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    491/मीडिया नीति/2021-संचार दिनांक: 26 मार्च, 2021 सेवा में सभी प्रिन्‍ट एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया विषय: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी। महोदया/महोदय, सभी मीडिया का ध्‍यान आयोग के दिनांक 30 मार्च, 2017 के पत्र सं.491/मीडिया नीति/2017-संचार (संलग्‍न) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा आयोग ने स्‍वतन्‍त्र, निष्‍पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने हेतु धारा 126क के अधीन निषेध अवधि के दौरान निर्वाचनों के परिणामों की किसी भी प्रकार की भविष्‍यवाणी करने संबंधी प्रसारण/प्रकाशन कार्यक्रमों से बचने के लिए सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिन्‍ट) को परामर्शी जारी की थी। 2. आयोग का यह विचार है कि निषेध अवधि के दौरान ज्‍योतिषियों, टैरो रीडर, राजनैतिक विश्‍लेषकों या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा भविष्‍यवाणी के माध्‍यम से किसी भी रूप अथवा तरीके से निर्वाचनों के परिणामों की किसी भी प्रकार से भविष्‍यवाणी धारा 126क की भावना का उल्‍लंघन है जिसका उद्देश्‍य मतदान संपन्‍न होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों, के निर्वाचकों को विभिन्‍न राजनैतिक दलों की संभावनाओं के बारे में ऐसी भविष्‍यवाणी करके उनके मतदान को प्रभावित होने से रोकना है। 3. उपर्युक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए, सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक तथा प्रिंट) को एतद्द्वारा सलाह दी जाती है कि वे असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं में वर्तमान साधारण निर्वाचन 2021 में निषेध अवधि के दौरान दिनांक 27 मार्च, 2021 (शनिवार) पूर्वाह्न 7.00 बजे और दिनांक 29 अप्रैल, 2021 (गुरूवार) को अपराह्न 7.30 बजे तक के बीच परिणामों के प्रसार से संबंधित किसी भी ऐसे लेख/कार्यक्रम को प्रकाशित/प्रचारित न करें। भवदीय, (पवन दीवान) अवर सचिव फोन-01123052133 ई-मेल:diwaneci@yahoo.co.in प्रतिलिपि प्रेषित: सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया, सूचना भवन, 8-सीजीओ काम्‍प्‍लेक्‍स, लोधी रोड, नई दिल्‍ली- 110003 श्रीमती एनी जोसफ महासचिव, न्‍यूज ब्राडकास्‍टर्स एसोशिएशन मैनटेक हाउस, सी-56/5,दूसरा तल,सेक्‍टर 62, नोएडा-201301 गार्ड फाइल ********************* भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्‍ली-110001 सं. 491/मीडिया नीति/2017-संचार/11-12 दिनांक: 30 मार्च, 2017 सेवा में, सभी प्रिंट और इलेक्‍टॉनिक मीडिया विषय: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में सं‍दर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज- उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी। महोदया/महोदय, लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क (1) यह उपबंधित करती है कि ‘‘कोई भी व्‍यक्ति किसी भी प्रकार के एग्‍जिट पोल का संचालन नहीं करेगा तथा प्रिंट या इलेक्‍ट्रॅानिक मीडिया के द्वारा उसका प्रकाशन अथवा प्रचार या किसी भी प्रकार से इस संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा यथा अधिसूचित ऐसी अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के परिणाम जो भी हो, का प्रचार नहीं करेगा।’’ लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की उप धारा (2) के उपबंधों के अधीन उपर्युक्‍त अवधि सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में मतदान के पहले दिन मतदान के लिए निर्धारित समय से शुरू होने से आरंभ होगी तथा मतदान समाप्‍त होने के आधा घंटा बाद तक जारी रहेगी। 2. इस संबंध में, आयोग ने दिनांक 04 मार्च, 2017 की अपनी अधिसूचना द्वारा, उक्‍त धारा 126क के अर्थों में, पांच राज्‍यों की विधान सभाओं के हाल ही में आयोजित साधारण निर्वाचनों के संबंध में दिनांक 04.02.17 को पूर्वाह्न 7:00 बजे से प्रारंभ होकर और दिनांक 09.03.17 को अपराह्न 05:30 बजे तक जारी अवधि को ऐसी अवधि के रूप में विनिर्दिष्‍ट किया है जिसके दौरान किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन और किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के परिणामों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबन्‍ध था। 3. आयोग की अधिसूचना और धारा 126क के उपर्युक्‍त उपबंधों के बावजूद, यह देखा गया है कि कुछ टी.वी चैनल ऐसे कार्यक्रम प्रसारित करते हैं जिनमें राजनैतिक दलों द्वारा जीती जाने वाली संभावित सीटों की संख्‍या का उल्‍लेख किया जाता है। ऐसा उस अवधि के दौरान किया गया है जिसके दौरान एग्जिट पोल और उसके परिणामों के प्रसार पर प्रति‍बन्‍ध था। किसी एक चैनल में कार्यक्रम के पेनलिस्‍ट, जो कि राजनैतिक विश्‍लेषकों सहित विभिन्‍न क्षेत्रों से संबंधित व्‍यक्ति थे, ने उत्‍तर प्रदेश में विभिन्‍न राजनैतिक दलों द्वारा जीती जाने वाली संभावित सीटों की अनुमानित संख्‍या के बारे में बताया था। 4. आयोग का यह विचार है कि निषेध अवधि के दौरान किसी भी प्रकार से निर्वाचनों के परिणामों की भविष्‍यवाणी या ज्‍योतिषियों, टैरो रीडर, राजनैतिक विश्‍लेषकों या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा की गई भविष्‍यवाणी का कोई तरीका, धारा 126क के अर्थों में उल्‍लंघन है, जो ऐसे राज्‍यों जहां मतदान होने हैं, के निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचकों को विभिन्‍न राजनैतिक दलों की संभावनाओं के बारे में ऐसी भाविष्‍यवाणी द्वारा उनके मतदान में उन्‍हें प्रभावित होने से रोकती है। 5. निर्वाचन आयोग को इसे रिकॉर्ड करने में कोई दुविधा नहीं हैं कि संवैधानिक आधार, स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका, व्‍यापक स्‍तर पर नागरिकों, राजनैतिक दलों और विशेषत: सिविल सोसाइटी संगठनों की अत्‍याधिक आस्‍था और विश्‍वास, वस्‍तुनिष्‍ठ मीडिया रिपोर्टिंग जिसमें निर्धारित आचार संहिता, नियमों, विधियों इत्‍यादि का अनुपालन शामिल है, के बिना भारत निर्वाचन आयोग को इतनी पहचान न मिली होती जितनी इसे विश्‍व भर में निर्वाचन प्रबंधन के कारण मिली है। इस पृष्‍ठभूमि में ऐसे प्रयास जो कि मात्र वाणिज्‍यिक कारणों से प्रतिद्वंद्वियों के विरूद्ध केवल ब्राउनी प्‍वाइंटस प्राप्‍त करने के लिए हैं, उपयुक्‍त प्रतीत नहीं होते हैं। 6. सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक और प्रिंट) को धारा 126क के अधीन निषेध अवधि के दौरान आगामी निर्वाचनों में इस प्रकार के कार्यक्रमों के प्रसारण/प्रकाशन से दूर रहने की सलाह दी जाती है ताकि स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन संचालित किए जा सकें। भवदीय, (एस.के.दास) अवर सचिव
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    सं. ईसीआई/प्रे. नो./31 2021 दिनांकः 17 मार्च, 2021 प्रेस नोट विषयः असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 - लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज। असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 आयोजित करवाने संबं‍धी अनुसूची दिनांक 26.02.2021 को घोषित कर दी गई है। राज्यों में मतदान निम्नानुसार अनुसूची के अनुसार आयोजित किया जाना निर्धारित हैः राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम चरण और मतदान की तारीख असम तीन चरण-27/03/2021, 01/04/2021 और 06/04/2021 पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु एकल चरण-06/04/2021 पश्चिम बंगाल आठ चरण-27/03/2021, 01/04/2021, 06/04/2021, 10/04/2021, 17/04/2021, 22/04/2021, 26/04/2021 और 29/04/2021 इस संबंध में, सारे मीडिया का ध्यान लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप साधन के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:- (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाली अड़तालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध- (1) कोई भी व्‍यक्ति- (क) .............................. (ख) चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे; (ग) ................................................................... मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान। (2) कोई भी व्‍यक्ति जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा, वह दो वर्ष तक कारावास, या जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा। (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित है। 2. निर्वाचनों के दौरान, कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्‍य समाचारों और वर्तमान मामला कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। विगत में आयोग ने यह स्पष्‍ट किया था कि उक्‍त धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय है। 3. आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/ब्रॉडकास्ट/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय सूची में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों द्वारा दिए गए विचारों/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की संभावनाओं को प्रोत्‍साहित करने/प्रतिकूल प्रभाव डालने का अर्थ लगाया जाए। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपीनियन पोल तथा सामान्य वाद-विवाद, विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा। 4. इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि किसी राज्य में पहले चरण में मतदान प्रारंभ होने से तथा अंतिम चरण में मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है। 5. धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफ एम चैनल/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी ब्रॉडकास्ट/प्रसारण संबंधी घटनाओं (एग्जिट पोल के अलावा) के संचालन, जो शालीनता, सांप्रदायिक एकता के अनुसरण आदि के संबंध में केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला/स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्‍वतंत्र है। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनैतिक विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 और आयोग (ईसीआई) के दिशानिर्देश संख्या- 491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्टूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। जहां तक राजनैतिक विज्ञापनों का संबंध है, आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व प्रमाणन किया जाना आवश्यक है। 6. निर्वाचन के दौरान अनुपालन हेतु प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 30.7.2010 को जारी दिशानिर्देशों और पत्रकारिता आचरण के मानदंड-2020 की ओर भी सभी प्रिंट मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-I) 7. एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-II) 8. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया के लिए “स्वैच्छिक नैतिक संहिता” भी विकसित किया है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “स्वैच्छिक नैतिक संहिता” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 में भी लागू होती है। इस संबंध में सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “स्वैच्छिक नैतिक संहिता” की ओर आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-III) 9. जहां कहीं भी लागू हो, अनुपालन हेतु आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है। उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए। Download file to view Annexure...
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    सं. ईसीआई/प्रे. नो./29/2021 दिनांकः 17 मार्च, 2021 प्रेस नोट विषयः दिनांक 21.04.2021 को सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की सीटों को भरने के लिए केरल से राज्य सभा के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन -तत्संबंधी। केरल से निर्वाचित राज्यसभा के 03 सदस्यों की पदावधि अप्रैल, 2021 में उनके सेवानिवृत्त होने के कारण समाप्त होने वाली है जिसका विवरण निम्नानुसार है : क्रम सं. सदस्य का नाम सेवानिवृत्ति की तारीख 1. अब्दुल वहाब 21.04.2021 2. के.के. रागेश 3. वायालार रवि 2. आयोग ने उपरोक्‍त रिक्तियों को भरने के लिए केरल से राज्य सभा के लिए निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार द्विवार्षिक निर्वाचन आयोजित करवाने का निर्णय लिया है:- क्र. सं. कार्यक्रम दिन एवं तारीख 1. अधिसूचनाएं जारी करना 24 मार्च, 2021 (बुधवार) 2. नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2021 (बुधवार)) 3. नाम-निर्देशनों की संवीक्षा 03 अप्रैल, 2021 (शनिवार) 4. अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 05 अप्रैल, 2021 (सोमवार) 5. मतदान की तारीख 12 अप्रैल, 2021 (सोमवार) 6. मतदान का समय पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक 7. मतगणना 12 अप्रैल, 2021 (सोमवार) अपराह्न 5.00 बजे से 8. वह तारीख, जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा 16 अप्रैल, 2021 (शुक्रवार) 3. सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के लिए अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश:- निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान प्रत्येक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा। निर्वाचन के प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश पर:- सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगें। राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के कोविड-19 संबंधी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी। 4. मुख्य सचिव, केरल को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उक्त द्विवार्षिक निर्वाचन करवाने के लिए व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए। 5. इसके अतिरिक्त, आयोग ने निर्वाचन के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी, केरल को प्रेक्षक के रूप में भी नियुक्त किया है।

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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