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    सं. भा.नि.आ./प्रेसनोट/115/2019 दिनाँकः 7 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट झारखंड की विधानसभा, 2019 के साधारण निर्वाचनों के दूसरे चरण में मतदान झारखंड विधानसभा के निर्वाचनों के दूसरे चरण में आज 20 विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में निर्वाचन संपन्न हुआ। तदनुसार, सात जिलों अर्थात् पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिम सिंहभूम, रांची, खूंटी, गुमला और सिमडेगा में मतदान संपन्न हुआ। इस निर्वाचन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- · 20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 18 नक्सल प्रभावित हैं। · 6,066 मतदान केंद्रों में से 4,478 मतदान केंद्रों (73% से अधिक) को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। · 1,455 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को मतदान से दो दिन पहले भेजने की आवश्यकता थी। · 346 मतदान कर्मियों की तैनाती के लिए 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए थे। · इस चरण में कुल 48,25,038 मतदाता शामिल थे, जिसमें 10,492 सेवा मतदाता और 62,565 दिव्यांग मतदाता थे। 29 महिला अभ्यर्थियों सहित कुल 260 अभ्यर्थी निर्वाचनों में भाग ले रहे हैं। · 5,847 स्वयं सेवकों द्वारा दिव्यांगजनों को उनके घर से मतदान केंद्रों तक लाने, ले-जाने में सहायता प्रदान की गई। उन्हें लाने ले जाने के लिए कुल 2,079 वाहनों का प्रयोग किया गया। दिव्यांगजनों के लिए मतदान केंद्रों में 2,934 व्हील चेयर उपलब्ध कराई गईं। · धन बल का दुरुपयोग रोकने के लिए आयोग द्वारा व्यापक तंत्र स्थापित किया गया। पूरे राज्य में आज तक कुल 16.0 करोड़ रूपये जब्त किए जा चुके हैं। · दूसरे चरण के तीन विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों (अर्थातः 48-जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 293 मतदान केंद्र, 49-जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 330 मतदान केंद्र और 52-चाईबासा (अ.ज.जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 284 मतदान केंद्र) में नवारंभित बूथ एप का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया (क्लिप संलग्न हैं)। यह एप मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर पंक्ति में खड़े मतदाताओं की संख्या के संबंध में सही और वास्तविक सूचना लेकर देता है। मतदाता प्रतिशत के अनुमानित आंकड़े:- प्रेस नोट जारी करते समय कुछ मतदान केंद्रों में अभी भी मतदान चल रहा था। पीठासीन अधिकारी की डायरी और अन्य दस्तावेज़ों का सत्यापन और संवीक्षा करने के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत का पता चल पाएगा। अपराह्न 5:00 बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे चरण के सभी 20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आज लगभग 62.40% मतदान होने का अनुमान है। विधान सभा निर्वाचन 2014 में इन 20 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम मतदान प्रतिशत 68.01 प्रतिशत था। ईवीएम और वीवीपीएटीः- आज संपन्न हुए मतदान में ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विधान सभा के सभी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में आज, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केवल 0.20% बैलेट यूनिट, 0.20% कंट्रोल यूनिट और 0.69% वीवीपीएटी को बदला गया था। मतदान दिवस की घटनाएं:- मुख्य निर्वाचन अधिकारी/सामान्य प्रेक्षकों द्वारा निम्नलिखित घटनाओं की रिपोर्ट भेजी गई हैः i. प्रातः लगभग 9:30 बजे मतदान केंद्र-36, सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, गुमला जिले में तैनात आरपीएफ और कुछ ग्रामीणों के बीच हाथापाई हुई। रिपोर्ट के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने एक जवान पर हमला करने और उसका हथियार छीनने का प्रयास किया। अगली घटना में ग्रामीणों ने जवानों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए जिन्हें तदुपरांत गोली चलानी पड़ी। इस घटना में गोली लगने से जिलानी अंसारी (बाघनी निवासी) नाम का व्यक्ति मारा गया जबकि दो अन्य ग्रामीण घायल हो गए। जिला पुलिस के पुलिस अधिकारी और आरपीएफ के कुछ जवान भी घायल हुए। वहां पुनः मतदान कराने का आदेश दिया जा रहा है। ii. 52-चाईबासा में आगजनी की एक घटना हुई, जब 84-प्राथमिक विद्यालय जोजोहातू-1 के बूथ से एक बस में मतदाताओं को रिलोकेटिड बूथ मिडल स्कूल पंडावीर ले जाया जा रहा था। किसी के घायल होने की खबर नहीं है। iii. आज सायं खूंटी जिले के तमाड़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अडकी ब्लॉक से वापिस लौट रहे एक मतदान दल पर नक्सलियों ने गोली चलाई। बचाव और तलाशी अभियान जारी है।
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    ईसीआई/प्रेस नोट/120/2019 दिनांक: 22.12.2019 प्रेस नोट विषय: झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों का प्रचार-प्रसार करने की व्‍यवस्‍था – 23 दिसंबर, 2019 भारत निर्वाचन आयोग ने एक एकीकृत आईसीटी गणना एप्‍लीकेशन विकसित की है, जो वेबसाइट http://results.eci.gov.in और वोटर हेल्‍पलाइन (एन्‍ड्रायड और आईओएस) मोबाइल एप पर परिणाम प्रदर्शित करेगी। उक्‍त वेबसाइट दिनांक 23 दिसंबर, 2019 को प्रात: 8 बजे से झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों को प्रदर्शित करना शुरू कर देगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित केंद्रीकृत साफ्टवेयर ‘एन्‍कोर’ में रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा डाटा सीधे प्रविष्‍ट किया जाता है। इस एप्‍लीकेशन से रिटर्निंग अधिकारी साफ्टवेयर में डाटा की तालिका-वार प्रविष्टि कर सकता है जिससे समय की पर्याप्‍त बचत होती है और परिणाम तथा रूझानों का त्रुटिरहित डाटा प्रदर्शित होता है। 2. ईसीआई के आईसीटी दल द्वारा विकसित गणना साफ्टवेयर गणना प्रक्रिया के दौरान रिटर्निंग अधिकारियों के लिए अनिवार्य विभिन्‍न प्रकार की सांविधिक रिपोर्टों जैसे कि प्ररूप-20, अंतिम परिणाम शीट, परिणामों की औपचारिक घोषणा के लिए 21-ग और 21 ड़ में निर्वाचन विवरणी तैयार करने/संकलित करने की सुविधा प्रदान करता है। रिटर्निंग अधिकारी गणना पूरी होने के बाद सिस्‍टम द्वारा सृजित इन रिपोर्टों को डाउनलोड कर सकता है और एक अबाधित परिवेश में सांविधिक अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है। 3. भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन रूझान टीवी की भी शुरूआत की है, जिस पर परिणामों के रूझानों के रियल टाइम में पूर्ण ग्राफिक रूप से सूक्ष्‍म विवरण प्रकाशित किए जाते हैं। जब भी रिटर्निंग अधिकारी द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद प्रत्‍येक राउंड की गणना का डाटा प्रविष्‍ट किया जाता है, तो यह डाटा उन्‍नत स्रोत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके बिना किसी मैनुअल हस्‍तक्षेप के निर्वाचन रूझान टीवी पर प्रदर्शित होता है। इन पैनलों को रिटर्निंग अधिकारियों और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा बड़े टीवी पैनलों का उपयोग करके सार्वजनिक स्‍थानों पर स्‍वत: प्रदर्शित किए जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा सकता है और समनुरूप बनाया जा सकता है।
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    ईसीआई/प्रे.नो./116/2019 दिनांकः 12 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट झारखंड विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के तीसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान दिनांक 12.12.2019 को 8 जिलों (कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, सरायकेला, खरसवां और रांची) में शामिल 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों में तीसरे चरण के निर्वाचन सम्पन्न हुए। मतदान दिवस बिना किसी दुर्घटना के, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा-वर्ग, इत्यादि सहित मतदाताओं की अत्यन्त उत्साहपूर्ण सहभागिता के साथ शांतिपूर्वक बीता। महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे दी गई हैं:- 7,016 में से 5,342 मतदान केंद्रों (76.14% से अधिक) को गंभीर की श्रेणी में श्रेणीकृत किया गया; पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। 188 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को दो दिन पहले भेजे जाने की जरूरत पड़ी। 160 मतदान कर्मियों को पहुँचाने के लिए 3 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया। इस चरण में 56,18,267 मतदाताओं, जिसमें 10,365 सेवा मतदाता और 63,616 दिव्यांग मतदाता शामिल थे, को कवर किया गया। 32 महिला अभ्यर्थियों सहित 309 अभ्यर्थी मैदान में थे। 7,336 स्वयंसेवकों ने दिव्यांग मतदाताओं को उनके घरों से मतदान केंद्रों तक पहुँचाने के लिए सुविधा प्रदान की। उनके परिवहन के लिए 1,953 वाहनों की व्यवस्था की गई। मतदान केंद्रों पर 3,581 व्हीलचेयरों की व्यवस्था की गई। आयोग ने धन-बल के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक विस्तृत तंत्र स्थापित किया। पूरे राज्य में अब तक की गई जब्ती का कुल मुल्य 16.75 करोड़ रुपए है। मतदाताओं को कतार में खड़े मतदाताओं की संख्या के बारे में जानकारी देने के लिए हाल में तैयार किए गए बूथ एप का तीसरे चरण के तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामतः, 23-रामगढ़ (405 मतदान केंद्र), 25-हजारीबाग (486 मतदान केंद्र) एवं 63-रांची (370 मतदान केंद्र) में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। 1. मतदाता टर्नआउट के अनुमानित आंकड़े (अपराह्न 5.00 बजे): प्रेस नोट जारी होने के समय कुछ मतदान केंद्रों में मतदान चल ही रहे थे। पीठासीन अधिकारी की डायरियों एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन और संवीक्षा के बाद अंतिम मतदान आंकड़ों के बारे में पता चलेगा। अप. 5.00 बजे तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, तीसरे चरण के 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों के लिए आज अनुमानित मतदान आंकड़ा 62.03% है। इन 17 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विधान सभा निर्वाचन 2014 के दौरान अंतिम मतदान आंकड़ा 64.02% था। 2. ईवीएम एवं वीवीपीएटीः- आज मतदान के दौरान ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होने की रिपोर्ट नहीं मिली है। आज, सभी 17 निर्वाचन-क्षेत्रों में, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मतदान के दौरान केवल 0.43% बीयू, 0.44% सीयू और 1.13% वीवीपीएटी बदले गए।
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    झारखंड विधान सभा का साधारण निर्वाचन 2019-इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी का इस्तेमाल।
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    झारखंड विधान सभा का साधारण निर्वाचन 2019-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पारेषित करने के संबंध में आयोग का निदेश- तत्संबंधी।
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    सं.3/4/आई.डी./2019/एसडीआर/खण्ड-I दिनांक:15 नवंबर, 2019 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी झारखण्‍ड, रांची। विषय: झारखण्‍ड की राज्‍य विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019-निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश-तत्‍संबंधी। महोदय, मुझे झारखण्‍ड की राज्‍य विधान सभा के साधारण निर्वाचन में निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग के दिनांक 15 नवंबर, 2019 का आदेश इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है। 2. आयोग ने यह निदेश दिया है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी निर्वाचकों, जिन्‍हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) जारी किए गए हैं, उन्हें अपने मत देने से पहले मतदान केन्‍द्र में अपनी पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रस्‍तुत करना है। जो निर्वाचक एपिक प्रस्‍तुत करने में सक्षम नही होंगे उन्‍हें अपनी पहचान स्‍थापित करने के लिए आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्‍तावेजों में से कोई एक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करना होगा। स्पष्टीकरण के दस्तावेजों की सूची नीचे पुन: प्रस्तुत है- (i) पासपोर्ट, (ii) ड्राइविंग लाइसेंस, (iii) केंद्र/राज्‍य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, (iv) बैंक/डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, (v) पैन कार्ड, (vi) एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, (vii) मनेरगा जॉब कार्ड, (viii) श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, (ix) फोटोयुक्‍त पेंशन दस्‍तावेज, (x) सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र (xi) आधार कार्ड 3. एपिक के मामले में, उसमें प्रविष्टियों की मामूली विसंगतियां नजरअंदाज कर दी जानी चाहिएं बशर्ते एपिक द्वारा निर्वाचक की पहचान स्थापित की जा सके। अगर निर्वाचक कोई ऐसा निर्वाचक फोटो पहचान कार्ड प्रस्तुत करते हैं जो दूसरे विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो तो ऐसे कार्ड भी पहचान के लिए स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते उस निर्वाचक का नाम उस मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में मौजूद हो जहां निर्वाचक मतदान करने उपस्थित हुए हैं। अगर फोटोग्राफ, आदि के बेमेल होने की वजह से निर्वाचक की पहचान स्थापित करना संभव नहीं हो तो निर्वाचक को आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो दस्तावेजों में से कोई एक पेश करना होगा। 4. पूर्व के अवसरों पर, आयोग ने फोटो मतदाता पर्ची को पहचान के लिए एक दस्तावेज के रूप में अनुमति दी थी। हालांकि, इसके दुरुपयोग के आधार पर स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में इसके उपयोग के विरूद्ध अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं क्योंकि ये नामावली को अंतिम रूप देने के पश्चात मुद्रित होती हैं और बूथ स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से मतदान के नजदीक वितरित की जाती हैं। फोटो मतदाता पर्ची के डिज़ाइन में किसी भी प्रकार का सुरक्षा लक्षण शामिल नहीं है। वास्तव में, फोटो मतदाता पर्ची को एक वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में शुरू किया गया था क्योंकि निर्वाचक फोटो पहचान पत्र का कवरेज पूरा नहीं हुआ था। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के पास निर्वाचक फोटो पहचान पत्र हैं और 99 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अब यह निर्णय लिया है कि इसके पश्चात से मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, फोटो मतदाता पर्ची को तैयार करना जारी रखा जाएगा और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास के एक हिस्से के रूप में मतदाताओं को जारी किया जाएगा। निर्वाचकों को यह स्पष्ट करने के लिए कि मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को एक स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा तथा ये शब्द “इस पर्ची को मतदान केंद्र में पहचान के उद्देश्य के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा। आपसे अपेक्षित है कि आप मतदान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र या आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक अपने साथ अवश्य लाएं” बड़े अक्षरों में फोटो मतदाता पर्ची पर मुद्रित किया जाएगा। फोटो मतदाता पर्ची का मुद्रण जारी रहेगा। 5. प्रवासी निर्वाचकों को पहचान के लिए केवल अपना मूल पासपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। 6. यह आदेश, रिटर्निंग अधिकारियों और सभी पीठासीन अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए। इस आदेश की प्रादेशिक भाषा में अनूदित एक प्रति हर एक पीठासीन अधिकारी को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आदेश राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित करवाया जाएगा। इस आदेश का सामान्य जनता एवं निर्वाचकों की जानकारी के लिए प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से तत्काल एवं मतदान का तारीख तक नियमित रूप से बहुत कम अन्तराल पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। इसमें, समाचार-पत्रों में पेड विज्ञापन शामिल होने चाहिए। आपके राज्‍य/संघ शासित क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों को इन दिशा-निर्देशों के संबंध में लिखित में भी सूचित किया जाए। 7. रिटर्निंग अधिकारियों को अनुदेश दिए जाएंगे कि वे इस आदेश की विवक्षाएं नोट करें और विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से सभी पीठासीन अधिकारियों को उसकी विषय-वस्तु से अवगत कराएं। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस पत्र की एक प्रति निर्वाचन-क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों/बूथों में उपलब्ध हो। 8. कृपया पावती दें और की गई कार्रवाई की पुष्टि करें। भवदीय, ह./- (बिनोद कुमार) अवर सचिव
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    ECI/PN/119/2019 Dated: 20th December, 2019 PRESS NOTE Voting concludes in Jharkhand with Peaceful Voting in Phase-VAssembly Constituencies in General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 Absentee Voter Status Facility provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of seven ACs in Jharkhand The Fifth and final Phase of election took place in 16 Assembly Constituencies (ACs) spread across six districts (Sahebganj, Pakur, Dumka, Jamtara, Deoghar and Giridih) in Jharkhand today. The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. • 3,690 out of 5,389 polling stations (more than 68.47%) were categorized as critical; adequate security arrangements were made. • 1 chopper was deployed to drop 62 polling personnel. • This phase covered 40,05,287 voters, including 3,076 service voters and 50,053 PwD voters. Total 237 Candidates including 29 female Candidates are in fray. • In this phase 7,505Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 2,766vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,065wheelchairs were provided at the Polling Stations. In all phases, a total of 31,833 Volunteers facilitated to bring PwD voters from their houses to the polling stations; 11,338 vehicles were deployed to facilitate their transport and 14,036 wheelchairs were provided at the Polling Stations. • The Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of four Assembly Constituencies of Phase-V (namely Rajmahal, Pakur, Godda and Jamtara) and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep. In this phase, 802 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot. This facility of Absentee Voter status was provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of total 7 Assembly Constituencies in Jharkhand (viz, 01-Rajmahal AC, 05-Pakur AC, 09-Jamtara AC, 15-Deoghar AC, 17-Godda AC, 36-Bokaro AC and 40-Dhanbad AC). A total of 2,018 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot across the State. • Total value of seizures across the State till today is Rs 18.76Crore. • In 10 Assembly Constituencies of Phase-II, III & IV, the Booth App was used successfully. • 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) : At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 16 ACs of 5thphase today is 70.83%. The final voter turnout in LAE 2014 for these 16 ACs was 73.31%. The approximate voter Turnout for all 81 ACs across all phases of Jharkhand is 65.17%. The final voter turnout for LAE2014 was 66.53%. 2. EVMs& VVPATs : No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 16 ACs today, as per figures received till now only 0.53% BUs,0.78% CUs and 2.23% VVPATs were replaced.
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    ECI/PN/117/2019 Dated: 16th December, 2019 PRESS NOTE Peaceful Voting in Phase IV of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 The Fourth Phase of election took place in 15 Assembly Constituencies (ACs) covered in 4 districts (Deoghar, Giridih, Bokaro and Dhanbad) on 16.12.2019. The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. • 4,203 out of 6,101 polling stations (more than 69 %) were categorized as critical; adequate security arrangements were made. • 74 polling stations required dispatching polling teams two days in advance. • 2 choppers were deployed to drop 158 polling personnel. • This phase covered 47,85,009 voters, including 7,430 service voters and 64,318 PwD voters. 221 Candidates including 22 female and 1 third gender Candidates are in fray. • 4,039 Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 3,432 vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,504 wheelchairs were provided at the Polling Stations. • For the first time Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of 3 Assembly Constituencies and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep. A total of 1216 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot. • The Commission put in place an elaborate mechanism to curb the misuse of money power. Total value of seizures across the State till today is Rs 16.97 Crore. • In four Assembly Constituencies of Phase-IV (viz., 15-Deoghar (SC), 31-Gandey, 36-Bokaro and 41-Jharia ACs), the Booth App to facilitate voters to know about the number of voters in the queue was used successfully. 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) : At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 15 ACs of 4th phase today is 62.46 %. The final voter turnout in LAE 2014 for these 15 ACs was 64.66%. 2. EVMs & VVPATs : No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 15 ACs today, as per figures received till now only 0.30 % BUs, 0.28 % CUs and 0.87 % VVPATs were replaced, which is one of the lowest replacement.
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    No. ECI/PN/111/2019 Dated: 23rd November, 2019 Press Note Sub: General election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 – Ban on Exit Poll. Election Commission of India, in exercise of the powers under sub-section(1) of Section 126A of the Representation of the People Act, 1951 has notified the period between 7.00 A.M. on 30th November, 2019 (Saturday) and 5.30 P.M. on 20th December, 2019 (Friday) as the period during which conducting any exit poll and publishing or publicizing the result of exit poll by means of the print or electronic media or in any other manner shall be prohibited in the ongoing General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019. Further, under Section 126(1)(b) of the Representation of the People Act, 1951, displaying any election matter including results of any opinion poll or any other poll survey, in any electronic media, would be prohibited during the period of 48 hours ending with the hour fixed for conclusion of poll in the respective polling areas in each phase of the aforesaid General election. Notification dated 18th November, 2019 issued in this regard is enclosed herewith for the information of all concerned.
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    No. ECI/PN/110/2019 Dated: 23rd November, 2019 ECI appoints Sh M K Das as Special Police Observer for Jharkhand Assembly Elections Election Commission of India has appointed Sh Mrinal Kanti Das (IPS 1977 Retd) as Special Police Observer for the ensuing Elections to the State Legislative Assembly of Jharkhand 2019. The Election Commission took the decision in light of the specific challenges of Left Wing Extremism affecting the Law and Order situation in Jharkhand. Sh M K Das will reach Ranchi today to take up his new responsibility and oversee the deployment and other security related issues there. It may be recalled that Sh Das retired as Director General of Manipur Police and was also deputed earlier as Special Observer for Tripura and Mizoram during the 2019 Lok Sabha Elections.
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    General Elections to the Legislative Assemblies of Jharkhand 2019 - EXIT POLL -regarding
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    सं.: ईसीआई/प्रे.नो./106/2019/संचार दिनांक: 04 नवंबर, 2019 प्रेस नोट विषय: झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी। झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिनांक 04 नवंबर, 2019 के आदेश संख्‍या 437/टीए-वि.स/1/2019/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/102/2019 दिनांक: 01 नवंबर, 2019 झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन हेतु अनुसूची मतदान कार्यक्रम चरण I चरण II चरण III चरण IV चरण V राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख 06.11.2019 (बुधवार) 11.11.2019 (सोमवार) 16.11.2019 (शनिवार) 22.11.2019 (शु्क्रवार) 26.11.2019 (मंगलवार) नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख 13.11.2019 (बुधवार) 18.11.2019 (सोमवार) 25.11.2019 (सोमवार) 29.11.2019 (शुक्रवार) 03.12.2019 (मंगलवार) नामनिर्देशनों की संवीक्षा हेतु तारीख 14.11.2019 (गुरूवार) 19.11.2019 (मंगलवार) 26.11.2019 (मंगलवार) 30.11.2019 (शनिवार) 04.12.2019 (बुधवार) अभ्‍यर्थिता वापस लेने की अंतिम तारीख 16.11.2019 (शनिवार) 21.11.2019 (गुरूवार) 28.11.2019 (गुरूवार) 02.12.2019 (सोमवार) 06.12.2019 (शुक्रवार) मतदान की तारीख 30.11.2019 (शनिवार) 07.12.2019 (शनिवार) 12.12.2019 (गुरूवार) 16.12.2019 (सोमवार) 20.12.2019 (शुक्रवार) मतगणना की तारीख 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) समापन की तारीख 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार)
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/105/2019 दिनांक : 04 नवम्बर, 2019 प्रेस नोट विषय: झारखण्ड राज्य विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2019-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज। झारखण्ड राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचन,2019 आयोजित कराने संबं‍धी अनुसूची दिनांक 1 नवम्बर, 2019 को घोषित कर दी गई है। राज्य में दिनांक 30.11.2019, 07.12.2019, 12.12.2019, 16.12.2019 तथा 20.12.2019 को 05 (पांच) चरणों में मतदान आयोजित किया जाना निर्धारित है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप माध्‍यम/साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:- (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाली अड़तालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध- (1) कोई भी व्‍यक्ति- (क) .............................. (ख) चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे; (ग) ................................................................... मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान (2) वह व्‍यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा कारावास में, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा। (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है)। 2. निर्वाचनों के दौरान कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/ वाद-विवाद तथा अन्‍य समाचारों और वर्तमान मामला कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। विगत मे भी आयोग ने यह स्‍पष्‍ट किया था कि उक्‍त धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या परिकल्पित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय होगा। 3. आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा टेलीविजन प्रसारित/रेडिया प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय सूची में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों द्वारा दिए गए विचारों/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की संभावनाओं को प्रोत्‍साहित करने/प्रतिकूल प्रभाव डालने का अर्थ लगाया जाए। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपीनियन पोल तथा वाद-विवादों के परिणामों विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा। 4. इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि सभी राज्यों में मतदान प्रारंभ होने से तथा मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है। 5. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफ एम चैनल आउटडोर किसी भी प्रसारण संबंधी घटनाओं (एग्जिट पोल के अलावा) के संचालन, जो शालीनता, सांप्रदायिक एकता के अनुसरण आदि के संबंध में केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्‍वतंत्र है। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनीतिक विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और दिशानिर्देश संख्या 491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्टूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते हुए कानून और व्‍यवस्‍था की स्थिति सहित सभी संगत पहलू ध्‍यान में रखेंगे। जहां तक राजनीतिक विज्ञापनों का संबंध है, आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व प्रमाणन किया जाना आवश्यक है। 6. निर्वाचन के दौरान पालन करने हेतु प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा जारी निम्‍नलिखित दिशा-निर्देशों की ओर सभी प्रिन्‍ट मीडिया का भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है: (i) प्रेस का यह कर्तव्‍य होगा कि वह निर्वाचनों तथा अभ्‍यर्थियों के बारे में विषयपरक रिपोर्ट दें। समाचार पत्रों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे निर्वाचनों के दौरान किसी अभ्‍यर्थी/पार्टी या घटना के बारे में अतिशोक्तिपूर्ण रिपोर्टों और दूषित निर्वाचन प्रचारों में हिस्‍सा लें। व्‍यवहार में, दो या तीन कड़ी प्रतियोगिता वाले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी सारी मीडिया को अपनी ओर ध्‍याना‍कर्षित करते हैं। वास्‍तविक प्रचार पर रिपोर्ट तैयार करते समय समाचार पत्र में ऐसा कोई महत्‍वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ना चाहिए जो कि अभ्‍यर्थी द्वारा उठाया गया हो और जो उसके विरोधी पर आक्षेप लगाता हो। (ii) सांप्रदायिक या जाति आधार पर वोट मांगते हुए निर्वाचन प्रचार करना निर्वाचन नियमावली के अधीन निषेध है। अत:, प्रेस को धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच विद्वेष या घृणा की भावना को बढ़ावा देने से बचना चाहिए। (iii) प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी के आचारण और उसके निजी चरित्र के संबंध में कोई मिथ्‍या या आलोचनात्‍मक वक्‍तव्‍य अथवा उसकी अभ्‍यर्थिता या नाम वापस लेने के संबंध में किसी प्रकार के प्रकाशन से बचना चाहिए ताकि निर्वाचनों में उस अभ्‍यर्थी की अपेक्षाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित न होने पाएं। प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी/दल के विरूद्ध असत्‍यापित आरोपों को प्रकाशित नहीं करना चाहिए। (iv) प्रेस, किसी अभ्‍यर्थी/दल को सुव्‍यक्‍त करने में वित्‍तीय अथवा अन्‍य किसी प्रकार के प्रलोभन को स्‍वीकार नहीं करेगा। यह किसी अभ्‍यर्थी/दल की ओर से उनको दी जाने वाली कोई भी सुविधा या आतिथ्‍य स्‍वीकार नहीं करेगी। (v) प्रेस से किसी विशेष अभ्‍यर्थी/दल के प्रचार में शामिल होने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यदि यह ऐसा करती है तो यह ऐसे अन्‍य अभ्‍यर्थी/दल को इस संबंध में जवाब देने के अधिकार की अनुमति भी देगी। (vi) प्रेस, सत्‍ताधारी पार्टी/सरकार की उपलब्धियों के संबंध में सरकारी खर्च/राजकोष पर किसी विज्ञापन को स्‍वीकार/प्रकाशित नहीं करेगी। (vii) प्रेस, निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग अधिकारियों या मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निदेशों/आदेशों/अनुदेशों का पालन करेगी। 7. एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है :- (i) समाचार (न्‍यूज़) प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तथा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के अधीन निर्धारित नियमों तथा विनियमों के अनुसार सुसंगत निर्वाचन मामलों, राजनैतिक दलों, अभ्‍यर्थियों, अभियान मामलों तथा मतदान प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को वस्‍तुनिष्‍ठ तरीके से सूचित करने का प्रयास करना चाहिए। (ii) न्‍यूज़ चैनलों को पार्टी या अभ्‍यर्थी के संबंध में किसी भी प्रकार की राजनैतिक संबद्धता का उल्‍लेख करना चाहिए। जब तक वे सार्वजनिक रूप से किसी विशेष पार्टी या अभ्यर्थी का समर्थन नहीं करते हैं, समाचार प्रसारकों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे अपनी निर्वाचन संबंधी रिपोर्टिंग में संतुलित एवं निष्‍पक्ष बने रहें। (iii) न्‍यूज़ प्रसारकों को सभी प्रकार की अफवाहों, निराधार अटकलबाजियों तथा गलत सूचना देने से बचना चाहिए, विशेषत:, जब यह किन्‍ही विशेष दलों या अभ्‍यर्थियों के संबंध में हो। ऐसा कोई भी अभ्‍यर्थी/राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार से बदनाम किया गया है या मिथ्‍या निरूपण, गलत सूचना देने या सूचना के प्रसारण द्वारा समरूप क्षति से पीडि़त है, तो उसमें तुरंत सुधार लाया जाए और जहां उचित लगे जवाब देने का अवसर भी प्रदान किया जाए। (iv) समाचार प्रसारकों को ऐसे सभी राजनैतिक तथा वित्‍तीय दबावों से बचना चाहिए जो कि निर्वाचनों की कवरेज तथा निर्वाचन संबंधी मामलों पर प्रभाव डालते हों। (v) समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में प्रसारित संपादकीय तथा विशेषज्ञ राय के बीच स्‍पष्‍ट अंतर रखना चाहिए। (vi) वे समाचार प्रसारक जो राजनैतिक दलों से वीडियो सामग्री प्राप्‍त करते है, उन्‍हें इसका उल्‍लेख करना चाहिए और इसे उचित रूप से टैग भी करना चाहिए। (vii) घटनाओं, तारीखों, स्‍थानों और उद्धरणों के संबंध में निर्वाचनों तथा निर्वाचन संबंधी मामलों से संबंध रखने वाले समाचारों/कार्यक्रमों की प्रत्‍येक मूलवस्‍तु के संबंध में यथार्थता सुनिश्चित करते समय विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि गलती से या असावधानी से किसी गलत सूचना का प्रसारण हो जाता है तो जैसे ही प्रसारक के ध्‍यान में यह बात आती है तो वह उसे उसी विशिष्‍टता से संपन्‍न करेगा जैसे कि मूल प्रसारण के समय किया था। (viii) समाचार प्रसारकों, उनके संवाददाताओं और अधिकारियों को धन, किसी प्रकार का उपहार या ऐसा कोइ समर्थन स्‍वीकार नही करना चाहिए जो उन पर किसी प्रकार का प्रभाव डाले या प्रभाव डालता हुआ प्रतीत हो, हितों संबंधी विरोध उत्‍पन्‍न करे या प्रसारक अथवा उसके कार्मिक की विश्‍वसीनयता को क्षति पहुंचाए। (ix) समाचार प्रसारक किसी प्रकार का ‘घृणापूर्ण भाषण’ या अन्‍य प्रकार के आपित्‍तजनक अंशों का प्रसारण नहीं करेंगे जिससे हिंसा या जनाक्रोश को बढ़ावा मिले या अव्‍यवस्‍था फैले क्‍योंकि सांप्रदायिक या जाति के आधार पर प्रचार करना निर्वाचन विधि के अधीन निषेध है। समाचार प्रसारकों को ऐसी रिपोर्टों से कड़ाईपूर्वक परहेज करना चाहिए जिससे धर्म, वंश, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर वैमनस्‍यता या घृणा की भावना को बढ़ावा मिले। (x) समाचार प्रचारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाचारों तथा पेड सामग्री का अंतर बनाए रखने में सावधानी बरतें। सारी पेड सामग्री पर ‘‘पेड विज्ञापन’’ या ‘‘पेड सामग्री’’ स्‍पष्‍ट रूप से चिहनित किया जाना चाहिए और एनबीए द्वारा जारी दिनांक 24.11.2011 के ‘‘पेड न्‍यूज़ पर प्रतिमानक और दिशा-निर्देश’’ के अनुसरण में पेड सामग्री कार्यान्वित होने चाहिएं। (XI) ओपीनियन पोल को रिपोर्ट करते समय उसकी सटीकता और निष्‍पक्षता का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए, दर्शकों के लिए यह खुलासा किया जाना चाहिए, कि ओपीनियन पोल के संचालन और उसके प्रसारण के लिए उन्‍हें किसने अधिकृत किया है, किसने उसका संचालन किया है और किसने उसके लिए भुगतान किया है। यदि किसी समाचार प्रसारक के पास ओपीनियन पोल अथवा अन्‍य निर्वाचन प्रेक्षणों का परिणाम है तो उसे ऐसे मतदानों की उनकी सीमाबद्धता सहित सीमाओं तथा कार्यक्षेत्र और उसका संदर्भ या उल्‍लेख अवश्‍य करना चाहिए। ओपीनियन पोल के प्रसारण के साथ ऐसी सूचना भी अवश्‍य दी जानी चाहिए जिससे दर्शक मतदान का महत्‍व यथा प्रयुक्‍त पद्धति, सैंपल का आकार, त्रुटियों की गुंजाइश, फील्‍डवर्क तारीखें तथा प्रयोग किए गए आंकड़े को समझ सकें। प्रसारक को इस संबंध में भी सूचना देनी चाहिए कि वोट शेयर किस प्रकार सीट शेयर में बदल जाता है। (xii)प्रसारक, लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम,1951 की धारा (1)(ख) के उल्लंघन में, मतदान समाप्त होने के नियत समय के साथ 48 घंटे के दौरान कोई भी “निर्वाचन सामग्री”, अर्थात निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य या मंशा से प्रसारित नहीं करेगा। (xiii) भारत निर्वाचन आयोग, समाचार प्रसारकों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से निर्वाचनों की समाप्ति और निर्वाचनों परिणामों की घोषणा तक किए गए प्रसारणों का अनुवीक्षण करेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण(एनबीएसए) को सदस्‍य प्रसारक द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन के मामले की शिकायत पर एनबीएसए द्वारा इसके विनियमों के अधीन ही कार्रवाई की जाएगी। (xiv) प्रसारकों को, संभव स्‍तर तक, मतदान प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं को प्रभावी रूप से सूचित करने के लिए मतदान का महत्‍व बताने तथा साथ ही कैसे, कब और कहां वोट करें, वोट के लिए रजिस्‍टर कराने और मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदाता शिक्षा कार्यक्रम चलाने चाहिए। (xv) समाचार प्रसारकों को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा औपचारिक रूप से परिणामों की घोषणा किए जाने तक किसी भी प्रकार के अंतिम, औपचारिक और निश्‍चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए जब‍तक कि ऐसे परिणामों में इस बात का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख न हो कि वे अनाधिकारिक हैं या अधूरे या अपूर्ण परिणाम अथवा प्रक्षपेण हैं जिन्‍हें अंतिम परिणामों के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। 8. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया के लिए “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” भी विकसित किया है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता झारखण्ड के विधान सभा निर्वाचन, 2019 में भी लागू होती है। सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “वोलंटेरी कोड ऑफ एथिक्स” के निम्नलिखित पाठ की ओर आकर्षित किया जाता है: i. प्रतिभागियों का प्रयास होगा, जहां उपयुक्त हो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, उनके उत्पादों और / या सेवाओं पर निर्वाचकीय मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयुक्त नीतियों और प्रक्रियाओं को तैनात किया जाए। ii. प्रतिभागियों का यह प्रयास होगा के वे स्वैच्छिक रूप से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलाने के लिए निर्वाचकीय कानूनों और अन्य संबंधित निर्देशों सहित जागरूकता पैदा करने का प्रयास करेंगे। प्रतिभागियों का यह भी प्रयास होगा कि वे अपने उत्पादों/सेवाओं पर ईसीआई में नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रयास करेंगे, जिसमें कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अनुरोध भेजने के लिए तंत्र भी शामिल है। iii. प्रतिभागियों और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक अधिसूचना तंत्र विकसित किया है जिसके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियायों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 और अन्य प्रयोज्य निर्वाचन विधियों के संभावित उल्लंघनों के बारे में प्रासंगिक प्लेटफार्मों को अधिसूचित कर सकता है। सिन्हा समिति की सिफारिशों के अनुसार धारा 126 के तहत उल्लिखित उल्लंघनों के 3 घंटे के भीतर लिए इन वैध कानूनी आदेशों को स्वीकृत और/या कार्रवाई की जाएगी। अन्य सभी वैध कानूनी अनुरोधों पर उल्लंघन की रिपोर्ट की प्रकृति के आधार पर प्रतिभागियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। iv. प्रतिभागी साधारण निर्वाचनों की अवधि के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाली समर्पित रिपोर्टिंग तंत्र तैयार/उसका मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं और समर्पित व्यक्ति(यों)/(टीमों) की नियुक्ति कर रहे हैं। ये व्यक्ति/टीमें इंटरफेस करेंगी और आयोग से ऐसे विधिपूर्ण अनुरोध प्राप्त होने पर नियत विधिक प्रक्रिया का पालन करके त्वरित कार्रवाई करने में सहायता करने के लिए फीडबैक का आदान-प्रदान करेंगी। v. प्रतिभागी विधि के अधीन उनके दायित्वों के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा ताकि निर्वाचन संबंधी विज्ञापनों, जिसमें साथ-साथ आयोजित कराए जाने वाले निर्वचनों के लिए और हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा के निर्वाचनों एवं विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचनों के लिए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों के नाम हों,के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और/या भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) द्वारा जारी पूर्व प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ईसीआई द्वारा प्रतिभागियों को अधिसूचित रूप से राजनीतिक विज्ञापनों का भुगतान करने की प्रक्रिया / कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी जो इस तरह के प्रमाणीकरण की सुविधा नहीं देते हैं। vi. प्रतिभागी पेड राजनीतिक विज्ञापनों के साथ-साथ इस तरह के विज्ञापनों के लिए पहले से मौजूद लेबल/डिस्क्लोजर तकनीक का उपयोग करने में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। vii. प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग से इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के माध्यम से प्राप्त वैध अनुरोध के अनुसार, उनके संबंधित प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों पर एक अपडेट प्रदान करेंगे। viii. आईएएमएआई इस कोड के तहत किए गए उपायों पर प्रतिभागियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और निर्वाचन अवधि के दौरान आईएएमएआई तथा प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के साथ निरंतर सम्पर्क में रहेंगे। उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत् रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।
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    सं.: ईसीआई/प्रेनो/104/2019 दिनांक: 03 नवंबर, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड हेतु विशेष व्‍यय प्रेक्षक की नियुक्‍त‍ि करना भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधान सभा के आगामी निर्वाचनों के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रुप में श्री बी. मुरली कुमार (पूर्व आई आर एस 1983) को नियुक्‍त किया है। मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, झारखंड के परामर्श से विशेष प्रेक्षक निर्वाचकीय तंत्र द्वारा किए जा रहे कार्य का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि नकदी, शराब और मुफ्त उपहार इत्‍यादि बांटकर मतदाताओं को प्रलोभित करने का प्रयास करने वाले सभी व्‍यक्तियों/संस्‍थाओं के विरुद्ध सी-विजिल ऐप और मतदाता हेल्‍पलाइन 1950 के माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों और आसूचना सामग्री के आधार पर कठोर और प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। यह स्‍मरणीय है कि आयकर विभाग के अन्‍वेषण विंग में उनके पिछले अनुभव को देखते हुए श्री बी. मुरली कुमार को 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र में हाल ही में संपन्‍न हुए विधान सभा निर्वाचनों के लिए भी विशेष व्‍यय प्रेक्षक नियुक्‍त किया गया था।
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    ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु/प्रकार्या./एमसीसी/2019 दिनांक : 1 नवम्बर, 2019 सेवा में, मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। मुख्‍य सचिव झारखण्ड सरकार, रांची, और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, झारखण्ड, रांची। विषय : झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित कराने के लिए अनुसूची की घोषणा की है, अतः आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उपबंधों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं:- 1. सम्पत्ति का विरूपण- पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2015-सीसीएस, दिनांक 29 दिसम्बर, 2015; सं. 437/6/अनुदेश/2012-सीसीएण्डबीई दिनांक 18 जनवरी, 2012 तथा सं. 3/7/2008/जेएस-II दिनांक 7 अक्तूबर, 2008 में निहित ईसीआई अनुदेशों में सम्पत्ति के विरूपण के रोकथाम का प्रावधान है। आयोग ने अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध रूप से कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित यथानिर्धारित निदेश दिए हैं- (क) सरकारी सम्पत्ति का विरूपण- इस प्रयोजन के लिए सरकारी परिसर में ऐसा कोई भी सरकारी कार्यालय तथा कैम्पस शामिल होगा, जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी सम्पत्ति पर मौजूद सभी प्रकार के भित्ति लेखन (वॉल राइटिंग), पोस्टर्स/पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट/होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचनों की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे। (ख) सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण तथा सार्वजनिक स्थान का दुरूपयोग- सार्वजनिक सम्पत्ति में तथा सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, रेलवे पुलों, रोडवेजों, सरकारी बसों, बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम/ नगर पालिका/स्थानीय निकाय के भवनों आदि में भित्ति लेखन/पोस्टरों/ किसी अन्य रूप में विरूपण के पर्चे के रूप में सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन या, कट आउट/ होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिया जाएगा। (ग) सम्पत्ति का विरूपण- निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निदेशों, यदि कोई हो, के अध्यधीन सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 72 घंटो के भीतर हटा दिया जाएगा। 2. सरकारी वाहनों का दुरूपयोग- आयोग के दिनांक 10 अप्रैल, 2014 के पत्र सं. 464/अनुदेश/2014/ईपीएस में निहित समेकित अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंधित है कि किसी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या निर्वाचन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी ड्यूटी का निष्‍पादन करने वाले पदाधिकारियों को छोड़कर) निर्वाचन के दौरान प्रचार करने, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्य या निर्वाचन से संबंधित यात्रा करने के लिए सरकारी वाहन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा (उसमें उल्लिखित कुछ अपवादों के अध्‍यधीन)। पद, ‘सरकारी वाहन’ का अर्थ ऐसे वाहनों से है और इसमें ऐसे वाहन शामिल होंगे जो परिवहन के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त हों या प्रयुक्त किए जाने योग्य हों, चाहे वे यांत्रिक शक्ति या अन्यथा द्वारा चालित हों, और इनमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केन्द्र/राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र/राज्य सरकार के संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर निगम, विपणन बोर्ड, सहकारी समितिय या ऐसे कोई अन्य निकाय शामिल होंगे जिसमें सार्वजनिक निधियां निवेशित की गई हों, भले ही कुल निधियों में से एक छोटा सा हिस्सा ही हों, । मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ईसीआई के अनुदेशों के अनुपालन के लिए निर्वाचनों की घोषणा के 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। 3. सार्वजनिक-राजकोष की लागत पर विज्ञापन- दिनांक 5 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/1/2014-सीसी एंड बीई में ईसीआई अनुदेशों में यह प्रावधान है कि निर्वाचन अवधि के दौरान सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उपलब्धियों के बारे में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने और राजनीतिक समाचार एवं प्रचार-प्रसार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जनसंचार के दुरूपयोग से निरपवाद रूप से बचा जाना चाहिए। सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सार्वजनिक राजकोष की लागत पर इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिन्ट मीडिया में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि किसी विज्ञापन को दूरदर्शन प्रसारण या प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों का दूरदर्शन प्रसारण/प्रकाशन तत्काल रोक दिया जाए तथा घोषणा की तारीख से किन्हीं भी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिन्ट मीडिया में ऐसा कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न हो, तथा इसे तत्काल वापिस ले लिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के तुरन्त पश्चात् सरकार की उपलब्धियों को दर्शाते हुए प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी विज्ञापन को हटाने/रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 4. आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी का फोटो- दिनांक 20 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2014- सीसी एंड बीई में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि केन्द्र/राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को हटा दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यीय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी के फोटो को हटाने/छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 5. विकास/निर्माण संबंधी कार्यकलाप-मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के 72 घंटे के भीतर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर किसी शिकायत को विधिमान्य बनाने की स्थिति में संदर्भ हेतु कार्य की निम्नलिखित सूची प्राप्त करेंगेः i. कार्य की सूची जिसे स्थल पर पहले ही आरंभ किया जा चुका है। ii. नए कार्य की सूची जिसे स्थल पर आरंभ नहीं किया गया है। 6. व्यय अनुवीक्षण तथा आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए क्रियाकलाप-घोषणा के बाद उड़न दस्ता, एफ एस टी, वीडियो टीम, शराब/नकदी/विनिषिद्ध औषधियों के लिए गहन जांच,ड्रग/स्वापक के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग के उड़न दस्तों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए। 7. शिकायत निगरानी प्रणाली- निर्वाचन कराए जाने वाले राज्य के पास वेबसाइट तथा कॉल सेन्टर पर आधारित एक शिकायत निवारण प्रणाली होगी। कॉल सेन्टर का टोल फ्री नंबर 1950 है। टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर शिकायतें दर्ज करके की जा सकती है। शिकायतकर्ताओं को एसएमएस द्वारा या कॉल सेन्टर द्वारा भी की गई कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के विवरण भी देख सकते हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर क्रियाशील होनी चाहिए। सभी शिकायतों को यथासमय एवं उचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष को अवश्य सक्रिय किया जाए तथा विशेष रूप से पर्याप्त कार्मिक शक्ति तैनात की जाए एवं अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए, नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे लोगों की तैनाती की जाए तथा किसी टाल-मटोल या शंका से बचने के लिए उनका ड्यूटी रोस्टर अवश्य बनाया जाए। 8. आईटी एप्लीकेशन-घोषणा किए जाने के साथ ही आधिकारिक वेबसाइट तथा सोशल मीडिया सहित सभी आई टी एप्लीकेशन चालू हो जाएंगी। 9. मतदाताओं तथा राजनीतिक दलों की जागरूकता के लिए सूचना का प्रचार-प्रसार करना- निर्वाचन संबंधी प्रमुख गतिविधि का प्रचार मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, सभी आवश्यक सूचना का प्रचार-प्रसार रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा के माध्यम से किया जाएगा। सरकारी चैनल में मतदाता शिक्षा सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। 10. शैक्षणिक संस्थान तथा सिविल सोसाइटी से सक्रिय सहयोग- आम जनता तथा अन्य हितधारकों में निर्वाचन संबंधी सूचना का व्यापक प्रचार करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों तथा सिविल सोसाइटी से सहयोग लिया जा सकता है। 11. मीडिया सेन्टर- मीडिया के माध्यम से ईवीएम/वीवीपीएटी के प्रयोग सहित निर्वाचन प्रणाली के बारे में मतदाताओं, राजनीतिक दलों तथा अन्य पणधारियों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। 12. एमसीएमसी/डीईएमसी- दिनांक 24 मार्च, 2014 के पत्र सं. 491/एमसीएमसी/2014/संचार में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने वाले उनके प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन के लिए जिला तथा राज्य स्तर पर, जैसी भी स्थिति हो, मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से सम्पर्क करेंगे। आयोग ने उपर्युक्त पत्र में निहित अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निदेश दिए हैं। 13. नियंत्रण कक्ष- जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष तत्काल अवश्य चालू किया जाए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पर्याप्त कार्मिक शक्ति की तैनाती तथा अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईसीआई सचिवालय में शिकायत निवारण केन्द्र सहित एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।
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    Application of Model Code of Conduct - General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019
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    हरियाणा, झारखंड तथा महाराष्ट्र्र में निर्वाचक नामावलियों के विषेश सार पुनरीक्षण की अनुसूची , 2014
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    झारखंड और जम्मू-कश्मीर राज्य विधान सभा सामान्य निर्वाचन- नि :शक्त मतदाताओं को उपलब्ध करवाई जाने वाली सुबिधाये -तत्संबंधी.
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    झारखंड राज्य विधान सभा सामान्य निर्वाचन- वीवीपीएटी सहित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग.
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    झारखंड राज्य विधान सभा सामान्य निर्वाचन- निवारक निरोध में रखे गए निर्वाचको के मताधिकारों का संरक्षण -तत्संबंधी. (हिन्दी और अंग्रेजी)
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    जम्मू - कश्मीर और झारखण्ड की राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचनों के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना (हिन्दी / अंग्रेजी)
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    झारखंड राज्य विधान सभा सामान्य निर्वाचन- वीवीपीएटी सहित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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