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सं. ईसीआई/पीएन/60/2020
दिनांक: 21 सितंबर, 2019
प्रेस नोट
पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देश कोविड-19 के दौरान निर्वाचनों का संचालन करने के अनुभव साझा करने के लिए एक साथ आए।
भारत निर्वाचन आयोग ने 'कोविड-19' के दौरान निर्वाचनों के संचालन के लिए मुद्दे, चुनौतियाँ और प्रोटोकॉल: देशों के अनुभवों को साझा करना विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।
इस अवसर पर दो प्रकाशन जारी किए गए; इंडिया ए-वेब सेंटर 'A-Web India Journal of Elections' का प्रकाशन करना है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कोविड-19 महामारी के बीच बिहार में संचालित किए जाने वाले निर्वाचनों की व्यापकता को उजागर किया; आयोग को राज्य का दौरा करने पर शीघ्र निर्णय लेना है।
एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज़ (ए-वेब) की अध्यक्षता के एक वर्ष पूरा होने पर, भारत निर्वाचन आयोग ने आज 'कोविड-19' के दौरान निर्वाचनों के संचालन के लिए मुद्दे, चुनौतियाँ और प्रोटोकॉल: देशों के अनुभवों को साझा करना, विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की मेजबानी की। यह दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए कोविड-19 के दौरान निर्वाचन कराने के अनुभवों को साझा करने के लिए एक साथ आने का अवसर था।
यह स्मरण दिलाया जा सकता है कि पिछले साल 03 सितंबर 2019 को भारत ने बेंगलुरु में आयोजित ए-वेब की चौथी महासभा के दौरान 2019-2021 कार्यकाल के लिए ए-वेब के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। वेबिनार का उद्घाटन करते हुए भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त और ए-वेब के अध्यक्ष, श्री सुनील अरोड़ा ने दुनिया भर में निर्वाचन प्रबंधन निकायों के समक्ष पेश आ रही "कठिन परिस्थिति" और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में निर्वाचन कराएं जाएं कि नहीं और कैसे निर्वाचन कराएं जाएं, पर बात की।
उन्होंने कहा कि हर देश की प्रासंगिक रूपरेखा अलग थी, रोग का विस्तार और दिशा अलग-अलग थी और इसी प्रकार नोवल कोरोना वायरस और इसके भयावह प्रभाव के प्रति अनुक्रिया करने की प्रत्येक देश की क्षमता भी अलग-अलग थी। उन्होंने दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलावी, ताइवान, मंगोलिया और कई अन्य ऐसे ही देशों का उल्लेख किया, जो निर्वाचनों के संचालन के दौरान लोगों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित भारी-भरकम व्यवस्थाएं करने के साथ निर्धारित निर्वाचनों के आयोजन हेतु आगे बढ़े।
श्री सुनील अरोड़ा ने उल्लेख किया कि भारत में निर्वाचकों की बड़ी संख्या, भौगोलिक और भाषाई विविधता और भिन्न-भिन्न जलवायु परिस्थितियों के कारण निर्वाचनों का आयोजन एक विकट चुनौती के रूप में सामने आता है। बिहार विधान सभा के आगामी चुनावों की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि निर्वाचकों की कुल संख्या 72.9 मिलियन है।
निर्वाचन पर कोविड-19 के प्रभाव का वर्णन करते हुए, श्री अरोड़ा ने बताया कि किस तरह कोविड-19 की अत्यावश्यकताओं और सामाजिक दूरी उपायों ने आयोग के मौजूदा निर्देशों पर पुन: विचार किए जाना जरूरी बना दिया। एक मतदान केंद्र पर निर्वाचकों की अधिकतम संख्या 1500 से घटाकर 1000 कर दी गई, और फलस्वरूप, मतदान केंद्रों की संख्या 40 प्रतिशत बढ़कर 65,000 से 100,000 हो गई। इन परिवर्तनों के भारी संभारतंत्रगत और जनशक्ति निहितार्थ हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने उल्लेख किया कि आयोग अगले दो से तीन दिनों के भीतर बिहार का दौरा करने पर निर्णय लेगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी उल्लेख किया कि आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों को सुविधा प्रदान करने और मौजूदा परिस्थितियों में, कोविड पॉजिटिव मतदाताओं और संगरोध में रहने वाले मतदाताओं का मताधिकार सुनिश्चित करने पर बहुत जोर दिया है। इस संदर्भ में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने उल्लेख किया कि नवंबर-दिसंबर 2019 में झारखंड की विधान सभा के निर्वाचनों और फरवरी 2020 में दिल्ली की विधान सभा निर्वाचनों के साथ शुरुआत करके, किस प्रकार 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं, दिव्यांगजनों और विनिर्दिष्ट अनिवार्य सेवाओं में लगे हुए सेवा मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई थी। डाक मतपत्र की यह सुविधा ऐसे कोविड पॉजिटिव निर्वाचकों को भी प्रदान की गई है जो संगरोध/अस्पताल में भर्ती हैं।
श्री सुनील अरोड़ा ने उन विशिष्ट और विस्तृत दिशानिर्देशों का उल्लेख किया जो कोविड के समय में निर्वाचन का संचालन करने के लिए तैयार किए गए हैं। उन्होंने जून, 2020 महीने में राज्यसभा की 18 सीटों के निर्वाचनों के सफल संचालन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 के प्रथमार्ध में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में निर्वाचन कराए जाने हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सितंबर 2019 में बेंगलुरु में आयोजित ए-वेब महासभा को याद किया। उन्होंने उल्लेख किया कि आज वेबिनार का आयोजन ए-वेब के अध्यक्ष के रूप में भारत निर्वाचन आयोग के कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर इंडिया ए-वेब सेंटर के तत्वावधान में किया जा रहा है।
आज जारी किए जा रहे दो प्रकाशनों, अर्थात् ‘Brief Profiles of the Countries, member EMBs and Partner Organizations of A-WEB’ और ‘COVID 19 and International Election Experience’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ये शोधवेत्ताओं और वृत्तिकों दोनों के लिए एकसमान रूप से एक उपयोगी साधन होंगे।
उन्होंने कहा कि ए-वेब इंडिया सेंटर ने “AWEB Journal of Elections’ नामक विश्वस्तरीय जर्नल प्रकाशित करने की दिशा में भी काफी प्रगति की है। इस पत्रिका का पहला अंक मार्च 2021 में जारी किया जाएगा।
आज वेबिनार में दुनिया भर के 45 देशों (यथा अंगोला, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राजील, कंबोडिया, कैमरून, कोलंबिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, डोमिनिका, अल साल्वाडोर, इथियोपिया, फिजी, जॉर्जिया, इंडोनेशिया, जॉर्डन, कजाख़स्तान, कोरिया गणराज्य, किर्गिज़ गणराज्य, लाइबेरिया, मलावी, मालदीव, माल्डोवा, मंगोलिया, मोज़ाम्बिक, नाइजीरिया, फिलिस्तीन, फिलीपींस, रोमानिया, रूस, साओ टोम और प्रिंसिप, सोलोमन द्वीप, सिएरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वीडन, ताइवान, ताइवान, टोंगा, तुर्की, उज्बेकिस्तान और ज़ाम्बिया) और 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (इंटरनेशनल आइडिया, इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इलेक्टोरल सिस्टम (आईएफईएस), एसोसिएशन ऑफ़ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज़ (ए-वेब) और यूरोपियन सेंटर फ़ॉर इलेक्शन के 120 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज़ (ए-वेब) दुनिया भर में निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) का सबसे बड़ा संघ है। वर्तमान में ए-वेब में 115 ईएमबी सदस्य के रूप में और 16 क्षेत्रीय संघ/संगठन सहयोगी सदस्य के रूप में हैं। भारत निर्वाचन आयोग 2011-12 के बाद से ए-वेब के गठन की प्रक्रिया से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है।