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सं. आयोग/प्रेस नोट/86/2019
दिनांक: 23 सितम्बर, 2019
प्रेस नोट
भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा एवं महाराष्ट्र राज्यों में विधान सभा निर्वाचनों के लिए साधारण, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों को ब्रीफ किया
भारत निर्वाचन आयोग ने आज हरियाणा एवं महाराष्ट्र विधान सभाओं के लिए अगले महीने आयोजित होने वाले निर्वाचनों हेतु तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए ब्रीफिंग का आयोजन किया। भा.प्र.से, भा.पु.से. के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा कतिपय अन्य केन्द्रीय सेवाओं से लिए गए लगभग 500 अधिकारियों ने ब्रीफिंग बैठक में भाग लिया। इन अधिकारियों को साधारण, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में भी तैनात किया जा रहा है।
प्रेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण कराते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचनों का संचालन पारदर्शी, सहभागी एवं मतदाता हितैषी तरीके से किया जाए, खासकर दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए, जिन्हें सहायता की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों को आयोग के नियमों और पालन की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाना चाहिए। श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई गलती न हो, बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। श्री अरोड़ा ने आगाह करते हुए कहा कि कभी-कभी एकदम छोटी-सी गलती भी टालने योग्य न्यूज रिपोर्टिंग में बदल जाती है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा नियुक्त नामितियों के रूप में प्रेक्षकों को फील्ड स्तर पर सभी हितधारकों के प्रति अपने दृष्टिकोण में सचेत, तटस्थ और अनुक्रियाशील होने की जरूरत है। श्री अरोड़ा ने विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कहा कि आयोग ने भी महाराष्ट्र राज्य के लिए दो विशेष व्यय प्रेक्षकों नामत: सुश्री मधु महाजन (पूर्व आईआरएस 1982) को नियुक्त किया है, जिन्हें आयकर विभाग के अन्वेषण विंग में उनके पूर्व अनुभव को देखते हुए हालिया लोक सभा निर्वाचनों में तमिलनाडु के लिए भी विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था और श्री बी.मुरली कुमार (पूर्व आईआरएस 1983) जिन्हें भी लोकसभा निर्वाचनों के दौरान 8-वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था और जिन्होंने पूर्व में आयकर महानिदेशक (अन्वेषण), चेन्नई के रूप में काम किया था। निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा ने उल्लेख किया कि फील्ड स्तर के अधिकारियों के लिए आयोग की प्रक्रियाएं अच्छी तरह से निर्धारित हैं। श्री लवासा ने यह भी कहा, ''आयोग को और प्रेक्षकों से बहुत उम्मीदें रहती हैं और यह उन पर बहुत निर्भर करता है क्योंकि जमीनी स्तर के अधिकारी भी इस रूप में पदस्थापित प्रेक्षकों की विशेषज्ञ सलाह और निष्पक्ष दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं।'' निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग ने प्रेक्षक एप और अधिकारियों की सहायता के लिए सी-विजिल जैसे अन्य तकनीकी साधान तैयार किए हैं, हालांकि यह उम्मीद की जाती है कि प्रेक्षक सतर्क रहेंगे और हर वक्त अपने कर्त्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करेंगे।
समूह को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रेक्षकों के रूप में उन्हें भारत निर्वाचन आयोग की ओर से महत्वपूर्ण सांविधिक दायित्व निभाने हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस बात का आह्वान किया कि वे जमीनी स्तर पर निर्वाचनों के सुचारू संचालन के संबंध में सभी नियत बारीकियों का पालन करें- चाहे वह मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधिओं की बात हो अथवा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए मॉक पोल की निर्धारित प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने की बात हो इत्यादि, अथवा व्यय दिशा-निर्देशों का प्रर्वतन करना हो और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय हेतु सभी एजेंसियों के बीच समन्वित रूप से कार्य करना हो। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में व्यय प्रेक्षकों की भूमिका बहुत अहम हो गई है। श्री चंद्रा ने आगे बढ़ते हुए कहा कि प्रेक्षकों को फील्ड में सभी महत्वपूर्ण निर्वाचन पदाधिकारियों पर पैनी नज़र रखनी चाहिए और आयोग की आँख और कान बनकर काम करना चाहिए।
आधे दिन तक चले ब्रीफिंग सत्रों के दौरान वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त (योजना और स्वीप), श्री उमेश सिन्हा द्वारा अधिकारियों को निर्वाचन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यापक और गहन जानकारी दी गई। साथ ही, श्री संदीप सक्सेना, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा निर्वाचक नामावली, आईटी अनुप्रयोगों, आदर्श आचार संहिता के पहलुओं पर जानकारी दी गई। राज्य के निर्वाचन प्रभारी के रूप में श्री सक्सेना ने हरियाणा राज्य की फील्ड स्तरीय चिंताओं से अधिकारियों को अवगत कराया। महाराष्ट्र राज्य के प्रभारी और आयोग में कानूनी प्रावधानों के प्रभारी श्री चंद्र भूषण, उप निर्वाचन आयुक्त, ने अनुपालन की जाने वाली बारीकियों से प्रेक्षकों को अवगत कराया। उप निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन ने ध्यान रखे जाने वाले ईवीएम-वीवीपीएटी प्रोटोकॉलों के बारे में प्रेक्षकों को ब्रीफ किया। निर्वाचन योजना, प्रेक्षकों की भूमिका और दायित्वों, निर्वाचक नामावली मुद्दों, आदर्श आचार संहिता को लागू करना, कानूनी प्रावधानों, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया सहभागिता और आयोग की फ्लैगशिप स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) कार्यक्रम के तहत मतदाता सुविधा के लिए शुरू किए गए भांति भांति की गतिविधियों पर विस्तृत विषयपरक प्रस्तुतीकरण दिए गए। प्रेक्षकों को विभिन्न आईटी पहल और व्यय दिशा-निर्देशों से भी अवगत कराया गया।
प्रेक्षक एप का उपयोग करते हुए, सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षक मोबाईल एप से संबंधित दस्तावेज़ अपलोड करने के लिए आयोग को अपनी रिपोर्ट सुरक्षित तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रेक्षक डयूटी पर रहते हुए भी इस एप के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं, अलर्ट और तत्काल संदेश प्राप्त कर सकेंगे। इससे प्रेक्षक तैनाती की स्थिति जान सकेंगे, आईडी कार्ड डाउनलोड कर पाएंगे और अपनी प्रोफाइल को अद्यतन कर पाएंगे। प्रेक्षक उड़न दस्ते द्वारा मामले की जांच करने के बाद लिखित रिपोर्ट दे सकते हैं। प्रेक्षकों को अक्तूबर 2019 के अंत तक निर्वाचन प्रक्रिया की सम्पूर्ण अवधि के लिए आयोग में प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है।