान न सिर्फ राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों बल्कि फील्ड पर जुड़े हुए ऐसे अनुभवी अधिकारियों से जनमानस की बढ़ी हुई आकांक्षाओं की ओर आकर्षित किया। श्री पाण्डेय ने विशेष रूप से उन्हें आयोग के व्यापक कोविड दिशा-निर्देशों, समय-समय पर आयोग द्वारा जारी किये गए निर्देशों और एस.डी.एम.ए के आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कहा जिसमें राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा निर्वाचन प्रचार के संबंध में हालिया निर्देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विशेष प्रेक्षक अभ्यर्थियों के आपराधिक रिकार्ड, ईवीएम परिवहन प्रोटोकॉल, हाल में बढ़ी हुई व्यय सीमा के संबंध में उच्चतम न्यायालय के अनुदेशों के अनुपालन के प्रति सतर्क और सावधान रहें और निर्वाचन की सुचारू और शांति पूर्ण प्रक्रिया को बाधित करने के किसी भी शरारती प्रयास को विफल करें महा सचिव श्री उमेश सिन्हा ने विशेष प्रेक्षकों का अभिनंदन किया और आयोग के अनुदेशों के संबंध में उन्हें संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने विगत में उनके द्वारा निभाई गई सराहनीय भूमिका को स्वीकारा एवं आशा की कि उनका योगदान आयोग के लिए पुनः अति महत्वपूर्ण रहेगा। निम्नलिखित अधिकारियों को मतदान होने वाले राज्यों अर्थात गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड एवं उत्तर-प्रदेश में विशेष सामान्य पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में नियुक्त किया गया है- श्री मंजीत सिंह, भा. प्र. से. (सेवानिवृत्त) (राजस्थानः 88) और श्री सोमेश गोयल, भा. पु. से. (सेवानिवृत्त) (हिमाचल प्रदेशः 84) गोवा के क्रमशः विशेष सामान्य प्रेक्षक और विशेष पुलिस प्रेक्षक होंगे। श्री मंजीत सिंह पूर्व में पुदुच्चेरी निर्वाचनों में विशेष प्रेक्षक के रूप में जुड़े थे एवं उन्होंने कई बार सामान्य प्रेक्षक के रूप में भी कार्य किया। श्री प्रवीर कृष्ण, भा. प्र. से. (सेवानिवृत्त) (मध्य प्रदेशः87), श्री अरूण कुमार भा. पु. से. (सेवानिवृत्त) (उत्तर प्रदेशः 85) एवं श्री राजेश टूटेजा, पूर्व भा. रा. से. (आई टी) (1987) मणिपुर के लिए क्रमशः विशेष सामान्य, विशेष पुलिस और विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में कार्य करेंगे। श्री प्रवीर कृष्ण पूर्व में मणिपुर में सामान्य प्रेक्षक रह चुके थे। श्री अरूण कुमार पूर्व में सीमा सुरक्षा बल, के. रि. पु. ब. में रह चुके थे और वर्ष 2015 में बिहार निर्वाचन में के. स. पु. ब. के समन्वयक रहे थे। श्री राजेश टूटेजा ने हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में अन्वेषण निदेशक के रूप में कार्य किया और वह पूर्व में पंजाब, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के निर्वाचन से भी जुड़े रहे थे। श्री विनोद जुत्शी भा. प्र. से. (सेवानिवृत्त) (राजस्थानः 82), श्री रजनीकान्त मिश्रा भा. पु. से. (सेवानिवृत्त) (उ. प्र.: 84) और सुश्री हिमालीनी कश्यप, पूर्व भा. रा. से. (आई टी) (1985) पंजाब के लिए क्रमशः विशेष समान्य प्रेक्षक, विशिष्ट पुलिस प्रेक्षक एवं विशेष व्यय प्रेक्षक होंगें। श्री विनोद जुत्शी भारत निर्वाचन आयोग में 6 वर्षों तक उप निर्वाचन आयुक्त रहे थे और उन्होने पूर्व में विशेष प्रेक्षक के रूप में भी कार्य किया। श्री रजनी मिश्रा सीमा सुरक्षा बल में महानिदेशक के अपने अनुभव के साथ भारत निर्वाचन आयोग से जुडे थे। सुश्री कश्यप के पास वर्ष 2020 में अपनी सेवानिवृत्ति से पहले तक आयकर विभाग के विभिन्न पदों पर व्यापक अनुभव रहा है। श्री राम मोहन मिश्रा भा. प्र. से (सेवानिवृत्त) (एएमः87), श्री अनिल कुमार शर्मा, भा. पु. से. (सेवानिवृत्त) (पंजाबः84) और सुश्री मधु महाजन, पूर्व भा. रा. से. आई टी (1982) उत्तराखंड के लिए क्रमशः विशेष सामान्य प्रेक्षक, विशेष पुलिस प्रेक्षक एवं विशेष व्यय प्रेक्षक होंगे। सुश्री महाजन अपने निर्दिष्ट कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञता के कारण पूर्व में बिहार तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, कर्नाटक और महाराष्ट्र विधान सभा के निर्वाचनों से भी जुड़ी रहीं हैं। श्री अनिल कुमार शर्मा ने पश्चिम बंगाल निर्वाचनों के लिए विशेष प्रेक्षक के रूप में कार्य किया। श्री आर. एम. मिश्रा का पूर्व में उत्तराखंड का व्यापक अनुभव रहा है। श्री अजय नायक, भा. प्र. से. (सेवानिवृत्त) (बी.एचः 84) विशेष सामान्य प्रेक्षक के रूप में कार्य करेंगे; श्री दीपक मिश्रा भा.पु. से. (सेवानिवृत्त) (एजीएमयूटीः 84) विशेष पुलिस प्रेक्षक एवं श्री बी. मुरली कुमार, पूर्व भा. रा. से. (आईटी) (1983) और श्री बी. आर बालाकृष्णन (पूर्व भा. से. से.) (आई टी) (1983) उत्तर-प्रदेश के लिए दो विशेष व्यय प्रेक्षकों के रूप में कार्य करेंगे। यह भी स्मरणीय है कि श्री बालाकृष्णन पूर्व में बिहार, तमिलनाडु एवं पुदुच्चेरी और वर्ष 2019 में 89 हुजुरनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए आयोजित उपचुनाव से भी जुड़े रहे थे। श्री बी. मुरली कुमार पूर्व में महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल विधान सभा निर्वाचनों और 8- वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उप निर्वाचन के लिए विशेष व्यय प्रेक्षक भी रहे थे। श्री अजय नायक ने पूर्व में बिहार के मुख्य निर्वाचक अधिकारी तथा पश्चिम बंगाल निर्वाचनों के लिए विशेष प्रेक्षक के रूप में कार्य किया था। श्री दीपक मिश्रा केरल के निर्वाचनों से भी जुड़े रहे थे। विशेष प्रेक्षक जल्द ही उन्हें आवंटित किए गए राज्यों का दौरा करेंगे एवं राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों तथा संबंधित उप निर्वाचन आयुक्तों के साथ अपना कार्य शुरू करेंगे।
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    No. 437/TA-LA/1/2021/Communication Dated: 31st January 2022 CORRIGENDUM ORDER Sub:-General Election to the Legislative Assembly of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh 2022-Allotment of Broadcast/ Telecast time to National/State Political Parties-reg. In partial modification, the Commission’s Order of even No. dated 14th January, 2022 w.r.to allotment of Broadcast/Telecast time to National/State Political Parties in respect of Manipur State, has been amended as under: Time available to National/State Parties on Regional Kendras/State Capital Kendras of Doordarshan/All India Radio Name of State/UT Name of National/ State Party Total time allotted in minutes for No. of Time Vouchers issued for Broadcast Telecast Broadcast Telecast Manipur AITC 105 105 21 (5 minutes each) 21 (5 minutes each) BSP 90 90 18 (5 minutes each) 18 (5 minutes each) BJP 466 466 93 (5 minutes each) + 1 (1 minute) 93 (5 minutes each) + 1 (1 minute) CPI 98 98 19 (5 minutes each) +1 (3 minutes) 19 (5 minutes each) +1 (3 minutes) CPI (M) 90 90 18 (5 minutes each) 18 (5 minutes each) INC 454 454 90 (5 minutes each) +1 (4 minutes) 90 (5 minutes each) +1 (4 minutes) NCP 100 100 20 (5 minutes each) 20 (5 minutes each) NPP 142 142 28 (5 minutes each) +1 (2 minutes) 28 (5 minutes each) +1 (2 minutes) NPF 164 164 32 (5 minutes each) +1 (4 minutes) 32 (5 minutes each) +1 (4 minutes) PDA 92 92 18 (5 minutes each) +1 (2 minutes) 18 (5 minutes each) +1 (2 minutes) Total 1801 1801 1801 1801 2. The rest content of the said Order remains unchanged.
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 – मतगणना – तत्संबंधी।
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2022 के लिए प्रेस नोट साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची उत्तर प्रदेश विधान सभा के साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची: मतदान कार्यक्रम चरण-I (58 वि.स.नि.क्षे.) चरण –II (55 वि.स.नि.क्षे.) चरण -III (59 वि.स.नि.क्षे.) चरण -IV (59 वि.स.नि.क्षे.) चरण –V (61 वि.स.नि.क्षे.) चरण –VI (57 वि.स.नि.क्षे.) चरण –VII (54 वि.स.नि.क्षे) अधिसूचना जारी करना 14.01.2022 (शुक्रवार) 21.01.2022 (शुक्रवार) 25.01.2022 (मंगलवार) 27.01.2022 (गुरुवार) 01.02.2022 (मंगलवार) 04.02.2022 (शुक्रवार) 10.02.2022 (गुरुवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि 21.01.2022 (शुक्रवार) 28.01.2022 (शुक्रवार) 01.02.2022 (मंगलवार) 03.02.2022 (गुरुवार) 08.02.2022 (मंगलवार) 11.02.2022 (शुक्रवार) 17.02.2022 (गुरुवार) संवीक्षा की तारीख 24.01.2022 (सोमवार) 29.01.2022 (शनिवार) 02.02.2022 (बुधवार) 04.02.2022 (शुक्रवार) 9.02.2022 (बुधवार) 14.02.2022 (सोमवार) 18.02.2022 (शुक्रवार) अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 27.01.2022 (गुरुवार) 31.01.2022 (सोमवार) 04.02.2022 (शुक्रवार) 07.02.2022 (सोमवार) 11.02.2022 (शुक्रवार) 16.02.2022 (बुधवार) 21.02.2022 (सोमवार) मतदान की तिथि 10.02.2022 (गुरुवार) 14.02.2022 (सोमवार) 20.02.2022 (रविवार) 23.02.2022 (बुधवार) 27.02.2022 (रविवार) 03.03.2022 (गुरुवार) 07.03.2022 (सोमवार) मतगणना की तिथि 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) 10-03-2022 (गुरुवार) संपन्‍न होने की तारीख 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) उत्‍तराखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची: मतदान कार्यक्रम एकल चरण (सभी 70 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) अधिसूचना जारी करने की तारीख 21-01-2022 (शुक्रवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 28-01-2022 (शुक्रवार) संवीक्षा की तारीख 29-01-2022 (शनिवार) नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख 31-01-2022 (सोमवार) मतदान की तारीख 14-02-2022 (सोमवार) मतगणना की तारीख 10-03-2022 (गुरूवार) मतदान पूरा होने की तारीख 12-03-2022 (शनिवार) पंजाब विधान सभा के साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची: मतदान कार्यक्रम एकल चरण (सभी 117 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) अधिसूचना जारी करने की तारीख 21-01-2022 (शुक्रवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 28-01-2022 (शुक्रवार) संवीक्षा की तारीख 29-01-2022 (शनिवार) नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख 31-01-2022 (सोमवार) मतदान की तारीख 14-02-2022 (सोमवार) मतगणना की तारीख 10-03-2022 (गुरूवार) मतदान पूरा होने की तारीख 12-03-2022 (शनिवार) गोवा विधान सभा के साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची: मतदान कार्यक्रम एकल चरण (सभी 40 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) अधिसूचना जारी करने की तारीख 21-01-2022 (शुक्रवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 28-01-2022 (शुक्रवार) संवीक्षा की तारीख 29-01-2022 (शनिवार) नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख 31-01-2022 (सोमवार) मतदान की तारीख 14-02-2022 (सोमवार) मतगणना की तारीख 10-03-2022 (गुरूवार) मतदान पूरा होने की तारीख 12-03-2022 (शनिवार) मणिपुर विधान सभा के साधारण निर्वाचन के लिए अनुसूची: मतदान कार्यक्रम चरण-V (38 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) चरण-VI (22 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) अधिसूचना जारी करने की तारीख 01-02-2022 (मंगलवार) 04-02-2022 (शुक्रवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 08-02-2022 (मंगलवार) 11-02-2022 (शुक्रवार) संवीक्षा की तारीख 09-02-2022 (बुधवार) 14-02-2022 (सोमवार) नाम वापिस लेने की अंतिम तारीख 11-02-2022 (शुक्रवार) 16-02-2022 (बुधवार) मतदान की तारीख 27-02-2022 (रविवार) 03-03-2022 (गुरूवार) मतगणना की तारीख 10-03-2022 (गुरूवार) 10-03-2022 (गुरूवार) मतदान पूरा होने की तारीख 12-03-2022 (शनिवार) 12-03-2022 (शनिवार) Download file to view details
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    ECI/PN/4/2022/Communication Dated: 14 th January, 2022 PRESS NOTE Sub:-General Election to the Legislative Assembly of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh 2022-Allotment of Broadcast/ Telecast time to National/State Political Parties-reg. Considering the ongoing COVID-19 pandemic and enhanced relevance of non-contact based campaign, Election Commission of India, in consultation with Prasar Bharti Corporation has decided to double the broadcast/telecast time allotted to each National Party and recognized State Party of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh on Doordarshan and All India Radio during the ongoing General Election to the Legislative Assembly of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh, 2022. 2. A copy of the Commission’s Order No.437/TA-LA/1/2021/Communication, dated 14th January, 2022 regarding allotment of Broadcast/Telecast time to National/State political parties in the General Election to the Legislative Assembly of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh, 2022 is enclosed for the information of the general public.
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2022 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई- तत्संबंधी।
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    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।
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    आदर्श आचार संहिता लागू होना- गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022-तत्संबंधी।

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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