मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
अंग्रेज़ी में देखें   |   मुख्य विषयवस्तु में जाएं   |   स्क्रीन रीडर एक्सेस   |   A-   |   A+   |   थीम
Jump to content

Use the Advance Search of Election Commission of India website

Showing results for tags 'observer briefing'.

  • टैग द्वारा खोजें

    Type tags separated by commas.
  • Search By Author

Content Type


श्रेणियाँ

  • वर्तमान मुद्दे
  • महत्वपूर्ण निर्देश
  • निविदा
  • प्रेस विज्ञप्तियाँ
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2022
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2020
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2019
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2018
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2017
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2016
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2015
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2014
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2013
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2012
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2011
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2010
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2009
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2008
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2007
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2006
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2005
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2004
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2003
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2002
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2001
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2000
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 1999
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 1998
  • हैंडबुक, मैनुअल, मॉडल चेक लिस्ट
    • हैंडबुक
    • मैनुअल
    • मॉडल चेक लिस्ट
    • ऐतिहासिक निर्णय
    • अभिलेखागार
  • अनुदेशों के सार-संग्रह
    • अनुदेशों के सार-संग्रह (अभिलेखागार)
  • न्यायिक संदर्भ
    • के आधार पर निरर्हता -
    • अयोग्य व्यक्तियों की सूची
    • आदेश और नोटिस - आदर्श आचार संहिता
    • आदेश और नोटिस - विविध
  • ई वी एम
    • ई वी एम - ऑडियो फाइल
  • उम्मीदवार/ प्रत्याशी
    • उम्मीदवार/ प्रत्याशी के शपथ पत्र
    • उम्मीदवार/प्रत्याशी का निर्वाचन व्यय
    • उम्मीदवार/प्रत्याशी नामांकन और अन्य प्रपत्र
  • राजनीतिक दल
    • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
    • राजनीतिक दलों की सूची
    • निर्वाचन चिह्न
    • राजनीतिक दलों का संविधान
    • संगठनात्मक चुनाव
    • पार्टियों की मान्यता / मान्यता रद्द करना
    • विवाद, विलय आदि
    • विविध, आदेश, नोटिस, आदि
    • पारदर्शिता दिशानिर्देश
    • वर्तमान निर्देश
    • योगदान रिपोर्ट
    • इलेक्टोरल ट्रस्ट
    • व्यय रिपोर्ट
    • वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट
  • साधारण निर्वाचन
  • विधानसभा निर्वाचन
  • उप-निर्वाचन
  • उप-निर्वाचन के परिणाम
  • राष्ट्रपति निर्वाचन
  • सांख्यिकीय रिपोर्ट
  • पुस्तकालय और प्रकाशन
  • न्यूज़लैटर
  • साइबर सुरक्षा न्यूज़लैटर
  • प्रशिक्षण सामग्री
  • निर्वाचक नामावली
  • परिसीमन
  • परिसीमन वेबसाइट
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग
  • बेस्ट शेयरिंग पोर्टल
  • निर्वाचन घोषणापत्र
  • राजभाषा
  • संचार
  • प्रस्तावित निर्वाचन सुधार
  • प्रेक्षक निर्देश
  • प्रवासी मतदाता
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग
  • अन्य संसाधन
  • अभिलेखागार

Categories

  • निर्वाचन
    • राज्यों की परिषद के लिए निर्वाचन
    • राष्ट्रपतिय निर्वाचन
    • आरओ/डीईओ के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
    • निर्वाचन तन्त्र
    • संसद
    • निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
    • निर्वाचनों में खड़ा होना
    • परिणाम की गणना एवं घोषणा
  • मतदाता
    • सामान्य मतदाता
    • प्रवासी मतदाता
    • सेवा मतदाता
  • ई वी ऍम
    • सामान्य प्रश्न / उत्तर
    • सुरक्षा विशेषताएं
  • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
  • आदर्श आचार संहिता

Categories

  • ईवीएम जागरूकता फिल्में
  • ईवीएम प्रशिक्षण फिल्में

Categories

  • मतदाता हेल्पलाइन ऍप
  • सी विजिल
  • उम्मीदवार सुविधा ऍप
  • पी डव्लू डी ऍप
  • वोटर टर्न आउट ऐप

Categories

  • Web Applications
  • Mobile Applications

Find results in...

ऐसे परिणाम ढूंढें जिनमें सम्‍मिलित हों....


Date Created

  • Start

    End


Last Updated

  • Start

    End


Filter by number of...

Found 16 results

  1. 71 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/6/2022 दिनांकः 14 जनवरी, 2022 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश में विधान सभा निर्वाचनों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों हेतु ब्रीफिंग बैठक का आयोजन प्रेक्षकों को अपनी कार्यपद्धति में सहज उपलब्ध, तटस्थ एवं नीतिपरक होना चाहिए: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए आगामी साधारण निर्वाचनों के लिए तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों हेतु एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की। इन विधान सभा निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम की घोषणा 8 जनवरी, 2022 को की गई थी। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से 1400 से अधिक अधिकारियों ने सत्र में भाग लिया जिनमें से 140 अधिकारियों ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रत्यक्ष रूप से और शेष ने वर्चुअल रूप से सत्र में भाग लिया। देशभर के आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं के अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि प्रेक्षक भारत निर्वाचन आयोग के सजग प्रहरी हैं और इन्हें स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित निर्वाचनों के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मामलों पर सतर्क नजर रखते हुए पूरी तरह नियंत्रण में होना चाहिए। श्री चंद्रा ने प्रेक्षकों को सभी निर्वाचन प्रक्रियाओं से अवगत रहने, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा; आदर्श आचार संहिता और भारत निर्वाचन आयोग के अन्य दिशानिर्देशों में किसी भी चूक के प्रति सतर्क रहना; मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के साथ-साथ मतगणना प्रक्रियाओं को भी सख्ती से लागू करने का परामर्श दिया। धन बल के दुरुपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग के जीरो टॉलरेंस पर बल देते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने व्यय प्रेक्षकों से अपने कौशल को और बेहतर करने और प्रलोभन के नए-नए तरीकों के प्रति नवोन्मेषी होने का आग्रह किया। उन्होंने प्रेक्षकों से कहा कि वे नागरिकों को उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाने हेतु सी-विजिल ऐप का उपयुक्त प्रचार सुनिश्चित करें ताकि उड़ने दस्तों, निगरानी दलों द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपने संबोधन में निदेश दिया कि सभी तीनों प्रेक्षक (सामान्य, पुलिस एवं व्यय) को प्रवर्तन एजेन्सियों के समन्वय से कार्य करना चाहिए। उन्होंने प्रेक्षकों से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला मतदाताओं को सुविधा देने के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच करने के लिए अधिक से अधिक मतदान केन्द्रों का दौरा करने के लिए कहा। निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन के दौरान प्रकाश डाला कि प्रेक्षक प्रणाली अब अच्छी प्रकार से स्थापित हो गई है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफ़ेस बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक निर्वाचनों के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार, उन्हें मतदाताओं, अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों के लिए सहज उपलब्ध रहना चाहिए ताकि उनके सुझावों एवं शिकायतों पर व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई कर सकें। श्री कुमार ने उन्हें मतदान कार्मिक द्वारा मानवीय त्रुटियों के इक्का-दुक्का वाक्यों के प्रति आगाह किया, मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने से अपसामान्य परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है और निर्वाचनों का सुचारू संचालन अस्त-व्यस्त हो सकता है। उन्होंने प्रेक्षकों को सतर्क रहने और किसी भी गंभीर घटना की सूचना आयोग को तत्काल देने को कहा। उन्होंने प्रेक्षकों को आगाह किया कि उन पर हमेशा विभिन्न स्टेकहोल्डरों की सतर्क और सूक्ष्म नजर होती है और इस प्रकार, उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अपने स्वयं के व्यक्तिगत व्यवहार एवं आचरण के बारे में सचेत और संयत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक आयोग के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें सौंपे गए इस सम्मानित और महत्वपूर्ण ड्यूटी के बारे में पूरी तरह से जागरूक और परिचित होना चाहिए। निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डे ने यह मानते हुए कहा कि कोविड-19 के बीच निर्वाचनों का संचालन कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, उन्होंने नामोद्दिष्ट प्रेक्षकों से यह आह्वान किया कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए एकसमान अवसर बनाए रखे जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि मतदाताओं को मतदान केन्द्रों पर बाधा-मुक्त एवं मतदाता हितैषी उपाय उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुरक्षित निर्वाचनों को सुनिश्चित करने में समय की कसौटी पर खरा उतरा है और प्रेक्षकों के रूप में तैनात अनुभवी अधिकारियों को फील्ड अधिकारियों के मार्गदर्शक और मेंटर के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए प्रेक्षकों को केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने पिछले विधानसभा निर्वाचनों में कम मतदान वाले बूथों की पहचान के साथ-साथ मतदाता टर्नआउट में वृद्धि के लिए आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहल पर प्रकाश डाला। वर्तमान समय में वर्चुअल प्रचार अभियान की बढ़ी हुई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर झूठी सूचना और घृणास्पद प्रचार अभियानों को कम करने की आवश्यकता का उल्लेख किया। अर्ध दिवस के लंबे सत्रों के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप पहलुओं से अवगत कराया। अपने संबोधन में, उन्होंने लोकपाल के रूप में प्रेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला जिन्हें वास्तविक काल के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग को मामलों की रिपोर्ट अवश्य करनी चाहिए और साथ ही, अपने स्वयं के तटस्थ, नैतिक और सौहार्दपूर्ण आचरण को भी सुनिश्चित करना चाहिए। श्री सिन्हा, जो भारत निर्वाचन आयोग में गोवा राज्य में निर्वाचनों के प्रभारी भी हैं, ने अधिकारियों को राज्य से संबंधित विशिष्ट मुद्दों पर जानकारी दी। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, श्री चंद्र भूषण कुमार ने विधिक एवं आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) से संबंधित मुद्दों पर प्रेक्षकों को जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के लिए राज्य से संबंधित विशिष्ट विवरणों पर भी प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री नितेश व्यास ने प्रेक्षकों को ईवीएम-वीवीपैट प्रबंधन के बारे में महत्वपूर्ण जांच-बिन्दुओं और निर्वाचक नामावली संबंधी मुद्दों पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने पंजाब एवं मणिपुर के राज्य के विशिष्ट मुद्दों पर प्रेक्षकों को भी जानकारी दी। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री टी. श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी ऐप्लीकेशनों और पहल पर अधिकारियों को जानकारी दी। श्रीमती शेफाली शरण, महानिदेशक (मीडिया) ने मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों, पेड न्यूज और सोशल मीडिया सहित मीडिया संबंधी पहलुओं के संबंध में अधिकारियों को संक्षिप्त जानकारी दी। कार्मिक प्रशिक्षण एवं व्यय अनुवीक्षण पर ब्रीफिंग सत्र भी आयोजित किए गए।
  2. 19 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/21/2021 दिनांकः 3 मार्च, 2021 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधान सभा निर्वाचनों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों की ब्रीफिंग बैठक का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग ने आज असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं के लिए आगामी साधारण निर्वाचनों के लिए तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों हेतु एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की, जिसके लिए कार्यक्रम की घोषणा 26 फरवरी, 2021 को की गई थी। 120 से अधिक दूरस्थ स्थानों से 1650 से अधिक प्रेक्षकों ने आज प्रत्यक्ष और वर्चुअल रूप से इस ब्रीफिंग बैठक में भाग लिया। आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किए जाने हेतु शामिल किया गया है। प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रेक्षक भारतीय लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण पथप्रदर्शकों में से एक हैं। श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि सितंबर, 2017 से भारत निर्वाचन आयोग में अपने कार्यकाल के दौरान, वे 14 राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचनों और 2019 के लोक सभा के साधारण निर्वाचनों से जुड़े रहे हैं, जिनमें प्रेक्षकों ने निर्वाचनों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कोविड की व्यापक चिंताओं के बावजूद, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पूरे किए गए अनुकरणीय कार्यों का संज्ञान लेते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि बिहार विधान सभा निर्वाचन वस्तुतः भारतीय निर्वाचनों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गए हैं। यहां तक कि बिहार में विधान सभा और संसद के पूर्ववर्ती निर्वाचनों की तुलना में मतदाताओं की भागीदारी बेहतर थी। श्री अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचनों का सफल आयोजन हमेशा फील्ड अधिकारियों और भारत निर्वाचन आयोग का संयुक्त प्रयास होता है जिसमें प्रेक्षक और विशेष प्रेक्षक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन निर्वाचनों के दौरान, बलों के रेंडमाईजेशन और इनकी तैनाती में विशेष प्रेक्षकों की अतिरिक्त भूमिका होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का लचीलापन इस तथ्य में निहित है कि तथाकथित "आम आदमी" (कॉमन मैन) सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभाता है। भारत निर्वाचन आयोग का उद्देश्य सशक्त, सतर्क, जागरूक और सुरक्षित मतदाता सुनिश्चित करना है। उन्होंने प्रेक्षकों को याद दिलाया कि वे नागरिकों को दृष्टिगोचर और सुलभ होने चाहिए और उन्हें निडर होकर मतदान करने में सक्षम बनाना चाहिए। उन्होंने प्रेक्षकों को चेताया कि यदि कोई भी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ढिलाई बरतते हुए पाया गया तो भारत निर्वाचन आयोग तत्काल और कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने पुनः दोहराया कि भारत निर्वाचन आयोग जानबूझकर की गई गलती को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। श्री अरोड़ा ने प्रेक्षकों से कहा कि वे वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला मतदाताओं के लिए यथोचित सुविधाओं की जाँच करने के लिए मतदान केंद्र का दौरा करें ताकि समावेशी निर्वाचनों के सिद्धांत के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता सुनिश्चित की जा सके। निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि आगामी निर्वाचनों में, 18 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने के लिए 80,000 से अधिक मतदान केंद्रों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों को फील्ड स्तर के अधिकारियों को उचित निदेश सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि भारत निर्वाचन आयोग का संवैधानिक अधिदेश निष्ठापूर्वक साकार हो सके। उन्होंने प्रेक्षकों से उनके सक्रिय कार्यकलापों और उपस्थिति का आह्वान किया, जिससे विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच भरोसा कायम हो और सभी प्रवर्तन एजेंसियों की पूर्ण भागीदारी के साथ धनशक्ति अथवा मुफ्त में मदिरा या अन्य सामान बांटने जैसी बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए भरसक प्रयास किए जाएं। श्री चंद्रा ने जोर देते हुए कहा कि प्रेक्षकों को इन निर्वाचनों को पूरी तरह से प्रलोभन मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। अधिकारियों को संबोधित करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने प्रेक्षकों को याद दिलाया कि उनका स्वयं का आचरण लोगों, मीडिया और राजनीतिक संस्थाओं की संवीक्षा के अधीन होगा। प्रेक्षकों को असाधारण आचरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि किसी भी कीमत पर निर्वाचन की वैधता और शुचिता बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए प्रेक्षकों की पहुंच और दृष्टिगोचरता, गुणवत्ता और समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित करनी होती है। श्री कुमार ने कहा कि प्रेक्षकों की रिपोर्टों के प्रामाणिक साक्ष्य कई बार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्णय लेने का आधार बनाने हेतु उनके लिए महत्वपूर्ण कारक बन जाते हैं। श्री कुमार ने दोहराया कि प्रेक्षकों को वास्तव में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी कानूनी प्रावधानों, भारत निर्वाचन आयोग के अनुदेशों और नवीनतम परिपत्रों की जानकारी होना आवश्यक है। आज आयोजित आधे दिन के ब्रीफिंग सत्रों में भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा द्वारा निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप के पहलुओं के संबंध में व्यापक ब्रीफिंग की गई। श्री सिन्हा, जो भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तमिलनाडु राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में निर्वाचनों के प्रभारी भी हैं, ने अधिकारियों को तमिलनाडु राज्य और पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेश से संबंधित विशिष्ट मुद्दों की जानकारी दी। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री धर्मेंद्र शर्मा द्वारा कार्मिकों के प्रशिक्षण और असम राज्य संबंधी इनपुट्स, भारत निर्वाचन आयोग में असम निर्वाचनों के राज्य प्रभारी होने के कारण, श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्त द्वारा निर्वाचक नामावली संबंधी मुद्दों और सूचना प्रौद्योगिकी एप्लिकेशन्स तथा ईवीएम-वीवीपैट प्रबंधन प्रणाली पर संक्षिप्त सत्र भी आयोजित किए गए। श्री जैन ने केरल और पश्चिम बंगाल निर्वाचनों के विशिष्ट मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री चंद्र भूषण कुमार और निदेशक व्यय, श्री पंकज श्रीवास्तव ने कानूनी मुद्दों, आदर्श आचार संहिता और व्यय अनुवीक्षण का संक्षिप्त विवरण दिया। श्रीमती शेफाली शरण, प्रवक्ता भारत निर्वाचन आयोग ने मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों, पेड न्यूज और सोशल मीडिया के पहलुओं के संबंध में अधिकारियों को संक्षिप्त जानकारी दी। इन आगामी निर्वाचनों के लिए, भारत निर्वाचन आयोग ने उन निर्वाचकों को डाक मतपत्र की सुविधा का विकल्प दिया है, जिन्हें दिव्यांगजनों के रूप में चिह्नित किया गया है, जो निर्वाचक 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जो निर्वाचक अधिसूचित अनिवार्य सेवाओं में नियुक्त हैं और जो निर्वाचक सक्षम प्राधिकारी द्वारा यथाप्रमाणित कोविड-19 पॉजिटिव/संदिग्ध हैं और संगरोध (घर/संस्थागत) हैं। कोविड से सुरक्षित निर्वाचन के लिए सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रियाओं के दौरान अनुकरणीय आयोग के व्यापक दिशानिर्देशों में सहायक मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि, सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग; मतगणना मेजों के लिए पर्याप्त स्थान वाले बड़े हॉल; मतदान कर्मियों को लाने-ले-जाने के लिए वाहनों की पर्याप्त संख्या, कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाकर्मी और निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मियों के लिए टीकाकरण भी शामिल है।
  3. 38 downloads

    सं. 116/बिहार-वि. स./ईओ/2020/सीईएमएस-III दिनांक: 29 अक्तूबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार पटना। विषय:-बिहार विधानसभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2020 - तीसरा चरण - वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए व्यय प्रेक्षकों द्वारा "स्टेटस नोट/फीडबैक" - तत्संबंधी। महोदय मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग दिनांक 4 नवम्बर, 2020 को अपराह्न 4.00 बजे बिहार राज्य में तीसरे चरण में तैनात सभी व्यय प्रेक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फील्ड मशीनरी की मतदान तैयारियों का व्यापक अवलोकन करने और निर्वाचन संबंधी सभी नियमों, दिशा-निर्देशों और अनुदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक समीक्षा बैठक का आयोजन करेगा। इस संबंध में, आपसे अनुरोध है कि तृतीय चरण के निर्वाचन के सभी व्यय प्रेक्षकों के लिए अनुलग्नक "क" पर "स्टेटस नोट/फीडबैक" परिचालित करें। "स्टेटस नोट/फीडबैक" व्यय प्रेक्षकों द्वारा निम्नलिखित ईमेल पर दिनांक 2 नवंबर, 2020 को अपराह्न 2.00 बजे तक अवश्य भेज दी जाए। nk.gautam@eci.gov.in, traogharu@eci.gov.in उक्त को व्यय प्रेक्षक पोर्टल पर भी (कोई अन्य रिपोर्ट) शीर्षक के अंतर्गत अपलोड किया जाए। व्यय पर्यवेक्षकों के इस "स्टेटस नोट/फीडबैक" को संक्षिप्त, आकर्षक और क्रिस्प और केंद्रित होना चाहिए और यह टाइप किए हुए ए-4 के 2 पृष्ठों से अधिक नहीं होना चाहिए। "स्टेटस नोट/फीडबैक" में शामिल किए जाने वाले मुद्दों/बिंदुओं की एक सांकेतिक सूची अनुलग्नक 'क' में संलग्न है। सभी व्यय प्रेक्षकों को अनुसूची के अनुसार, जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय/जिला मुख्यालय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान, आयोग के ध्यान में लाने के लिए महत्वपूर्ण अंतराल, तत्काल कार्य करने योग्य बिंदुओं, महत्वपूर्ण मुद्दों या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं पर व्यक्तिगत प्रतिक्रिया, यदि कोई हो, देने के लिए उपस्थित रहना चाहिए। स्टेटस नोट/फीडबैक का उपर्युक्त प्रोफार्मा आयोग की वेबसाइट www.eci.gov.in पर भी उपलब्ध है और "प्रेक्षक पोर्टल (केवल प्रेक्षक के लिए)"-"व्यय प्रेक्षक हेतु महत्वपूर्ण अनुदेश" शीर्षक के अंतर्गत देखा जा सकता है। इस अनुदेश को अनुपालन हेतु सभी व्यय प्रेक्षकों के ध्यान में तत्काल लाया जाए। अनु.: उपर्युक्त अनुसार भवदीय (टीटव राव) अवर सचिव ********************** अनुलग्नक-'क' व्यय प्रेक्षकों से फीडबैक/स्टेटस रिपोर्ट का प्रोफार्मा ईओ का नामः- एसी सं.:- जिला/राज्य का नाम- क्र. सं. मद टिप्पणी 1. (क) क्या वीएसटी, वीवीटी, एसएसटी और अकाउंट टीम ठीक जगह पर हैं और ठीक से काम कर रहे हैं? (ख) क्या एसओआर और एफओई को ठीक से बनाए रखा जा रहा है? 2. प्रति निर्वाचन क्षेत्र में तैनात एफएस, एसएसटी और वीएसटी की संख्या। इन दलों की दक्षता में सुधार के लिए सुझाव। 3. शिकायत अनुवीक्षण सेल - नकद/शराब/नशा/उपहार इत्यादि के वितरण से संबंधित प्राप्त शिकायतों की संख्या 4. आज की तारीख तक एफएस, एसएसटी और पुलिस द्वारा की गई जब्ती। (मात्रा एवं रुपए में मूल्य दोनों)। नकद शराब डी डब्ल्यू और उपहार अन्य 5. (क) अभ्यर्थी के खातों के निरीक्षण की यथानिर्धारित तिथि। (ख) क्या सभी अभ्यर्थी अपने खातों का निरीक्षण करवा रहे हैं? (ग) अभ्यर्थी (यों) (राजनीतिक दल के नाम के साथ) द्वारा किए गए अधिकतम व्यय का उल्लेख करें। 6. कितने अभ्यर्थियों ने पृथक बैंक खाते नहीं खोले? 7. (क) आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थियों की संख्या। (ख) क्या ऐसे अभ्यर्थियों ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने आपराधिक पूर्ववृत्त प्रकाशित किए हैं। (ग) आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रकाशन पर संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा किए गए व्यय। 8. एमसीएमसी को मिली संदिग्ध पेड न्यूज की शिकायतें और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट। 9. शराब उत्पादन इकाइयों, गोदामों और बिक्री आउटलेट्स का अनुवीक्षण। 10. व्यय संवेदनशील पॉकेट्स की पहचान और अनुवीक्षण। क्या सीपीएफ कर्मियों को एफएस के साथ मिलाया गया है? 11. क्या उड़न दस्तों के वाहन जीपीएस सक्षम हैं? 12. सी-विजिल के माध्यम से प्राप्त नकदी, शराब, अभद्रता के उपयोग से संबंधित शिकायतों की संख्या और सही पाए गए मामलों की संख्या। 13. मतदान से पहले अंतिम 72 घंटों के लिए आपकी क्या रणनीति है? 14. कोई और मुद्दा तिथि सहित हस्ताक्षर व्यय प्रेक्षक का नाम पीसी/एसी की सं. एवं नाम जिला का नाम राज्य का नाम
  4. 71 downloads

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./73/2020 दिनांक: 05 अक्‍तूबर, 2020 प्रेस नोट बिहार में स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष, सहभागितापूर्ण और सुरक्षित निर्वाचन का संचालन भारत निर्वाचन आयोग की प्राथमिकता भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में विधान सभा के निर्वाचनों के लिए करोना महामारी के बीच निर्वाचन प्रेक्षकों की वर्चुअल एवं व्‍यक्तिगत ब्रीफ्रिंग बैठक का आयोजन करना भारत निर्वाचन आयोग ने आज आगामी बिहार विधान सभा के लिए और साथ ही राज्‍यों में उप-निर्वाचनों के लिए परिनियोजित किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया। इन निर्वाचनों की अनुसूची 25 सितंबर, 2020 को और इसके पश्‍चात घोषित की गयी थी। इस बैठक का आयोजन एक अलग ही रूप से किया गया था, जिसमें देशभर के 119 स्‍थानों से 700 से अधिक सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों के समूह ने वर्चुअल और व्‍यक्तिगत रूप से एवं दिल्‍ली में तैनात लगभग 40 प्रेक्षकों ने व्‍यक्तिगत रूप से भाग लिया। प्रेक्षकों से वार्ता करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुनील अरोड़ा ने पूरे विश्‍व में निर्वाचन अनुसूची पर कोविड-19 के प्रभाव और बिहार में निर्वाचनों का संचालन करने का निर्णय लेने से पहले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए विस्‍तृत विचार-विमर्श और आकलन पर वैश्विक परिप्रेक्ष्‍य का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने अतिरिक्‍त सावधानी बरतने पर बल दिया क्‍योंकि यह निर्वाचन, इस वैश्विक महामारी के समय विश्‍व में आयोजित किए जाने वाले सबसे बड़े निर्वाचन के रूप में, पूरी दुनिया द्वारा उत्‍सुकता से देखा जाएगा। उन्‍होंने स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष, पारदर्शी, नैतिक और कोविड से सुरक्षित निर्वाचनों के संचालन की भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति इसके प्रमुख हितधारकों - मतदाता में विहित है। मतदान के दिन अपना मत सुरक्षित और स्‍वतंत्र रूप से डालने के लिए मतदाताओं में मतदान केंद्र पर आने के प्रति विश्‍वास जगाने के सभी अनिवार्य प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्‍होंने प्रेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्‍थानीय निर्वाचन तंत्र के मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं, उनका मार्गदर्शन और सहयोग करें तथा उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए उनकी सहायता करें। उन्‍होंने कुछ विशेष व्‍यय प्रेक्षकों द्वारा पूर्व में किए गए समर्पण और प्रतिबद्धताओं की सराहना की जिन्‍होंने निर्वाचनों के दौरान सभी के लिए समान अवसर उपलब्‍ध कराना सुनिश्चित किया। ऐसे प्रेक्षक, अपने व्‍यापक ज्ञान-क्षेत्र(अनुभव) और संपूर्ण निष्‍पक्षता से उस विश्‍वास को पुष्‍ट करते हैं जिसे हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा भारत निर्वाचन आयोग में एक संस्‍थान के रूप में देखा गया था। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्र ने प्रेक्षकों की भूमिका के महत्‍व पर बल दिया। उन्‍होंने बताया कि आयोग द्वारा पहले ही दो विशेष व्‍यय प्रेक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है और यदि आवश्‍यक हुआ तो जैसे-जैसे निर्वाचन प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, ऐसे अन्‍य विशेष प्रेक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। श्री चन्‍द्रा ने कहा कि निर्धारित अनुदेशों, विशेषकर 21 अगस्‍त, 2020 को आयोग द्वारा जारी विस्‍तृत दिशा-निर्देशों और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, बिहार द्वारा जारी अनुदेशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। उन्‍होंने अधिकारियों को सलाह दी कि अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन करते समय शिकायतों का तत्‍काल निवारण करें और निष्‍पक्षता सुनिश्चित करें। इस अवसर पर बोलते हुए, निर्वाचन आयुक्‍त श्री राजीव कुमार ने अधिकारियों का ध्‍यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रेक्षक के रूप में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कर्तव्‍य का निर्वहन करना उनका सांविधिक कर्तव्‍य है। उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों को हमेशा यह ध्‍यान रखना चाहिए कि जमीनी स्‍तर पर वे ही भारत निर्वाचन आयोग के वास्‍तविक चेहरे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्‍मरण कराया कि बिहार निर्वाचन को समुचित रूप से संचालित करके विश्‍व के समक्ष मिसाल प्रदर्शित करने की आवश्‍यकता है, चूंकि इन निर्वाचनों पर सभी की नज़र है। उन्‍होंने कहा कि प्रेक्षक फील्‍ड टीमों का मार्गदर्शन करने में, परामर्श तथा सलाह देने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल्‍ली से संबंधित प्रेक्षकों के लिए तथा अन्‍य राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के अधिकारियों के लिए सत्र में ऑनलाइन भाग लेने के लिए आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफिंग सत्र का आज आयोजन किया गया, जिसे भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्‍हा और अन्‍य उप निर्वाचन आयुक्‍तों द्वारा संबोधित किया गया। निर्वाचन प्रक्रिया का मनोरम दृश्‍य प्रस्‍तुत करते हुए श्री सिन्‍हा ने निर्वाचन आयोजना, सुरक्षा प्रबंधन, स्‍वीप और मीडिया के पहलुओं के संबंध में अधिकारियों को जानकारी दी। वरिष्‍ठ उप-निर्वाचन आयुक्‍त, श्री धमेंद्र शर्मा ने प्रेक्षकों को मतदान अधिकारियों के लिए पहले आयोजित की जा चुकी प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में सूचित किया। उप-निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुदीप जैन ने प्रेक्षकों को ईवीएम वीवीपैट प्रबंधन पद्धति के बारे में और साथ ही निर्वाचन नामावली के मुद्दों के बारे में बताया। उप-निर्वाचन आयुक्‍त, श्री चंद्र भूषण कुमार, जो भारत निर्वाचन आयोग में बिहार राज्‍य के प्रभारी हैं, ने बिहार निर्वाचनों के लिए, विशेषकर कोविड परिदृश्‍य में, विधिक प्रावधानों, आदर्श आचार संहिता संबंधी मुद्दों के बारे में विस्‍तार से बताया। उप निर्वाचन आयुक्‍त, श्री आशीष कुन्‍द्रा ने प्रेक्षकों को विशिष्‍ट आईटी एप्‍लीकेशन्‍स के बारे में जानकारी दी जबकि निदेशक, व्‍यय और निदेशक मीडिया ने भी प्रेक्षकों को व्‍यय अनुवीक्षण और मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति के कारगर प्रयोग में उनकी विशिष्‍ट भूमिका के बारे में जानकारी दी। प्रत्‍येक सत्र में कोविड सुरक्षित निर्वाचनों के अतिरिक्‍त आयामों पर और इस संबंध में आयोग द्वारा जारी विस्‍तृत दिशा-निदेशों तथा विभिन्‍न पहलुओं के संबंध में इन दिशा-निदेशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रेक्षकों द्वारा निभायी जाने वाली महत्‍वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया।
  5. 38 downloads

    सं.: ईसीआई/प्रेनो/103/2019 दिनांक: 02 नवंबर, 2019 प्रेस नोट आयोग द्वारा झारखंड राज्‍य में विधान सभा निर्वाचन, 2019 हेतु सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों की ब्रीफ्रिंग बैठक आयोजित करना। भारत निर्वाचन आयोग ने आज झारखंड विधान सभा के आगामी निर्वाचनों हेतु तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की, जिसके लिए अनुसूची की घोषणा 01 नवंबर, 2019 को की गई थी। झारखंड में 30 नवंबर, 07 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर, 2019 की मतदान तारीखों को पांच चरणों में मतदान होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और साथ ही भारतीय राजस्‍व सेवा तथा अन्‍य केंद्रीय सेवाओं से लिए गए लगभग 300 अधिकारियों को सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों के रुप में नियुक्‍त किया जा रहा है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि निर्वाचनों के सुचारू और निष्‍पक्ष एवं पक्षपातरहित आयोजन के लिए प्रेक्षकों की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि आयोग द्वारा प्रेक्षकों को विशेष रुप से सशक्‍त किया गया है ताकि वे जमीनी स्‍थि‍ति का आकलन कर आवश्‍यक निर्णय ले सकें। उन्‍होंने अधिकारियों को आश्‍वासन दिया कि फील्‍ड ड्यूटी पर निष्‍कपट कार्रवाई करने वालों का आयोग हमेशा साथ देगा। श्री अरोड़ा ने प्रेक्षकों को निदेश दिया कि उन्‍हें फील्‍ड में दृश्‍यमान, सुलभ और उपलब्‍ध होना चाहिए और विशेष रुप से यह निदेश दिया कि प्रेक्षकों का लोगों के साथ व्‍यवहार समानुभूतिपूर्वक होना चाहिए और उन्‍हें सभी स्‍टेकहोल्‍डरों को सुविधा उपलब्‍ध करवानी चाहिए। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने कहा कि जल्‍द ही ईसीआई की टीम राज्‍य का दौरा करेगी और की जा रही कार्रवाई का आकलन करने के लिए आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से प्रेक्षकों के साथ समीक्षा बैठकें भी करेगा। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा ने सभा को संबोधित करते हुए अधिकारियों का ध्‍यान इस ओर आकृष्‍ट किया कि‍ प्रेक्षक के रुप में उन्‍हें भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सांविधिक ड्यूटी का निर्वहन करना होता है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि झारखंड में प्रेक्षक की ड्यूटी करने की अपनी तरह की कुछ विशिष्‍ट चुनौतियां होंगी, तथापि इसमें प्रतिनियुक्‍त अधिकारियों को अपने कर्त्‍तव्‍यों के निर्वहन में तटस्‍थ और निष्‍पक्ष रहना चाहिए और ''जमीनी स्‍तर पर उन्‍हें आयोग का वास्‍तविक चेहरा होना चाहिए।'' चूंकि पूरा स्‍थानीय तंत्र, प्रेक्षकों को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रुप में देखता है अत: प्रेक्षक को जागरुक होना चाहिए तथा सभी स्‍टेकहोल्‍डरों के लिए उपलब्‍ध होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि प्रेक्षकों को आयोग के नियमों और मानक प्रचालन प्रक्रियाओं यथा मतदान बूथों पर सुविधाओं का कड़ाईपूर्वक अनुपालन, संवेदनशीलता संबंधी मानचित्रण अथवा गैर-जमानती वारंट का अनुपालन, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाने एवं व्‍यय प्रबंधन मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। आज आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफ्रिंग सत्र में महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग, श्री उमेश सिन्‍हा द्वारा निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्‍वीप के पहलुओं के संबंध में व्‍यापक ब्रीफिंग; वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री संदीप सक्‍सेना द्वारा निर्वाचक नामावली मामलों और आई टी एप्‍लीकेशनों; उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुदीप जैन द्वारा ईवीएम वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली; उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री चन्‍द्र भूषण कुमार द्वारा विधिक मामलों के संबंध में सत्र आयोजित किए गए। झारखंड राज्‍य का प्रभारी होने के कारण श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्‍त ने भी राज्‍य तंत्र द्वारा निर्वाचनों की तैयारियों के संबंध में प्रेक्षकों को ब्रीफ किया। महानिदेशक(व्‍यय), श्री दिलीप शर्मा ने व्‍यय प्रबंधन संबंधी मामलों का संक्षिप्‍त विवरण दिया और महानिदेशक (संचार), श्री धीरेन्‍द्र ओझा ने अधिकारियों को पेड न्‍यूज, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों तथा सोशल मीडिया के संबंध में ब्रीफ किया। प्रेक्षकों को यह विशेष रुप से इंगित किया गया कि निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में विधि मंत्रालय द्वारा हाल ही के संशोधनों के पश्‍चात भारत निर्वाचन आयोग पहली बार अस्‍सी वर्ष के वृद्धजनों और दिव्‍यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा आरंभ करेगा। ऐसे अभिज्ञात मतदाता यदि इस विकल्‍प का प्रयोग करना चाहें, तो उनके पास डाक मतपत्र के माध्‍यम से मत करने का विकल्‍प होगा। अन्‍यथा वे मतदान केंद्र में जाकर भी मतदान कर सकते हैं। आई टी एप्‍लीकेशन यथा एनेबलिंग कॉम्‍युनिकेशन इन रियल टाइम एनवायरमेंट(ENCORE), जो अभ्‍यर्थी का नाम-निर्देशन, शपथपत्रों को अपलोड करना, प्रतीक चिन्‍ह विनिर्दिष्‍ट करना, अभ्‍यर्थियों के नाम-निर्देशन की संवीक्षा करना, अभ्‍यर्थियों के अनुमोदन की संवीक्षा करना, मतों की गणना और परिणाम घोषित करना इत्‍यादि जैसे, विभिन्‍न पहलुओं के संपूर्ण प्रबंधन हेतु निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रयुक्‍त किए जाने हेतु एक एकीकृत पोर्टल है, का प्रभावी और तीव्र कार्यशीलता के लिए प्रयोग किया जाएगा। पंक्‍त‍ि-रहित मतदान प्रणाली, फोटो मतदाता पर्ची की क्‍यू आर कोड रीडिंग इत्‍यादि को सुविधाजनक बनाने हेतु अन्‍य ऐप्‍स भी स्‍वतंत्र, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुगम्‍य, नैतिक और सहभागितापूर्ण निर्वाचनों हेतु प्रयोग में लाए जाएंगे।
  6. From the album: Observers' Briefing Meeting -2 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    ECI conducts briefing sessions for 2nd batch of General, Police and Expenditure Observers for the Lok Sabha and State Legislative Assembly Elections - 2019

    © Election Commission of India

  7. From the album: Observers' Briefing Meeting -2 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    ECI conducts briefing sessions for 2nd batch of General, Police and Expenditure Observers for the Lok Sabha and State Legislative Assembly Elections - 2019

    © Election Commission of India

  8. From the album: Observers' Briefing Meeting -2 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    ECI conducts briefing sessions for 2nd batch of General, Police and Expenditure Observers for the Lok Sabha and State Legislative Assembly Elections - 2019

    © Election Commission of India

  9. 368 downloads

    No. ECI/PN/39/2019 Dated: 26th March, 2019 PRESS NOTE ECI conducts briefing sessions for 2nd batch of General, Police and Expenditure Observers for the Lok Sabha and State Legislative Assembly Elections - 2019 In continuation of the briefing held for the first batch of General, Police and Expenditure Observers held on 14th March, the Commission today conducted day long sessions for over a thousand more officers drawn from IAS, IPS, Indian Revenue Service and few other Central Services. These officers are being deployed as Observers in the ongoing Elections to the Lok Sabha and Legislative Assemblies of four States. Addressing the participants, Chief Election Commissioner Shri Arora said that while all Observers are essentially the eyes and ears of the Commission, Senior Expenditure Observers are assuming an enormous role given the quantum of money power vitiating the election process. He added that the Commission has already appointed two Special Expenditure Observers for the States of Tamil Nadu, Gujarat, Maharashtra and Karnataka. To further identify the role of illegitimate resources in the elections, the Commission is considering appointing few more Special Expenditure Observers in more Expenditure Sensitive States. Shri Arora reminded the Observers of their enormous responsibility to ensure fair, ethical and transparent election process in the field. He asked them to be vigilant, impartial and accessible to all stakeholders to reinforce the faith in the minds of the citizen towards the electoral process. While elucidating the myriad responsibilities of Observers, the CEC mentioned that Electoral Rolls are the bed rock of election process and Observers need to ensure the integrity of the Electoral Rolls. Reminding the Observers of their crucial role , Shri Arora said that The Commission reposes complete trust in the senior officers being deputed to the field and would like the Observers & CEOs to be the first and last point of contact. However, he also cautioned them that even a trace of proven malafide or partisanship, would lead to ruthless action from the Commission. He further added that, keeping pace with the changing times, the Commission has been proactive in making the electoral process participative by involving & empowering citizens particularly through cVigil App. He said that the cVigil App initiative which started as a pilot project in the Karnataka State elections and then implemented in the five State elections held last year, has now been extended pan India for the ongoing General Elections. Shri Ashok Lavasa, Election Commissioner in his address stated that the Observers have been a critical part of the election process and machinery. He advised Observers to be alert, accessible and responsive and effective in the field to ensure fairness and transparency of the election process. He urged the Observers to be familiar with all the instructions & guidelines to ensure clarity in execution in the field. He said the senior Observers need to play dual roles of monitoring and mentoring. While addressing the Expenditure Observers, Shri Lavasa stressed that only the seizure figures may not be taken as a measure of the efficacy of enforcement machinery, but the money trail and actual perpetrators behind the consignment should be investigated. Welcoming the participants, Election Commissioner Shri Sushil Chandra noted that Observers play an important role for the Election Commission for robust monitoring of the complete process in the field. He asked the Observers to ensure better co-ordination amongst all the Stakeholders in the field. Elaborating the diverse challenges for the Observers in the current scenario, he urged them to be vigilant and accessible. He mentioned that developing real time intelligence and monitoring of accounts of the candidates would be crucial to downplay the role of illegitimate resources adversely influencing the election process. Comprehensive Expenditure Monitoring Handbook, Observers Manual and National Election Planner were provided to the Observers to facilitate their work. During the day long sessions, detailed thematic presentations were made on Election planning, Observer’s roles and responsibilities, electoral roll issues, enforcement of Model Code of Conduct, legal provisions, EVM/VVPAT management, media engagement and the wide array of activities undertaken for voter facilitation under the Commission’s flagship SVEEP (Systematic Voter’s Education and Electoral Participation) programme to apprise the Observers. The Observers were also acquainted with the various IT initiatives and mobile applications launched by the Commission for voter facilitation as well as effective and efficient management of election process in the field. Detailed presentations were made about ‘Observer App’, cVIGIL App and other initiatives
  10. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Observers' Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    © Election Commission of India

  11. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Compendium of Instructions on Election Expenditure Monitoring was released on the occasion of Observers'Briefing Meeting for General Elections 2019

    © Election Commission of India

  12. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Themetic Presentation for Observers and the Profile of States/UTs booklet were released on the occasion of Observers'Briefing Meeting for General Elections 2019

    © Election Commission of India

  13. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    National Election Planner was released on the occasion of Observers'Briefing Meeting for General Elections 2019

    © Election Commission of India

  14. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Chief Election Commissioner of India, Sh. Sunil Arora at the Observers' Briefing Meeting

    © Election Commission of India

  15. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Observers' Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    © Election Commission of India

  16. From the album: Observers'Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    Observers' Briefing Meeting -1 GE to Lok Sabha & Legislative Assemblies, 2019

    © Election Commission of India

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

मतदाता हेल्पलाइन ऍप

हमारा मोबाइल ऐप ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ प्‍ले स्‍टोर एवं ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ ऐप आपको निर्वाचक नामावली में अपना नाम खोजने, ऑनलाइन प्ररूप भरने, निर्वाचनों के बारे में जानने, और सबसे महत्‍वपूर्ण शिकायत दर्ज करने की आसान सुविधा उपलब्‍ध कराता है। आपकी भारत निर्वाचन आयोग के बारे में हरेक बात तक पहुंच होगी। आप नवीनतम  प्रेस विज्ञप्ति, वर्तमान समाचार, आयोजनों,  गैलरी तथा और भी बहुत कुछ देख सकते हैं। 
आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

×
×
  • Create New...