मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
अंग्रेज़ी में देखें   |   मुख्य विषयवस्तु में जाएं   |   स्क्रीन रीडर एक्सेस   |   A-   |   A+   |   थीम
Jump to content

Use the Advance Search of Election Commission of India website

Showing results for tags 'press release'.

  • टैग द्वारा खोजें

    Type tags separated by commas.
  • Search By Author

Content Type


Forums

There are no results to display.

श्रेणियाँ

  • वर्तमान मुद्दे
  • महत्वपूर्ण निर्देश
  • निविदा
  • प्रेस विज्ञप्तियाँ
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2022
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2020
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2019
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2018
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2017
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2016
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2015
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2014
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2013
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2012
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2011
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2010
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2009
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2008
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2007
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2006
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2005
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2004
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2003
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2002
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2001
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 2000
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 1999
    • प्रेस विज्ञप्तियाँ 1998
  • हैंडबुक, मैनुअल, मॉडल चेक लिस्ट
    • हैंडबुक
    • मैनुअल
    • मॉडल चेक लिस्ट
    • ऐतिहासिक निर्णय
    • अभिलेखागार
  • अनुदेशों के सार-संग्रह
    • अनुदेशों के सार-संग्रह (अभिलेखागार)
  • न्यायिक संदर्भ
    • के आधार पर निरर्हता -
    • अयोग्य व्यक्तियों की सूची
    • आदेश और नोटिस - आदर्श आचार संहिता
    • आदेश और नोटिस - विविध
  • ई वी एम
    • ई वी एम - ऑडियो फाइल
  • उम्मीदवार/ प्रत्याशी
    • उम्मीदवार/ प्रत्याशी के शपथ पत्र
    • उम्मीदवार/प्रत्याशी का निर्वाचन व्यय
    • उम्मीदवार/प्रत्याशी नामांकन और अन्य प्रपत्र
  • राजनीतिक दल
    • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
    • राजनीतिक दलों की सूची
    • निर्वाचन चिह्न
    • राजनीतिक दलों का संविधान
    • संगठनात्मक चुनाव
    • पार्टियों की मान्यता / मान्यता रद्द करना
    • विवाद, विलय आदि
    • विविध, आदेश, नोटिस, आदि
    • पारदर्शिता दिशानिर्देश
    • वर्तमान निर्देश
    • योगदान रिपोर्ट
    • इलेक्टोरल ट्रस्ट
    • व्यय रिपोर्ट
    • वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट
  • साधारण निर्वाचन
  • विधानसभा निर्वाचन
  • उप-निर्वाचन
  • उप-निर्वाचन के परिणाम
  • राष्ट्रपति निर्वाचन
  • सांख्यिकीय रिपोर्ट
  • पुस्तकालय और प्रकाशन
  • न्यूज़लैटर
  • साइबर सुरक्षा न्यूज़लैटर
  • प्रशिक्षण सामग्री
  • निर्वाचक नामावली
  • परिसीमन
  • परिसीमन वेबसाइट
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग
  • बेस्ट शेयरिंग पोर्टल
  • निर्वाचन घोषणापत्र
  • राजभाषा
  • संचार
  • प्रस्तावित निर्वाचन सुधार
  • प्रेक्षक निर्देश
  • प्रवासी मतदाता
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग
  • अन्य संसाधन
  • अभिलेखागार

Categories

  • निर्वाचन
    • राज्यों की परिषद के लिए निर्वाचन
    • राष्ट्रपतिय निर्वाचन
    • आरओ/डीईओ के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
    • निर्वाचन तन्त्र
    • संसद
    • निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
    • निर्वाचनों में खड़ा होना
    • परिणाम की गणना एवं घोषणा
  • मतदाता
    • सामान्य मतदाता
    • प्रवासी मतदाता
    • सेवा मतदाता
  • ई वी ऍम
    • सामान्य प्रश्न / उत्तर
    • सुरक्षा विशेषताएं
  • राजनीतिक दलों का पंजीकरण
  • आदर्श आचार संहिता

Categories

  • ईवीएम जागरूकता फिल्में
  • ईवीएम प्रशिक्षण फिल्में

Categories

  • cVIGIL

Categories

  • Video Gallery

Categories

  • मतदाता हेल्पलाइन ऍप
  • सी विजिल
  • उम्मीदवार सुविधा ऍप
  • पी डव्लू डी ऍप
  • वोटर टर्न आउट ऐप

Categories

  • Web Applications
  • Mobile Applications

Find results in...

ऐसे परिणाम ढूंढें जिनमें सम्‍मिलित हों....


Date Created

  • Start

    End


Last Updated

  • Start

    End


Filter by number of...

  1. 42 downloads

    No. ECI/PN/110/2019 Dated: 23rd November, 2019 ECI appoints Sh M K Das as Special Police Observer for Jharkhand Assembly Elections Election Commission of India has appointed Sh Mrinal Kanti Das (IPS 1977 Retd) as Special Police Observer for the ensuing Elections to the State Legislative Assembly of Jharkhand 2019. The Election Commission took the decision in light of the specific challenges of Left Wing Extremism affecting the Law and Order situation in Jharkhand. Sh M K Das will reach Ranchi today to take up his new responsibility and oversee the deployment and other security related issues there. It may be recalled that Sh Das retired as Director General of Manipur Police and was also deputed earlier as Special Observer for Tripura and Mizoram during the 2019 Lok Sabha Elections.
  2. 107 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेनो/107/2019 दिनांकः 11 नवम्बर,2019 प्रेस नोट श्री टी.एन शेषन, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त के निधन पर आयोग द्वारा शोक प्रकट करना श्री शेषन राष्ट्र के लिए सदैव एक आदर्श रहेंगेः श्री सुनील अरोड़ा, मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री टी एन शेषन के कल देर रात्रि चेन्नई में निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। श्री शेषन के सम्मान में आज निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में पूर्वाह्न 11:15 बजे एक शोक सभा आयोजित की गई। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त को आयोग की तरफ से अंतिम सम्मान देने के लिए श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्त चेन्नई पहुंच रहे हैं। आयोग द्वारा श्री टी.एन-शेषन के निधन पर शोक संदेश निम्नलिखित अनुसार हैः शोक संदेश (स्वर्गीय) श्री टी.एन. शेषन, भारत के 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री तिरूनेल्लई नारायण अय्यर शेषन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । श्री टी.एन. शेषन भारतीय प्रशासनिक सेवा के तमिलनाडु संवर्ग के 1955 बैच के एक उत्कृष्ट अधिकारी थे जो 12 दिसम्बर, 1990 से 11 दिसम्बर, 1996 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे। इससे पहले वे मंत्रिमंडल सचिव थे। उन्होंने आयोग के लिए उच्च मानदण्ड स्थापित किए और वे अपने जीवनकाल में ही ख्यातिप्राप्त व्यक्ति बन गये थे। वे हमारे लिए और सभी मुख्य निर्वाचन आयुक्तों एवं भावी निर्वाचन आयुक्तों के लिए सर्वदा प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे। श्री शेषन ने निर्वाचन प्रक्रिया के सभी सिद्धांतों को पुनः परिभाषित किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का सांवैधानिक पद धारण करते हुए उन्होंने निर्वाचकीय कुप्रथाओं पर प्रहार करते हुए आयोग का कद बढ़ाया औऱ हिंसा तथा बाहुबल पर कड़ाई से या यूँ कहिए. निष्ठरतापूर्वक कार्रवाई की, जो कि उनके कार्यभार ग्रहण करते समय चरम सीमा पर थे। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन आयोग को प्रदान किए गए प्राधिकार और स्वायत्तता को भली पुनः लौटाया। उन्होंने केवल निर्वाचन प्रक्रिया के प्रबंधक के रूप में अनुवीक्षण से इंकार करते हुए धन, शराब, बाहुबल, बूथ कैप्चरिंग इत्यादि जैसी निर्वाचन संबंधी बुराइयों से निर्वाचनों का सक्रियता से शुद्धिकरण आरंभ किया। उन्होंने स्वयं को एक पेशेवर नौकरशाह से एक ऐसे 'भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त' के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिसने लोगों को मत की शक्ति से अवगत करवाया। श्री शेषन एक योग्य व्यक्ति थे जो अपनी योग्यता के अनुसार सही समय पर सही जगह पर थे। वे निर्वाचकीय भ्रष्टाचार को जड़ से उखाडने वाले योद्धा का प्रतीक बन गए थे। उन्होंने इस प्रकार का वातावरण और चेतना जागृत की, जिससे नागरिकों ने ऐसा महसूस किया कि वे ही निर्वाचनों में मुख्य स्टेकहोल्डर हैं। हालांकि अपने जीवन के आखिरी 22 वर्षों से वे सेवानिवृत जीवन व्यतीत कर रहे थे तथापि, वे अधिकांश लोगों के लिए लीविंग लीज़ैंड बन गए थे। वे आज भी युवाओं की कल्पना को उतना ही मंत्रमुग्ध कर रहे हैं जितना कि वृद्ध लोगों की। वे उत्कृष्ट सांस्कृतिक मूल्यों से परिपूर्ण थे जिसके कारण उन्होंने सम्मुख आने वाली अनेक कठिनाइयों का डट कर सामना किया। उन्हें सदैव भारत निर्वाचन आयोग तथा राष्ट्र के लिए एक आर्दश के रूप में देखा जाएगा। श्री शेषन ने आयोग के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ी है और वे भारत निर्वाचन आयोग के प्रत्येक पदाधिकारी के लिए सदैव प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगें। हम महान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।
  3. 70 downloads

    No. ECI/PN/109/2019 Dated: 16th November, 2019 PRESS NOTE ECI to establish a Visiting Chair on Interdisciplinary Approach to Electoral Studies in memory of former CEC Sh T N Seshan Chair will be mentored by Sh N Gopalaswami Former CEC CEC Delivers the Keynote Address at Law Conclave at NIRMA University, Ahmedabad To commemorate and celebrate Sh T N Seshan’s special connect with the young and aspiring India, Election Commission of India has decided to establish and fund a Visiting chair on interdisciplinary approach to Electoral Studies in the Centre for Curriculum Development at India international institute of Democracy and Election Management( IIIDEM ), New Delhi from 2020-2025. The Chair will be mentored by Sh N Gopalaswami Former CEC. Chief Election Commissioner Sh Sunil Arora today announced this decision while delivering the Keynote address at the Institute of Law, NIRMA University, Ahmedabad. President of NIRMA University, Dr Karsanbhai K Patel, Sh.Umesh Sinha Secretary General ECI, Vice Chancellor-Dr. Anup Singh, Dr Purvi Pokhariyal, Director, Institute of Law, faculty and students were present on the occasion. Sh Arora had been invited by the University on the occasion of Law Conclave organized in memory of the legendary Constitutional expert, economist and jurist par excellence Shri Nani Palkhiwala. Speaking on the occasion Sh Arora said “Sh T N Seshan’s enduring contribution to the cause of probity, transparency and integrity in various aspects of the electoral process in India has made his name synonymous with electoral best practices worldwide. In his memory thus ECI would establish the Chair. It shall be our endeavour to ensure that the Chair becomes fully functional during the next academic session August- September, 2020.” The detailed modalities of the establishment of the Chair shall be worked out by Sh. Umesh Sinha, Secretary General, Sh. Dharmendra Sharma, DG IIIDEM and Mona Sreenivas, Director ECI and will be presented to the Commission by March 15, 2020. The Visiting Chair programme will be targeted to young academics with proven track record in fields relatable to electoral studies. The Chair will also be expected to curate one National Level Seminar on specific aspects of Electoral Studies. The Visiting Chair will also supervise designing and development of interdisciplinary curriculum/ modules for further training and research at the IIIDEM. Delivering his lecture on Electoral law - its evolution and practice in India, Chief Election Commissioner said “Coincidentally, the 70th Anniversary of the adoption of the Constitution of India on 26th November, 1950 is close at hand, affording an opportunity for all of us to deliberate upon the path ahead”. Sh Arora said “Our Constitution is a living document. In many ways, it is also an evolving document which has endured the test of times. From its very inception, the Constitution has spelt, for each and every Indian, a vocabulary of rights, entitlements, duties as well as the trinity of equality, freedom and dignity which make life meaningful” CEC said. The Election commission, like any institution, has to constantly reinvent itself in order to confront new and emerging challenges”, CEC stated. Shri Arora said “The electoral journey has been remarkable. Yet we cannot sit on past laurels. The Commission is committed to bring more reforms to ensure that the process become more in sync with the times, the current technologies and enhanced voter participation. Recently, the concept of Absentee voters has been made part of our process. We hope to have more than one qualifying dates for eligibility of voters. We have large number of overseas population and we need to devise a mechanism to facilitate their participation in the electoral process. We also need to work harder to curb the menace of money power, misinformation and to check the criminal elements in the arena of elections.” He added that “the roots of democracy run deep in our consciousness. So does an inherent sense of what constitutes right and wrong. Given this, I can say with conviction that the voter of this country is no longer naïve, passive recipient in the play of political democracy. Despite the fact that voting is not compulsory, more than 67% people come out to vote especially the women, senior citizens and persons with disability. “The strength lies in “We the People”. It is the collective power of the People that is invoked through the Constitution” Sh Arora emphasized.
  4. 35 downloads

    Press Note Subject: New Arrangement made by Election Commission of India for prompt and accurate dissemination of results of Assembly Election and bye-elections of Oct 2019 In a first, the Election Commission of India has deployed an integrated ICT counting application which gives freedom to Returning Officers spread across the country to directly compute and enter the result data on the ECI new counting application. This application allows the Returning Officers to enter table-wise data in the software, thereby considerably reducing the time and makes the results & trends data error-free. Team ICT headed by Dr Sandeep Saxena, Sr Deputy Election Commissioner and others with Shri. Sunil Arora, Chief Election Commissioner, in front of the Election Trends TV Panel at Nirvachan Sadan, New Delhi 2. The counting software developed by the IT team of ECI called ENCORE (Enabling Communications on Real-time Environment) allows generation of various types of statutory reports during counting process which are mandatory for Returning Officers such as Form 20 Preparation/ Compilation of Final Result Sheet, 21C/D for Formal Declaration of Result and Form 21 E for Certificate of Return of Elections. The Returning Officer can download these system-generated reports after the counting is over and complete the statutory requirements in a hassle-free environment. 3. For the first time, the Election Commission of India has launched Election Trends TV, on which the graphically-rich micro-details of trends & results are published in real-time. As and when the counting data of each round is entered after officially been declared by the Returning Officers, the data is displayed on the Election Trends TV, without any manual intervention using advanced secure technologies. These panels can be customized and configured, for display automatically in public places using large TV Panels by Returning Officers & Chief Electoral Officers. 4. During today’s counting dissemination of trends and results are made with enhanced infographics and increased details through the ECI’s very popular mobile app ‘Voter Helpline App’ which is available from the Google Play Store and Apple App Store for free download. The user can bookmark their favourite candidate and closely follow the results in a comprehensive manner.
  5. 64 downloads

    ईसीआई/प्रे.नो./98/2019 दिनांक: 20 अक्‍तूबर, 2019 प्रेस नोट विषय: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा के असन्‍ध विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचनों हेतु विशेष प्रेक्षक के रूप में श्री विनोद जुत्‍शी को नियुक्‍त किया जाना। भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया में परिचालित वीडियो को ध्‍यान में रखते हुए हरियाणा में करनाल जिले के 23-असन्‍ध विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के आगामी निर्वाचन के लिए श्री विनोद जुत्‍शी (भूतपूर्व आईएएस राजस्‍थान, सेवानिवृत्‍त), भूतपूर्व उप निर्वाचन आयुक्‍त, भारत निर्वाचन आयोग तथा सचिव, पर्यटन को विशेष प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया है। श्री जुत्‍शी से निर्वाचन क्षेत्र में आवश्‍यक सुधारात्‍मक कार्रवाई करने और स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करवाने हेतु तत्‍काल निर्वाचन क्षेत्र में जाने हेतु अनुरोध किया गया है। श्री जुत्‍शी पूर्व में मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, राजस्‍थान के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्‍होंने भारत निर्वाचन आयोग में भी सात वर्ष तक विभिन्‍न पदों पर कार्य किया है। श्री जुत्‍शी को अप्रैल में हाल ही में हुए लोक सभा साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान आन्‍ध्र प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा के विशेष प्रेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्‍त किया गया था।
  6. 29 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/95/2019 दिनांक: 18 अक्तूबर, 2019 प्रेस नोट विषय: भारत निर्वाचन आयोग ने नाशिक के पुलिस प्रेक्षक और महाराष्ट्र के 125 नाशिक पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को बदला। भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र राज्य की निर्वाचन संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के बाद नाशिक के पुलिस प्रेक्षक और नाशिक जिले के एक रिटर्निंग अधिकारी को बदल दिया है। पुलिस प्रेक्षक को संतोषजनक ढंग से प्रेक्षण का कार्य नहीं करने के लिए हटा दिया गया था। फोटो मतदाता पर्ची वितरण की प्रगति के बारे में इनपुट के आधार पर, जो प्रत्येक मतदाता को समय पर सूचित करना बहुत महत्वपूर्ण है, यह पाया गया कि नाशिक जिले में एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रदर्शन बहुत खराब था। इसकी समीक्षा करते हुए, आयोग ने 125 नाशिक पश्चिम के रिटर्निंग अधिकारी को बदलने का आदेश दिया। नए अधिकारी आज कार्यभार ग्रहण करेंगे।
  7. 54 downloads

    No. ECI/PN/91/2019 Dated: 26th September, 2019 Press Note “Voluntary Code of Ethics” by Social Media Platforms to be observed in the General Election to the Haryana & Maharashtra Legislative Assemblies and all future elections. Internet & Mobile Association of India (IAMAI) on behalf of its members has agreed to observe the “Voluntary Code of Ethics” during all elections including the ongoing general elections to the Haryana & Maharashtra legislative assemblies and various bye elections being held simultaneously. IAMAI and social media platforms Facebook, Whatsapp, Twitter, Google, Sharechat and TikTok had presented and observed this “Voluntary Code of Ethics” during the General Election to 17th Lok Sabha 2019. IAMAI has assured the Commission that the platforms will cooperate in ensuring the conduct of free and fair elections. As a result of Commission’s vigorous persuasion, all the major social media platforms and IAMAI came together and mutually devised this “Voluntary Code of Ethics” for the General Elections 2019. This came into immediate effect from the day it was presented to the Commission on 20th March, 2019. During the election period, social media platforms took action on 909 violative cases, reported by the ECI. The highlighted features of “Voluntary Code of Ethics” are as follows: (i) Social Media platforms will voluntarily undertake information, education and communication campaigns to build awareness including electoral laws and other related instructions. (ii) Social Media platforms have created a high priority dedicated grievance redressal channel for taking expeditions action on the cases reported by the ECI. (iii) Social Media Platforms and ECI have developed a notification mechanism by this ECI can notify the relevant platforms of potential violations of Section 126 of the R.P. Act, 1951 and other electoral laws. (iv) Platforms will ensure that all political advertisements on their platforms are pre-certified from the Media Certification and Monitoring Committees as per the directions of Hon’ble Supreme Court. (v) Participating platforms are committed to facilitate transparency in paid political advertisements, including utilising their pre-existing labels/disclosure technology for such advertisements. The text of the Code alongwith the assurance received from the IAMAI is linked below.
  8. 88 downloads

    सं. आयोग/प्रे.नो./87/2019 दिनांक: 23 सितम्‍बर, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्‍ट्र के लिए दो विशेष व्‍यय प्रेक्षकों की नियुक्ति की। भारत निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्‍छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 20ख के अंतर्गत इसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आज भारतीय राजस्‍व सेवा के दो पूर्व अधिकारियों – सुश्री मधु महाजन (पूर्व आईआरएस 1982) और श्री बी मुरली कुमार (पूर्व आईआरएस 1983) को महाराष्‍ट्र विधान सभा के आगामी निर्वाचनों के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षकों के रूप में नियुक्‍त किया। सुश्री महाजन के लिए अपेक्षित होगा कि वे मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के परामर्श से मुंबई में धन शक्ति के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने पर विशेष जोर देने के साथ निर्वाचनों के संचालन पर नज़र रखें। इसी प्रकार, श्री मुरली कुमार राज्‍य के शेष भाग में मामलों को, अधि‍कारियों और निर्वाचन अधिकारियों, जैसा वे आवश्‍यक समझें, के साथ देखने के लिए पुणे में रह कर कार्य करेंगे। विशेष प्रेक्षक निर्वाचक मशीनरी द्वारा किए जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान प्रक्रिया को दूषित करने के लिए नकदी, शराब और मुफ्त वस्‍तुओं, इत्‍यादि को बांट करके मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करने वाले सभी व्‍यक्तियों/संस्‍थाओं के खिलाफ सी-विजिल, मतदाता हेल्‍पलाइन 1950 से प्राप्‍त संसूचना इनपुट और शिकायतों के आधार पर सख्‍त और प्रभावी प्रर्वतन कारवाई की जाए। ध्‍यातव्‍य है कि आयकर विभाग के अन्‍वेषण विंग में उनके पूर्व अनुभवों को देखते हुए, सुश्री महाजन को हाल के लोकसभा निर्वाचनों में तमिलनाडु और कर्नाटक के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया गया था। श्री बी. मुरली कुमार को भी लोक सभा निर्वाचनों के दौरान 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया गया था और उन्‍होंने पूर्व में चेन्‍नई में आयकर महानिदेशक (अन्‍वेषण) के रूप में कार्य किया था।
  9. 80 downloads

    सं.ईसीआई/प्रे.नो./94/2019 दिनांक: 04 अक्‍टूबर, 2019 प्रेस नोट आयोग ने तेलंगाना और सिक्किम में उप-निर्वाचनों हेतु दो विशेष व्‍यय प्रेक्षक नियुक्‍त किए भारत निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्‍छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 20ख के अंतर्गत इसे प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आज भारतीय राजस्‍व सेवा के पूर्व अधिकारी-श्री बी.आर.बालकृष्‍णन (पूर्व आईआरएस 1983) और भारतीय राजस्‍व सेवा के सेवारत अधिकारी, श्री सुरेश कुमार (आईआरएस 1988) को क्रमश: तेलंगाना और सिक्किम की विधान सभाओं के उप-निर्वाचनों के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षकों के रूप में नियुक्‍त किया। विशेष व्‍यय प्रेक्षक निर्वाचक मशीनरी द्वारा किए जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान प्रक्रिया को दूषित करने के लिए नकदी, शराब एवं मुफ्त वस्‍तुओं को बांट करके मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करने वाले व्‍यक्तियों/संगठनों के विरूद्ध संसूचना इनपुटों और सीविजिल, मतदाता हेल्‍पलाइन 1950 के माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों के आधार पर सख्‍त एवं प्रभावी कार्रवाई की जाए। श्री बी.आर. बालाकृष्‍णन ने पूर्व में आयकर महानिदेशक (अन्‍वेषण), बेंगलुरू के रूप में कार्य किया था और श्री सुरेश कुमार वर्तमान में प्रधान आयकर आयुक्‍त (मध्‍य), अहमदाबाद के रूप में पदस्‍थापित हैं।
  10. 91 downloads

    सं.: ई सी आई/प्रे.नो./89/2018/संचार दिनांक: 24 सितम्बर, 2019 प्रेस नोट विषय: हरियाणा एवं महाराष्ट्र की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2019- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी। हरियाणा एवं महाराष्ट्र की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी आदेश संख्‍या 437/टीए-वि.स/1/2019/संचार दिनांक 24 सितम्बर, 2019 की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।
  11. 119 downloads

    सं. ईसीआई/पीएन/93/2019 दिनांक: 30 सितंबर, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्‍य स्‍तरीय निर्वाचक साक्षरता क्‍लब के प्रशिक्षकों हेतु पुनश्‍चर्या प्रशिक्षण का आयोजन किया गया आईआईआईडीईएम कैंपस, द्वारका, नई दिल्‍ली में 30 सितंबर, 2019 को राज्‍य स्‍तरीय मास्‍टर प्रशिक्षकों और भारत निर्वाचन आयोग के स्‍वीप नोडल अधिकारियों के लिए निर्वाचक साक्षरता क्‍लब (ईएलसी) संबंधी तीसरी 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। लोक सभा निर्वाचन 2019 के उपरांत ईएलसी की प्रभावी संस्‍थापना और काम-काज के साथ-साथ भावी कार्यनीतियां बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार की दो कार्यशालाओं का आयोजन 23-24 और 26-27 सितंबर, 2019 को पहले ही किया जा चुका है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने ईएलसी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, जिसमें आयोग को ईएलसी संसाधनों के साथ साथ कार्यशालाओं में किए गए ईएलसी कार्यकलापों की झलकियां दिखाई गईं। तदुपरांत, कार्यशाला के विशेष सत्र को संबांधित करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा "अभूतपूर्व टर्नआउट प्राप्‍त करने के बावजूद, हमे इससे अधिक टर्नआउट के लिए प्रयासरत रहना चाहिए और प्रत्‍येक समुदाय के लोगों को जागरूक बनाने के लिए निरंतर और समर्पित प्रयास करने चाहिए तथा जन भागीदारी को और बढ़ाना चाहिए। प्रतिभागियों से बातचीत करते हुए उन्‍होने कहा कि ‘आप भारत निर्वाचन आयोग के स्‍वीप कार्यक्रम के मजबूत स्‍तंभ हैं। आपको इस विशालकाय कार्य का उत्‍तरदायित्‍व सौंपे जाने पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप क्षेत्र (फील्‍ड) में ईएलसी परियोजना को कार्यान्‍वित करने के लिए अग्रदूत की भूमिका निभाएं और यह सुनिश्‍चित करें कि अमिट स्‍याही की ताकत सभी लोगों की नुमाइंदगी करे।" इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ साथ वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री उमेश सिन्‍हा और आईआईआईडीईएम के निदेशक श्री धर्मेन्‍द्र शर्मा भी उपस्‍थित थे। ईएलसी परियोजना के बारे में संक्षिप्‍त परिचय देते हुए श्री उमेश सिन्‍हा ने एक मजबूत आधार होने के महत्‍व पर जोर दिया, उन्‍होने बताया कि "जब तक जड़ें मजबूत न हों, पौधा नहीं उगेगा। हमारा लक्ष्‍य सभी पात्र मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में रजिस्‍टर करना है और अपने लोकतंत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए यह सुनिश्‍चित करें कि यह 100% त्रृटिरहित हो। मतदाता शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्‍य मतदाताओं को शिक्षित करना और नीतिपरक बनाना और उनकी भागीदारी में वृद्धि करना है। उन्‍होंने यह भी कहा कि यहां उपस्‍थित सभी लोगों द्वारा स्‍कूलों, कॉलेजों, समुदायों, संगठनों आदि में पहुंचकर ईएलसी परियोजना को एक मजबूत आंदोलन और आवेग का रूप देना अपेक्षित है। श्री सिन्‍हा ने भावी लक्ष्‍य रखते हुए बताया कि निर्वाचक साक्षरता क्‍लब विश्‍व का सबसे बड़ा निर्वाचक साक्षरता अभियान होगा और इसके माध्‍यम से हम ‘कोई भी मतदाता न छूटे’ का लक्ष्‍य हासिल कर सकते हैं।" ‘सुव्‍यस्‍थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक भागीदारी (स्‍वीप)’ के अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम के अंतर्गत, शैक्षिक संस्‍थाओं/संगठनों के माध्‍यम से निर्वाचक साक्षरता को मुख्‍यधारा में लाने की इस परियोजना को शुरू किया गया था, जिसमें प्रत्‍येक शैक्षिक संस्‍था में निर्वाचक साक्षरता क्‍लब स्‍थापित करने तथा औपचारिक शिक्षा प्रणाली से बाहर रहने वाले लोगों को कवर करने के लिए प्रत्‍येक बूथ पर चुनाव पाठशाला स्‍थापित करने की परिकल्‍पना की गई है। 25 जनवरी, 2018 को 8वें राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर शुरू की गई ईएलसी परियोजना, प्रत्‍यक्ष अनुभवों के माध्‍यम से निर्वाचक भागीदारी की संस्‍कृति का विकास करने और इसे सुदृढ़ बनाने के अनवरत केंद्र के रूप में कार्य करेगी। अब तक पूरे देश में 5,80,620 ईएलसी स्‍थापित किए जा चुके हैं। यह समूची परियोजना युवा और भावी मतदाताओं के लिए अनेक सह-पाठ्यक्रम संबंधी और पाठ्येतर संबंधी पद्धतियों के माध्‍यम से मतदाता शिक्षा को प्रांसगिक और व्‍यावहारिक बनाने के ईर्द-गिर्द घूमती है। ईएलसी और चुनाव पाठशाला कार्यकलाप प्रायोजक द्वारा एक संसाधक गाइड का उपयोग करके संचालित किए जाते हैं जिसमें प्रत्‍येक कार्यकलाप संचालित करने के लिए कदम दर कदम अनुदेश दिए जाते हैं। कक्षा IX से कक्षा XII, कॉलेज और समुदायों के लिए अलग अलग संसाधन पुस्‍तकें तैयार की गई हैं। एक वर्ष में कार्यकलापों का एक कैलेंडर भी बनाया गया है। प्रत्‍येक श्रेणी के लिए कुल मिलाकर लगभग 4 घंटे चलने वाले विशिष्‍ट शिक्षा परिणामों वाले कुल 6 से 8 कार्यकलापों का निर्धारण किया गया है। कार्यशाला का प्रयोजन प्रतिभागियों को उत्‍तरवर्ती प्रशिक्षणों, जो वे जिला स्‍तरीय मास्‍टर प्रशिक्षकों के साथ आयोजित करेंगे, के लिए उनकी तैयारी सुनिश्‍चित करने हेतु ईएलसी कार्यकलापों की पुनश्‍चर्या प्रदान करना है। आयोग का प्रयास ईएलसी परियोजना को सतत बनाना है तथा दो लाख माध्‍यमिक और वरिष्‍ठ माध्‍यमिक स्‍कूलों, 27 हजार कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों तथा 1 मिलियन मतदान केंद्रों में 1.5 मिलियन ईएलसी की स्‍थापना करने का अपना लक्ष्‍य प्राप्‍त करना है।
  12. 47,596 downloads

    आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्‍किम में लोक सभा ओर विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन 2019 के लिए कार्यक्रम की घोषणा प्रेस नोट डाउनलोड करने का वैकल्‍पिक लिंक : आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्‍किम में लोक सभा ओर विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन 2019 के लिए कार्यक्रम की घोषणा
  13. 101 downloads

    उत्‍तर प्रदेश से राज्‍य सभा के लिए उप निर्वाचन – तत्‍संबंधी
  14. 136 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/77/2019 दिनांक: 25 अगस्‍त, 2019 प्रेस नोट विषय: छत्‍तीसगढ़, केरल, त्रिपुरा और उत्‍तर प्रदेश की राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन हेतु अनुसूची-तत्‍संबंधी। छत्‍तीसगढ़, केरल, त्रिपुरा और उत्‍तर प्रदेश की राज्‍य विधान सभाओं में चार स्‍पष्‍ट रिक्तियां हैं, जिन्‍हें भरा जाना अपेक्षित है: क्रम सं. राज्‍य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्‍या एवं नाम 1. छत्‍तीसगढ़ 88- दन्‍तेवाड़ा (अ.ज.जा.) 2. केरल 93-पाला 3. त्रिपुरा 14-बधारघाट (अ.जा.) 4. उत्‍तर प्रदेश 228-हमीरपुर स्‍थानीय त्‍योहारों, निर्वाचक नामावलियों, मौसमी स्थितियों आदि जैसे विभिन्‍न कारकों को ध्‍यान में रखते हुए, आयोग ने इन रिक्तियों को निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है:- मतदान कार्यक्रम अनुसूची राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख 28.08.2019 (बुधवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 04.09.2019 (बुधवार) नाम-निर्देशनों की संवीक्षा करने की तारीख 05.09.2019 (गुरूवार) अभ्‍यर्थियाएं वापस लेने की अंतिम तारीख 07.09.2019 (शनिवार) मतदान की तारीख 23.09.2019 (सोमवार) मतगणना की तारीख 27.09.2019 (शुक्रवार) वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न करवा लिया जाएगा । 29.09.2019 (रविवार) निर्वाचक नामावली 01.01.2018 के संदर्भ में उक्‍त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियां अंतिम रूप से प्रकाशित की गई हैं। इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपीएटी आयोग ने सभी मतदान केन्‍द्रों में उप-निर्वाचनों में ईवीएम और वीवीपीएटी का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम और वीवीपीएटी पर्याप्‍त संख्‍या में उपलब्‍ध कराई गई हैं और यह सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास किए गए हैं कि इन मशीनों से मतदान निर्विघ्‍न रूप से संचालित किए जाएं। मतदाताओं की पहचान विगत प्रथा के अनुरूप, आयोग ने निर्णय लिया है कि उपर्युक्‍त उप-निर्वाचनों में मतदान के समय मतदाता की पहचान करना अनिवार्य होगा। मतदाता फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्‍य दस्‍तावेज होगा। तथापि, यह सुनिश्चित करने कि यदि किसी मतदाता का नाम निर्वाचक नामावलियों में दिया गया हो, तो कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे, के लिए उक्‍त उप-निर्वाचनों में मतदान के समय मतदाताओं की पहचान करने के लिए अतिरिक्‍त दस्‍तावेजों की अनुमति देने हेतु अलग से निदेश जारी किए जाएंगे। आदर्श आचार संहिता आयोग ने दिनांक 29 जून, 2017 के अनुदेश सं. 437/6/अनु./2016-सीसीएस (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध) के तहत जारी किए गए आंशिक संशोधन के अध्‍यधीन आदर्श आचार संहिता उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू होगी, जिनमें उप निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का पूर्ण या कोई भाग सम्मिलित है। आदर्श आचार संहिता सभी अभ्‍यर्थियों, राजनैतिक दलों और संबंधित राज्‍य सरकारों पर लागू होगी। आदर्श आचार संहिता संबंधित राज्‍यों के बारे में संघ सरकार पर भी लागू होगी।
  15. 48 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/73/2019 दिनांक: 21 जुलाई, 2019 ईटीपीबीएस और सेवा मतदाता; लोक सभा निर्वाचन, 2019 में सफल मतदान वृद्धि हाल ही में संपन्‍न हुए लोक सभा निर्वाचन 2019 के दौरान रिकार्ड की गई अनेक उपलब्धियों में से अपनी तरह की एक अनूठी उपल‍ब्धि विश्‍व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) है। वर्ष 2014 के विगत साधारण निर्वाचन में पंजीकृत सेवा निर्वाचकों की 13,27,627 की संख्‍या की तुलना में एक समर्पित पोर्टल https://www.servicevoter.eci.nic.in सहित ऑनलाइन पंजीकरण के माध्‍यम से सेवा निर्वाचकों के रूप में रिकार्ड अधिकतम संख्‍या में 18,02,646 का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया था जिन्‍हें इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र प्रेषित किए गए थे। पहली बार सेवा मतदाताओं के लिए पूर्ण रूप से समर्पित एक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल का प्रयोग किया गया था ताकि प्रक्रिया समय और संसाधनों की बचत हो और मानव त्रुटियों से बचा जा सके। शस्‍त्र अधिनियम के अधीन केन्‍द्रीय बलों में कार्यरत व्‍यक्तियों और देश से बाहर दूतावासों में तैनात सरकारी पदाधिकारियों को सेवा मतदाता के रूप में वर्गीकृत किया गया है और उनके लिए ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। सेवा निर्वाचकों की कुल संख्‍या में से 10,16,245 रक्षा मंत्रालय से थे; 7,82,595 गृह मंत्रालय (केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल), 3539 विदेश मंत्रालय से और 267 राज्‍य पुलिस से थे। सात चरणों की निर्वाचनावधि में भारत निर्वाचन आयोग के प्रमुख आईटी कार्यक्रम जिसे ईटीपीबीएस के नाम से जाना जाता है, का प्रयोग करते हुए कुल 18,02,646 डाक मत्रपत्रों को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किया गया था। वर्ष 2019 में 10,84,266 ई-डाक मतपत्र प्राप्‍त किए गए जो 60.14 प्रतिशत का टर्नआउट इंगित करते हैं और वर्ष 2014 की तुलना में, जबकि टर्नआउट केवल 4% था, इसमें उल्‍लेखनीय सुधार हुआ है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सेवा मतदाताओं के प्रयोग के लिए ईटीपीबीएस विकसित किया गया है। यह पूर्णत: एक सुरक्षित प्रणाली है जिसमें दो स्‍तरीय सुरक्षा होती है। ओटीपी और पिन के माध्‍यम से मतदान की गोपनीयता रखी जाती है और पोर्टल https://www.etpbs.in में विशिष्‍ट क्‍यू आर कोड के कारण ईटीपीबीएस का डुप्‍लीकेशन संभव नहीं है। इस प्रणाली के माध्‍यम से सेवा मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कहीं से भी इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्राप्‍त डाक मतपत्र के द्वारा अपना मत दे सकते हैं और इस प्रकार से मतदान का अवसर गंवाने की संभावना कम हो गयी है। ऑनलाइन प्रणाली का उद्देश्‍य सेवा कार्मिकों के लिए सेवा मतदाता बनने के लिए सुविधाजनक और प्रयोग करने में आसान ऑनलाइन प्रणाली तैयार करना था। "कोई भी मतदाता न छूटे" के आदर्श वाक्‍य के साथ भारत निर्वाचन आयोग के ईटीपीबीएस ने सभी पात्र सेवा निर्वाचकों को राष्‍ट्र के लिए अपने कर्तव्‍यों का निष्‍पादन करते हुए अपनी संवैधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शक्ति प्रदान की है।
  16. 72 downloads

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./76/2019 दिनांक : 01 अगस्‍त, 2019 विषय: विधान सभा के सदस्‍यों द्वारा आन्‍ध्र प्रदेश और तेलंगाना के विधान परिषदों का उप-निर्वाचन – तत्‍संबंधी। विधान सभा सदस्‍यों द्वारा आन्‍ध्र प्रदेश विधान परिषद में तीन आकस्मिक रिक्तियाँ हैं और तेलंगाना विधान परिषद में एक आकस्मिक रिक्ति है। रिक्तियों के विवरण इस प्रकार हैं: आन्‍ध्र प्रदेश सदस्‍य का नाम रिक्ति का कारण कार्यावधि करनम बलराम कृष्‍णा मूर्थि 06.06.2019 को त्‍यागपत्र 29.03.2023 अल्‍ला कलि कृष्‍णा श्रीनिवास 29.03.2023 कोलगटला वीरभद्र स्‍वामी 29.03.2021 तेलंगाना के यादवा रेड्डी 16.01.2019 को निरर्हित 03.06.2021 2. आयोग ने ऊपर उल्लिखित रिक्तियों को संबंधित विधान सभा के सदस्‍यों द्वारा निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार भरने के लिए आन्‍ध्र प्रदेश विधान परिषद के लिए तीन उप-निर्वाचनों और तेलंगाना विधान परिषद के लिए एक उप-निर्वाचन का आयोजन करने का निर्णय लिया है:- क्रम सं. कार्यक्रम का विषय तारीख एवं दिन अधिसूचना जारी करना 07 अगस्‍त 2019 (बुधवार) नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि 14 अगस्‍त, 2019 (बुधवार) नाम-निर्देशनों की संवीक्षा 16 अगस्‍त, 2019 (शुक्रवार) अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तिथि 19 अगस्‍त, 2019 (सोमवार) मतदान की तिथि 26 अगस्‍त, 2019 (सोमवार) मतगणना का समय पूर्वाह्न 9:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक मतगणना 26 अगस्‍त, 2019 (सोमवार) अपराह्न 5:00 बजे से वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न कर लिया जाएगा । 28 अगस्‍त, 2019 (बुधवार)
  17. 36 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/75/2019 दिनांक: 1 अगस्त, 2019 विषय: राजस्थान और उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के उप निर्वाचन- तत्संबंधी। राज्य सभा में दो आकस्मिक रिक्तियां है जिनका विवरण निम्नलिखित है:- क्र.स. राज्य सदस्य का नाम रिक्ति का कारण कार्यकाल की अवधि 1 राजस्थान मदनलाल सैनी 24.06.2019 को निधन 03.04.2024 तक 2 उत्तर प्रदेश नीरज शेखर 15.07.2019 को त्याग-पत्र 25.11.2020 तक आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार उपर्युक्त राज्यों से राज्य सभा की उक्त रिक्तियों को भरने के लिए उप निर्वाचन कराने का निर्णय लिया है:- क्र.स. कार्यक्रम तारीख एवं दिन 1. अधिसूचनाएं जारी करना 07 अगस्त, 2019 (बुधवार) 2. नाम निर्देशन करने की अंतिम तारीख 14 अगस्त, 2019 (बुधवार) 3. नाम निर्देशनों की संवीक्षा 16 अगस्त, 2019 (शुक्रवार) 4. अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख 19 अगस्त, 2019 (सोमवार) 5. मतदान की तारीख 26 अगस्त, 2019 (सोमवार) 6. मतदान का समय पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक 7. मतगणना की तारीख 26 अगस्त, 2019 (सोमवार) को अपराह्न 5.00 बजे 8. वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन सम्पन्न हो जाएगा 28 अगस्त, 2019 (बुधवार)
  18. 33 downloads

    सं.ईसीआई/प्रे.नो./71/2019 दिनांक : 16 जुलाई, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु के 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन के लिए श्री बी. मुरली कुमार को विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया। भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व आयकर महानिदेशक चेन्‍नई, श्री बी.मुरली कुमार (पूर्व आईआरएस-1983) को 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया है जहां अब 5 अगस्‍त, 2019 को मतदान होने वाले हैं। उल्‍लेखनीय है कि 14 अप्रैल, 2019 को आयोग ने साधारण खंड अधिनियम, 1897 की धारा 21 के साथ पठित संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत भारत के माननीय राष्‍ट्रपति से तमिलनाडु के 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन रद्द करने की सिफारिश की थी। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सुनियोजित तरकीब का पता लगने पर वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन रद्द करने का निर्णय लिया था। श्री बी.मुरली कुमार उस समय चेन्‍नई में आयकर महानिदेशक (अन्‍वेषण) थे, जब उनके नेतृत्‍व में आयकर अधिनियम की धारा 132 के अंतर्गत तलाशी और जब्‍ती कार्रवाईयाँ की गई थीं और आयकर दल ने धन के प्रस्‍तावित विधान सभा खंड, वार्ड और बूथवार वितरण का विवरण देने वाले कम्‍प्‍यूटर प्रिंटआउट के रूप में साक्ष्‍य के साथ 11.48 करोड़ रुपए जब्‍त किए थे, जो वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचकों को बड़े पैमाने पर उत्‍प्रेरित करने के एक साफ-साफ पैटर्न और डिजाइन का संकेत देते थे। निर्वाचनों से संबंधित विभिन्‍न अन्‍य तलाशी कार्रवाईयों में कुल मिलाकर 61.76 करोड़ रुपए जब्‍त किए गए थे। तत्‍कालीन विशेष व्‍यय प्रेक्षक, सुश्री मधु महाजन ने 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन रद्द करने की सिफारिश की थी क्‍योंकि मतदाताओं को प्रलोभन देने के इस संगठित तरीके ने निर्वाचन परिवेश को दूषित कर दिया था और स्थिति स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष निर्वाचनों के लिए अनुकूल नहीं थी।
  19. 46 downloads

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./72/2019 दिनांक: 19 जुलाई, 2019 प्रेस नोट विषय: औरंगाबाद-सह-जालना स्‍थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन। महाराष्ट्र विधान परिषद के आसीन सदस्‍य का कार्यकाल निम्‍नलिखित ब्‍योरों के अनुसार समाप्‍त होने वाला है: क्रम सं. सदस्‍य का नाम स्‍थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्र का नाम सेवानिवृत्ति की तारीख 1. श्री जाम्बद सुभाष माणकचंद औरंगाबाद-सह-जालना स्‍थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्र 29.08.2019 2. अब, आयोग ने निम्‍नलिखित अनुसूची के अनुसार औरंगाबाद-सह-जालना स्‍थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान परिषद के उक्त द्विवार्षिक निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है: क्रम सं. कार्यक्रम तारीखें और दिन 1. अधिसूचना जारी करना 25 जुलाई, 2019 (गुरूवार) 2. नामनिर्देशन की अंतिम तारीख 01 अगस्त, 2019 (गुरूवार) 3. नामनिर्देशनों की संवीक्षा 02 अगस्त, 2019 (शुक्रवार) 4. अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 05 अगस्त, 2019 (सोमवार) 5. मतदान की तारीख 19 अगस्त, 2019 (सोमवार) 6. मतदान का समय पूर्वाह्न 8:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक 7. मत गणना 22 अगस्त, 2019 (गुरूवार) 8. वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन संपन्‍न हो जाएगा 26 अगस्त, 2019 (सोमवार) 3. उक्त स्‍थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान परिषद के निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल एसएलपी (सी) सं. 17123/2015 (भारत निर्वाचन आयोग बनाम देवेश चन्द्र ठाकुर एवं अन्य) में भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अधीन होगा। 4. संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में इस निर्वाचन से संबंधित आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ के अंतर्गत विवरण को देखें।
  20. 48 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/62/2019 दिनांक: 03 जून, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्‍यों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के डीब्रीफिंग सम्‍मेलन का आयोजन; महत्‍वपूर्ण मामलों पर नौ कार्यकारी दलों का गठन भारत निर्वाचन आयोग ने आज नई दिल्‍ली में सभी राज्‍यों/संघ शासित क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक पूर्ण दिवसीय सम्‍मेलन आयोजित किया। हाल ही में सम्‍पन्‍न हुए लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के अनुभवों पर विचार विमर्श करने के लिए अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। सभी मुख्‍य निर्वाचन अधि‍कारियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने बताया कि हाल ही के निर्वाचनों में स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष निर्वाचनों के आयोजन के लिए अधिकारियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। विविध अप्रत्‍याशित परिस्थितियों यथा निज़ामाबाद में अभूतपर्व ईवीएम व्‍यवस्‍था, प्रतिकूल मौसम के बीच ओडीशा चुनौती इत्‍य‍ादि पर बात करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने इस विशाल प्रक्रिया के सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए अधिकारियों की प्रशंसा की। श्री अरोड़ा ने राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों को अब मतदाताओं के हिसाब से इस प्रक्रिया के सरलीकरण पर विशेष रूप से ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए कहा। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में निर्वाचन आयोजित करवाने में प्रत्‍येक राज्‍य की अपनी विशिष्‍ट चुनौतियां होती हैं। उन्‍होंने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से सीईओ और डीईओ कार्यालयों को सुदृढ़ करने के तरीकों का सुझाव देने की सलाह दी ताकि वे निरंतर उभरने वाली अपेक्षाओं को पूरा कर सकें। उन्‍होंने उनसे कार्यान्‍वयन योजना-विशेषकर विभिन्‍न स्‍तरों अर्थात् ईआरओ, आरओ, सीईओ और ईसीआई सचिवालय के स्‍तर पर की जाने वाली कार्रवाईयों पर ध्‍यान केन्द्रित करने को कहा। आयोग ने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और आयोग के अधिकारियों के नौ कार्यकारी समूहों का गठन किया है जो निर्वाचक नामावली मामलों, मतदान केन्‍द्र प्रबंधन, एमसीसी, मतदान प्रक्रिया और सामग्री वस्‍तु सूची, क्षमता संवर्द्धन, आईटी ऐप्‍लीकेशन, व्‍यय प्रबंधन, स्‍वीप और मीडिया सम्‍बन्‍धी विषयों के साथ-साथ निर्वाचकीय सुधारों सहित निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्‍न पक्षों को कवर करते हैं। सभी समूह संबंधित विषयों पर विचार विमर्श करेंगे और अगस्‍त, 2019 तक इस संबंध में व्‍यवहार्य संस्‍तुतियों का सुझाव देंगे। प्रत्‍येक मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी अपने संबंधित राज्‍य के बारे में अनुभवों सम्‍बन्‍धी रिपोर्ट भी प्रस्‍तुत करेंगे। समूह को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयुक्‍त, श्री लवासा ने कहा कि निर्वाचनों के आयोजन के लिए वैसे तो ईसीआई पद्धति को अच्‍छी तरह से प्रलेखित और संहितबद्ध किया गया है, फिर भी मतदाताओं के पंजीकरण को और आसान बनाने और विशेष रूप से उनकी सहभागिता को और सहज बनाने के लिए उनकी आशाओं के अनुरूप तकनीकी को अपनाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए वे करने योग्‍य लघु कालिक, मध्‍यम कालिक और दीर्घ कालिक प्रशासनिक एवं विधिक संस्‍तुतियां प्रस्‍तुत करें। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चन्‍द्रा ने 2019 निर्वाचनों की अनेक नवोन्‍मेषी एवं चुनौतिपूर्ण बातों को उजागर किया। श्री चन्‍द्रा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए मात्र सांकेतिक वृद्धि की नहीं बल्कि गुणात्‍मक अभिवृद्धि की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि तकनीकी में हुई प्रगति का लाभ हमें मतदान में भी उठाना चाहिए ताकि यह केवल एक समावेशी अनुभव न होकर आनन्‍ददायी अनुभव बन सके। आयोग ने साधारण निर्वाचन, 2019 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों, भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों, फील्‍ड निर्वाचन स्‍टाफ को धन्‍यवाद दिया और बधाई दी। यह उल्‍लेख किया गया कि भारत निर्वाचन आयोग आईआईआईडीईएम से कार्यकारी समूहों द्वारा की जाने वाली इस प्रक्रिया के लिए सभी संसाधन उपलब्‍ध करवाएगा।
  21. 19 downloads

    सं.ईसीआई/प्रेस नोट/68/2019 दिनांक: 25 जून, 2019 प्रेस नोट तमिलनाडु से राज्‍य सभा, 2019 के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन – तत्‍संबंधी। तमिलनाडु से निर्वाचित राज्‍य सभा के 06 (छह) सदस्‍यों की पदावधि का निम्‍नलिखित के अनुसार दिनांक 24.07.2019 को अवसान होने वाला है:- क्रम सं. सदस्‍य का नाम सेवानिवृत्‍त‍ि की तारीख 1. टी. राथीनवेल 24.07.2019 2. डॉ. वी. मेत्रेयन 3. के.आर. अर्जुनन 4. डॉ. आर. लक्ष्‍मणन 5. डी. राजा 6. कनीमोझी (दिनांक 23.05.2019 को लोक सभा के लिए निर्वाचित) . आयोग ने निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार तमिलनाडु से राज्‍य सभा के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन आयोजित कराने का निर्णय लिया है:- क्रम सं. कार्यक्रम का विषय दिन एवं दिनांक 1. अधिसूचना जारी करना 01 जुलाई, 2019 (सोमवार) 2. नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख 08 जुलाई, 2019 (सोमवार) 3. नाम-निर्देशनों की संवीक्षा 09 जुलाई, 2019 (मंगलवार) 4. अभ्‍यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख 11 जुलाई, 2019 (गुरुवार) 5. मतदान की तारीख 18 जुलाई, 2019 (गुरुवार) 6. मतदान का समय पूर्वाह्न 9:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक 7. मतों की गणना 18 जुलाई, 2019 (गुरुवार) अपराह्न 5:00 बजे 8; वह तारीख जिसके पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा 22 जुलाई, 2019 (सोमवार) 3. आयोग ने निदेश दिया है कि मतपत्र पर अधिमान(नों) को चिह्न्ति करने के उद्देश्‍य के लिए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उपलब्‍ध कराई गई, पूर्व-नियत विनिर्देश के केवल बैंगनी रंग के एकीकृत स्‍कैच पैन (नों) का उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में, उपर्युक्‍त निर्वाचन में कोई भी दूसरे पैन का उपयोग नहीं किया जाएगा। 4. स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए नियुक्‍त किए गए प्रेक्षकों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के सतर्क अनुवीक्षण के लिए समुचित उपाय किए जाएंगें।
  22. 97 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/67/2019 दिनांक : 21 जून, 2019 प्रेस नोट भारत निर्वाचन आयोग में पांचवें अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग में आज ईसीआई मुख्‍यालय, निर्वाचन सदन, नई दिल्‍ली में योग पर एक सत्र का आयोजन करके पांचवा अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया गया और फिट एवं स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया गया। विश्‍वभर में 21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग ने इस अवसर पर 6 बैचों में योग पर एक घंटे का सत्र आयोजित किया जिसमें वरिष्‍ठ अधिकारियों और स्‍टाफ सहित 400 प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चन्‍द्रा; महानिदेशक, श्री धीरेन्‍द्र ओझा ने आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारियों और स्‍टाफ सहित बहुत उत्‍साह और सकारात्‍मकता के साथ योग सत्र में हिस्‍सा लिया। इन सत्रों को मोरारजी देसाई राष्‍ट्रीय योग संस्‍थान के दक्ष प्रशिक्षकों की निगरानी में संचालित किया गया।
  23. 44 downloads

    सं.ईसीआई/प्रेस नोट/53/2019 दिनांक: 12 मई, 2019 प्रेस नोट 17वीं लोकसभा के निर्वाचनों को निर्वाचन आयोग के निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम के भाग के रूप में विश्‍व के 20 निर्वाचन प्रबंधन निकायों के 65 से अधिक प्रतिनिधियों ने देखा। विश्‍व के 20 निर्वाचन प्रबंधन निकायों, अर्थात्: आस्‍ट्रेलिया, बंग्‍लादेश, भूटान, बो‍सनिया एवं हरजेगोवीना, फिज़ी, जार्जिया, केन्‍या, कोरिया गणराज्‍य, किर्गिस्‍तान, मलेशिया, मेक्सिको, म्‍यंमार, रोमानिया, रूस, श्रीलंका, सूरीनाम, संयुक्‍त अरब अमीरात, उज़बेकिस्‍तान और जिम्‍बाब्‍वे और अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचकीय सहयोग संस्‍थान (आइडिया) के प्रमुख और प्रतिनिधि 17वीं लोक सभा के चल रहे साधारण निर्वाचनों को देखने के लिए नई दिल्‍ली पहुंच चुके हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 65 से अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। प्रतिभागियों को सम्‍बोधित करते हुए, मुख्‍य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने लोकतंत्र की घोषणा करने से एक दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग की स्‍थापना करने में भारतीय संविधान के निर्माताओं की दूरदर्शिता एवं दृष्टिकोण की सराहना की। भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 को उद्धृत करते हुए, श्री अरोड़ा ने दोहराया कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और मजबूत निर्वाचन सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। उन्‍होंने आगे कहा कि भारत निर्वाचन आयोग किसी भी तरह की संशयवादिता और आलोचना से कभी भी विचलित नहीं हुआ है और सदैव की भांति यह हमारे दूरदर्शी पूर्वजों द्वारा भारत के संविधान में प्रतिष्‍ठापित सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री अरोड़ा ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि ‘’आयोग का उद्देश्‍य और इच्‍छा यह है कि अतीत के अनुभवों से सदैव कुछ न कुछ सीखा जाता रहे जिससे भविष्‍य में आवश्‍यक सुधारात्‍मक कदम उठाए जा सकें।‘’ निर्वाचन कवरेज के दौरान हाल ही के चरणों में सामने आई बातों का उल्‍लेख करते हुए, श्री अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़, नैतिक, समावेशी, सुगम और सहभागी बनाने के लिए और प्रयास किए जाएंगे। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने घोषणा की कि राज्‍यों की उत्‍तम पद्धतियों, दस्‍तावेज संबंधी मुद्दों और सामने आई चुनौतियों, इन निर्वाचनों से मिली सीख के माध्‍यम से प्रक्रियात्‍मक उपायों में और सुधार लाने की प‍द्धतियों का अध्‍ययन करने के लिए तथा महत्‍वपूर्ण कमियों की पहचान करने के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। श्री अरोड़ा ने हाल ही में की गई सूचना प्रौद्योगिकी पहल का भी, विशेषकर, भारत निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप्लिकेशन की प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला जिसके द्वारा नागरिकों को आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघनों की घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षमता व सुगमता प्रदान की गई है और इसने संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र में निर्वाचनों के सुचारू संचालन में सामने आई विभिन्‍न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की संपूर्ण टीम की भूमिका को स्‍वीकार करते हुए, श्री अरोड़ा ने दलीय भावना के प्रदर्शन स्‍वरूप भारत निर्वाचन आयोग मुख्‍यालय के विभिन्‍न प्रभागों के टीम प्रमुखों का प्रतिनिधियों से परिचय कराया। निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अशोक लवासा ने कहा कि भारत ने वर्ष 1950 से बहुत लम्‍बी यात्रा तय की है, जब पूरे विश्‍व को भारत के स्‍वतंत्र होने के पश्‍चात इसके द्वारा लोकतंत्र को संभालने पर संशय था। ‘’यह भारतीय संविधान के निर्माताओं के प्रति श्रद्धांजलि है कि उन्‍होंने पहले दिन से ही मत देने का सार्वभौमिक अधिकार प्रदान किया था।‘’ ‘’हम इस तथ्‍य से संतुष्‍ट है कि वर्ष 1952 के प्रथम निर्वाचन से जब मात्र 17 करोड़ निर्वाचक थे जो दो लाख मतदान केंद्रों में फैले हुए थे, अब भारतीय निर्वाचनों में इनकी सहभागिता बढ़कर 91 करोड़ से अधिक हो चुकी है जिनके लिए भारत निर्वाचन आयोग मशीनरी ने दस लाख से अधिक मतदान केंद्रों की स्‍थापना की है।‘’ श्री लवासा ने उल्‍लेख किया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तकनीक के अपनाने और इसके अनुकूल अपने आप को ढालने से इतने बड़े पैमाने पर निर्वाचन प्रक्रिया की व्‍यवस्‍था करने में सहायता मिली है जिससे यह विश्‍व के सबसे बड़े प्रबंधन कार्यों में से एक बनी है। श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आगुन्‍तक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को सम्‍बोधित करते हुए देश के 543 संसदीय निर्वाचन-क्षेत्रों पर 17वीं लोक सभा के निर्वाचनों और इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम राज्‍यों की राज्‍य विधान सभाओं के स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से साधारण निर्वाचनों के संचालन की व्‍यापक तैयारियों पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने यह भी इंगित किया कि ‘’निर्वाचनों में धनबल का दुरूपयोग संपूर्ण विश्‍व के स्‍थापित और उभरते हुए, दोनों प्रकार के लोकतंत्रों के लिए सबसे बड़ी चुनौ‍ती है।‘’ तदनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन व्‍यय अनुवीक्षण तंत्र के प्रभावी क्रियान्‍वयन की व्‍यापक व्‍यवस्‍था की है। उन्‍होंने प्रतिनिधियों को सूचित किया कि इस विशाल निर्वाचन प्रक्रिया पर सतर्क निगाह रखने के लिए सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों एवं साथ ही माइक्रो प्रेक्षकों की तैनाती निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता एवं शुद्धता सुनिश्चित करती है। निर्वाचन आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका और दायित्‍वों, और विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचनों के आयोजन और संचालन में आने वाली विभिन्‍न चुनौतियों से अवगत कराने के लिए व्‍यापक प्रस्‍तुतिकरण दिया। राजनीतिक दलों के रजिस्‍ट्रीकरण, भारत निर्वाचन आयोग के उन्‍नत प्रशिक्षण और अनुसंधान विंग-भारत अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम), निर्वाचक नामावलियां तैयार करने और सूचना प्रौद्योगिकी पहल, इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वीवीपीएटी, मीडिया को ब्रीफिंग करने और सोशल मीडिया से वार्तालाप, निर्वाचन विधियों और सबद्ध मामलों के संबंध में प्रस्‍तुतियां दी गई। इस अवसर पर आयोग द्वारा भारत निर्वाचन आयोग की तिमाही पत्रिका ‘’महत्‍वपूर्ण है मत मेरा’’ के द्वितीय अंक का विमोचन किया गया। इस पत्रिका में चल रहे निर्वाचनों के लिए विभिन्‍न राज्‍यों में की जा रही तैयारी संबंधी पहल की झलक प्रस्‍तुत की गई है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा द्वारा इस पत्रिका के प्रथम अंक को 25 जनवरी, 2019 को राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस पर भारत के माननीय राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को भेंट किया गया था। प्रतिनिधियों का स्‍वागत करते हुए, श्री उमेश सिन्‍हा, वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि ये भ्रमण निर्वाचन प्रबंधन निकायों के बीच अनुभवों को साझा करने और उत्‍तम पद्धतियों के आदान-प्रदान के लिए अच्‍छे अवसर उपलब्‍ध कराते हैं। उन्‍होंने निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और आयोग द्वारा मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिए इसके अग्रगामी कार्यक्रम स्‍वीप के अंतर्गत की गई पहल का विवरण भी प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व के सभी निर्वाचन प्रबंधन निकायों के लिए यह आवश्‍यक है कि नई-नई चुनौतियों का सामना करने के लिए वे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखें। भारत में निर्वाचनों का संचालन करना एक अति व्‍यापक और जटिलताओं से भरा चुनौतीपूर्ण कार्य है। 11 मई, 2019 को छठे चरण के निर्वाचनों की पूर्व संध्‍या पर प्रतिनिधियों ने स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और उत्‍साहपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए मतदान की तैयारियों संबंधी कार्यों, मतदान दलों की रवानगी और की गई व्‍यापक संभार व्‍यवस्‍थाओं की झलक पाने के लिए दक्षिण दिल्‍ली, पूर्वी दिल्‍ली, चांदनी चौक, पश्चिमी दिल्‍ली और गुडगांव (गुरूग्राम) संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया। उन्‍होंने जिला स्‍तर की निर्वाचन मशीनरी से वार्तालाप किया जिनके प्रमुख जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी थे। इसके पश्‍चात, प्रतिनिधियों ने आईआईआईडीईएम, द्वारका में स्थित भारत निर्वाचन आयोग के नए प्रशिक्षित और अनुसंधान कैम्‍पस का भ्रमण किया जिसमें लगभग 900 कार्मिकों को एक साथ प्रशिक्षित करने की क्षमता हैं। इस अत्‍याधुनिक कैम्‍पस में भारत निर्वाचन आयोग के कई अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि भारत में निर्वाचन संबंधी आयोजनों के संपूर्ण परिदृश्‍य से अवगत होने के लिए अत्‍यंत उत्‍सुक थे। 12 मई, 2019 को उन्‍होंने द्वारका के विभिन्‍न मतदान केंद्रों में सुबह सवेरे छद्म मतदान के संचालन को देखा। उन्‍होंने मतदान अधिकारियों से बातचीत की और मतदान की उन पद्धतियों और प्रक्रियाओं को समझा जो हमारे निर्वाचनों को इतना विश्‍वसनीय और पारदर्शी बनाती हैं। प्रतिनिधियों ने चल रहे मतदान और मतदान केंद्रों के आसपास उत्‍सवमय माहौल देखने के लिए उत्‍तर-पश्चिम दिल्‍ली, पूर्वी दिल्‍ली, चांदनी चौक, दक्षिण दिल्‍ली और गुड़गांव के भिन्‍न-भिन्‍न मतदान केंद्रों का पूरे दिन दौरा किया। उन्‍होंने कुछ मतदान केंद्रों का, जिनकी पूरी व्‍यवस्‍था महिला मतदान स्‍टाफ द्वारा की जा रही थी और साथ ही कुछ मॉडल मतदान केंद्रों का भी दौरा किया जो मतदाताओं के लिए उत्‍तम सुविधाओं से सुसज्जित थे। प्रतिनिधियों ने निर्वाचनों का राज्‍य स्‍तरीय परिप्रेक्ष्‍य जानने के लिए दिल्‍ली के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी से भी वार्ता की। उन्‍होंने दिल्‍ली के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में स्थित निर्वाचन संग्राहलय का भी भ्रमण किया। मतदान की समाप्ति और मशीनों को सील करने का प्रोटोकॉल एक अन्‍य पहलू है जिसे दिन में प्रतिनिधियों को दिखाया जाएगा। प्रतिनिधियों में विदेश मंत्रालय की प्रायोजकता के अंतर्गत, आईआईआईडीएम द्वारा संचालित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के भाग के रूप में भारत के भ्रमण पर आए म्‍यंमार निर्वाचन आयोग के 6 सदस्‍यों और 9 वरिष्‍ठ निर्वाचन अधिकारियों का दल भी शामिल था।
  24. 60 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/56/2019 दिनांक : 21 मई, 2019 प्रेस नोट विषय : मतयुक्‍त ईवीएम स्‍ट्रांग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं। स्‍ट्रांग में रखी मतयुक्‍त ईवीएमों को ईवीएमों की कथित आवाजाही के दौरान बदलने की कतिपय शिकायतें मीडिया में प्रसारित की जा रही हैं। भारत निर्वाचन आयोग दृढ़तापूर्वक और संपूर्ण विश्‍वास के साथ यह स्‍पष्‍ट करता है कि इस प्रकार की सभी रिपोर्ट और आरोप बिल्‍कुल झूठे और मिथ्‍या हैं। मीडिया में वॉयरल किए जा रहे दृश्‍यों का मतदान के दौरान प्रयुक्‍त की गई ईवीएमों से कोई संबंध नहीं है। मतदान की समाप्ति के पश्‍चात, मतयुक्‍त सभी ईवीएमों और वीवीपैटों को संपूर्ण सुरक्षा में निर्दिष्‍ट स्‍ट्रांगरूमों में लाया जाता है, जिन्‍हें अभ्‍यर्थियों की उपस्थिति और निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों की उपस्थिति में दो ताले लगाकर सील किया जाता है। इन्‍हें भण्‍डारित करने और स्‍ट्रांग रूम को सील करने की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है। मतगणना पूरी होने तक इनकी सीसीटीवी से लगातार कवरेज की जाती है। चौबीसों घंटे प्रत्‍येक स्‍टांग रूम की रखवाली केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्‍त, स्‍ट्रांग रूम पर हर समय चौबीसों घंटे अभ्‍यर्थी अथवा उनके द्वारा नामोद्दिष्‍ट अभिकर्ता उपस्थित रहते हैं। मतगणना के दिन, स्‍ट्रांग रूम अभ्‍यर्थियो/एजेंटों और प्रेक्षकों की उपस्थिति में वीडियो बनाते हुए खोले जाते हैं। ईवीएमों की गणना प्रारंभ करने से पहले मतगणना एजेंटों को ईवीएमों का एड्रेस टैग, सील और क्रम संख्‍या दिखाई जाती है जिससे कि वे वास्‍तविक मतदानों में प्रयुक्‍त मशीनों की वास्‍तविकता और प्रामाणिकता से संतुष्‍ट हो सकें। राजनीतिक दलों को कई अवसरों पर उपबंधों और नयाचारों के बारे में बताया जा चुका है जिसमें निर्वाचनों की घोषणा होने से आयोग की उनके साथ की गई 93 बैठकों में से कई बैठकों में बताया गया था। सभी मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को पुन: सलाह दी जाती है कि वे मतगणना की व्‍यापक व्‍यवस्‍थाओं के बारे में अभ्‍यर्थियों को संक्षिप्‍त विवरण दें। यह प्रशंसनीय है कि विस्‍तृत प्रशासनिक नयाचार, सुरक्षा फ्रेमवर्क और आयोग द्वारा अधिदेशित प्रक्रियात्‍मक दिशा-निदेश केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल और अभ्‍यर्थियों की चौबीसों घंटे निगरानी में निर्दिष्‍ट स्‍ट्रांगरूम में भण्‍डारित मतयुक्‍त ईवीएमों और वीवीपैट में किसी भी हेर-फेर करने अथवा उन्‍हें बदलने की संभावना को पूरी तरह से खत्‍म कर देते हैं और समाप्‍त कर देते है। मीडिया में दिखाई जा रही आक्षेपित क्लिप्‍स का संबंध केवल रिजर्व अप्रयुक्‍त ईवीएमों के भण्‍डारण अथवा परिवहन से है। फिर भी, रिजर्व ईवइएमों की हैन्‍डलिंग में पाई गई किसी भी चूक की पूर्ण रूप में जांच की जाती है और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाती है। मतगणना समाप्‍त होने तक ईवीएम हैंडलिंग से संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए निर्वाचन सदन में एक ईवीएम कंट्रोल रूम नं. 011-23052123 भी कार्य करेगा। यह कंट्रोल रूम 22 मई, 2019 को प्रात: 11.00 बजे से कार्य करना शुरू कर देगा।
  25. 35 downloads

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/51/2019 दिनांक: 20 अप्रैल, 2019 प्रेस नोट विषय: पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभा में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन हेतु अनुसूची-तत्‍संबंधी। पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभा में 29-इस्‍लामपुर, 68-कंडी, 74-नावादा, 43-हबीबपुर (अ.ज.जा.) और 105-भाटपाड़ा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों से पांच स्‍पष्‍ट रिक्तियां है, जिन्‍हें भरा जाना अपेक्षित है। त्‍योहारों, निर्वाचक नामावलियों, आदि जैसे विभिन्‍न कारकों को ध्‍यान में रखते हुए, आयोग ने इन रिक्तियों को निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है:- क्रम सं. मतदान कार्यक्रम अनुसूची राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख 22.04.2019 (सोमवार) नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख 29.04.2019 (सोमवार) नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख 30.04.2019 (मंगलवार) अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 02.05.2019 (गुरूवार) मतदान की तारीख 19.05.2019 (रविवार) मतगणना की तारीख 23.05.2019 (गुरूवार) वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न करवा लिया जाएगा । 27.05.2019 (बुधवार) निर्वाचक नामावली अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2019 के संदर्भ में उक्‍त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचक नामावलियां अंतिम रूप से प्रकाशित कर दी गई हैं। इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपीएटी आयोग ने सभी मतदान केन्‍द्रों में उप-निर्वाचनों में ईवीएम और वीवीपीएटी का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम और वीवीपीएटी पर्याप्‍त संख्‍या में उपलब्‍ध कराई गई हैं और यह सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास किए गए हैं कि इन मशीनों से मतदान निर्विघ्‍न रूप से संचालित किए जाएं। मतदाताओं की पहचान विगत प्रथा के अनुरूप, आयोग ने निर्णय लिया है कि उपर्युक्‍त उप-निर्वाचनों में मतदान के समय मतदाता की पहचान करना अनिवार्य होगा। मतदाता फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्‍य दस्‍तावेज होगा। आयोग द्वारा लोकसभा और राज्‍य विधान सभा, 2019 के साधारण निर्वाचन के संबंध में जारी किए गए आदेश उक्‍त उप-निर्वाचन में मतदान के समय मतदाताओं की पहचान के लिए लागू होंगे। आदर्श आचार संहिता सभी राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों में दिनांक 10 मार्च, 2019 को लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता पहले से ही लागू हो चुकी है। आदर्श आचार संहिता सभी अभ्‍यर्थियों, राजनैतिक दलों और संबंधित राज्‍य सरकारों पर लागू होगी। आदर्श आचार संहिता संबंधित राज्‍यों के जिले के संबंध में संघ सरकार पर भी लागू होगी।

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

मतदाता हेल्पलाइन ऍप

हमारा मोबाइल ऐप ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ प्‍ले स्‍टोर एवं ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ ऐप आपको निर्वाचक नामावली में अपना नाम खोजने, ऑनलाइन प्ररूप भरने, निर्वाचनों के बारे में जानने, और सबसे महत्‍वपूर्ण शिकायत दर्ज करने की आसान सुविधा उपलब्‍ध कराता है। आपकी भारत निर्वाचन आयोग के बारे में हरेक बात तक पहुंच होगी। आप नवीनतम  प्रेस विज्ञप्ति, वर्तमान समाचार, आयोजनों,  गैलरी तथा और भी बहुत कुछ देख सकते हैं। 
आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

×
×
  • Create New...