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भा.नि.आ./प्रे.नो./16/2019 दिनांक 08.02.2019
प्रेस नोट
विषय : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी साधारण निर्वाचन 2019 के लिए मतदाता सत्यापन सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) का शुभारंभ
भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी साधारण निर्वाचन 2019 के लिए नागरिकों हेतु उनके नामों, नए रजिस्ट्रीकरणों, मतदाता विवरणों में परिवर्तनों और मतदाता पहचान पत्रों में शुद्धि के लिए मतदाता सत्यापन एवं सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) का शुभारंभ किया है। भारत निर्वाचन आयोग ने इस वीवीआईपी कार्यक्रम के लिए अनेक चैनलों से मदद ली है। भारत निर्वाचन आयोग ने समस्त भारत में सभी जिलों में सम्पर्क केन्द्र भी स्थापित किए हैं। वोटर हेल्पलाइन नम्बर 1950 है। कॉल करने वालों की सहायता करने के लिए सम्पर्क केन्द्रों में नवीनतम सूचना एवं टेलीकॉम अवसंरचना उपलब्ध करवाई गई है ।
साधारण निर्वाचन 2019 के संचालन के लिए वीवीआईपी कार्यक्रम का शुभारंभ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग से संबंधित 2 दिवसीय गहन प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दौरान किया गया था । प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य अपर निर्वाचन अधिकारियों, आईटी प्रभारियों, नोडल अधिकारियों, राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों एवं तकनीकी रिसोर्स व्यक्तियों ने भाग लिया ।
इस अवसर पर बोलते हुए, निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा ने कहा कि प्रौद्योगिकी की ताकत यह है कि इसे सभी लोगों के इस्तेमाल करने के लिए आसान बनाया जा सकता है। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे व्यक्तियों को इन विषयों को आत्मसात करने और आगे इन्हें सभी को व्यापक रूप से समझाने के लिए प्रोत्साहित किया । श्री लवासा ने प्रतिभागियों को स्मरण दिलाया कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों का केन्द्रीय थीम निर्वाचनों को अधिकाधिक समावेशी बनाना है। इन एप्लीकेशनों के प्रयोग से, उचित प्रतिक्रियाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए क्योंकि नागरिक अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाओं की मांग करते हैं ।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि प्रौद्योगिकी वास्तव में एक प्रमुख स्थिति परिवर्तक है । प्रशिक्षण कार्यशालाओं में मुख्य उद्देश्य सुनना, सीखना, आत्मसात करना और उसका उपयोग करना होना चाहिए । उन्होंने संकेत दिया कि अब निर्वाचनों में कुछ ही समय बचा है और जो कुछ भी सीखा हुआ है उसे पूरी तरह समेकित करके मतदाता को सुविधाएं प्रदान करने में उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों को जिन एप्लीकेशन के लिए प्रशिक्षण दिया गया था उनमें से एक महत्वपूर्ण एप्लीकेशन सी विजिल था । सी विजिल एप आदर्श आचार संहिता / व्यय उल्लंघन का समय अंकित करते हुए, साक्ष्य आधारित सबूत उपलब्ध करवाता है जिसमें अपने आप अवस्थिति सम्बन्धी आंकड़ों के साथ-साथ सजीव फोटो / वीडियो आ जाते हैं । कोई भी नागरिक मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है । उसके बाद उड़न दस्ते मामले की छानबीन करते हैं और रिटर्निंग अधिकारी निर्णय लेता है । निर्धारित समय सीमा के भीतर सी विजिल की वस्तुस्थिति को सी विजिल शिकायतकर्ता के साथ साझा किया जा सकता है ।
इस अवसर पर सी विजिल प्रयोक्ता मैनुअल एवं ईवीएम प्रबंधन प्रणाली प्रयोक्ता मैनुअल भी जारी किए गए । आज 'वोटर हेल्पलाइन' नामक एक नया एंड्राएड आधारित मोबाइल एप भी शुरू किया गया । यह एप सभी नागरिकों को निर्वाचक नामावली में अपने नामों को ढूंढने, ऑनलाइन फार्म भेजने, एप्लीकेशन की स्थिति की जांच करने, शिकायत दर्ज करने और अपने मोबाइल एप पर उत्तर प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है । इस मोबाइल एप के माध्यम से सभी फार्म, परिणाम, अभ्यर्थी शपथ पत्र, प्रेस नोट, मतदाता जागरूकता और महत्वपूर्ण अनुदेश उपलब्ध हैं ।
दिव्यांग व्यक्तियों को नए रजिस्ट्रीकरण, पते में परिवर्तन, विवरणों में परिवर्तन और मोबाइल एप्लीकेशन के प्रयोग से स्वयं को दिव्यांग व्यक्ति के रूप में चिन्हित करने के लिए आवेदन करने में सहायता करने हेतु एक 'दिव्यांग एप' भी शुरू किया गया था । दिव्यांग व्यक्तियों के केवल सम्पर्क विवरणों को प्रविष्ट करते ही, बूथ स्तरीय अधिकारी के पास उनकी दहलीज तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए संदेश पहुंच जाता है। दिव्यांग व्यक्ति मतदान के दौरान व्हीलचेयर की भी मांग कर सकते हैं ।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी के प्रयोग से मौजूदा निर्वाचन प्रणाली का संवर्धन होने के अलावा नूतन निर्वाचन कार्यकलापों का भी प्रचार हुआ है । निर्वाचनों के प्रभावी संचालन के लिए, भारत निर्वाचन आयोग को निर्वाचनों की दिन-प्रतिदिन की प्रक्रियाओं में सुव्यवस्थित प्रौद्योगिकी के प्रयोग को समेकित करने का एक मार्ग प्राप्त हो गया है ।