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    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड.I दिनांकः 26 फरवरी, 2021 सेवा में, असम, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विषयः लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना-80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों, शारीरिक रूप से निःशक्त निर्वाचकों को डाक मतपत्र जारी करना-तत्संबंधी। महोदय, मुझे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 के खंड (ग) के अंतर्गत जारी आयोग की अधिसूचना सं. 52/2021/एसडीआर/खंड.I, दिनांक 26 फरवरी, 2021 की एक प्रति इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए तथा उसकी एक प्रति आयोग को भी इसके सूचनार्थ और रिकॉर्ड हेतु अग्रेषित की जाए। आपको स्मरण होगा कि इस संबंध में दिशा-निर्देश आयोग के दिनांक 02-02-2021 के पत्र के तहत पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
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    सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-।/. दिनांक: 03 अक्तूबर, 2020 सेवा में सभी राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी विषय: वरिष्‍ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक) एवं दिव्यांग (पी.डब्‍ल्‍यूडी.) निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा-तत्‍संबंधी। संदर्भ: भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 17/09/2020 का पत्र सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-।/278 महोदय/महोदया, दिनांक 29 सितंबर, 2020 से 01 अक्‍टूबर, 2020 तक निर्वाचन संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बिहार का दौरा करने के दौरान, उपर्युक्‍त विषय पर सिविल सोसाइटियों और मीडिया से फीडबैक मिलने के उपरांत आयोग ने निम्नानुसार अनुदेशों को जारी करने का निदेश दिया है: (1.) मतदान केंद्र क्षेत्र में आरओ द्वारा यथा उपलब्‍ध कराए गए बीएलओ, संबंधित निर्वाचकों के घरों का दौरा करेंगे और संबंधित निर्वाचकों को प्रपत्र-12-घ देंगे। यदि कोई निर्वाचक उपलब्ध नहीं है, तो वह अपना संपर्क विवरण साझा करेगा और अधिसूचना के पांच दिनों के अंदर उसे लेने के लिए दोबारा जाएगा। (2.) निर्वाचक प्रपत्र 12-घ के साथ संलग्‍न पावती में डाक मतपत्र का विकल्‍प देगा या नहीं देगा। (3.) यदि निर्वाचक डाक मतपत्र का विकल्‍प देता है, तो बीएलओ अधिसूचना के पांच दिनों के अंदर पूर्णत: भरे हुए प्रपत्र 12-घ को निर्वाचक के घर से प्राप्‍त करेगा और उसे तत्काल आरओ के पास जमा करेगा। (4.) बीएलओ प्रपत्र 12-घ के साथ संलग्‍न सभी पावती प्रपत्रों को आरओ के पास जमा कराएगा। (5.) आरओ के संपूर्ण पर्यवेक्षण में सेक्‍टर अधिकारी इसकी देखरेख करेंगे। (6.) भारत निर्वाचन आयोग के दिनांक 17.09.2020 के दिशा-निर्देश सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-।/278, में यथा-विहित आरओ मतदान दल (दलों) तैनात करेंगे, जो पूर्व नियत तिथि के अनुसार डाक मतपत्र वितरित एवं संग्रहित करेंगे तथा तत्पश्चात इन्हें आरओ के पास जमा कराएंगे। 2. तदनुसार, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, बिहार ने पत्र सं. बी1-3-82/2020-3780 दिनांक 02 अक्‍टूबर, 2020 के तहत वरिष्‍ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक) एवं दिव्यांगजन (पीडब्‍ल्‍यूडी) की श्रेणियों में निर्वाचकों, जो बिहार में डाक मतपत्र के लिए विकल्‍प का चयन कर सकते हैं, से बूथ स्‍तरीय अधिकारियों द्वारा, प्रपत्र 12-घ के वितरण तथा संग्रहण हेतु अनुदेश जारी किए हैं। संदर्भ हेतु एक प्रति इसके साथ संलग्‍न है। 3. आयोग ने निदेश दिया है कि अब से सभी निर्वाचनों/उप-निर्वाचनों, जिसमें आयोग द्वारा दिनांक 29/09/2020 को पूर्व में घोषित उप-निर्वाचन भी शामिल हैं, में पूरे भारत में निर्वाचकों के घर तक डाक मतपत्र के विकल्‍प से संबंधित सभी गतिविधियों की सुविधा पहुंचाने के लिए इन अनुदेशों का पालन किया जाएगा। तदनुसार, आपसे अनुरोध है कि अनुपालन हेतु सभी आवश्‍यक उपाय करें।
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    सं. 52/2020/एसडीआर/खंड । दिनांक: 28 सितम्बर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, नागालैंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मणिपुर, और तेलंगाना विषय: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (ग) के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना–80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों, शारीरिक रूप से नि:शक्त निर्वाचकों और कोविड-19 के कारण संगरोध में रह रहे निर्वाचकों को डाक मतपत्र जारी करना। महोदय, मुझे उपर्युक्त विषय पर निर्वाचन आयोग के दिनांक 17 सितंबर, 2020 के समसंख्यक पत्र के क्रम में यह कहने का निदेश हुआ है कि इसके साथ संलग्न दिशा-निर्देशों के पैरा 2.3 के अंतर्गत, यह उल्लिखित है कि "कोविड-19" संदिग्ध या प्रभावित व्यक्ति की श्रेणी के तहत अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र की सुविधा का लाभ उठाने के लिए, इस संबंध में राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा यथाअधिसूचित, सक्षम स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा जारी संबंधित संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को संबोधित एक प्रमाण पत्र, फॉर्म 12 घ के साथ प्रस्तुत करना होगा। 2. तदनुसार, कोविड-19 संदिग्ध/प्रभावित व्यक्ति के लिए सक्षम स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र का एक प्रोफार्मा तैयार किया गया है और यह इसके साथ संलग्न है। इसे तत्काल सभी संबंधित निर्वाचन अधिकारियों को परिचालित किया जाए। 3. डाक मतपत्र की सुविधा प्राप्त करने के इच्छुक कोविड-19 की संदिग्ध/प्रभावित श्रेणी में आने वाले कोई भी अनुपस्थित मतदाता प्ररूप 12घ में आवेदन करेगा और सक्षम स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा विधिवत रूप से इस संलग्न प्रोफार्मा में जारी किए गए प्रमाण पत्र के साथ इसे जमा करवाएगा। 4. चूंकि डाक मतपत्र की सुविधा के लिए आवेदन, संबंधित निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के बाद 5 दिनों के भीतर आरओ को मिल जाना चाहिए, अत: सक्षम स्वास्थ्य प्राधिकारी को राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा तत्काल अधिसूचित किया जाएगा। 5. आयोग के उपर्युक्त अनुदेश, उनके अनुपालन हेतु सभी संबंधितों के ध्यान में लाए जाएंगें।
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    सं. 4/3/2020/एसडीआर/380 दिनांकः 01.07.2020 सेवा में, श्री सीताराम येचुरी, महासचिव, सीपीआई (एम) महोदय, कृपया उपर्युक्त विषय पर अपने दिनांक 29 जून, 2020 के पत्र का संदर्भ लें, जो मीडिया में व्यापक रूप से उपलब्ध होने के बाद ही आयोग में प्राप्त हुआ था । उक्त पत्र में दिए गए प्रकथन के प्रत्युत्तर में आपका ध्यान निम्नलिखित की ओर आकर्षित किया जाता हैः 1. आयोग ने मतदाताओं की विनिर्दिष्ट श्रेणी को डाक मत-पत्र की सुविधा देने के लिए अनुच्छेद 324 का प्रयोग नहीं किया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (ग) के तहत निर्धारित सांविधिक ढांचे में निम्नलिखित प्रावधान हैं:- “मतदान करवाए जाने वाले किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन में उन नियमों में यथाविनिर्दिष्ट ऐसी अर्हताओं की पूर्ति के अध्यधीन अपना वोट डाक मतपत्र द्वारा देने और अन्य किसी रीति से नहीं देने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सरकार से परामर्श करके अधिसूचित व्यक्तियों की श्रेणी वाले व्यक्ति।“ तद्नुसार, आयोग ने तीन श्रेणियों (क) 80 वर्ष तथा इससे अधिक आयु के व्यक्तियों (ख) दिव्यांग निर्वाचकों; तथा (ग) आवश्यक सेवाओं में नियुक्त निर्वाचकों, को डाक मतपत्र सुविधाएं देने की अनुशंसा की, जिसे दिनांक 22.10.2019 को सरकार द्वारा निर्वाचन का संचालन नियम, 1961 के तहत अधिसूचित किया गया था। आयोग ने सावधानी बरतते हुए वर्ष 2019 के अपने साधारण निर्वाचन में झारखंड के सात निर्वाचन क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांग निर्वाचकों को डाक मतपत्र सुविधा मुहैया कराई। इस नये मैकेनिज्म का ब्यौरा मुख्य चुनाव अधिकारी तथा संबंधित जिला चुनाव अधिकारी द्वारा संबंधित सभी राजनैतिक दलों तथा संबंधित अभ्यर्थियों के साथ विधिवत रूप से साझा किया गया था। 680 वरिष्ठ नागरिकों तथा 1338 दिव्यांग निर्वाचकों द्वारा इस सुविधा का उपयोग किया गया। इसके बाद, फरवरी, 2020 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में दिल्ली विधान सभा निर्वाचन में इस सुविधा का सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में विस्तार किया गया था। 2257 वरिष्ठ नागरिकों, 429 दिव्यांग निर्वाचकों, तथा आवश्यक सेवा के 19 निर्वाचकों को यह सुविधा मुहैया कराई गई। आयोग को राजनैतिक दलों सहित किसी भी स्टेकहोल्डर से इस संबंध में कोई सरोकार प्राप्त नहीं हुआ। 2. कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर दिनांक 24 मार्च, 2020 (मध्यरात्रि) से समय-समय पर शहरों में लॉकडाउन संबंधी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कोविड-19 दिशानिर्देश के तहत, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति विभिन्न दिशानिर्देश जारी करती रही है जिसमें, अन्य बातों के साथ निम्नलिखित शामिल थाः- (क) 65 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किया जाना, (ख) सभी कोविड-19 पाजिटिव/संदेहात्मक व्यक्तियों को गृह/संस्थागत क्वारंटाइन रखा जाना। आयोग ने इन असाधारण स्थितियों पर विचार किया तथा इन अभिज्ञेय श्रेणियों के लिए डाक मतपत्र सुविधाओं का विस्तार करने की सिफारिश करने का फैसला किया ताकि वे भीड़-भाड़ से दूर रहें और अपने मतदान के अधिकार से वंचित भी न रहें। 3. कोविड-19 के उपायों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने पहले ही प्रत्येक मतदान केन्द्र (पीएस) पर निर्वाचकों की संख्या 1000 तक सीमित करने और उसी स्थान/आसपास के क्षेत्र में सहायक मतदान केंद्र बनाने का निर्देश दिया है ताकि स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित सामाजिक दूरी संबंधी मानदंडों को मतदान के समय सुचारू रूप से लागू किया जा सके। आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इन सभी उपायों के संबंध में सभी मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के साथ परामर्श करने का निर्देश भी दिया। इस संबंध में बिहार के मुख्य निर्वाचक अधिकारी द्वारा यथा प्रेषित दिनांक 26.06.2020 को आयोजित बैठक के कार्यवृत्त की एक प्रति आपके संदर्भ के लिए इसके साथ संलग्न है। राजनैतिक दलों के साथ इस तरह के परामर्श करना निर्वाचन प्रक्रिया के अभिन्न अंग होते हैं। 4. निर्वाचक तथा राजनैतिक दल/संस्थाएँ हमारी निर्वाचन प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर है। इस प्रक्रिया की शुचिता से समझौता किए बिना उनकी समावेशिता सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रयास किए जाते हैं। वरिष्ठ नागरिक तथा दिव्यांग श्रेणियों से संबंधित निर्वाचकों को डाक मतपत्र की सुविधा देने संबंधी उपाय ने जमीन पर पहले ही संतोषजनक रूप से कार्य किया है। इस सुविधा को और ज्यादा मजबूत बनाने और प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए किसी भी प्रकार के सुझाव का हमेशा स्वागत है। 5. आयोग निर्वाचकों के हित में मौजूदा संवैधानिक ढांचे को सतत रूप से लागू करता रहा है जिससे उनकी अधिकतम भागीदारी प्राप्त होती है, विशेष रूप से वर्तमान के चुनौतीपूर्ण समय में। आयोग, आने वाले चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों हेतु किसी भी सुझाव का स्वागत करेगा। आयोग, विगत की भांति हमेशा राजनैतिक दलों के इनपुट को महत्व देता है।
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    सं. 52/2020/एसडीआर/खंड । दिनांक: 17 सितंबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 1. बिहार 2. असम 3. छत्तीसगढ़ 4. गुजरात 5. हरियाणा 6. झारखंड 7. कर्नाटक 8. केरल 9. मध्य प्रदेश 10. नागालैंड 11. तमिलनाडु 12. उत्तर प्रदेश 13. पश्चिम बंगाल 14. ओडिशा 15. मणिपुर, और 16. तेलंगाना विषय: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (सी) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – 80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों, शारीरिक रूप से नि:शक्त निर्वाचकों और कोविड-19 के कारण संगरोध में रह रहे निर्वाचकों को डाक मतपत्र जारी करना। महोदय, मुझे उद्धृत विषय पर आयोग की दिनांक 17 सितंबर, 2020 की दो अधिसूचनाएं सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-। इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी प्रतियां आयोग को भी अग्रेषित की जाएं। वरिष्ठ नागरिक (एवीएससी), पीडब्ल्यूडी (एवीपीडी) और कोविड-19 (एडीसीओ) की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है। कृपया पावती दें। आपका (एन.टी. भूटिया) सचिव Secretary
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    ईसीआई/प्रे नो/118/2019 दिनांकः 19 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक (ई2ई) की पूरी प्रक्रिया को दिव्यांगजनों के लिए अधिकाधिक मैत्रीपूर्ण बनाने की आवश्यकता है : मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया भारत निर्वाचन आयोग ने आज सुगम निर्वाचनों पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। आयोग द्वारा दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्वाचनों को मैत्रीपूर्ण बनाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों और प्रक्रिया को अधिकाधिक समावेशी और अभिगम्य बनाने के लिए अभी भी अपेक्षित कदमों पर विचार-विमर्श करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि “हालांकि दिव्यांगता ऐसी समस्या है जिस पर लोगों और परिवार द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है, तथापि सुगम्यता ऐसी समस्या है जिसके लिए अधिकाधिक संस्थागत उपायों की जरूरत होती है। श्री अरोड़ा ने कहा कि, “यह हमारा उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर हम जागरूकता और कार्यकलापों का इष्टतम स्तर प्राप्त करें। बूथ लेवल अधिकारियों से लेकर आयोग तक, प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर काम करना चाहिए। जनवरी, 2018 में, “सुगम्य निर्वाचनों” को साधारण निर्वाचन, 2019 के लिए मार्गदर्शक थीम के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया था।“ यह आवश्यक है कि हम प्रयासों और कार्यकलापों को इस तरीके से बढ़ाएं कि सुगम्यता के मुद्दे पूरी तरह से खत्म हो जाएं तथा हमारे निर्वाचन सही अर्थों में समावेशी हो जाएं।“ उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 90% से अधिक दिव्यांगजनों ने हाल ही में झारखंड में संपन्न हुए मतदान में अपना मत दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, “निर्वाचन प्रक्रिया की पूरी श्रृंखला ई2ई, अर्थात नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक, को दिव्यांगजनों के लिए मैत्रीपूर्ण और सुगम्य होने की आवश्यकता है तथा इन मुद्दों के समाधान के लिए बीएलओ से लेकर आयोग मुख्यालय तक की पूरी प्रणाली को काम करने की आवश्यकता है।“ आयोग की प्रतिबद्धता को पुष्ट करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और डीईओ द्वारा किए गए प्रयासों की वजह से आयोग ने लंबा सफर तय किया है तथापि अभी और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, “हमें देश-दुनिया से सीखने की जरूरत है, हमें पता करना चाहिए कि आगे क्या है, और ऐसे ठोस कदमों को पहचानना चाहिए जो हमें आवश्यक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाए।“ एक त्रिआयामी कार्यनीति पर सुझाव देते हुए श्री लवासा जी ने कहा कि डाटा की बेंचमार्किंग करने, सुगम्यता इंडेक्स के पैमानों के समक्ष इसका निर्धारण करने, आयोग और सीईओ की वेबसाइट को विहित दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाने और निरंतर मूल्यांकन से हमें भावी क्षमता को पहचानने में मदद मिलेगी। निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने सिविल सोसाइटी संगठनों और निर्वाचन अधिकारियों द्वारा फील्ड में किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की। श्री चंद्रा ने दिव्यांगजनों के निर्वाचन अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि, “दिव्यांग मतदाताओं को लोकतंत्र का अभिन्न अंग बनाने के लिए, हमें सभी सिविल सोसाइटी संगठनों और संबंधित एनजीओ के सहयोग की जरूरत है। इस अवसर पर बोलते हुए, महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने गंभीर अंतरालों पर ध्यान देने के लिए वांछित ढांचागत बदलावों की आवश्यकता पर बल दिया और ज़मीनी स्तर पर निर्वाचन मशीनरी, सिविल सोसाइटी संगठनों और अन्य स्टेकहोल्डरों के प्रयासों को सराहा। श्री सिन्हा ने हाल ही में हुए झारखंड निर्वाचनों में अस्सी साल से नवासी साल के वृद्धों और दिव्यांगजनों के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई, घर से डाक मतपत्र के विकल्प की अतिरिक्त सुविधा पर प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त श्री चंद्र भूषण कुमार ने देश भर में स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिशों के महत्व को दोहराया, क्योंकि ये भावी निर्वाचनों को और अधिक समावेशी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने उन संगठनों को धन्यवाद दिया जिन्होंने आज की कार्यशाला में भाग लिया, खासतौर पर आयोग की सुगम्यता परामर्शदाता स्मिता सदासिवन को, जिन्होंने विचार-विमर्श को इतना उपयोगी बनाया। दिव्यांग मतदाताओं का संपूर्ण मानचित्रण, परिवहन की सुविधा प्रदान करना, विशेष स्वयंसेवकों, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं, जैसे रैम्प, व्हीलचेयर, संकेत भाषा, मतदान केंद्र पर ब्रेल युक्त ईवीएम और हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का प्रावधान कुछ ऐसी पहल हैं जो सुगमता और ‘कोई मतदाता न छूटे’ के सिद्धांत को सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों के अलावा, कार्यशाला में सिविल सोसाइटी संगठनों, सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न दिव्यांगता सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एनजीओ, जिसमें एएडीआई, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट, राष्ट्रीय बधिर संघ, एनसीपीईडीपी, राष्ट्रीय दिव्यांगता नेटवर्क, सक्षम, इकोतत्व, एनआईईपीवीडी, पीडीयूएनआईपीपीडी, बीपीए अहमदाबाद और आईएसएलआरटीसी शामिल हैं, ने भाग लिया। पूरे भारत से उपस्थित स्टेकहोल्डरों के साथ, तकनीकी सत्रों में समूह कार्य और चार समुनदेशित विषयों जैसे कि निर्वाचक पंजीकरण और निर्वाचक नामावली में मानचित्रण; विशेष तौर पर दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मतदान केंद्र पर सुविधाएं : सुगम मतदाता शिक्षा और संप्रेषण कार्य नीतियां और सुगम निर्वाचनों में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचार-विमर्श शामिल था। आयोग के लिए बनाए गए विषयगत प्रस्तुतीकरण के अंग के रूप में, प्रतिभागियों ने वर्तमान चुनौतियों के मूल्यांकन, विद्यमान पहल और समाधान ढूंढने पर काम किया। आयोग ने एक पुस्तिका भी जारी की, ‘बाधाओं को पार करते हुए- मैंने भी मत डाला’, जो उन अनुभवप्राप्त मतदाताओं के बारे में थी जिन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार में भाग लेने के लिए सभी बाधाओं को पार किया। अब तक किए गए कार्यों पर प्रकाश डालने, वर्तमान पहल और सभी राज्यों/केंद्र शासित राज्यों और विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिश युक्त “सुगम्यता रिपोर्ट 2019” नामक एक व्यापक दस्तावेज को कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध कराया गया था, जिसमें सुगम निर्वाचनों में नीतियों और मार्गदर्शी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया था। आज कार्यशाला में संकेत भाषा इंटरप्रेटर, स्क्रीन रीडर एक्सेस दिन की कार्यवाही की महत्वपूर्ण विशेषताएं थीं।
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    No. 52/2019/SDR/ETPBS-VOL.II Dated: 8th January, 2020 To, The Chief Electoral Officer NCT of Delhi Delhi. Subject: Commission’s Notification under Section 60(c) of the RP Act, 1951- issue of postal ballot electors above the age of 80 years and electors with Physical disability -regarding. Sir, I am directed to forward herewith the Commission’s Notification No. 52/2020/SDR dated 8th January, 2020 on the subject cited. This may be published in the State Gazette immediately and a copy of the same may also be forwarded to the Commission. A copy of the procedure to be adopted for voting through postal ballot by Absentee voters in the category of senior citizens (AVSC) and PwDs (AVPD) is also enclosed herewith. Kindly acknowledge. Yours faithfully, (N.T.Bhutia) Secretary
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    सं.52/2019/एसडीआर दिनांक: 11 नवंबर, 2019 अधिसूचना लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा-60 के खंड (ग) के उपबंधों के अधीन दिनांक 02 नवंबर, 2019 की समसंख्‍यक अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए आयोग ने निदेश दिया है कि डाक मतपत्र के माध्‍यम से मतदान के प्रयोजनार्थ अधिसूचित 80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों तथा दिव्‍यांग निर्वाचकों की श्रेणी झारखंड राज्‍य में विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचन में 01-राजमहल, 05-पाकुड़, 09-जामताड़ा, 15-देवघर, 17-गोड्डा, 36-बो‍कारो और 40-धनबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में इस श्रेणी में निर्वाचकों तक सीमित होगी।
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    Postal ballot facility for the categories of Senior Citizen and Persons with Disabilities-Direction and guidelines-reg

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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