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सं. ईसीआई/प्रेस नोट/73/2019 दिनांक: 21 जुलाई, 2019
ईटीपीबीएस और सेवा मतदाता; लोक सभा निर्वाचन, 2019 में सफल मतदान वृद्धि
हाल ही में संपन्न हुए लोक सभा निर्वाचन 2019 के दौरान रिकार्ड की गई अनेक उपलब्धियों में से अपनी तरह की एक अनूठी उपलब्धि विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) है। वर्ष 2014 के विगत साधारण निर्वाचन में पंजीकृत सेवा निर्वाचकों की 13,27,627 की संख्या की तुलना में एक समर्पित पोर्टल https://www.servicevoter.eci.nic.in सहित ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से सेवा निर्वाचकों के रूप में रिकार्ड अधिकतम संख्या में 18,02,646 का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया था जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र प्रेषित किए गए थे। पहली बार सेवा मतदाताओं के लिए पूर्ण रूप से समर्पित एक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल का प्रयोग किया गया था ताकि प्रक्रिया समय और संसाधनों की बचत हो और मानव त्रुटियों से बचा जा सके।
शस्त्र अधिनियम के अधीन केन्द्रीय बलों में कार्यरत व्यक्तियों और देश से बाहर दूतावासों में तैनात सरकारी पदाधिकारियों को सेवा मतदाता के रूप में वर्गीकृत किया गया है और उनके लिए ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। सेवा निर्वाचकों की कुल संख्या में से 10,16,245 रक्षा मंत्रालय से थे; 7,82,595 गृह मंत्रालय (केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल), 3539 विदेश मंत्रालय से और 267 राज्य पुलिस से थे। सात चरणों की निर्वाचनावधि में भारत निर्वाचन आयोग के प्रमुख आईटी कार्यक्रम जिसे ईटीपीबीएस के नाम से जाना जाता है, का प्रयोग करते हुए कुल 18,02,646 डाक मत्रपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किया गया था। वर्ष 2019 में 10,84,266 ई-डाक मतपत्र प्राप्त किए गए जो 60.14 प्रतिशत का टर्नआउट इंगित करते हैं और वर्ष 2014 की तुलना में, जबकि टर्नआउट केवल 4% था, इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सेवा मतदाताओं के प्रयोग के लिए ईटीपीबीएस विकसित किया गया है। यह पूर्णत: एक सुरक्षित प्रणाली है जिसमें दो स्तरीय सुरक्षा होती है। ओटीपी और पिन के माध्यम से मतदान की गोपनीयता रखी जाती है और पोर्टल https://www.etpbs.in में विशिष्ट क्यू आर कोड के कारण ईटीपीबीएस का डुप्लीकेशन संभव नहीं है। इस प्रणाली के माध्यम से सेवा मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मतपत्र के द्वारा अपना मत दे सकते हैं और इस प्रकार से मतदान का अवसर गंवाने की संभावना कम हो गयी है। ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्य सेवा कार्मिकों के लिए सेवा मतदाता बनने के लिए सुविधाजनक और प्रयोग करने में आसान ऑनलाइन प्रणाली तैयार करना था।
"कोई भी मतदाता न छूटे" के आदर्श वाक्य के साथ भारत निर्वाचन आयोग के ईटीपीबीएस ने सभी पात्र सेवा निर्वाचकों को राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्यों का निष्पादन करते हुए अपनी संवैधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शक्ति प्रदान की है।