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सेवा में,
सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय/राज्य राजनैतिक दलों के अध्यक्ष/महासचिव
विषय: कोविड-19 महामारी के दौरान अभियानों इत्यादि के संबंध में दिशा-निर्देश -तत्संबंधी।
महोदय,
भारत निर्वाचन आयोग ने, कोविड-19 महामारी को देखते हुए दिनांक 21.08.2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें मतदान केंद्रों पर मतदाताओं/अधिकारियों के साथ-साथ निर्वाचन अभियानों के लिए कोविड से सुरक्षित व्यवस्थाएं निर्धारित की गई थीं। दिनांक 26.02.2021 को असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्र पुदुचेरी के लिए विधान सभा निर्वाचनों की घोषणा करते समय कोविड संबंधी इन दिशा-निर्देशों को दोहराया गया था। इन्हें पुन: दिनांक 09.04.2021 की चेतावनी में दोहराया गया, ‘‘कि उल्लंघन के मामले में आयोग चूककर्ता अभ्यर्थियों/स्टार प्रचारकों/राजनैतिक नेताओं की सार्वजनिक बैठकों इत्यादि पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेगा।’’
तथापि, उल्लंघन पाए जाने पर आयोग ने 16 अप्रैल, 2021 को अधिनियम 324 को लागू करते हुए आगामी पश्चिम बंगाल विधान सभा निर्वाचन 2021 में प्रचार मुक्त (साइलेंस) अवधि को बढ़ा दिया है तथा अनुदेश दिया है कि:
(क) दिनांक 16.04.2021 से अपराह्न 7.00 बजे से प्रचार अभियान के दिनों के दौरान किसी भी दिन अपराह्न 7.00 बजे और पूर्वाह्न 10.00 बजे के बीच रैलियों, सार्वजनिक सभाओं, स्ट्रीट नाटकों, नुक्कड़ सभाओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।
(ख) प्रचार उद्देश्यों के लिए रैलियों, जन सभाओं, स्ट्रीट नाटकों, नुक्कड़ सभाओं, बाइक रैलियों अथवा अन्य किसी सभा के लिए प्रचारमुक्त अवधि पश्चिम बंगाल राज्य में चरण 6, चरण 7 एवं चरण 8 के लिए मतदान की समाप्ति से पहले 72 घंटों तक बढ़ाई जाएगी।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दायर किए गए शपथपत्र, जिसमें कोविड-19 अनुदेशों/दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए विस्तृत कदमों का ब्यौरा दिया गया था, के दृष्टिगत माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय ने, वर्ष 2021 की रिट याचिका अपील सं. 117 और 2021 की रिट याचिका अपील सं. 118 में पारित अपने सामान्य आदेश दिनांक 20.04.2021 के तहत निम्नानुसार टिप्पणी की थी:
"ऐसा होने पर भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे रिपोर्ट के पैराग्राफ 43 में यथा वर्णित अपेक्षित कदम उठाए और सभी राजनैतिक दलों, निर्वाचन अभ्यर्थियों एवं निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित अन्य सभी संबंधितों द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों और संदेशों के सख्त अनुपालन की अपेक्षाएं नियत करके कोविड प्रोटोकाल के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करें।"
अत: आयोग एक बार फिर से चेतावनी देता है कि यदि दलों/अभ्यर्थियों द्वारा अभियान के दौरान निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन नहीं किया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 आदि के अधीन जिला प्राधिकरणों द्वारा तत्काल आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी तथा यदि पूर्व में उन्हें प्रचार अभियान के लिए अनुमति प्रदान की गई होगी, तो उसे भी रद्द कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी पश्चिम बंगाल तथा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों एवं मौजूदा दिशा-निदेशों का निष्ठापूर्वक अनुपालन करने का भी निदेश दिया जा रहा है।
धन्यवाद
भवदीय,
(सुदीप जैन)
उप निर्वाचन आयुक्त