113 downloads
सं. 3/4/आईडी/2021/एसडीआर/खण्ड.II दिनांकः 26 मार्च, 2021
आदेश
यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 61 में यह उपबंधित है कि निर्वाचकों के प्रतिरूपण का निवारण करने की दृष्टि से, ताकि उक्त अधिनियम की धारा 62 के अधीन वास्तविक निर्वाचकों का उनके मत देने के अधिकार को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके, उक्त अधिनियम के अधीन नियमों द्वारा मतदान के समय निर्वाचकों की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्वाचकों के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के प्रयोग हेतु नियमों के द्वारा उपबंधों को बनाया जा सकता है; तथा
यतः, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 का नियम 28 निर्वाचन आयोग को, इस दृष्टि से कि निर्वाचकों के प्रतिरूपण का निवारण हो सके तथा मतदान के समय उनकी पहचान को सरल बनाया जा सके, निर्वाचकों को राज्य की लागत पर फोटोयुक्त निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी करने के लिए निर्देश देने की शक्ति प्रदान करता है; तथा
यतः, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 49ज (3) तथा 49ट (2) (ख) में यह अनुबंधित है कि जहां किसी निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचकों का निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के नियम 28 के उक्त उपबंधों के अधीन निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिये जाते हैं, निर्वाचकों को मतदान केन्द्र में अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाना होगा तथा उनके द्वारा निर्वाचक फोटो पहचान पत्रों को नहीं दिखाए जाने व असमर्थ होने पर उन्हें मत डालने की अनुमति देने से इनकार किया जा सकता है; तथा
यतः, उक्त अधिनियम तथा नियमों के उपर्युक्त उपबंधों को मिलाकर एवं सामंजस्यपूर्ण ढंग से उनके अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि यद्यपि मत देने का अधिकार निर्वाचक नामावली में नाम के होने से ही होता है, यह निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य की लागत पर, मतदान के समय उनकी पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदान करवाए गए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के प्रयोग पर भी निर्भर करता है, तथा दोनों को एक साथ प्रयोग करना होता है; तथा
यतः, निर्वाचन आयोग ने एक समयबद्ध योजना के अनुसार सभी निर्वाचकों को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) जारी करने के निर्देश देते हुए दिनांक 28 अगस्त, 1993 को एक आदेश जारी किया है; तथा
यतः, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तराखंड राज्यों में लगभग 100% निर्वाचकों को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं; तथा
अतः, अब सभी संबद्ध घटकों तथा विधिक एवं तथ्यात्मक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, निर्वाचन आयोग, एतद्द्वारा, यह निदेश देता है कि 12-03-2021 और 23-03-2021 को अधिसूचित किए गए केरल के 6-मलप्पुरम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र, तमिलनाडु के 39-कन्याकुमारी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र, आंध्र प्रदेश के 23-तिरूपति (अ. जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और कर्नाटक के 2-बेलगाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र, गुजरात के 125-मोरवा हडफ (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, झारखंड के 13-मधुपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक के 47-बासवकल्याण और 59-मास्की (अ. ज. जा) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य प्रदेश के 55-दमोह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, महाराष्ट्र के 252-पंढरपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, मिजोरम के 26-सेरछिप (अ. ज. जा) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, नागालैंड के 51-नोकसेन (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, ओडिशा के 110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, राजस्थान के 179-सहाड़ा, 24-सुजानगढ़ (अ. जा.) और 175-राजसमन्द विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, तेलंगाना के 87-नागार्जुन सागर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र और उत्तराखंड के 49-सल्ट विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान उप-निर्वाचनों के लिए सभी मतदाता, जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए हैं, मतदान स्थल पर मत डालने से पहले पहचान सुनिश्चित करने हेतु अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करेंगे। ऐसे निर्वाचक, जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगाः-
आधार कार्ड,
मनरेगा जॉब कार्ड,
बैंकों/ डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक,
श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
ड्राइविंग लाइसेंस,
पैन कार्ड,
एनपीआर के अधीन आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड,
भारतीय पासपोर्ट,
फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज,
केन्द्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू)/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र,
सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र।
एपिक के संबंध में, लिपिकीय त्रुटियां, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए बशर्ते मतदाता की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है उस मतदान स्थल से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध होना चाहिए। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तब मतदाता को उपयुर्कत पैरा 7 में वर्णित किसी एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
उक्त पैरा 7 में किसी बात के होने के बावजूद, ऐसे प्रवासी निर्वाचक, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केन्द्र में उनके केवल मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जाएगा ।