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    सं.437/डीएल-एलए/2020/-एनएस-II दिनांकः 06 फरवरी, 2020 सूचना यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: ‘‘ …………………… असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।’’; और 3. यतः, आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से दिनांक 05 फरवरी, 2020 की एक शिकायत प्राप्त की, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में आपने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ निम्नलिखित तोड़-मरोड़ कर और असत्यापित आरोप लगाए हैं- "-------------------जिस प्रकार की परिस्थितियों को जो जन्म भारतीय जनता पार्टी यहाँ पर दे रहीं हैं बहुत बड़ा बवाल यह लोग करने जा रहे हैं। और इनकी तैयारी है 2 तारीख को बड़ा बवाल करने की तैयारी है जो इन्होंने कॉल दी है शाहीन बाग़- जामिआ के इलाके में और एक बड़ा बवाल दिल्ली में होगा। ----------------"; और 4. यतः, एएनआई को दिए गए उपर्युक्त साक्षात्कार में आपके प्रश्नगत बयानों की ट्रांसक्रिप्ट और उक्त बयान की रिकॉर्डिंग वाली सीडी संलग्न है; और 5. यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत है कि, आपने ऊपर उल्लिखित तोड़-मरोड़ कर और असत्यापित बयान देकर आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है और यह भी सच्चाई है कि उपर्युक्त बयानों से आम जनता और निर्वाचकों में भय और डर पैदा हो सकता है; 6. अतएव, अब आयोग आपको अवसर देता है कि आप 7 फरवरी, 2020 (शुक्रवार) को दोपहर 12.00 बजे तक या उससे पहले इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव (अनुलग्नकः यथोपरि) सेवा में श्री संजय सिंह, आम आदमी पार्टी, 129-131, नॉर्थ एवेन्यू, नई दिल्ली-110001
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    General Election to legislative Assembly of NCT of Delhi, 2020-Notice to Sh. Arvind Kejriwal in the matter of violation of provisions of Model Code of Conduct -regarding
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    सं. 437/दिल्ली-वि.स./2020-एनएस-II दिनांकः 25 जनवरी, 2020 आदेश यतः, आयोग ने दिनांक 6 जनवरी, 2020 को अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की घोषणा कर दी थी और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उक्त दिनांक से तत्काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यतः, श्री कपिल मिश्रा, 18-मॉडल टॉउन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्वोक्त साधारण निर्वाचन में एक अभ्यर्थी ने, दिनांक 22 एवं 23 जनवरी, 2020 को अपने ट्विटर हैंडल @kapil Mishra_IND पर निम्नलिखित ट्विट पोस्ट किए : “दिल्ली में छोटे-छोटे पाकिस्तान बने”, “शाहीन बाग में पाक की एंट्री”, “भारत बनाम पाकिस्तान 8 फरवरी दिल्ली-8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान मुकाबला होगा”, “आप और कांग्रेस ने शाहीन बाग़ जैसे मिनी पाकिस्तान खड़े किये हैं जवाब में 8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा जब जब देशद्रोही भारत में पाकिस्तान खड़ा करेंगे तब तब देशभक्तों का हिंदुस्तान खड़ा होगा” 3. यतः, 18-मॉडल टाउन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी ने श्री कपिल मिश्रा को दिनांक 23 जनवरी, 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह स्पष्ट करने को कहा कि क्यों न उनपर कानून एवं आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए; और 4. यतः, श्री कपिल मिश्रा ने दिनांक 24 जनवरी, 2020 को रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष कारण बताओ नोटिस का उत्तर प्रस्तुत किया; और 5. यतः, श्री कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए उत्तर में प्रस्तुतियों पर विचार करने और उत्तर असंतोषजनक पाए जाने पर, रिटर्निंग अधिकारी ने दिनांक 24 जनवरी को पुलिस प्राधिकारियों के समक्ष एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें श्री कपिल मिश्रा के खिलाफ कानून एवं आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की माँग की गई; और 6. यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, ने मामले को आगे के निदेशों के लिए निर्वाचन आयोग को भेज दिया; और 7. यतः, आयोग ने ध्यानपूर्वक सभी दस्तावेजों और मामले के सभी प्रासंगिक तथ्यों पर विचार किया है; और 8. यतः, आयोग का विचार है कि सवालों में ट्विट आदर्श आचार संहिता के भाग-I के निम्नलिखित प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं : (1) किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। (2) मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की कोई अपील नहीं की जानी चाहिए। (3) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्ट आचरण” और अपराध हैं। 9. अब, इसलिए आयोग ने श्री कपिल मिश्रा द्वारा दिनांक 22 और 23 जनवरी, 2020 को पूर्वोक्त ट्विटों के माध्यम से दिए गए बयानों की निंदा की। आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत और इस ओर सभी शक्तियों द्वारा सक्षम होने पर श्री कपिल मिश्रा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभी के चल रहे साधारण निर्वाचन, 2020 के संबंध में दिनांक 25 जनवरी, 2020 (शनिवार) को शाम 5:00 बजे से शुरू हो रहे 48 घंटों की समयावधि के लिए किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभाओं, सार्वजनिक जुलूसों, सार्वजनिक रैलियों, रोड शोज़ और साक्षात्कारों, मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में सार्वजनिक भाषणों के आयोजन पर रोक लगा दी है। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव श्री कपिल मिश्रा, 18-मॉडल टाउन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, बी3/61, बी3-ब्लॉक, यमुना विहार, दिल्ली से निर्वाचनरत अभ्यर्थी (सीईओ, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के कार्यालय द्वारा भेजा जाए)
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    सं.437/डीएल-एलए/11/2020/-एनएस-II दिनांकः 6 फरवरी, 2020 सूचना यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के खंड (2) में यह प्रावधान है कि: "अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।"; और 3. यतः, आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से उनके, दिनांक 4.2.2020 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट प्राप्त की है जिसके साथ आपके द्वारा 1 फरवरी 2020 को करावल नगर, दिल्ली में दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट अग्रेषित की गई है। सीडी में आपके द्वारा दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट नीचे दी गई हैः "आज आतंकवादिओं को बिरयानी नहीं खिलाई जा रही है, ये बिरयानी खिलाने का शौक या तो कश्मीर के अंदर काँग्रेस को था या फिर बिरयानी खिलाने का शौक शाहीन बाग जैसे घटनाओं में केजरीवाल को है, भारतीय जनता पार्टी को नहीं है। लेकिन केजरीवाल के समर्थन में पाकिस्तान का मंत्री अपील करता है, आपने देखा होगा कल पाकिस्तान का एक मंत्री केजरीवाल के समर्थन में अपील कर रहा है यानी उसे दिल्ली के जनता पर विश्वास नहीं अपने पाकिस्तान के आकाओं से कह कर के पाकिस्तान में इमरान खान के मंत्री से कह करके अपने पक्ष में बयान दिलवाये जा रहे हैं। भाइयों बहनों इन चेहरों को थोड़ा पहचान लीजिये बहुत ठीक से पहचान लीजिये"; और 4. यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत है कि उपर्युक्त बयानों के द्वारा आपने आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 5. अतएव, अब आयोग आपको अवसर देता है कि आप 7 फरवरी, 2020 (शुक्रवार) को अप. 05.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त बयान देने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री।
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    सं.437/दिल्‍ली-वि.स./2020/-एनएस-।। दिनांक : 29 जनवरी, 2020 सूचना यत:, भारत निर्वाचन आयोग ने, अपने दिनांक 6 जनवरी, 2020 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के खंड (2) में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान हैं कि: ‘‘ …………………… असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।’’; और 3. यत:, आयोग ने 28 जनवरी, 2020 को भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से एक शिकायत प्राप्‍त की है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी" ने "भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस’’ के खिलाफ प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के माध्‍यम से झूठे, निरर्थक, आधारहीन, बेबुनियाद और प्रमाणहीन आरोप लगाए है; और 4. यत:, पूर्वोक्‍त विज्ञापन में ‘’15 साल कांग्रेस की लूट’’ ‘‘5 साल आपके झूठ (ठगी गयी दिल्‍ली)’’ लिखा है (विज्ञापन की प्रति संलग्‍न है) ; और 5. यत:, आयोग प्रथम दृष्‍टया यह मानता है कि उक्त विज्ञापन के जरिए, भारतीय जनता पार्टी ने आदर्श आचार संहिता के उक्‍त प्रावधान का उल्‍लंघन किया है; 6. अतः अब, आयोग आपको अवसर देता है कि आप 31 जनवरी (शुक्रवार) दोपहर 12.00 बजे तक अथवा उससे पहले उपरोक्‍त कथन कहने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको कोई संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा। मामले की गंभीरता को समझते हुए, आयोग एतद्द्वारा यह निदेश देता है कि जब तक निर्णय नहीं ले लिया जाता है, तब तक प्रश्‍नगत विज्ञापन दोहराया नहीं जाए। आदेश से, ह./- (अजय कुमार) सचिव (अनुलग्‍नक: यथोपरि) सेवा में, श्री अरूण सिंह राष्‍ट्रीय महासचिव और प्रभारी (मुख्‍यालय) भारतीय जनता पार्टी 6-ए, पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय मार्ग, नई दिल्‍ली-110002
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    सं.437/डीएल-एलए/2020/-एनएस-II दिनांकः 5 फरवरी, 2020 आदेश यतः, आयोग ने श्री प्रवेश साहिब सिंह, सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता को सीएनएन टीवी 18 चैनल पर निम्नलिखित बयान देने के लिए 30 जनवरी, 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया थाः "मैंने उनको आतंकी नहीं कहा मैंने उनको नक्सलवादी कहा जो वह दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं शाहीन बाग में लोग बैठे हुए हैं उनको भी गुमराह कर रहे हैं उनको सपोर्ट कर रहे हैं और बोल रहे हैं मैं उनके साथ खड़ा हूँ वह जैसे कोई नक्सलवादी काम करता है ऐसे ही दिल्ली के मुख्य मंत्री काम करता है देखिए आतंकवाद काम करता है वह भी लोगों को गुमराह करते हैं और वो भी लोगों को गुमराह करते हैं लोगो को भड़काते है दिल्ली में जो आग लगा रहे हैं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता वो सारे बसों में आग लगा रहे हैं सारे वीडियो देखे जा सकते हैं तो सारे वही लोग हैं अगर कोई दिल्ली में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचायेगा तो आतंकी घटना से कम नहीं हैं।"; और 2. यतः, श्री प्रवेश साहिब सिंह ने 31-01-2020 को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए उत्तर प्रस्तुत किया और कहा कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री, दिल्ली के खिलाफ कटु आक्षेप नहीं लगाए और वीडियो में सही पिक्चर नहीं दिखाई गई थी; और 3. यतः, उक्त वीडियो को आयोग में पुनः देखा गया और उसकी संवीक्षा की गई; और 4. यतः, आयोग का सुविचारित अभिमत है कि श्री प्रवेश साहिब सिंह ने श्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कटु आक्षेप लगाए जो आदर्श आचार संहिता के भाग-1 के खंड (2) के प्रावधानों का उल्लंघन है जिसमें, अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: ‘‘ …………………… असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।’’; और 5. यतः, आयोग ने पहले भी श्री प्रवेश साहिब सिंह को सार्वजनिक सभाओं के आयोजन, मीडिया आदि में सार्वजनिक बयानबाजी करने पर 30 जनवरी, 2020 को अप. 5 बजे से शुरू होने वाली 96 घंटों की समयावधि तक रोक लगाई थी; और 6. यतः, श्री प्रवेश साहिब सिंह द्वारा वर्तमान अपराध, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की पुनरावृत्ति है; 7. अतएव, आयोग श्री प्रवेश साहिब सिंह द्वारा दिए गए बयानों की कड़ी निंदा करता है। आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस निमित्त सभी अन्य समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत श्री प्रवेश साहिब सिंह को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा, 2020 के वर्तमान साधारण निर्वाचन के संबंध में 5 फरवरी, 2020 (बुद्धवार) को सायं 6.00 बजे से शुरू होने वाली 24 घंटों की समयावधि के लिए किसी भी प्रकार की जनसभा, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो का आयोजन करने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में साक्षात्कार, सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री प्रवेश साहिब सिंह, भारतीय जनता पार्टी, 20, विंड्सर प्लेस, बीएसएनएल हाउस के पास, जनपथ रोड, नई दिल्ली-110001
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    संख्या 437/दिल्ली-वि.स./1/2020/एनएस-।। दिनांक: 05 फरवरी, 2020 आदेश यतः, आयोग द्वारा दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/4/2020 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की घोषणा की गई है और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए उक्त दिनांक से आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 2. यत:, आयोग को श्री नीरज, भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश से दिनांक 14 जनवरी, 2020 की सीईओ/शिकायत/007 संख्यांक वाली एक शिकायत प्राप्त हुई है (प्रति संलग्न) जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री की हैसियत से श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली बार एसोसिएशन द्वारा तीस हजारी कोर्ट में दिनांक 13 जनवरी, 2020 को आयोजित मकर संक्रान्ति और लोहड़ी के उत्सव में वकीलों की सभा के समक्ष एक घोषणा की है कि "यदि परिसर (न्यायालय परिसर में) में जमीन उपलब्ध करवाई जाए, तो मोहल्ला क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे"; और 3. यत:, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली से इस संबंध में प्राप्त रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि होती है कि आपने दिनांक 13 जनवरी, 2020 को उक्त स्थान पर सभा को संबोधित करते हुए निम्नलिखित भाषण देते हुए एक वायदा किया है ".............................. जहां तक मोहल्ला क्लिनिक की बात है हम सभी कोर्ट के अंदर सभी बार के अंदर मोहल्ला क्लिनिक बनाने के लिए तैयार हैं अगर आप स्पेस हमें प्रोवाइड कर दें हर जगह हर कोर्ट के अंदर अगर हमें स्पेस दे दी जाए 2 या 3 कमरे की जरूरत पड़ती है तो हम मोहल्ला क्लिनिक बनवा देंगे जिम की बात की गयी जिम भी बनवा देंगे और जैसा मैंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है इस बार आप लोगो का जो सपोर्ट है वो सपोर्ट हमें पॉजिटिव मिलेगा नेगेटिव सपोर्ट की बजाए इस बार तो आज आप लोगों ने मुझे अपने बीच में मुझे बुलाया इतना प्यार दिया इतना सम्मान दिया उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया...................."; और 4. यत:, राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग VII में अन्य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि केंद्र या राज्य या संबंधित राज्यों का सत्ताधारी दल यह सुनिश्चित करेगा कि इस वजह से कोई भी शिकायत करने का अवसर न दिया जाए कि उन्‍होंने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनार्थ अपने आधिकारिक पद का उपयोग किया है और उसके खंड (vi) के उप-खंड (ग) में यह प्रावधान है कि आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से मंत्री और अन्य प्राधिकारी सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं आदि के प्रावधान आदि का कोई वायदा नहीं करेंगे; और 5. यत:, आयोग का मत था कि उक्त वायदा करके श्री अरविंद केजरीवाल ने आदर्श आचार संहिता के उक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है; और 6. यत:, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए श्री अरविंद केजरीवाल को दिनांक 30 जनवरी, 2020 को कारण बताओ नोटिस संख्या 437/दिल्ली-वि.स./2020/एनएस-।। जारी किया था; और 7. यत:, आयोग के उपर्युक्त नोटिस के प्रत्युत्तर में श्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वकील श्री मोहम्मद इरशाद से दिनांक 31 जनवरी, 2020 को उत्तर प्राप्त हुआ है; और 8. यत:, उत्तर में यह बताया गया है कि तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिनांक 13 जनवरी 2020 को दिल्ली बार एसोशिएसन द्वारा आयोजित समारोह में वकीलों की सभा पूर्णत: एक निजी समारोह था जिसमें उनके द्वारा आधिकारिक हैसियत से भाग नहीं लिया गया था बल्कि यह एक निजी कार्य था जिसमें निजी वाहन का उपयोग किया गया था और उक्त बार एसोशिएसन द्वारा आमंत्रण पर भाग लिया गया था तथा इसके अलावा नोटिस में तथा कथित वायदा चुनावी वायदा नहीं था अपितु सरकार के पुराने निर्णय को पुन: दोहराया गया था और इसका ताल्लुक किसी भी तरह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मौजूदा निर्वाचनों से नहीं था तथा प्रश्नगत बयान सरकार की नीति के कार्यान्वयन के तरीके को स्पष्ट करने के लिए दिया गया था; और 9. यत:, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और इसका सुविचारित मत है कि श्री अरविंद केजरीवाल ने उपर्युक्त सभा के सामने दिनांक 13 जनवरी, 2020 को उक्त बयान दिया है और भले ही यह निजी कार्य हो, जैसा कि दावा किया गया है, लेकिन यह आधिकारिक हैसियत से दिया गया बयान था और इस प्रकार आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन था तथा समान अवसर की प्रक्रिया बाधित हुई थी; 10. अत:, अब आयोग उत्तर को स्वीकार्य न पाते हुए, एतद्द्वारा श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए विवादित बयान की निंदा करता है और उनको चेतावनी देता है कि वे भविष्य में सार्वजनिक बयान देते समय अधिक सावधान रहें तथा सतर्कता बरतें, क्योंकि आदर्श आचार संहिता की भावना में अपेक्षित है कि मंत्री सहित लोक सेवक निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करें, न तो ऐेसा बयान दें या बयान देते हुए प्रतीत हों जो निर्वाचनों के संचालन के लिए समान अवसर को बाधित करे या बाधित करता हुआ प्रतीत हो या जिससे निर्वाचकों के मन में निर्वाचन प्रकिया की सत्यनिष्ठा के बारे में संदेह उत्पन्न हो। आदेश से (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक, आम आदमी पार्टी
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    संख्या 437/दिल्ली-वि.स./4/2020/एनएस-।। दिनांक: 29 जनवरी, 2020 आदेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के मौजूदा साधारण निर्वाचन के संबंध में भारतीय जनता पार्टी, एक मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दल, ने दिनांक 21.01.2020 के अपने पत्र के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 1(क) के प्रावधानों के संदर्भ में उक्त पार्टी के नेताओं (स्टार प्रचारकों) के नाम प्रस्तुत किए थे। दल द्वारा प्रस्तुत चालीस नेताओं की सूची में श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह के नाम भी थे। आयोग के संज्ञान में आया है कि श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह ने ऐसे बयान/भाषण दिए हैं, जो राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरश: उल्लंघन थे। आयोग ने उक्त नेताओं को आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत उनके विरूद्ध कार्रवाई के संबंध में नोटिस जारी किए हैं। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सामान्य हिदायत (एडवाइजरी) भी जारी की है कि वे अपने पदाधिकारियों और अभ्यर्थियों को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के बारे में निर्देशित करें। श्री अनुराग ठाकुर और श्री प्रवेश साहिब सिंह को जारी नोटिस के अनुसरण में आगे की कार्रवाई होने तक उल्लंघन की गंभीर प्रकृति और उनके विरूद्ध विचाराधीन मामलों की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश दिया है कि प्रचार अभियान को और बिगड़ने से रोकने के लिए यह आवश्यक है कि धारा 77 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण (1)(क) के उपर्युक्त प्रावधानों के प्रयोजनार्थ उक्त दोनों नेताओं को 'नेता' (स्टार प्रचारक) के रूप में नहीं माना जाए। तदनुसार, आयोग ने निदेश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधान सभा के मौजूदा साधारण निर्वाचन में निर्वाचन प्रचार अभियान के संबंध में उक्त दोनों नेताओं की यात्रा आदि पर होने वाले व्यय को दल के संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के खाते में शामिल किए जाने से छूट देने संबंधी प्रावधान लागू नहीं रहेंगे।
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    सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II दिनांकः 5 फरवरी, 2020 सूचना यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: (1) कोई भी दल अथवा अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्यकलाप करने का प्रयास नहीं करे जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच विद्यमान मतभेद और बढ़े या जिससे परस्पर घृणा या तनाव का महौल पैदा हो। (2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए। (3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावना के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। (4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­-------- के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं; और 3. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्नलिखित प्रावधान हैः "किसी अभ्यर्थी, या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एजेंट की सहमति से उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावनाओं को बढ़ाने अथवा अन्य अभ्यर्थी के निर्वाचन को हानिकारक रूप से प्रभावित करने के लिए धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाना या बढ़ाने का प्रयास करना "; और 4. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में यह प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित कोई भी व्यक्ति धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाता है या बढ़ाने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक कारावास या जुर्माने या दोनों का दंड दिया जाएगा; और 5. यतः, आयोग को आम आदमी पार्टी द्वारा दिनांक 3 फरवरी, 2020 को की गई इस शिकायत, कि आपने न्यूज 18 इंडिया पर टीवी शो में निम्नलिखित बयान (सीडी की एक प्रति संलग्न है) दिए थे, के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के दिनांक 04 फरवरी, 2020 के उनके पत्र के तहत रिपोर्ट मिली हैः "तुम्हारे घर में घुस कर मारेंगे, संभल जाओ, वरना क्या होगा तुम सोच भी नहीं सकते हो, कश्मीर में तुम्हारे पंडित भाईयों के घर में घुस के किसने निकाला था? किसने निकाला था, मैं बोलता हूँ। किसने निकाला था? सावधान ये दोनों तरफ जो मेरे लोग बैठे हैं ना इनसे सावधान हो जाना, वो दिन दूर नहीं जब तुम्हारे घर में घुस के मारेंगे, सावधान। ऐसा ही होगा, हिन्दुओं को डाउन कर दीजिए। हम डाउन नहीं होने वाले, हम डाउन नहीं होने वाले, शिवजी के पुत्र हैं, डाउन नहीं होंगे।" मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली द्वारा प्रदान की गई ट्रांसक्रिप्ट की प्रति संलग्न है, जो स्वतः स्पष्ट है; और 6. यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत है कि उपर्युक्त बयान, जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने एवं सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को और बढ़ाने की क्षमता है, देकर आपने आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन किया है; और 7. अतः, अब आयोग आपको अवसर देता है कि आप 6 फरवरी, 2020 (गुरुवार) को अप. 05.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त बयान देने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा।
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    सं. 437/दिल्ली-वि.स./2020-एनएस-II दिनांकः 28 जनवरी, 2020 नोटिस यतः, निर्वाचन आयोग द्वारा अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/4/2020, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली विधान सभा साधारण निर्वाचन आयोजित करने की घोषणा की गई है और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए उक्त तारीख से आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 2. यतः, राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि: कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद को और अधिक बढ़ाए या जो परस्‍पर नफ़रत या तनाव पैदा करे। यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, विगत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा जिनका सरोकार उनके सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं हो। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा। मत हासिल करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। ...................... सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि‍ के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं; ………………………………. और 3. यत:, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्न प्रावधान किया गया है: "किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर संप्रवर्तन या संप्रवर्तन का प्रयत्न करना"; और 4. यत: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 में प्रावधान है कि जो कोई व्यक्ति निर्वाचन के संबंध में शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधारों पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय है। 5. यत: आयोग को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दिनांक 28 जनवरी, 2020 के अपने पत्र के तहत एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि आपने दिल्ली के 06-रिठाला विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले मदर डेयरी, श्मशान घाट रोड, बुध बिहार, दिल्ली में 27 जनवरी, 2020 को एक जनसभा को संबोधित करते समय अनेक बार ये नारा लगवाया कि 'देश के गद्दारों को' जिसका प्रत्युत्तर भीड़ ने 'गोली मारो सालों को' से दिया। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा यथा प्रदत्त ट्रांसक्रिप्ट की एक प्रति इसके साथ संलग्न है जो स्वत: स्पष्ट है; और 6. यत:, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मानना है कि उपर्युक्त वक्तव्य देकर, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने और सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान विभेदों के बढ़ने की संभावना है, आपने आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 7. अतएव, अब आयोग आपको 30 जनवरी, 2020 (वृहस्पतिवार) को दोपहर 12.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त वक्तव्य देने के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक अवसर देता है, ऐसा न करने पर आयोग आपको सूचना दिए बिना निर्णय लेगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अनुराग ठाकुर, स्टार प्रचारक, भारतीय जनता पार्टी, 14, जनपथ, नई दिल्ली
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    संख्या 437/दिल्ली-वि.स./2020/एनएस-।। दिनांक: 30 जनवरी, 2020 नोटिस यतः, आयोग द्वारा दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/4/2020 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की घोषणा की गई है और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए उक्त दिनांक से आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 2. यत:, आयोग को श्री नीरज, भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश से दिनांक 14 जनवरी, 2020 की सीईओ/शिकायत/007 संख्यांक वाली एक शिकायत प्राप्त हुई है (प्रति संलग्न) जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री की हैसियत से आपने दिल्ली बार एसोसिएशन द्वारा तीस हजारी कोर्ट में दिनांक 13 जनवरी, 2020 को आयोजित मकर संक्रान्ति और लोहड़ी के उत्सव में वकीलों की सभा के समक्ष एक घोषणा की है कि "यदि परिसर (न्यायालय परिसर में) में जमीन उपलब्ध करवाई जाए, तो मोहल्ला क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे"; और 3. यत:, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली से इस संबंध में प्राप्त रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि होती है कि आपने दिनांक 13 जनवरी, 2020 को उक्त स्थान पर सभा को संबोधित करते हुए निम्नलिखित भाषण देते हुए एक वायदा किया है ".............................. जहां तक मोहल्ला क्लिनिक की बात है हम सभी कोर्ट के अंदर सभी बार के अंदर मोहल्ला क्लिनिक बनाने के लिए तैयार हैं अगर आप स्पेस हमें प्रोवाइड कर दें हर जगह हर कोर्ट के अंदर अगर हमें स्पेस दे दी जाए 2 या 3 कमरे की जरूरत पड़ती है तो हम मोहल्ला क्लिनिक बनवा देंगे जिम की बात की गयी जिम भी बनवा देंगे और जैसा मैंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है इस बार आप लोगो का जो सपोर्ट है वो सपोर्ट हमें पॉजिटिव मिलेगा नेगेटिव सपोर्ट की बजाए इस बार तो आज आप लोगों ने मुझे अपने बीच में मुझे बुलाया इतना प्यार दिया इतना सम्मान दिया उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया...................."; और 4. यत:, राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गनिर्देश के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग VII में प्रावधान है कि केंद्र या राज्य या संबंधित राज्यों का सत्ताधारी दल यह सुनिश्चित करेगा कि इस वजह से कोई भी शिकायत करने का अवसर न दिया जाए कि उन्‍होंने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनार्थ अपने आधिकारिक पद का उपयोग किया है और उसके खंड (vi) के उप-खंड (ग) में यह प्रावधान है कि आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से मंत्री और अन्य प्राधिकारी सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं आदि के प्रावधान आदि का कोई वायदा नहीं करेंगे; और 5. यत: आयोग का मत है कि उक्त वायदा करके आपने आदर्श आचार संहिता के उक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 6. अतएव, अब आयोग आपको इस संबंध में दिनांक 31 जनवरी, 2020 (शुक्रवार) को सायं 5.00 बजे या उससे पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर प्रदान करता है। यदि उक्त समय सीमा के भीतर कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो आयोग आपको बिना सूचित किए निर्णय लेगा। आदेश से (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक, आम आदमी पार्टी VID-20200114-WA0030 .......... के सारे काम कराए हैं उन्होंने मेरे को आके कहा जी 50 करोड़ रुपए लगेंगे 50 करोड़ में हमारी सारी डिमांड पूरी हो जाएगी हमने बजट में 50 करोड़ का प्रावधान कर दिया फिर हमने कहा कि भई हमें नहीं पता कि 50 करोड़ कैसे खर्च करने हैं आप ही लोग बता दो फिर हम लोगों ने तेरह वकीलों की एक कमिटी बना दी उस कमिटी ने जो सिफारिशें दी वो सारी सिफारिशें word by word हम लोगों ने as it is कैबिनेट में पास करा दी सारे उसी को लागू करवा रहें हैं उसमें कई सारी चीजें हेल्थ इंश्योरेंश है लाइफ इंश्योरेंश है महिलाओं के लिए क्रेच है e-library है एक दो बातें अभी उठी हैं और कहा जा रहा है के आज मैं चुनावी वादा मैं वादा नहीं करूंगा वादा तो करूंगा वोट तो चाहिए आपके सबके बिजली वाले पे मुझे आश्चर्य हो रहा है क्यूंकि बिजली की जो हम लोगों ने पिछले साल सब्सिडी देके आपका domestic के बराबर tariff कर दिया था लेकिन वो 31 मार्च को पिछले साल 31 मार्च को खत्म हो गया उसके बाद DERC को tariff decide करना था आप लोगों का हमने DERC से दिल्ली सरकार ने लिखा भई वकीलों के चैम्बर का domestic कर दिया जाए DERC ने हमारा रिक्वेस्ट खारिज कर दिया दिल्ली सरकार का तो अभी दिसंबर के महीने में हमने फिर से सब्सिडी देके आप लोगों का चैंबर का tariff वापस domestic के बराबर कर दिया है और वो retrospective effect से किया है 1st अप्रैल से तो मुझे उम्मीद थी कि जनवरी के महीने में सबसे critical टाइम पर जब आप वोट देने के लिए जाओगे उसके just पहले आप लोगों के जो बिजली के बिल आएंगे वो रिफंड आएगा वो आपको पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ेगी मुझे क्योंकि वो retrospective effect से हैं तो अब 200 यूनिट जब बिजली फ्री है वो ना केवल आपके घर की है आपके चैंबर की भी 200 यूनिट बिजली फ्री है और 200 से 400 यूनिट का जो बिल आता है आधा आता है वो आपको चैंबर में भी मिलेगा और आपके घर में भी मिलेगा दोनों जगह आपको उसका benefit मिलेगा जहां तक मोहल्ला क्लिनिक की बात है हम सभी कोर्ट के अंदर सभी बार के अंदर मोहल्ला क्लिनिक बनाने के लिए तैयार हैं अगर आप स्पेस हमें प्रोवाइड कर दें हर जगह हर कोर्ट के अंदर अगर हमें स्पेस दे दी जाए 2 या 3 कमरे की जरूरत पड़ती है तो हम मोहल्ला क्लिनिक बनवा देंगे जिम की बात की गयी जिम भी बनवा देंगे और जैसा मैंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है इस बार आप लोगो का जो सपोर्ट है वो सपोर्ट हमें पॉजिटिव मिलेगा नेगेटिव सपोर्ट की बजाए इस बार तो आज आप लोगों ने मुझे अपने बीच में मुझे बुलाया इतना प्यार दिया इतना सम्मान दिया उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया और मैं फिर से भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आने वाला वर्ष आप सब लोगों के लिए बहुत बहुत खुशियां लेकर आए बहुत बहुत शुभ हो thank you so much.
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    सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II दिनांकः 30 जनवरी, 2020 सूचना यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: (1) कोई भी दल अथवा अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्यकलाप करने का प्रयास नहीं करे जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच विद्यमान मतभेद और बढ़े या जिससे परस्पर घृणा या तनाव का महौल पैदा हो। (2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए। (3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावना के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। (4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­-------- के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं; और 3. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्नलिखित प्रावधान हैः "किसी अभ्यर्थी, या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एजेंट की सहमति से उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावनाओं को बढ़ाने अथवा अन्य अभ्यर्थी के निर्वाचन को हानिकारक रूप से प्रभावित करने के लिए धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाना या बढ़ाने का प्रयास करना "; और 4. यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में यह प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित कोई भी व्यक्ति धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाता है या बढ़ाने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक कारावास या जुर्माने या दोनों का दंड दिया जाएगा; और 5. यतः, आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से 28 जनवरी, 2020 के एक पत्र के तहत रिपोर्ट प्राप्त की जिसमें, श्री अनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 27 जनवरी, 2020 को दिल्ली के 06-रिठाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले मदर डेयरी, श्मशान घाट रोड, बुद्ध विहार, दिल्ली में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कतिपय आपत्तिजनक बयान दिए और नारे लगाए; और 6. यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत था कि श्री अनुराग ठाकुर द्वारा लगाए गए नारों और दिए गए बयानों की वजह से आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन हुआ है; और 7. यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर को 28 जनवरी, 2020 को एक कारण बताओ नोटिस सं.437/डीएल वि.स./2020/-एनएस-II जारी किया, जिसमें उनसे आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करने के लिए 30 जनवरी, 2020 को दोपहर 12 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है; और 8. यतः, आयोग के उपर्युक्त नोटिस के जवाब में श्री अनुराग ठाकुर से 30 जनवरी, 2020 को एक उत्तर प्राप्त हुआ है; और 9. यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर के 30 जनवरी, 2020 के उपर्युक्त उत्तर में विषय-वस्तु और प्रमाणों की ध्यानपूर्वक जाँच की है। श्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि उन्होंने केवल "देश के गद्दारों को" ही बोला जिसका वास्तविक अर्थ देश के गद्दार होता है और वह भीड़ थी जिसने उन नारों का जवाब दिया था; और 10. यतः, उन्होंने यह भी कहा है कि उनके बयानों का उद्देश्य न तो विभिन्न धर्मों, वर्गों, जातियों और समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ाना या पैदा करना था और न ही उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए ऐसा कोई गोपनीय/निवारक कृत्य किया, अतः यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है; और 11. यतः, हालांकि श्री अनुराग ठाकुर ने यह अनुरोध किया है कि उनको व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका दिया जाए, परंतु आयोग इस मामले में किसी भी प्रकार की सुनवाई को जरूरी नहीं मानता है; और 12. यतः, आयोग ने इस मामले पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और उसका यह सुविचारित अभिमत है कि श्री अनुराग ठाकुर ने अवांछनीय और आपत्तिजनक बयान दिए हैं, जिसमें उनका लहजा और भाषा ऐसी थी जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद बढ़े और परस्पर घृणा पैदा हो, अतः उन्होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है; 13. अब, इसलिए आयोग श्री अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए विवादित बयानों की एतद्द्वारा कड़ी निंदा करता है। आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस निमित्त सभी अन्य समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत श्री अनुराग ठाकुर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा, 2020 के मौजूदा साधारण निर्वाचन के संबंध में 30 जनवरी, 2020 (गुरुवार) के अप. 5.00 बजे से शुरू होने वाली 72 घंटों की समयावधि के लिए किसी भी प्रकार की जनसभा, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो का आयोजन करने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में साक्षात्कार, सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है। 14. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचन के लिए स्टार प्रचारकों की सूची से श्री अनुराग ठाकुर को हटाने के लिए दिनांक 29 जनवरी, 2020 को पारित आदेश लागू रहेगा। आदेश से, ह/- (अजय कुमार) सचिव सेवा में श्री अनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी, 14, जनपथ, नई दिल्ली-110001
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    सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II दिनांकः 30 जनवरी, 2020 नोटिस यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने, अपने दिनांक 6 जनवरी, 2020 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और 2. यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के खंड (2) में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि: ‘‘ …………………… असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।’’; और 3. यतः, आयोग ने 29 जनवरी, 2020 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के जरिए, आम आदमी पार्टी से एक शिकायत प्राप्त की है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि आपने दिल्ली के मुख्यमंत्री को आतंकवादी कहकर उन पर कटु आक्षेप किए हैं; और 4. यतः, यह प्रतीत होता है कि आपने आम आदमी पार्टी के नेता के संदर्भ में बयान उपरोक्त सीएनएन टीवी 18 पर दिया है ( वीडियो की सीडी और आपके प्रश्नगत बयानों की स्क्रिप्ट संलग्न है); और 5. यतः, आयोग प्रथम दृष्‍टया यह मानता है कि उपरोक्त तोड़-मरोड़ कर दिए बयान के जरिए, आपने आदर्श आचार संहिता के उक्‍त प्रावधान का उल्‍लंघन किया है; 6. अतः अब, आयोग आपको अवसर देता है कि आप 31 जनवरी, 2020 (शुक्रवार) को अपराह्न 05.00 बजे तक अथवा उससे पहले, इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको कोई संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा। आदेश से ह-/- (अजय कुमार) सचिव (अनुलग्नकःयथोपरि) सेवा में, श्री परवेश साहिब सिंह भारतीय जनता पार्टी 20, विंडसर प्लेस, बीएसएनएल हाउस के पास जनपथ रोड, नई दिल्ली-110001
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    No. ECI/PN/16/2020 Dated: 29th January, 2020 PRESS NOTE Election Commission has ordered the removal of Sh. Anurag Thakur and Sh. Parvesh Sahib Singh from the list of star campaigners of Bhartiya Janta Party for the general elections to the Legislative Assembly of the NCT of Delhi with immediate effect and until further orders.
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    General Election to Legislative Assembly of NCT of Delhi 2020-Notice to Sh. Parvesh Sahib Singh in the matter of violation of Model Code of Conduct-regarding
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    General Election to Legislative Assembly of NCT of Delhi, 2020-Notice to Sh. Parvesh Sahib Singh in the matter of violation of provisions of Model Code of Conduct and Representation of the People Act, 1951-regarding
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    सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019 30 अप्रैल, 2019 आदेश यत:, आयोग ने श्री आज़म खान, समाजवादी पार्टी के नेता, जो 07-रामपुर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र, उत्‍तर प्रदेश से एक अभ्‍यर्थी भी है, को (i) 05 अप्रैल, 2019 को 34-स्‍वार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषण, (ii) 07 अप्रैल, 2019 और 08 अप्रैल, 2019 को 38-मिलक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों और (iii) 09 अप्रैल, 2019 और 12 अप्रैल, 2019 को 36-बिलासपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों के दौरान कतिपय आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य देकर आदर्श आचार संहिता के कतिपय उपबंधों और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की संबद्ध धाराओं का उल्‍लंघन करने के लिए दिनांक 16 अप्रैल, 2019 को कारण बताओ नोटिस सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019, जारी किया था; और यत:, आयोग को श्री आज़म खान से उपर्युक्‍त नोटिस का उत्‍तर 17 अप्रैल, 2019 को मिला है; और यत:, श्री आज़म खान ने अपने उपर्युक्‍त उत्‍तर में, अन्‍य बातों के साथ-साथ, निम्‍नलिखित निवेदन किया है:- '' यदि इस प्रगतिरत साधारण निर्वाचन, 2019 में मेरे राजनीतिक कृत्‍यों और निर्वाचन अभियान के दौरान मैंने निर्वाचकीय महत्‍ता की किसी विधि का जानबूझकर अथवा अन्‍जाने में उल्‍लंघन किया हो तो सर्वप्रथम और अपना उत्‍तर/स्‍पष्‍टीकरण देने से पहले, मैं बिना शर्त क्षमा याचना करता हूं, बिना शर्त यह क्षमा याचना, इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति मेरे अत्‍यधिक स्‍नेह एवं आदर के कारण की जा रही है, कहने की आवश्‍यकता नहीं है कि निर्वाचकीय मत द्वारा स्‍थापित लोकतंत्र में मेरा पूर्ण विश्‍वास है और भारत निर्वाचन आयोग, एक निकाय जिस पर हमारे प्रिय देश के लोकतंत्र के संरक्षण का दायित्‍व है, के प्रति भी मेरा अत्‍यधिक आदर है। मैं एक बार फिर बिना शर्त क्षमा याचना करता हूँ और यह श्री निवेदन करता हूँ कि भविष्‍य में निर्वाचकीय अभियान के दौरान मैं ऐसे बयान नहीं दूंगा जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक हों। मैं एतद्द्वारा यह भी निवेदन करता हूँ कि मेरे द्वारा दिए गए भाषणों, जो आपत्तिजनक पाए गए हैं, में से कोई भी इस मंशा से नहीं दिया गया था जिससे आदर्श आचार संहिता अथवा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के उपबंध अथवा देश की किसी अन्‍य विधि का उल्‍लंघन हो। भविष्‍य में मेरे द्वारा निर्वाचन अभियान के दौरान ऐसे बयान अथवा इसी तरह के बयान देने से बचने के लिए विशेष सावधानी बरती जाएगी''; और यत:, आयोग ने श्री आज़म खान द्वारा प्रस्‍तुत स्‍पष्‍टीकरण और प्रमाणों की जांच की है तथा उनके विवादास्‍पद भाषणों की वीडियो रिकार्डिंग भी दोबारा देखी है; और यत:, आयोग का मानना है कि श्री आज़म खान ने अपनी सार्वजनिक अभिव्‍यक्तियों में जिला निर्वाचन तंत्र के प्रति और धार्मिक विषयों पर अत्‍यधिक उत्‍तेजक भाषण दिए हैं, जो निर्वाचनों के ध्रुवीकरण की प्रवृति के हैं तथा जो केवल उस निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थे जहां पर भाषण दिया जाता है, बल्कि वे अन्‍य भागों में प्रसारित भी हुए क्‍योंकि इस डिजिटल युग में सूचना का प्रसार तेजी से होता है; और यत:, वास्‍तविक तथ्‍यों और साक्ष्‍यों की जांच करने के पश्‍चात, आयोग, आश्‍वस्‍त है कि श्री आज़म खान ने अपने विवादास्‍पद भाषणों में धर्म के आधार पर वोट लेने के लिए ऐसी अपील की है जो ''राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता'' के 'सामान्‍य आचरण' के भाग-। के पैरा 3 और पैरा 4 के उपबंधों का उल्‍लंघन करने के समान है, जिनमें विनिर्दिष्‍ट किया गया है कि:- (3) ........... मत लेने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं संबंधी कोई अपील नहीं की जाएगी। (4) ..... सभी राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी ऐसे सभी कृत्‍यों से बचेंगे जो विधि के अंतर्गत 'भ्रष्‍ट आचरण' और अपराध है जैसे मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना .... और उन्‍होंने 1995 की सिविल अपील सं.8339 सहित 1992 की सिविल अपील सं. 37 (अभिराम सिंह बनाम सी.डी. कोम्‍मचेन एवं अन्‍य) में दिए गए उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय की अवज्ञा की है; और यत:, श्री आज़म खान पर लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2014 के दौरान भी उनके कदाचार और उत्‍तेजक भाषणों के लिए उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में सार्वजनिक सभाएं, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, रोड शोज इत्‍यादि निकालने पर 11 अप्रैल, 2014 से आगे की अवधि के लिए रोक लगाई गई थी तथा आयोग के दिनांक 16 अप्रैल, 2014 के आदेश के तहत उनकी भर्त्‍सना भी की गई थी; और यत:, आयोग ने, एक अन्‍य मामले में, अपने दिनांक 15 अप्रैल, 2019 के आदेश सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019 के तहत 7-रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों में से एक अभ्‍यर्थी के विरूद्ध अपमानजनक वक्‍तव्‍य देने पर श्री आज़म खान की भर्त्‍सना की है और प्रगतिरत निर्वाचनों में उन पर 16 अप्रैल, 2019 को प्रात: 10.00 बजे से 72 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) पर सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने पर रोक लगाई थी: और यत:, श्री आज़म खान के विरूद्ध कथित उल्‍लंघनों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153-क, 153-ख, 171-छ, 505(1), 505(2) और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के अंतर्गत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है, जिन पर कानून अपनी कार्रवाई करेगा:- अत: अब, आयोग आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामले में उन्‍हें जारी अथवा जारी किए जाने वाले किसी आदेश/नोटिस के संबंध में बिना किसी पूर्वाग्रह के रामपुर में संचालित निर्वाचन अभियान के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादास्‍पद वक्‍तव्‍य की, एतद्द्वारा कड़ी भर्त्‍सना करता है और श्री आज़मखान को भविष्‍य में ऐसा कदाचार न करने की चेतावनी देता है। इसके अतिरिक्‍त, आयोग भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत और इस संबंध में दी गई अन्‍य सभी समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत इन प्रगतिरत निर्वाचनों के संबंध में 1 मई, 2019 (बुधवार) प्रात: 06.00 बजे से 48 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिन्‍ट, सोशल मीडिया) में सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने के लिए उन पर रोक लगाता है। आदेश से, हस्‍त./- (अनुज जयपुरियार) प्रधान सचिव श्री आज़म खान, समाजवादी पार्टी के नेता, रामपुर, उत्‍तर प्रदेश
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    श्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन और राजस्‍व मंत्री, मध्‍य प्रदेश राज्‍य सरकार को आयोग का नोटिस
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    सं. 437/गुजरात-लोक सभा/2019 दिनांक : 30 अप्रैल, 2019 आदेश यत:, आयोग ने सूरत (गुजरात) के अमरोली में दिनांक 7 अप्रैल, 2019 को पार्टी कार्यकर्ताओं के समूह और मतदाताओं को सम्‍बोधित करते हुए निम्‍नलिखित कथन ‘’ एक घटना हो चुकी है, यदि एक और घटना होगी तो, हमें उन्‍हें सूरत से बाहर निकालने में देर नहीं लगेगी.............. मैं यहां से राज्‍य के लोगों को आगाह करना चाहता हूं कि लोग यहां के इन लोगों को अच्‍छी तरह से जान लें कि ये लोग हरामजादे हैं।‘’ कहते हुए आदर्श आचार संहिता के पैरा (1) के उप-पैरा (1) और (3) का उल्‍लघंन करने के लिए आपको दिनांक 18.04.2019 का नोटिस सं. 437/गुजरात-लोक-सभा/2019 जारी किया था: और यत:, आयोग को आपके दिनांक 20.04.2019 का उत्‍तर प्राप्‍त हुआ है, जिसमें आपने कहा है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का आपके द्वारा कोई प्रथम दृष्‍टया या सारवान उल्‍लंघन या विरोध नहीं किया गया है और इसलिए आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन के पैरा(1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का कोई उल्‍लंघन नहीं हुआ है; और यत:, आयोग ने आपके जवाब पर विचार किया है। शिकायत में संदर्भित भाषण के भाग पर विचार करने पर, आयोग इस बात से संतुष्‍ट है कि इसमें दिए गए कथन में आदर्श आचार संहिता के पैरा (1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का उल्‍लंघन किया गया है। शिकायत और आपके जवाब पर सम्‍यक विचार करने पर, आयोग ने आपके जवाब को संतोषजनक नहीं पाया है; अत: अब निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता के पैरा (1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का उल्‍लंघन करने और शालीनता की सीमा को लांघते हुए असंयमी और अनुचित भाषा का उपयोग करने के लिए आपकी भर्त्‍सना करता है और यह आशा करता है कि एक जिम्‍मेदार राजनीतिक नेता होने के नाते आप निर्वाचन के दौरान ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग दुबारा नहीं करेंगें । आयोग, भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 और इस निमित्‍त प्रदत्‍त अन्‍य सभी समर्थकारी शक्तियों के अधीन, श्री जीतूभाई वघानी, राज्‍य अध्‍यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, गुजरात पर 02 मई 2019 (बृहस्‍पतिवार) से 05 मई, 2019 (रविवार) 4 बजे अपराह्न तक वर्तमान निर्वाचनों के संबंध में देश के किसी भी भाग में किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो और साक्षात्‍कारों, मीडिया(इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिन्‍ट, सोशल मीडिया इत्‍यादि) में सार्वजनिक बयान देने के लिए भी रोक लगाता है। आदेश से, (वरिन्‍दर कुमार) प्रधान सचिव सेवा में, श्री जीतूभाई वघानी, गुजरात राज्‍य अध्‍यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, गुजरात (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, गुजरात के द्वारा)
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    सं.437/मध्यप्रदेश-लो.स./2019(शिकायत) दिनांक: 10 मई, 2019 नोटिस यत:, आयोग ने दिनांक 10-3-2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/2019 के त‍हत लोकसभा हेतु साधारण निर्वाचन, 2019 आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है और उक्‍त तारीख से राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और 2. यत:, आयोग में श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से दिनांक 30-4-2019 को एक शिकायत प्राप्‍त की गई है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू, इंडियन नेशनल काँग्रेस के स्‍टार प्रचारक ने दिनांक 29.04.2019 को भोपाल, मध्य प्रदेश में जन सभाओं को संबांधित करते हुए प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निम्‍नलिखित आपत्तिजनक कथन कहे हैं: "….हिन्दुस्तान के सब सरकारी बैंकों के पैसे चुरा कर मोदी साहब गरीबों को बोलते हैं, अमीरों को बोलते हैं, भागते रहो, भागते रहो....." "….तुमने जम कर खाया और तुमने अंबानी को ठोक के खिलाया, खिलाया की नहीं खिलाया, ये तुमने रू. 30,000/- करोड़ रूपये की घूस ली की नहीं राफेल में, और उड़ना था राफेल और उड़ा दी फाइल......." "….आए थे तुम 2014 में गंगा के लाल बन के जब जाओगे तुम 2019 में राफेल के दलाल बन के......." "….क्या बात करते हो नरेन्द्र मोदी तुम। तुमसे बड़ा राष्ट्र द्रोही कोई देखा नहीं......." "…. जवानों की लाशों पर राजनीति होती है। देश को बांटने का राजनीति होती है......."; और 3. यत:, शिकायत को आयोग के दिनांक 02.05.2019 के पत्र के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकरी, मध्य प्रदेश को उनकी रिपोर्ट के लिए भेजा गया था; और 4. यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश ने दिनांक 02-05-2019 एवं दिनांक 09-05-2019 के अपने पत्र के तहत श्री नवजोत सिंह सिद्धू, द्वारा दिनांक 29-05-2019 को भोपाल में आयोजित जनसभाओं में दिए गए उनके भाषण की ट्रांस्क्रिप्‍ट सहित अपनी टिप्पणी भेजी है; और 5. यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्ग-दर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'साधारण आचरण' के भाग 1 का पैरा (2), में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नानुसार उपबंध है:- "अन्‍य राजनैतिक दलों की जब आलोचना की जाए तो इसे उनकी नीतियों एवं कार्यक्रम, विगत रिकार्ड एवं कार्य तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। दल एवं अभ्‍यर्थी, अन्‍य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक कार्यकलापों से संबंध नहीं रखने वाले निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से परहेज करेगें। असत्‍यापित आरोपों या मिथ्‍या आरोपों के आधार पर अन्‍य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना नहीं की जाएगी।" 6. यत:, आयोग का दृष्टिकोण है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ऊपर यथा उल्लिखित आदर्श आचार के सामान्‍य आचरण के भाग (।) के भाग (2) के उपर्युक्त उपबंधों का प्रथम दष्‍टया उल्‍लंघन किया है; और 7. अब, इसीलिए, आयोग ने उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा उपबंधों एवं इस मामले से संबंधित अनुदेशों पर विचार करने के पश्‍चात श्री नवजोत सिंह सिद्धू, स्‍टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस को यह नोटिस मिलने के बाद 48 घण्टे के अन्दर इस बारे में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, उपलब्‍ध कराने के लिए एक अवसर देने का निर्णय लिया है जिसमें विफल रहने पर आयोग उन्‍हें आगे का संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा। आदेश से, (मलय मलिक) सचिव सेवा में, श्रीनवजोत सिंह सिद्धू, स्टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस (मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पंजाब के माध्यम से) 1. कोठी सं. 42, सैक्टर-02, चण्डीगढ़। 2. इंडियन नेशनल काँग्रेस 24–अकबर रोड नई दिल्‍ली-110001
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    सं.437/ईएस-1/बिहार-लो.स./2019 दिनांक 12 मई, 2019 आदेश यत:, आयोग ने दिनांक 10/03/2019 के प्रेस नोट संख्‍या ईसीआई/प्रेनो/2019 के तहत लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 आयोजित करवाने के लिए अनुसूची की घोषणा की है और उसी तारीख से ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, बिहार ने दिनांक 25 अप्रैल, 2019 के अपने पत्र के तहत बिहार में जी0 डी0कालेज, बेगुसराय में, दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को श्री गिरिराज सिंह द्वारा दिए गए भाषण की एक वीडियो क्लिप की प्रति अग्रेषित की, जिसमें उन्‍होंने निम्‍नलिखित वक्‍तव्‍य दिया था:- ‘’…………….. जो वन्‍दे मातरम् न‍हीं कह सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन न‍हीं कर सकता, अरे गिरिराज के तो बाबा –दादा सिमरिया घाट में गंगा के किनारे मरे उसी भूमि पर कब्र भी नहीं बनाया, तुम्‍हें तो तीन हाथ की जगह भी चाहिए अगर तुम नहीं कर पाओगे तो देश कभी माफ न‍हीं करेगी...........’’ ; और यत:, य‍ह भी सूचित किया गया है कि लोक प्रति‍निधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 125, 123 (3क) और भारतीय दंड संहिता अधिनियम की धारा 153क, 153 ख, 295 क, 171 ग, 188, 298 और 505 (ii) के अधीन इन वक्‍तव्‍यों के लिए बेगुसराय नगर थाना में एफ आई आर दर्ज करवाई गई है; और यत:, आयोग ने उपर्युक्‍त उद्धत वक्‍तव्‍य देने के लिए आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के उल्‍लंघन हेतु 24-बेगुसराय संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से श्री गिरिराज सिंह, भारतीय जनता पार्टी के नेता और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थ‍ी को दि‍नांक 29 अप्रैल, 2019 को कारण बताओ नोटिस सं.437/ईएस-1/बिहार-लो.स./2019 जारी कि‍या है; यत:, आयोग के ऊपर उल्‍ल‍िखित नोटिस के जवाब में श्री गिरि‍राज सिंह से दिनांक 30.04.2019 को एक उत्‍तर प्राप्‍त हुआ है; और यत:, आयोग ने श्री गिरिराज सिंह के दिनांक 30.04.2019 के पूर्वोक्‍त उत्‍तर में दी गई विषय-वस्‍तु और प्रकथनों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ा, जिसमें उन्‍होंने अन्‍य बातों के साथ-साथ विवादास्‍पद कथन देना स्‍वीकार किया है; और यत:, दिनांक 30.04.2019 के उपर्युक्‍त उल्‍ल‍िखित उत्‍तर में यह बताया गया है कि, ‘’याचिकाकर्ता गिरिराज सिंह ने लोक प्रतिनिधि‍त्‍व अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्‍लंघन नहीं किया है और न ही उन्‍होंने किसी भी जाति या धर्म के खिलाफ ऐसा किसी भी प्रकार का कथन कहा है’’ ; और यत:, इसके अतिरिक्‍त उन्‍होंने यह भी कहा है कि ‘’ पूरे कथन को पढ़ने के पश्‍चात ऐसा कुछ नहीं लगता है कि याचिकाकर्ता का इरादा किसी धर्म या जाति के प्रति द्वेष करने का है या था ’’, और यत: आयोग ने उसके विवादास्‍पद भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग को एक बार फिर देखा है और यह आश्‍वस्‍त है कि उन्‍होंने एक आपत्‍त‍िजनक भाषण दिया है जिसकी भाषा एवंम भाव ऐसा है जिससे वर्तमान मतभेद बढ़ेंगें या विभि‍न्‍न धार्मिक समुदायों के बीच द्वेष पैदा होगा और इस प्रकार से यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्‍लंघन है; और यत: आयोग ने यह पाया है कि, श्री गिरिराज सिंह को निर्वाचनों का ध्रुवीकरण करने की संभावना एवं प्रकृति वाले बयान देने से स्‍वयं को रोकना चाहिए था, जो केवल उसी निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं होता है जहाँ बयान दिया गया है, अपितु इस डि‍जिटल युग में सूचना का तेजी से प्रसार होने की वजह से यह अन्‍य क्षेत्रों तक भी पहुंच जाता है; और यत:, आयोग ने, इस मामले पर विचार-विमर्श करते हुए, ऐसी सार्वजनिक बयानबाजी पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है, जो निर्वाचन प्रक्रिया को दूषि‍त करती है; और यत:, आयोग का यह भी विचार है कि श्री गिरिराज सिंह ने अपने विवादास्‍पद भाषण में धार्मिक आधार पर बयानबाजी की है जो ‘’ राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थ‍ियों के मार्ग‍दर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता ’’ के ‘साधारण संचालन’ के भाग I के पैरा 3 और पैरा 4 के प्रावधानों के उल्‍लंघन के समान है जिसमें यह विनिर्द‍िष्‍ट है कि:- (3) मतों को हासिल करने के लिए जाति‍ या सांप्रदायि‍क भावनाओं की कोई अपील नहीं की जाएगी........................ (4) सभी दल और अभ्‍यर्थी ईमानदारी से ऐसे सभी कार्यकलापों से बचेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्‍ट आचरण” और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना………………, मतदाताओं को डराना-धमकाना और यह की उन्‍होंने वर्ष 1995 की सिविल अपील सं.8339 के साथ-साथ वर्ष 1992 की सिविल अपील सं.37 (अभिराम सिंह बनाम सी.डी.कोम्‍माचेन एवं अन्‍य) में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गए निर्णय की अवमानना की है। अत: अब, आयोग उन्‍हें एमसीसी के उल्‍लंघनों से संबंधित मामले में जारी किए गए या जारी किए जाने वाले कि‍सी भी आदेश/नोटिस के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, बेगुसराय में निर्वाचन प्रचार के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादास्‍पद बयानों की निंदा करता है और ऊपर उल्‍ल‍िखित कदाचार के लिए 24-बेगुसराय संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से श्री गिरिराज सिंह, नेता, भारतीय जनता पार्टी और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी की भर्त्‍सना करता है। आयोग आदर्श आचार संहिता की वैध-अवधि‍ के दौरान श्री गिरि‍राज सिंह को अपने सार्वजनिक बयानों में सावधान रहने के लिए भी सख्‍त चेतावनी देता है।
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    नोटिस सं.437/मध्‍य प्रदेश-लोकसभा/2019(शिकायतें) दिनांक : 18 मई, 2019 यत:, आयोग ने दिनांक 10.03.2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/2019 के तहत लोकसभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और राजनैतिक दलों तथा अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उसी तारीख से प्रवृत्‍त हो गए हैं; तथा 2. यत:, श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से आयोग को दिनांक 03.05.2019 की एक शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इंडियन नेशनल काँग्रेस मध्‍य प्रदेश नामत: खंडवा, बुरहानपुर तथा खारगौन जिलों में ‘’न्‍याय’’ योजना संबंधी नामाकंन पैम्फलैट/प्ररूप के वितरण में अवैध रूप से संलिप्‍त थी। (पैम्‍फलेट प्रति संलग्‍न हैं); तथा 3. यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश से दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट मंगाई गई थी और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी; तथा 4. यत:, जांच में यह पाया गया है कि उक्‍त पैम्‍फलेट/प्ररूपों, जिन पर ‘हाथ’ के प्रतीक के साथ श्री राहुल गांधी और अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव की फोटो हैं, को खंडवा जिले में किसी श्री सुधान सिंह ठाकुर द्वारा भरा और वितरित किया जा रहा था और श्री सुधान सिंह ठाकुर के विरूद्ध दिनांक 05.05.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट पहले ही दर्ज की जा चुकी थी जिसमें यह उल्‍लेख किया गया था कि यह कृत्‍य दिनांक 02.05.2019 को किया गया था; तथा 5. यत:, राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘’सामान्‍य आचरण’’ के भाग I के पैरा (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नलिखित प्रावधान हैं:- ‘’सभी दल और अभ्‍यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से निष्‍ठापूर्वक परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्‍ट आचरण और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना..............’’; और 6. यत:, प्रथम दृष्‍टया, इसमें प्रदर्शित होता है कि उपर्युक्‍त कृत्‍य 28-खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड रहे इंडियन नेशनल कांग्रेस के, अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव द्वारा अथवा उनकी ओर से और उनकी जानकारी में किया गया है; तथा 7. यत:, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, द्वारा अथवा उनकी ओर से तथा उनकी जानकारी में किया गया उपर्युक्‍त कृत्‍य आदर्श आचार संहिता के समान आचरण के भाग (1) के पैरा(4) के उपबंधों का उल्‍लंघन है, जैसा कि ऊपर उद्धृत है। 8. अत:, अब आयोग ने इस मामले में उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधानों तथा इस विषय से संबधित अनुदेशों पर विचार करने के बाद खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से निर्वाचन लड़ रहे अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव को इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, प्रस्‍तुत करने का मौका देने का निर्णय लिया है, स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत न करने पर आयोग उन्‍हें और संदर्भ दिए बगैर निर्णय लेगा। आदेश से, (एस.बी.जोशी) सचिव प्रति:- श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस के निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश के माध्‍यम से)
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    Commission’s Notice to Dr. Mahesh Sharma, Minister of State (IC) of Culture, Govt. of India
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    Commission`s Order to Sh. K. Chandrashekar Rao
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    Commission's Notice to Shri Yogi Adityanath Chief Minister of Uttar Pradesh.

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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